Book Title: Acharanga ka Nitishastriya Adhyayana
Author(s): Priyadarshanshreeji
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 303
________________ २९० : आचारांग का नीतिशास्त्रीय अध्ययन अंगुत्तरनिकाय : अनुवादक-भदन्त आनन्द कौशल्यायन, प्रकाशक महाबोधि सभा, कलकत्ता। आचारांग सूत्र : सम्पा०-मुनि जम्बूविजय, प्रकाशक-मोतीलाल बनारसीदास इण्डोलॉजिकल ट्रस्ट, बंगलोरोड जवाहर नगर दिल्ली-७, प्रथम संस्करण, सन् १९७८।। आचारांगसूत्रम् (१-२ भाग) : व्याख्याकार-श्री आत्मारामजी, सम्पा०-मुनि समदर्शी, प्रकाशक-श्री आत्मारामजी जैन प्रका शन समिति, लुधियाना, प्रथम प्रवेश, सन् १९६३ । आचारांग सूत्र-(प्रथम श्रुतस्कन्ध) : संयो० एवं प्रधान सम्पा०-युवा चार्यमिश्रीमल जी, "मधुकर" प्रकाशक-आगम प्रकाशन समिति, जैन संस्थानक पीपलिया बाजार, व्यावर (राजस्थान), १९८० । आत्म-सिद्धिशास्त्र : श्रीमद्राजचन्द्र, सम्पा०-६० जगदीशचन्दशास्त्री, प्रकाशक-श्रीपरमश्रुतप्रभावक मण्डल, खाराकुआँ जोहरी बाजार, बम्बई-२, प्रथम आवृत्ति, सन् १९३७ । आनन्दघन ग्रन्थावली : संत श्रीआनन्दघन, सम्पादक-महताबचन्द खारेड विशारद, प्रकाशक-श्री विजयचन्द गरगड़, जौहरी बाजार, जयपुर (राज.) प्रथमावृत्ति वी० सं० २०३१ ।। आनन्दघन चौबीसी : सन्त आनन्दघन, विवेचक-मोतीचन्द गिरधर लाल कापड़िया, प्रकाशक-श्री महावीर जैन विद्यालय, ओगस्ट क्रान्ति मार्ग, मुंबई-२६, प्रथम आवृत्ति, सं० १९७० । आचारांग नियुक्ति : श्री भद्रबाहु स्वामी, प्रकाशक-श्री सिद्धचक्र __ साहित्य प्रचारक समिति, बम्बई, सन् १९३५ । आचारांग टीका : श्री शीलांकाचार्य, प्रकाशक-श्रीसिद्धचक्र साहित्य प्रचारक समिति, बम्बई, सन् १९३५ । आचारांग चूणि : श्री जिनदासगणि, प्रकाशक-श्रीऋषभदेवजी केशरी मलजी श्वेताम्बर संस्था, रतलाम, सन् १९४१ । आवश्यकनियुक्ति : श्रीभद्रबाहुस्वामी, प्रकाशक-आगमोदय समिति, वीर सं० २४५४। इतिवृत्तक : अनुवादक-भिक्षुधर्मरत्न, प्रकाशक-महाबोधिसभा सारनाथ, बनारस, बुद्धाब्द २४९९ । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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