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अध्याय-3
उपसंहार शारीरिक एवं आध्यात्मिक चिकित्सा में उपयोगी मुद्राएँ
प्राणिक हीलिंग विशेषज्ञ के. के. जायसवाल एवं एक्युप्रेशर चिकित्सज्ञ शरद कुमार जायसवाल, वाराणसी के अनुसार कौनसा रोग किस मुद्रा से ठीक हो सकता है? इससे सम्बन्धित आधुनिक मुद्राओं का एक चार्ट प्रस्तुत किया जा रहा है।
इस सम्बन्ध में यह ध्यान देना जरूरी है कि रोगों से छुटकारा पाने हेतु जिन मुद्राओं का सूचन कर रहे हैं वे मुद्राएँ उन रोगों की चिकित्सा में मुख्य सहयोगी हैं किन्तु प्रायः मनुष्यों की शारीरिक एवं मानसिक प्रकृति भिन्न-भिन्न होने से कई बार अन्य मुद्राओं का प्रयोग करना भी आवश्यक हो जाता है अत: मुद्रा विशेषज्ञों से जानकारी प्राप्त करने के पश्चात ही तत्संबंधी मुद्राओं से उपचार करना चाहिए।
• किसी भी मुद्रा को निरन्तर कुछ दिनों तक करने पर उसका प्रभाव पड़ता है।
• मुद्रा का प्रयोग सही विधि से एवं विश्वास पूर्वक करना अनिवार्य है।
• विशिष्ट साधना अथवा रोगोपचार के दौरान यदि मुद्राओं का प्रयोग सम्यक विधि से किया जाए तो तुरन्त असरकारक होती हैं।
शारीरिक रोगोपचार की मुद्राएँ अनिद्रा- ज्ञान मुद्रा, प्राण मुद्रा, ज्ञान वैराग्य मुद्रा, सूर्य मुद्रा, मृगी मुद्रा, पुस्तक मुद्रा, वायुसुरभि मुद्रा, वयन मुद्रा।
आफरा- वायु मुद्रा, अभयज्ञान मुद्रा, बोधिसत्त्वज्ञान मुद्रा, शून्य मुद्रा, सूर्य मुद्रा, वायु सुरभि मुद्रा।