Book Title: Agam 14 Upang 03 Jivabhigam Sutra Part 03 Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Rajendramuni, Shobhachad Bharilla
Publisher: ZZZ Unknown
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तत्थ जे ते एवमाहंसु छबिहा सयजीवा पण्णत्ता ते एवमाहंसु, तंजहा-आभिणियोहियणाणी सुयणाणी ओहिनाणी मणपजवणाणी केवलनाणी अण्णाणी, आभिणिषोहियणाणी णं भंते? आभिणियोहियणाणित्ति कालओ केवचिरं होइ ?, गोयमा! जह• अन्तोमुहुत्तं उको० छावर्हि सागरोषमाई साइरेगाई एवं सुयणाणीवि, ओहिणाणी णं भंते!?, जह० एवं समयं उको छाचाहि सागरोवमाई साइरेगाई, मणपज्जेवणाणी ण भते ०१, जह. एक समयं उको० देसूणा पुत्वकोडी, केवलनाणी णं भंते ०? सादीए अपनवसिए, अन्नाणिणो तिविहा पं० सं०-अणाइए वा अपज्जवसिए अणाइए वा सपनवसिए साइए वा सपञ्जवसिए, तत्थ साइए सपनवसिए जह. अंतो० उक्को० अर्णतं कालं अवई पुग्गलपरियई देसूणं । अंतरं आभिणियोहियणाणिस्स जह• अंतो० उक्को अणंतं कालं अवह पुग्गलपरियह देसूणं, एवं सुय० अंतरं० मणपजव०, केवल नाणिणो णस्थि अंतरं, अन्नाणि० साइसपञ्जवसियस्स जह० अंतो० उक्को० छावर्हि सागरोवमाई साइरेगाई । अप्पा० सव्वत्थोवा मण ओहि. असंखे० आभि० सुयः विसेसा० सट्टाणे दोषि तल्ला केव. अणंत. अण्णाणी अणंतगुणा ।। अहवा छव्विहा सब्वजीवा पण्णता तंजहा-(एवंविधः पाठ इतः प्राग आवश्यको न चोपलब्धो दृश्यमानादर्शषु कचिदपि) एगिदिया बेदिया तेंदिया चरिंदिया पंचेंदिया अणिंदिया । संचिढणांतरा जहा हेहा । अप्पायहु
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