Book Title: Agam 04 Ang 04 Samvayanga Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Hiralal Shastri
Publisher: Agam Prakashan Samiti
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[समवायाङ्गसूत्र
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२२९
८५
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२४२] परिशिष्ट (१)
ग्रन्थगतगाथानुक्रमणिका अकुमारभूए जे केई
८६ | ईसादोसेण आविढे अटुंतकडा रामा
२३५ | उक्खित्तणाए संघाडे अणागयस्स नयवं
८५ | उदए पेढालपुत्ते य अणियाणकडा रामा
२३५ | उदितोदितकुलवंसा अणंतरा य आहारे
२१४ | उदितोदितकुलवंसा अण्णाणया अलोभे
| उदितोदितकुलवंसा अतवस्सी य जे केई
८६ | उवगसंतं पि झंपित्ता अतिपासं च सुपासं
२३६ | उवट्ठियं पडिविरयं अत्थे य सूरियावत्ते
उवही-सुअ-भत्तपाणे अदीणसत्तु संखे
उसभस्स पढमभिक्खा अपस्समाणो पासामि
उसभे सुमित्ते विजए अप्पणो अहिए बाले
एए खलु पडिसत्तू अबहुस्सुए य जे केई
एए खलु पडिसत्तू अबंभयारी जे केई
एएधम्मायरिया अभयकर णिव्वुइकरा
एए वुत्ता चउव्वीसं अममे णिक्कसाए य
एएवुत्ता चउव्वीसं अयले विजए भद्दे
२३४ एक्कारसुत्तरं हेट्ठिमेसु अरुणप्पभ चंदप्पभ
२२५ एक्को य सत्तमीसु असिपत्ते धणुकुंभे
| एयाइं नामाई असंजल जिणवसहं
२३६ | किइकम्मस्स य करणे अस्सग्गीवे तारए
२३५ | किण्हसिरी सूरसिरी आणय-पाणय कप्पे
१९९ | गावि जुवे संगामे आयरिय-उवज्झाएहिं
८६ | गूढायारी निगूहिज्जा आयरिय-उवज्झाायाणं
८६ / घंसेइ जो अभूएणं आलोयण निरवलावे
| चंदजसा चंदकंता आसीयं बत्तीसं अट्ठावीसं
चंदाणणं सुचंदं . अंबड दारुमडे य
२३७ चंपग बउले य तहा अंबे अंबरिसी चेव
| चउवीसई मुहुत्ता इड्ढी जुई जसो वण्णो
चउसट्ठी असुराणं ईसरेण अदुवा गामेण
८६ / चत्तारि दुवालस अट्ठ
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