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जिनागम-ग्रन्थमाला : ग्रन्थाङ्क --३
ॐ अर्ह
[ परमश्रद्धेय गुरुदेव पूज्य श्री जोरावरमलजी महाराज की पुण्य स्मृति में आयोजित ] पंचम गणधर भगवत्सुधर्म - स्वामि-प्रणीत सप्तम अंग
उपासकदशांग सूत्र
[ मूलपाठ, हिन्दी अनुवाद, विवेचन, परिशिष्ट युक्त ]
प्रेरणा
(स्व.) उपप्रवर्त्तक शासनसेवी स्वामी श्री ब्रजलालजी महाराज
आद्यसंयोजक तथा प्रधान सम्पादक
(स्व.) युवाचार्य श्री मिश्रीमलजी महाराज 'मधुकर'
अनुवादक - विवेचक - सम्पादक
डॉ. छगनलाल शास्त्री, एम. ए. (हिन्दी, संस्कृत, प्राकृत, जैनोलोजी) पी-एच. डी. काव्यतीर्थ, विद्यामहोदधि
प्रकाशक
श्री आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर (राजस्थान )