Book Title: Adhyatmik Poojan Vidhan Sangraha Author(s): Ravindra Publisher: Kanjiswami Smarak Trust Devlali View full book textPage 6
________________ प्रकाशकीय आध्यात्मिक सत्पुरुष पूज्य गुरुदेव श्रीकानजीस्वामी के शासन प्रभावना योग को गति प्रदान करने हेतु स्थापित पूज्य श्री कानजीस्वामी स्मारक ट्रस्ट देवलाली के अर्न्तगत् पूज्य कहान गुरुदेव स्मृति ग्रंथ प्रकाशन पुष्प ८० के रूप में वीतरागी देव - शास्त्र - गुरु की भक्ति में समर्पित प्रस्तुत संकलन प्रकाशित करके हम अत्यन्त गौरव का अनुभव कर रहे हैं। आदरणीय बाल ब्र. पण्डित रवीन्द्रकुमारजी 'आत्मन् ' का निवृत्तिमय जीवन, अन्तर्मुखी पुरुषार्थ प्रेरक चिन्तन, अध्यात्म एवं आगम तथा परमार्थ और व्यवहार के सन्तुलन पोषक प्रवचन तथा भक्ति, अध्यात्म और सिद्धान्त के संगम स्वरूप लेखन - इसप्रकार उनका समग्र व्यक्तित्व एवं कर्तृत्व आत्मकल्याण में प्रबल निमित्तभूत है। ऐसे लोकोपकारी महापुरुष की रचनायें प्रकाशित करने का अवसर पाकर यह ट्रस्ट स्वयं को भाग्यशाली अनुभव करता है । इस संकलन का तथा इसे प्रकाशित करने का अवसर हमें उपलब्ध कराने का श्रेय पण्डित अभयकुमारजी शास्त्री, देवलाली को है। अतः हम उनके हार्दिक आभारी हैं। लेजर टाइप सेटिंग व मुद्रण कार्य हेतु जैन कम्प्यूटर्स जयपुर के संचालक पण्डित रमेशचन्दजी शास्त्री भी धन्यावाद के पात्र हैं । आबाल - गोपाल इस पुष्प की आध्यात्मिक सौरभ से अपनी अन्तश्चेतना को प्राणवन्त करें - यही मगंल भावना है। - मुकुन्दभाई मणिलाल खारा, प्रवीणभाई पोपटलाल वोरा कान्तिभाई रामजीभाई मोटाणी, सुमनभाई रामजीभाई दोशी पूज्य श्री कानजीस्वामी स्मारक ट्रस्ट देवलाली Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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