Book Title: Agam 22 Upang 11 Pushpachulika Sutra Puffachuliyao Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
View full book text ________________
१०४६
विद्वंसइत्ता ( विध्वस्व ) प २८|६६ विद्वंसण ( विध्वंसन) उ ११५१,५२,७६,७७ विद्वेत्ति (रिध्वंसितुम् ) उ११५१, ५२.७६, ७७ विद्धि ( वृद्धि) ज ७११८६१३
सू १५१८
विष्पण (महाण ) ४३६१६२ free हित्ता ( विप्रहाय ) प ३६।६२ विपचिण (विप्रतिपन्न) उ३२४७
विधाउ (विधा ) प २४७२ विधुय (विधुत ) ज २३१०:४।१६६ विपुल ( विपुल ) ज २२६६; ३३८८, १०६ विपुलतर ( विपुलतर) ज ४।१०२ विप्पजद ( विप्रहीण ) उ ११२०, ६१
/ विप्पजह (विप्र हा) विप्पजहति प ३६६२ विभु ( विभु ) ज ५१५, ४६
fareyes ( विमुक्त ) प २१६४११, ६, १६:२५; ३६/८३१२ ज ३११२,८८,६२,११६; ५७, ५८ ३।१५६
विपरिणामइता (परिणम् ) २८१२०,३२,६६ विमान (प्रलयत् ) उ ३११३० विपति (विप्रोषित) सू २०१७
विषय (विज) उ ३३१३१,१३४ विबुद्ध (विबुद्ध) ज ३०३
विलोम (३०) सू २०१७ उपधान विभल (विह्वल) २०१३३ विभंग अण्णाणपरिणाम ( विभंग ज्ञानपरिणाम )
प १३।१०
विभंगणाण ( विभङ्गज्ञान ) प ५१५७२६ २,६, १७,१६,३०१६
विभंगणाणि ( विभंगज्ञानिन् ) १ ३१०२,१०३; ५६६,१०७ १३ १४, १७, १८१८४; २८११३७, ३०।१६
विभंगनाण (विभंगज्ञान ) प ३०|२ १/४२/२
विभंगु (दे०)
v विभज (वि- 1 - भज् ) विभज्जइज २१५५ विभजिस्सइ ज २११५५
Jain Education International
विभत्त ( विभक्त) ज २११५,१३३ विभयमाण (विभजमान, विभजत् ) ज १११६,४७;
४१४२,७१,७७,६४, १६८, १८३,१८६, ११५. २६२ सू १६/१६
विभाग ( विभाग ) ज ३३२
विभावणा (विभावना) १२८१२
/ विभास (वि + भाष्) विभासिज्जा ज ५।५५ विभासेज्जा ज ५१५७
विद्वंसता- विमाण
विभावि (विभापितव्य ) ज ५।४०,५७
विभूइ ( विभूति) ज ३।१२,७८, १८०, ५१२२,२६ विभूति ( विभूति) ज ३।२०६
विभूसा ( विभूषा ) ज ३ १२,७८, १८०,२०६;
५१२२,२६
विभूतिय ( विभूषित) ज २१६६, १००, ३१६, ३५, ७८,१०६,२११,२२२, ५११४, ४१, ४३, ५८ ७ १७८ ११७०३३।११०,४।१८५ १७ विभेल ( विभेल) उ३।१२५, १३२,१३३,१४१,१४५ विमण (विमनम् ) ज २६०,१०३,१०६, १०८
उ ११३५
विमय (दे० ) प १।४१।२
विमल ( विमल ) प २३१,६४ ज ११३७ २११५; ३२,१२,१८,७७,८१,८८, १०७,११७, १२४, १५१,१७८, २२२, ४१३,२५, १२५, २०४/१९ ५१५,४११३,५८,६२,७१७८ सू २० दाद
उ १११३८
विमलवाहण (विमलवाहन ) ज २१५६,६१ विमाण ( विमान ) ६ २११,४,१०,१३,४८ से ५२, ५६२, २५ से ६३,७१२६; ११२५, २१/६२, ६३, ३३,१६,१७ व २।१२०६३।३,११७; ४।११५,५१३,५,१८,२२,२५,२६,२८,३०,३२, ४१, ४३ से ४५,४६, ५०, ५२, ५३, ७२१७८१, १७६,१८४ से १६६ ६।१,१८।२२ से २४; २०१२ से ४ उ ३६, ७, १४, २५,८३,९०, १२०, १५६,१६१,१६६,१७१ : ४५, २४, २८, ५१२८,
४१
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Loading... Page Navigation 1 ... 333 334 335 336 337 338 339 340 341 342 343 344 345 346 347 348 349 350 351 352 353 354 355 356 357 358 359 360 361 362 363 364 365 366 367 368 369 370 371 372 373 374 375 376 377 378 379 380 381 382 383 384 385 386 387 388 389 390