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आधुनिक चिकित्सा पद्धति में प्रचलित मुद्राओं का प्रासंगिक विवेचन ...123
वयन मुद्रा बढ़ जाता है उससे शरीर में अनेक प्रकार की परेशानी होने लगती है जैसे चक्कर आना, अनिद्रा रोग, नेत्र रक्तिम हो जाना आदि।
यदि वयन मुद्रा का अभ्यास नियमित रूप से किया जाए तो व्यक्ति हृदय एवं वायु सम्बन्धी समस्याओं से छुटकारा पा सकता है। विधि . दायें अथवा बायें हाथ को शरीर के अग्रभाग पर स्थिर करें। फिर तर्जनी
और मध्यमा के अग्रभाग को अंगूठे के अग्रभाग से स्पर्शित करते हुए शेष अंगुलियों को आकाश की तरफ सीधी रखने से जो मुद्रा बनती है उसे वयन मुद्रा कहा गया है।29 सुपरिणाम ___इस मुद्रा के द्वारा निम्न शक्ति केन्द्रों के प्रभावित होने से अध्याय-1 के अनुसार कई सुपरिणाम प्राप्त होते हैं