Book Title: Acharya Kundkunda Ek Parichay Author(s): Bhanvarlal Polyaka Publisher: Jain Vidyasansthan Rajasthan View full book textPage 5
________________ लें इसी उद्देश्य से उनके द्विसहस्राब्दि वर्ष के अवसर पर यह लघु पुस्तिका प्रकाशित की जा रही है। संस्थान द्वारा 'सर्वोदय पुस्तकमाला' योजना के अन्तर्गत जनसामान्य के लाभार्थ जैनधर्म एवं दर्शन से सम्बन्धित अत्यन्त सरल एवं सुरुचिपूर्ण शैली में पुस्तकें प्रकाशित की जाती हैं। प्रस्तुत पुस्तिका उसी पुस्तकमाला का द्वितीय पुष्प है।। इसके लेखक हैं संस्थान में कार्यरत विद्वान् पण्डित भंवरलाल पोल्याका जैनदर्शनाचार्य, साहित्यशास्त्री। इस लघु पुस्तिका में उन्होंने लगभग सभी ज्ञातव्य तथ्यों को समाहित कर इसे सर्वोपयोगी बनाया है । इसके लिए हम उनके आभारी हैं। पुस्तक प्रकाशन में सहयोगी मुद्रणकर्ता भी धन्यवादाह है। जयपुर महावीर जयन्ती चैत्र शुक्ला १३, वी. नि. सं. २५१४ ३१-३-१९८८ ज्ञानचन्द्र खिन्दूका संयोजक जनविद्या संस्थान समिति श्रीमहावीरजी Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org |Page Navigation
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