Book Title: Agam 19 Upang 08 Niryavalika Sutra
Author(s): P L Vaidya
Publisher: P L Vaidya

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Page 131
________________ ११० निरया बलियासु नागपुरे नगरे, जेणेव सहसम्बवणे उज्जाणे, तेणेव उवागच्इ, २ अहापडिरूवं उग्गहं ओगिण्हइ, २ संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरइ । तए णं हत्थिणापुरे नगरे सिंघा 'डगतिय' जाव परिसा पज्जुवासइ ॥ २०. तप णं तस्स महब्बलस्स कुमारस्स तं महया जणसदं वा जणवूहं वा, एवं जहा जमाली तहेव चिन्ता, तहेव कञ्जइजपुरिसं सहावेइ, कञ्चुइजपुरिसो वि तहेव अक्खाइ, नवरं धम्मघोसस्स अणगारस्स आगमण गहियविणिच्छर करयल' जाव निम्गच्छइ । एवं खलु देवाणुप्पिया, विमलस्स अरहओ पउप्पर धम्मघोसे नामं अणगारे, संसं तं चेव, जाव सो वि तहेव रहवरेणं निग्गच्छइ । धम्मकहा जहा केसिसामिस्स । सो वि तहेव अम्मापियरो आपुच्छर, नवरं धम्मघोसस्स अणगारस्त अन्तियं मुण्डे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइत्तए । तहेव बुतपडिबुत्तया, नवरं इमाओ य ते, जाया, विउलरायकुलबालियाओ, कला०, सेसं तं चैव जाव ताहे अकामाई चेव महब्बलकुमारं एवं वयासी- ' तं इच्छामो ते, जाया, एगदिवसमवि रजसिरिं पात्तिए । तर णं से महब्बले कुमारे अम्मापियराणं वयणमणुयत्तमाणे तुसिणीए संचिट्ठर । तए णं से बले राया कोडुम्बियपुरिसे सहावे, एवं जहा सिवभद्दस्स तहेव रायाभिसेओ भाणियव्वो, जाव अभिसिञ्चइ । करयलपरिग्गहियं महब्बलं कुमारं जपणं विजपणं वद्धावेन्ति, २ जाव एवं वयासी' भण, जाया, किं पयच्छामो,' सेसं जहा जमालिस्स तहेव, जाव तपणं से महम्बले अणगारे धम्मघोसस्स अणगारस्स अन्तियं सामाइयमाइयाएं वोहस्स पुव्वाइं अहिज्जर, २ बहू

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