Book Title: Agam 07 Ang 07 Upashak Dashang Sutra Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

View full book text
Previous | Next

Page 540
________________ १२ १३ १७ , सङ्ग्रहगाथा: उल्लण--दंतवण-फले, अभिंगणुव्वट्टणे सिणाणे य । वत्थ-विलेवण-पुप्फे, आभरणे धूव-पेजाए ॥ ८॥ भक्खोयण-सूव-घए सागे माहुरय जिमण-पाणे य । तंबोले इगवीसं, आणंदाईण अभिग्गहा ॥९॥ आर्द्रनयनिका-दन्तपवन-फले, अभ्यञ्जनोद्वर्तनयोः स्नाने च । वस्त्र-विलेपन-पुष्पे, आभरणे धूपपेययोः ॥ ८॥ भक्ष्यो-दन-सूप घृते शाके, माधुरकजेमन-पाने च । ताम्बूले, एकविंशतिरानन्दादोनामभिग्रहाः ॥९॥ १ उल्लणिया (आर्द्रनयनिका) विधिमें अंगपोंछने का तोलिया के सिवाय सबका त्याग २ दंतवन विधिमें गीली मधुयष्टि जेठीमधु के सिवाय सबका त्याग ३ फल बिधिमें मोटा आंवला के सिवाय सबका त्याग ४ अभ्यंग (तैलमर्दन) विधिमें शतपाकसहस्रपाक तैल के सिवाय सबका त्याग ५ उद्वर्तन (उबटना) विधिमें सुंगन्धियुक्त गेहूँ आदि के चूर्ण (आटे) के सिवाय सबका त्याग ६ मजनविधि (स्नान) में आठ बड़े कलशों के सिवाय सबका त्याग ७ वस्त्र विधिमें दो रूईसे बने वस्त्रों के सिवाय सबका त्याग ८ विलेपन विधिमें अगर चन्दनकुंकुमादिके विलेपन के सिवाय सबका त्याग ९ पुष्पविधिमें कमल और चमेली के पुष्पोंकी माला के सिवाय सबका त्याग १० आभरणविधिमें दो कुंडल और एक नाममुद्रा (अंगूठी) के सिवाय सबका त्याग ११ धूप विधिमें अगुरु लोबान के धूपके सिवाय सबका त्याग १२ भोजनपेय विधिमें मूग आदिदालोका झोल और चावल का मंड के सिवाय सबका त्याग १३ भक्ष्यविधिमें घेवर और खाजा पक्कान्नके सिवाय सबका त्याग १४ ओदनविधिमें कलमशालि (सांठी चावलो के भात) के सिवाय सबका त्याग १५ सूपविधिमें मूंग उडद और मटर की दाल के सिवाय सबका याग १६ धृतविधिमें शरदऋतुके गौघृत के सिवाय सबका त्याग १७ शाक विधि में वथुवा चूचू तुंब (आलडी लौकी) शाक के सिवाय सबका त्याग १८ माधुरक विधिमें पालक के सिवा सबका त्याग १९ जेमन विधिमें खटाईसे भावित दाल शाक के सिवाय सबका त्याग २० पानीय विधिमें अन्तरिक्षोदक (माहेन्द्रजल जो वृष्टि के जलको पात्रो में संग्रह किया ઉપાસક દશાંગ સૂત્ર

Loading...

Page Navigation
1 ... 538 539 540 541 542 543 544 545 546 547 548 549 550 551 552 553 554 555 556 557 558 559 560 561 562 563 564 565 566 567 568 569 570 571 572 573 574 575 576 577 578 579 580 581 582 583 584 585 586 587