Book Title: Adhyatmasara
Author(s): Yashovijay, Gambhirvijay
Publisher: Jain Dharm Prasarak Sabha

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Page 11
________________ *STUSASHISH HASHASTISK दीकाकाराणामेषां जिनागमझातृत्वं सुप्रसिधमपि स्पष्टतया दृश्यतेऽनया टीकया तत्कृतया शान्तसुधारसटीकया ज्ञान स्टीकया नयकर्णिकाटीकया चेति न पिष्टपेषणं क्रियतेऽस्मानिः संक्षिप्तप्रस्तावनारुचिनिः। मुजापणेऽस्य मुषणयन्त्रस्य शोधकस्य वा स्खलितं यत्किञ्चिदृक्पथमागतं संशोध्य सहृदयैर्गुणग्राहिनिरध्यात्मामृतास्वादेन कृतार्थनीया ग्रन्थकाराष्टीकाकारा व्यसाहाय्यकारा वयं चेति प्रार्थना / तथास्तु / प्रकाशयित्री. संवत १एर श्रीजैनधर्मप्रसारकसना. माघशुदि. 15 जावनगर. CARSACAAAAAC

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