Book Title: Agam 04 Ang 04 Samvayanga Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Hiralal Shastri
Publisher: Agam Prakashan Samiti
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ग्रन्थगतगाथानुक्रमणिका] जं निस्सिए उवहणइ जस्सिणी पुष्फचूला य जाणमाणे परिसओ जायतेयं समारब्भ जियरागमग्गिसेणं जे अ माणुस्सए भोए जे कहाहिगरणाई जे नायगं च रट्ठस्स जे य आहम्मिए लोए जे यावि तसे पाणे णग्गोह सत्तिवण्णे णाभी य जियसत्तू य तत्तो हवइ सयाली तहेवाणंतनाणीणं तिंदुग पाडल जंबू तिण्णेव गाउयाइं तिलए य लोहजंघे तिविठे य दुविठे य तीसा य पण्णवीसा दस चोद्दस अट्ठारसेव दावद्दवे उदगणाए दिण्णे य वराहे पुण दीव-दिसा-उदहीणं दुविठू य तिविठू य धिइ-मई य संवेग नंदीय य नन्दिमित्ते नवमो य महापउमो नेयाउयस्स मग्गस्स पउमा सिवासुई तह पउमुत्तरे महाहरी पउमे य महापउमे पच्चक्खाणे विउस्सग्गे पढमा होई सुभद्दा
८६ | पढमेत्थ उसभसेणे २२९ | पढमेत्थ वइरनाभे
पढमेत्थ विमलवाहण ८५ पयावई य बंभे
| पाणिणा संपिहित्ताणं | पुणो पुणो पणिधिए | बंभी य फग्गु सामा
बत्तीसं धणुयाई | बत्तीसट्ठा वीसा
| बहुजणस्स नेयारं २२८ | बारस एक्कारसमे २२४ बोधव्वा देवई य
भद्दा तह सुभद्दा य
भरहे य दीहदंते २२८ भरहो सगरो मघवं २२८ | मत्तंगया य भिंगा २३९ मंदर जसे अरिठे
| मंदर मेरु मणोरम मरुदेवी विजया सेणा महापउमे सूरदेवे महुरा य कणगवत्थू मिगसिर अद्दा पुस्से मित्तदामे सुदामे. य मियवाहणे सुभूमे य मियवई उमा चेव वंदामि जुत्तिसेणं वयछक्कं कायछक्कं विमले उत्तरे अरहा विसनन्दी य सुबन्धू विस्सभूई पव्वयए | संगाणं च परिण्णाया
| संभूय सुभद्द सुदंसणे २३० | संवरे अणियट्ठी य
१९९
८६ १९१ २३७ २३१ २३८ २३०
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५० २२४
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