Book Title: Agam 02 Ang 02 Sutrakrutang  Sutra Suyagado Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya, Dulahrajmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati

View full book text
Previous | Next

Page 673
________________ गडो १ शब्द अनुक्रम चिरं दूइज्ज माणस्स (२०२५) चिरईया (५७) चिरईया (२०३३) चिरईया (२०२६) लगोल (४०४५) छंद (१३।२१) Et (CIR) छण्णं च... (२१५१) (४२) (२०१८) fig (12) सोते (१५/१२) जइ ते सुया (५।२४) जं जार (२०५०) जंसी विया (१२०१४) जगई (११।३६) जगभासी (१३५) जगा (११।२२) जती (७११६) जमती (१५१) जराउ ( ७११) जरिए (७।११) जो अमणी अको (५२३८) जले जावा (१५।५) किसी (१।२२) जहा एबमेगे (१०९-१० ) जहा कडे (२०२६) जहा गंड (३१७०-७२ ) जहातणं (५१२८ ) टिप्पण पृष्ठ सं० सं० जमाहुअपारगं ( १२।१४ ) ५०७ जमिणं ( २२४ ) ६७ Jain Education International १५७ ५६ २५० १७ २६२ ७७ २६५ ८६ २२१ ११८ ५४८ ८२ ४१३ ८५ ११३ ६४ १९४ ६ ४०६ ६३ ३७१ २० ६०८ २८ २५.७ ५२ २७२ १२६ ५०६ २६ ४८२ ५३१ ४८० ३४४ ६०२ ३२८ ३३६ २६६ ६०४ ४०६ ཝཱ २७ २५८ १७३ २६० जादी (१५) ४८० ३३० जाइमो (११०३०) जाईप (७३) जाहं च बीया (७९) जरामर (२०७२) १२४ जाएफले समुय (४/४७) २२२ ३३६ ५२ १३ ४६ ६४ १ २५ ७ ४८ ६३ ११ ७५ ३५ ५८ १०६ ६२ ५६ ११० ४३ १० ३५ १०२ १२३ शब्द अनुक्रम ६३६ जाणं (१०७८) जाणंति (४११८) जाणासि (६२) जाहि ( ३०३४) जात बालस्स (१०।१७ ) जाति मरणं (१२।२० ) जाति जाति (७३) जाती - जसो (६।१४) जाती कुलं (१३।११) जसी (६१४) जीवि (२०७५) जी (२०३४) जीवियभावणा ( १५/४ ) जुत्ते (२२६६ ) जे उ संगाम ( ३।४५ ) १०३) जे छेए .. ( १४।१) जे ठाणओ (१४१५ ) जे जाई. (१५७) जेणेहं . ( २३ ) .. (१३४ ) (१२।१३ ) जोइभूयं सततावसेज्जा (१२०११) जोगवं (२०११) जोगेहि ( ४१४ ) जो तुमे ( ३।३५) भागो (२७) टिप्पण पृष्ठ सं० सं० ठाणी ( ८1१२) ठण्णा (१६४५) ७० १४३ २०६ ५३ २८८ ११ १५६ ४४७ जे धम्म (१५.१२) जे माणण (१३९) जे मायरं . ( ७१५) जे बुद्ध (११।२६) जे याबुद्धा (८।२३-२४) ३७६ जे या... (२०२५) जे पावि पुडा १०२ **** जे रक्खसा जो आगति जाणइ ( १२/२० ) ५१६ ३३० ३०१ १५६ ७४ ५५ ५३६ ४३ ३०१ ५५ १७५ १११ ४२१ ११७ ६०३ ह १२२ ६ ५१५ ५६५ ५६८ ६०५ ४०६ ७७ ६१२ ४५ ५३७ ३७ ३३२ १७ ४८ १ ५१ ४३ ३३ ५३० ११ ५०७ २४ ५१५ εε १९५ १५७ ३७६ ५२ ६१ ३७३ ६२५ ५६ १२ For Private & Personal Use Only ६४ १२१ * १८ १७ ५४ ५१ परिशिष्ट १ टिप्पण-अनुक्रम शब्द अनुक्रम टिप्पण पृष्ठ सं० सं० ४३८ ३३ ठितप्पा (२०१६) ठितीण लवसत्तमा (६२३) ठिप्पा (६५) डहरा... (२२) डहरे (१२1१८ ) डहरेण तु (१४१०) (४१४५) डिम डंकादि हरेना (१४१२) ढंका य कंका य (११।२७) ढकेहि य कंकेहि य (१/६२) दणं (६।१८) मंदीचुण (४(४०) ण कत्थई भास.. (१४/२३ ) कम्मुणा - (१२।१५ ) ण कुज्के (१४१६ ) णक्खत्ताण व चंदमा (११/२२) णण्णत्थ (SIRE ) तेहि विि (११।३७) पुणे (१।१२) सोबवाइया (१1११) ए (१०।२३ ) (१३।२२) मई (२०१६ ) मी वेदेही (२०६२) णय अदक्खुव !." (२४६४-६५) रगे पडंति (५२०) १८ ११ ५४ ૪૨ णवा (३।२२) २७ २६ वा केई (४४९) संस(१०।१२) ३०६ ८५ २६३ २५ ६६ २ ૪૪ ५१२ ५७० २६ २२१ ११७ ५६५ ४५० ५८ ३०४ २१७ ५८७ ५०६ ५७३ ४७७ ४१५ ४८२ ३० २६ ४५१ ६ १२१ २५६ ४१ १२० ६५ ६६ ८७ ३० ३५ ३० ६ ५३ ४१ ३६ ७६ ५५.० 55 २५४ ४१ १६७ ६१ ६० ४८ १५३ ३७ २२५ १२६ ५० ४४४ www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 671 672 673 674 675 676 677 678 679 680 681 682 683 684 685 686 687 688 689 690 691 692 693 694 695 696 697 698 699 700