Book Title: Agam 02 Ang 02 Sutrakrutang Sutra Mool Sthanakvasi
Author(s): Sudharmaswami, Devardhigani Kshamashaman
Publisher: Global Jain Agam Mission

View full book text
Previous | Next

Page 58
________________ or सुयगडांग सूत्र - बीओ सुयखंधो अहमंसि पुरिसे देसकालण्णे खेयण्णे कुसले पंडिए वियत्ते मेहावी अबाले मग्गण्णे मग्गविऊ मग्गस्स गइ परक्कमण्णू, अहमेयं पउमवरपोंडरीयं उण्णिक्खिस्सामि त्ति वच्चा से परिसे अभिक्कमे तं पुक्खरणिं | जावं जावं च णं अभिक्कमेइ तावं तावं च णं महंते उदए महंते सेए, पहीणे तीरं, अप्पत्ते पउमवरपोंडरीयं, णो हव्वाए णो पाराए, अंतरा पुक्खरणीए सेयंसि विसण्णे। दोच्चे पुरिसजाए । अहावरे तच्चे पुरिसजाए-अह पुरिसे पच्चत्थिमाओ दिसाओ आगम्म तं पुक्खरणिं, तीसे पुक्खरिणीए तीरे ठिच्चा पासइ तं महं एगं पउमवरपोंडरीयं अणुपुवुढ़ियं जाव पडिरूवं, ते तत्थ दोण्णि पुरिसजाए पासइ, पहीणे तीरं, अप्पत्ते पउमवरपोंडरीयं, णो हव्वाए णो पाराए जाव सेयंसि विसण्णे । तए णं से पुरिसे एवं वयासी- अहो णं इमे पुरिसा अदेसकालण्णा अखेयण्णा असला अपंडिया अवियत्ता अमेहावी बाला णो मग्गण्णा णो मग्गविऊ णो मग्गस्स गइ परक्कमण्ण, जं णं एते परिसा एवं मण्णे अम्हे तं पउमवरपोंडरीयं उण्णिक्खिस्सामो, णो य खल एयं पउमवरपोंडरीयं एवं उण्णिखेयव्वं जहा णं एए पुरिसा मण्णे । अहमंसि पुरिसे देसकालण्णे खेयण्णे कुसले पंडिए वियत्ते मेहावी अबाले मग्गण्णे मग्गविऊ मग्गस्स गइ परक्कमण्णू, अहमेयं पउमवरपोंडरीय उण्णिक्खिस्सामि त्ति वच्चा से पुरिसे अभिक्कमेइ तं पुक्खरणिं, जावं जावं च णं अभिक्कमेइ तावं तावं च णं महंते उदए, महंते सेए जाव सेयंसि विसण्णे । तच्चे पुरिसजाए | अहावरे चउत्थे पुरिसजाए- अह पुरिसे उत्तराओ दिसाओ आगम्म तं पुक्खरणिं, तीसे पुक्खरणीए तीरे ठिच्चा पासइ तं महं एगं पउमवरपोंडरीयं अणुपुव्वुट्ठियं जाव पडिरूवं । ते तत्थ तिण्णि पुरिसजाए पासइ पहीणे तीरं अप्पत्ते जाव सेयंसि विसण्णे। तए णं से पुरिसे एवं वयासी- अहो णं इमे पुरिसा अदेसकालण्णा अखेयण्णा जाव णो मग्गस्स गड़ परक्कमण्ण, जणं एते परिसा एवं मण्णे- अम्हे एयं पउमवर- पोंडरीयं उण्णिक्खिस्सामो, णो खलु एयं पउमवरपोंडरीयं एवं उण्णिक्खेयव्वं जहा णं एते पुरिसा मण्णे। अहमंसि पुरिसे देसकालण्णे खेयण्णे जाव मग्गस्स गइ परक्कमण्णू, अहमेयं पउमवरपोंडरीयं उण्णिक्खिस्सामि त्ति वच्चा से पुरिसे अभिक्कमे तं पुक्खरणिं, जावं जावं च णं अभिक्कमेइ तावं-तावं च णं महंते उदए, महंते सेए जाव विसण्णे। चउत्थे पुरिसजाए | अह भिक्खू लूहे तीरट्ठी देसकालण्णे खेयण्णे कुसले पंडिए वियत्ते मेहावी अबाले मग्गण्णे मग्गविऊ मग्गस्स गइ परक्कमण्णू अण्णयरीओ दिसाओ अणुदिसाओ वा आगम्म तं पुक्खरणिं; तीसे पोक्खरणीए तीरे ठिच्चा पासइ तं महं पउमवरपोंडरीयं जाव पडिरूवं, ते तत्थ चत्तारि पुरिसजाए पासइ पहीणे तीरं, अप्पत्ते जाव सेयंसि विसण्णे | तए णं से भिक्खू एवं वयासी- अहो णं इमे पुरिसा अदेसकालण्णा अखेयण्णा जाव णो मग्गस्स गइ परक्कमण्णू । जं णं एते पुरिसा एवं मण्णे- अम्हे एयं परमवर पोंडरीयं उण्णिक्खिस्सामो, णो य खलु एयं पउमवरपोंडरीयं एवं उण्णिक्खेयव्वं जहा णं एते पुरिसा |

Loading...

Page Navigation
1 ... 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105