Book Title: Agam 14 Upang 03 Jivabhigam Sutra Part 01 Sthanakvasi Author(s): Kanhaiyalal Maharaj Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti View full book textPage 5
________________ अनुक्रमाङ्क जीवाभिगमसूत्र भा० १ को विषयानुक्रमणिका विषय प्रथम प्रतिपत्ति १ मङ्गलाचरण २ जीवाभिगम के विषयो की अवतरणिका ३ जीवाजीवाभिगम अध्ययन की प्ररूपणा ४ अजीवाभिगम के स्वरूपका निरूपण ५ जीवाभिगम के स्वरूप का निरूपण ६- ससारसमापन्नक जीवाभिगम का निरूपण ७ द्विप्रत्यावतार नामकी प्रतिपत्ति का निरूपण ८ शरीरादि तेईस द्वारोका कथन ९ पहला शरीर द्वारका निरूपण १० दूसरा अवगाहना द्वारका निरूपण ११ तीसरा संहनन द्वारका निरूपण १२ चौथा संस्थान द्वारका निरूपण १३ पांचवां कषाय द्वारका निरूपण १४ छठा सञ्ज्ञाद्वारका निरूपण १५ सातवा लेश्याद्वार का निरूपण १६ आठवां इन्द्रियद्वार का निरूपण १७ नौवां समुद्घात द्वारका निरूपण १८ दसवां सज्ञिद्वारका निरूपण १९ ग्यारहवां वेदद्वारका निरूपण २० बाहरवे पर्याप्तिद्वार का कथन २१ जीवोके दृष्ट्यादि द्वारो का कथन २२ तेहरवें दृष्टिद्वार का कथन २३ चौदहवे दर्शनद्वार का निरूपण 1 पृष्ठ १ २-९ १०-२३ २४-३४ ३४-४४ ४५-४८ ४८-५८ ५९-६० ६०-६४ ६४-६५ ६५-६६ ६७ ६८–६९ ६९ ७० ७१-७३ ७३–७६ ७७-८१ ८२ ८३ ८४-८५ ८५-८९ ८९-९० ९०-९२Page Navigation
1 ... 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 ... 693