Book Title: Adhunik Chikitsa Me Mudra Prayog Kyo Kab Kaise
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith

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Page 192
________________ 126... आधुनिक चिकित्सा में मुद्रा प्रयोग क्यों, कब और कैसे? की गई जो मानव के शरीर को स्वस्थ रख सके। मनुष्य रोग ग्रस्त तभी होता है, जब शरीरस्थ तत्त्वों का संतुलन बिगड़ता है। मुद्रा विज्ञान इन तत्त्वों की स्थिति को संतुलित रखने का अचूक उपाय है। पंच तत्त्वों का असंतुलन शरीर के अन्य आन्तरिक तन्त्रों को भी विषम कर देता है जिसके कारण मानसिक एवं भावनात्मक स्तर पर भी व्यक्ति का आत्मविश्वास डगमगाने लगता है। मुद्रा प्रयोग सभी प्रकार के रोगों का निदान बिना किसी औषधि के करता है एवं तत्सम्बन्धी अन्य विकारों को भी उपशान्त करता है। सन्दर्भ-सूची 1. मुद्रा विज्ञान ए वे ऑफ, केशवदेव, पृ. 37 2. वही, पृ. 52 3. वही, पृ. 41 4. वही, पृ. 46 5. वही, पृ. 47 6. (क) मुद्रा विज्ञान, नीलम संघवी, पृ. 29 (ख) मुद्रा विज्ञान ए वे ऑफ लाईफ, पृ. 35 7. हस्तमुद्रा प्रयोग और परिणाम, मुनि किशनलाल, पृ. 76-77 8. मुद्रा विज्ञान ए वे ऑफ लाईफ, पृ. 64 9. संस्कृत-हिन्दी कोश, पृ. 1162 10. (क) मुद्रा विज्ञान ए वे ऑफ लाईफ, पृ. 64 (ख) मुद्रा विज्ञान, नीलम संघवी, पृ. 35 11. हस्त मुद्रा प्रयोग और परिणाम, पृ. 62 12. मुद्रा विज्ञान ए वे ऑफ लाईफ, पृ. 64 13. हस्त मुद्रा प्रयोग और परिणाम, पृ. 68 14. आधार, वही, पृ. 69-70 15. आधार- (क) मुद्रा विज्ञान, नीलम संघवी, पृ. 24 (ख) हस्त मुद्रा प्रयोग और परिणाम, मुनि किशनलाल, पृ. 59-53 16. शारदातिलक, 18/13 की टीका 17. मुद्रा विज्ञान, पृ. 23

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