Book Title: Agam 02 Ang 02 Sutrakrutang Sutra Suyagado Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Nathmalmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati
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परिशिष्ट- १
संक्षिप्त-पाठ, पूर्त-स्थल और पूर्ति आधार स्थल
आयारो
संक्षिप्त-पाठ,
अहमसी जाव अण्णयरीओ
आगममाणे जाव समत्तमेव
एवं जं परिघेतव्वं ति, मन्नसि जं एवं हिययाए पित्ताए बसाए पिच्छाए
पुच्छाए बालाए सिंगाए विसाणाए दंताए बाढाए नहाए हारुणीए अट्टीए अट्ठमिजाए अट्ठाए अट्ठाए गामं वा जाव रायहाणि
जाएजा जाव एवं
धारेज्जा जाव गिम्हे
परक्कमेज्ज वा जाव हुरत्था समारम्भ जाव चेएइ
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अंतक्खिजाए जाव णो अरियं जाव अभूतोवघाइयं अक्कोति वा जाव उवंति अक्कोति वा तहेव तेल्लादि सिणाणादि itsarfarara णिगिणाइ य जहा
सिज्जाए आलावगा णवरं ओग्गहवत्तव्वया अक्को सेज्ज वा जाव उवेज्ज अणुवयंति तं चैव जाव णो सातिज्जति बहुवणेणं भाणियव्व
पूर्त-स्थल
१३
८६५,१६,१२३,१२४
५/१०१
१।१४०
८।१२६
८६४-६७
८-१२
पा२३
८२४
आयारचूला
५३३७, ३८
४।११
३।६१
७११६-२०
शह
५।४७
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पूर्ति प्राधार स्थल
११
८७८८०
५।१०१
१।१४०
८१०६
८।४४-४८
८।४६-५०
८२१
८२३
५/३६
४/१०
२२२
२५१-५५
२२
५।४६
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