Book Title: Agam 04 Ang 04 Samvayanga Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Hiralal Shastri
Publisher: Agam Prakashan Samiti
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[समवायाङ्गसूत्र
२२५
२२५ २२६
२४४] सच्छत्ता सपडागा सढे नियडीपण्णाणे सतभिसय भरणि अद्दा सत्थपरिण्णा लोगविजओ सप्पी जहा अंडउडं . सयंजले सयए य सव्वेसि पि जिणाणं साहारणट्ठा जे केई सिद्धत्थे पुण्णघोसे य सिरिचंदे पुप्फकेऊ सिस्संमि चे पहणइ सीमा सुदंसणा सुप्पभा
२२४ २४०
२२८ | सीसावेढेण जे केई ८६ | सीहरहे मेहरहे
सुंदरबाहु तह दीहबाहू २३,७३ | सुग्गीवे दढरहे
८६ | सुजसा सुव्वय अइरा २२३ | सुपासे सुव्वए अरहा -२२७ / सुभे य सुभघोसे य ८६ | सुमंगले य सिद्धत्थे
| सूरसेणे य अरहा २३९ | सूरे सुदंसणे कुंभे
८५ | सेणिय सुपास उदए २२५
२१
२३९
२३९
२३९
२२४ २३७
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