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ॐ अर्ह
जिनागम-ग्रन्थमाला : ग्रन्थाङ्क - ६
[परम श्रद्धेय गुरुदेव पूज्य श्री जोरावरमलजी महाराज की पुण्यस्मृति में आयोजित ]
पंचम गणधर भगवत् सुधर्मस्वामि-प्रणीत : नवम अंग
अनुत्तरौपपातिकदशांग
[ मूल पाठ, हिन्दी अनुवाद, विवेचन, परिशिष्ट युक्त ]
प्रेरणा उपप्रवर्तक शासनसेवी स्व. स्वामी श्री ब्रजलालजी महाराज
आद्य संयोजक तथा प्रधान सम्पादक
(स्व.) युवाचार्य श्री मिश्रीमलजी महाराज 'मधुकर'
अनुवादक - विवेचक साध्वी मुक्तिप्रभाजी
एम.ए., पी-एच.डी.
[आचार्यसम्राट् श्री आनन्दऋषिजी म. की सुशिष्या और महासती श्री उज्ज्वलकुमारीजी की अन्तेवासिनी ]
प्रकाशक
श्री आगमप्रकाशन समिति, ब्यावर (राजस्थान )