Book Title: Agam 07 Ang 07 Upashak Dashang Sutra Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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उपासकदशागसूत्रे चाली मट्टि असीई, सट्टी सट्ठी य सट्टि दससहस्सा । असीइ चत्ता चत्ता, वए एयाण य सहस्सा णं ॥६॥ बारस अट्ठारम चउ,-बीसं तिण्हंच अट्टरस नेयं ।
धन्नेण तिचउवीसं, बारस बारस य कोडीओ ॥७॥ चत्वारिंशत्, षष्टिः, अशीतिः, षष्टिः षष्टिश्च पष्टिदशपहस्राणि । अशीतिश्चत्वारि चत्वारि व्रज एतेषां च सहस्राणि ॥ ६ ॥ द्वादश-अष्टादश, चतुर्विंशतिः, त्रयाणां च, अष्टादश ज्ञेयाः ।
धनेन तिस्रः, चतुर्विंशतिः, द्वादश द्वादश च कोटयः ॥७॥ देव अरुणकान्त विमानमें ५ चुल्लशतक अरुणशिष्ट विमानमें ६ कुण्डकौलिक अरुणध्वज विमानमें ७ सद्दालपुत्र अझणभूत विमानमें ८ महाशतक अरुणाऽवतंस विमानमें ९ नंदिनीपिता अरुणगव विमानमें और १० शालिनीपिता अरुणकील नामके देवविमानमें उत्पन्न हुवा ।
वजसंख्या-गायोंके समुदायको व्रज कहते है। एक व्रजमें दस हजार गायें होती है। १ आनंद श्रावक के ४ चार गोकुल (४०००० गायें थीं)। २ कामदेव के ६ छ गोकुल(६०००० गायें)। ३ चुलिनी पिताके आठ गोकुल (८०००० गायें)। ४ सुरादेवके ६ छगोकल (६०००० गायें)। ५ पांचवें चुल्लशतक के ६ छ गोकल (६०००० गायें कुंडकौलिकके ६ छ गोकुल (६०००० गायें)। ७ सदालपुत्रके १ एक गोकुल (१०००० गायें)। ८ महाशतक के ८ आठ गोकुल (८०००० गायें) ९ नंदिनीपिता के ४ चार गोकुल (४०००० गायें) । और १० शालिनीपिता के ४ चार गोकुल (४०००० गायें) थीं॥६॥
वैभव परिमाण-१ आनंद श्रावक के बारहकोटि सुवर्णमुद्रा थीं (दीनारें) धन थों । २ कामदेव के अठारह कोटि दीनारें ३ चुलिनी पिताके चौवीसकोटि दीनारे ४ सुरादेव के अठारह कोटि दीनारें ५ चुल्लशतकके अठारह कोटि दीनारें ६ कुंडकौलिक के अठारह कोटि दीनारे ७ सदालपुत्र के तीन कोटि दीनारें ८ महाशतकके चौवीस कोटि दीनारें। ९ नंदिनी पिताके बारह कोटि दीनारें और शालिनी पिताके बारह कोटि दीनारेंथीं।॥७॥
५ बोलोकी मर्यादा इन दश श्रावकोंने की जिनमें से
१ वाहन(पगरखी आदि)२ वाहन ३ शयन ४ सचित्त और ५ द्रव्य इन पांच बोलोकी मर्यादा तो इसी सूत्र में इच्छापरिमाण विधिप्रकरणसे जान लेना। आरगाथामें निर्दिष्ट इक्कीस २१ बोलोकी मर्यादा इस प्रकार है
ઉપાસક દશાંગ સૂત્ર