Book Title: Agam 11 Ang 11 Vipak Sutra Vivagsuya Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Nathmalmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 194
________________ शुद्धि-पत्र मूलपाठ पंक्ति शुद्ध अशुद्ध मणप्पत्ते २० जहेसु ~ हीत्थ कट्ट १७७ २०६ ३०६ मणप्पत्ते जूहेसु हत्थी कटु विप्पइरमाण संकामणि वेरमणाई पज्जुवासणाए देवसंदेस ~ ~ विप्पइर-माण संकाणि वेरमणाइ पज्जुवासण्णयाए देवदेसंस ४२६ ~ ~ ४५५ ४६१ ५१६ ५५१ तुम तुम ताई ताइ °समुदएणं सस्सिरीएण दस GG KE -WWW समुदएण सस्सिरीएणं दस खणमाणे अप्पेगइयाणं दुप्पडियाणदे खणमाणे अप्पेगइयाण दुप्पडियाणदे पा०६ पाठान्तर पटटसि पिणद्धति आसुरुत्त पट्टसि पिणद्धेति ४८ पा० ४ पा०२ आसुरुत्ते परिशिष्ट अभिगयजीवेजी णं अभिगयजीवाजीवेणं Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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