Book Title: Agam 11 Ang 11 Vipak Sutra Vivagsuya Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Nathmalmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 169
________________ वायणाए जाव धम्माणओगचिताए १३१२१८६ वाराओ तं चेव जाव नियघरं १६।४ वावीस य जाव विहरेज्जाह १९२० वासाई जाव दति १।२।१२ वासुदेवपामोक्खे जाव उवागए २१६६१७७ वासुदेवे धणुं परामुसइ वेढो १।१६।२५८ वासे जाव असीइंच सयसहस्सा दल इत्तए शक्षा१६४ विउला पगाढा जाव दुरहियासा १।१६।४० विगोवइत्ता जाव पब्वइए १।१६।२६ विजया जाव अवक्कमामो १।२।४७ विणिम्मुयमाणी २ एवं श५।३३ वेज्जा य जाव कुसलपुत्ता १।१३१३० सई वा जाव अलभमाणा १९२२,२४ सई वा जाव जेणेव १।६।२३ संकामेत्ता जाव महत्थं पाहुडं शा८४ संकिए जाव कलुससमावणे १३।२४ संगयगयहसिय० ११३१८ संचाएइ जाव वित्तिए संचाएंति० करेत्तए ताहे दोच्चं पि अवक्कमति २४।१४,१५ संजत्तगाणं जाव पडिच्छइ १८८२ संता जाव भावा १२१२१३२ संताणं जाव सब्भूयाणं १।१२।२६ संते जाव निविणे १८७६ संते जाव भावे १।१२।२६ संपरिबुडे एवं जाव विहरइ १०८।१४७ संभग्गं जाव पासित्ता १।१६।२६३ संभग्गं जाव सण्णिवइया १३१६१२७८ संभागं तोरण जाव पासह १।१६।२७८ संसारभउविम्गा जाव पब्वइत्तए १.१४१५३ संसारभउब्विग्गे जाव पव्वयामि १३५१ सकोरेट जाव सेयवर० शपा५७ सकोरेंटमल्लदाम जाव सेयवरचामराहि महया १८११६१ सकोरेंट सेयचामर हयगयरहमहयाभडचडगरेण जाव परिक्खित्ता १।१६।१५३ १।१।१५३ १२३४ १९२० १।२।१२ १२१६१७६ वृत्ति ११८१६४ १११११६२ ओ० सू० ५२ ११२।४४ १।१।१४८ १।१३।२४ १।६।२१ १६२१ ११८८१ ११३।२१ १११११३४ ११५११७ ११४:११,१२ १८८१ १।१२।३१ १।१२।१६ १२४।१२ १।१२।१६ १२१६११७८ १२१६।२६२ १११६१२६२ १२१६।२६२ १११११४५ १११११४५ ११८५७ १८५७ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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