Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhyaprajnapti Sutra Part 01 Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Shreechand Surana
Publisher: Padma Prakashan

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Page 583
________________ फफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ तृतीय शतक : अष्टम उद्देशक THIRD SHATAK (Chapter Three): EIGHTH LESSON अधिपति ADHIPATI (OVERLORDS) [उ.] गोयमा ! दस देवा आहेवच्चं जाव विहरंति, तं जहा चमरे असुरिंदे असुरराया, सोमे, जमे, वरुणे, वेसमणे, बली वइरोयणिंदे वइरोयणराया, सोमे, जमे, वरुणे, वेसमणे । १. [ प्र. ] राजगृह नगर में, यावत्.... पर्युपासना करते हुए गौतम स्वामी ने भगवान से पूछा'भगवन् ! असुरकुमार देवों पर कितने देव आधिपत्य करते हैं ?' भवनपति देवों के इन्द्र KINGS OF ABODE DWELLING GODS १. [ प्र. ] रायगिहे नगरे जाव पज्जुवासमाणे एवं वयासी असुरकुमाराणं भंते! देवाणं कइ देवा 5 आहेवच्चं जाव विहरंति ? फफफफ 1. [Q.] In Rajagriha city... and so on up to... Gautam Swami submitted after worship-Bhante! How many gods reign over Asur Kumar gods? [उ. ] गौतम ! असुरकुमार देवों पर दस देव आधिपत्य करते हुए यावत् दिव्य भोग भोगते रहते हैं। वे इस प्रकार हैं- (१) असुरेन्द्र असुरराज चमर, (२) सोम, (३) यम, (४) वरुण, (५) वैश्रमण, 5 तथा (६) वैरोचनेन्द्र वैरोचनराज बलि, (७) सोम, (८) यम, (९) वरुण, और (१०) वैश्रमण | 卐 Asur Kumar gods, (2) Soma, (3) Yama, (4) Varun, and (5) Vaishraman as 卐 5 also, (6) Vairochanendra Bali, the king of Vairochan gods, (7) Soma, 5 (8) Yama, (9) Varun, and (10) Vaishraman. 卐 २. [ प्र. ] भगवन् ! नागकुमार देवों पर कितने देव आधिपत्य करते हुए, यावत्... विचरते हैं ? [Ans.] Gautam! Over Asur Kumar gods ten gods reign... and so on up th to... enjoy divine pleasures. They are —– ( 1 ) Chamarendra, the king of 5 फ्र [ उ. ] हे गौतम ! नागकुमार देवों पर दस देव आधिपत्य करते हुए, यावत्... विचरते हैं । वे इस प्रकार हैं- (१) नागकुमारेन्द्र नागकुमारराज धरण, (२) कालपाल, (३) कोलपाल, (४) शैलपाल, और शंखपाल, तथा (६) नागकुमारेन्द्र नागकुमारराज भूतानन्द, (७) कालपाल, (८) कोलपाल, (९) शंखपाल, और (१०) शैलपाल । (५) तृतीय शतक : अष्टम उद्देशक Jain Education International 5 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 9 5 5 5 5 5 5 5 5 5 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 5 5 5 5 5 5 5 5 8 (511) फ्र फ्र For Private & Personal Use Only Third Shatak: Eighth Lesson २. [ प्र. ] नागकुमाराणं भंते ! पुच्छा । 卐 [उ. ] गोयमा ! दस देवा आहेवच्चं जाव विहरंति, तं जहा-धरणे, नागकुमरिंदे, नागकुमारराया, फ्र 5 कालवाले, कोलवाले, सेलवाले, संखवाले, भूयाणंदे, नागकुमारिंदे, नागकुमारराया, कालवाले, कोलवाले, संखवाले, सेलवाले । 卐 फफफफफफफफफफफ 卐 卐 卐 I 卐 卐 卐 卐 卐 卐 卐 卐 फ 5 卐 卐 卐 卐 www.jainelibrary.org

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