Book Title: Agam 02 Ang 02 Sutrakrutang  Sutra Suyagado Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya, Dulahrajmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 676
________________ सूयगडो १ परिशिष्ट १: टिप्पण-अनुक्रम ad or Um AWAN . ". Mo० mx० १६४ शब्द अनुक्रम टिप्पण पृष्ठ शब्द अनुक्रम टिप्पण पृष्ठ शब्द अनुक्रम टिप्पण पृष्ठ सं० सं० सं० सं० सं० सं० धम्मविऊ (१६।६) ६२८ ३८ पण्णसमत्ते. (२।२८) १०४ ३८ पलियंके (हा२१) ___४०७ ७१ धम्मसमुट्टितेहि (१४।२२) ५८५ ८२ पण्णामदं (१३।१५) ५४३ ६२ पलियंतंसि (३।१५) १५० २४ धम्माधम्मे (१।४६) पत्तेयं णत्थि पुणे पलेइ (१३।६) धम्मिए (२१७) (११११,१२) २६ ४० पविज्जला (५।४८) २७१ १२१ धिइमं (६।५) २६२ २४ पभू (११।१२) १६ पब्वइए (१३।१०) धितिमंता (६।३३) पमायं" (८।३) पव्वदुग्गे (६।१२) ३०० ५१ धीरे (१११३८) ४८३ ५४ पयपासाओ (११३५) पव्वया (१।१६) धीरे (१३।२१) पर (७।२५) ३४८ ८३ पव्वहेज्जा (१४६) धुणिया (२०१४) परं (७।२६) ३५२ १०२ पसिणायतनानि (९।१६) ४०४ ५६ धुणे (१५।२२) परं परं (७/४) ३३२ १५ पसुभूए (४।४६) २२५ १२८ धुत (२८) परकिरियं (४१५२) २२७ १३७ पहाणाइ पहावए (१९६५) ६० १२६ धुतं (१०।१६) परकिरियं अण्णमण्णं च पाउल्लाइं (४१४६) २२२ १२१ धुत्तादाणाणि (8।११) ४०० ३५ (६।१०) ४०६ ६६,६७ पाएसु (३१५१) धुयं (२०५१) ११४ ६५ परक्कम्म (४१२) पागब्भि (५१५) २४८ ११ धुयं (५१५२) २७३ १३२ परगेहे (६।२६) ४१५६५ पागब्भिपण्णो (७८) ३३६ धुयं (७।२६) ३५२ १०० परतित्थिया (६।१) पाणाइवाए (३।६८) १७२ १०० धुवमग्म (४११७) २०५ ४६ परदत्तभोइ (१६३५) २८ पाणेहि (१६) २५६ नाय (६।२) २८७८ परदत्तभोई (१३।१०) ४१ पाणेहि णं पाव (५।१६) २५५ पंच खंधे 'पुढवी परपरिवाद (१६१३) १० पापगं च परीणामं (८।१७) (१११७,१८) ३५ ५२ परमं च समाहियं (३।६६) १७१ ९७ पामिच्च (६।१४) ___४०२ ४६ पंचमहन्भूया (१७) २५ २५ परमट्ठाणुगामियं (६६) २१ पायाणि य.(४१३६) पंचसंवरसंवुडे (१८८) १६० परमत्ते (६।२०) ६८ पायाला (३।२६) १५५ ४६ पंचसिहा (७।१०) ३३७ ४१ परिग्गहित्थिकम्मं (६।१३) ४०१ ४३ पारगा (१४११८) ५७८ ६४ पंडगवेजयंते (६।१०) २६८ ४८ परिग्गहे णिविट्ठाणं (९।३) ३६६ १३ पारासरे (३।६३) १६८ ११ पंडिए वीरियं (१५।२२) ६१३ ५० परितप्पए (३१७५) पाव (४।२२) ___ २०६ ६० पकत्थइ (४।१६) ___ परितप्पंति (३।७४) १७४ १०८ पावचेया (१३६) २६५ १० पगब्भिया (३१५६) २२ परितप्पमाणे (१०।१८) ४४६ पावधम्मा (१४।३) पच्छण्णभासी (१४।२६) परिताणेण (१।३३) ४० पावलोगयं (२०६३) १२०८ पट्ठि उम्मद्दे (४१३६) परिवत्तयंता (५।१५) २५४ ४० पावस्स विवेग (७।२६) पडिदुगंछिणो (२।४२) परवत्थं अचेलो वि (हा२०) ४०७ ६६ पावाओ अप्पाण... पडिपंथियमागया (३६) १४७ परिसंकमाणा (१०।२०) ४४६ ६८ (१०।२१) ४५० ७२ पडिपुण्णं (१११२४) ४७८३५ परिसादाणीया (६।३४) ४२० ११५ ११५ पावाया (१२।१) पडिपुण्णभासी (१४।२२) ५८८ परिहवेज्जा (१३।१३) ५६ पाविया (२०२४) १०२ ३२ पडिभाणवं (१४११७) ५७७ - परिहास (१४११६) पासणिए (२०५०) १११ ६३ पडियच्च ठाणं (६।२७) ३१२ ६२ परिहिंति (४१३) पासत्थयं (७१२६) ३४६ ८८ पडिलेह सायं (७२) ३२८ ६ परीसहोवसग्गे (१६३५) पासत्था (११३२) पडिहाण (१३।१३) ५४१ ५५ पलिउंचणं (२०११) पासत्था (३।६६) १७२ १०२ पण्णया अक्खय'' (६८) २६६ ४१ पलिभिदियाण (४।३३) २१३ ७६ पासाणि (४।४) Dr mor army 9००० ५६ xxxarur m Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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