Book Title: Acharanga ka Nitishastriya Adhyayana
Author(s): Priyadarshanshreeji
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

View full book text
Previous | Next

Page 304
________________ सहायक ग्रन्थ-सूची : २९१ ईशोपनिषद् (अष्टादश उपनिषद्) प्रथम खण्ड : प्रकाशक-वैदिक संशो धन मण्डल, पूना । प्रथम संस्करण, शक सं० १८८० । उत्तराध्ययनसूत्र :प्रकाशक-भोगीलाल बुलाखोदास दलाल,श्री जैन प्राच्य विद्या-भवन, एलिसब्रिज-अहमदाबाद सन् १९५४ । उत्तराध्ययनसूत्र : आत्मारामकृत हिन्दी टीका सहित, प्रकाशक-जैन शास्त्रमाला कार्यालय-लाहौर सन् १९३९-४२ । उत्तराध्ययन चूर्णि-श्री जिनदासगणिमहत्तर, प्रकाशक श्रीऋषभ देवजी केशरीमलजी श्वेताम्बर संस्था, रतलाम, प्रकाशन वर्ष १९३३ । उपदेशपद : श्री हरिभद्र सूरि (श्री मुनिचन्द्रसूरि निर्मित टीकासह) प्रकाशक-श्रीमुक्तिकमल जैन ग्रन्थ माला, बड़ोदरा, पुष्प १९, सन् १९२३ । उपदेशतरंगिणी : श्री रत्नमन्दिरगणि, प्रकाशक-निजधर्म अभ्युदय यन्त्रा लय, वाराणसी, वी० सं० २४३७ । उपदेशसहस्री : श्री शंकराचार्य, प्रकाशक-भार्गव पुस्तकालय, वाराणसी सन् १९५४ । ऐतरेयोपनिषद् ( अष्टादश उपनिषद् ) प्रथम खण्ड : प्रकाशक-वैदिक __ संशोधन मण्डल, पूना, प्रथम संस्करण, सं० १८८० । एथिकल स्टडीज : लेखक-एफ० एच० ब्रडले, प्रकाशक-आक्सफोर्ड युनिवर्सिटी प्रेस, सन् १९३५ । औधनियुक्ति (द्रोणाचार्यकृत वृत्ति सहित) : श्री भद्रबाहु स्वामी, प्रका शक-श्रीमद्विजय दानसूरि जैन ग्रन्थमाला, गोपीपुरा, सूरत, सन् १९५७। औपपातिक सूत्र : अनुवादक-मुनि उमेशचन्द्रजी 'अणु' प्रकाशक श्री अखिल भारतीय साधुमार्गी जैन संस्कृति रक्षक संघ, सैलाना (म० प्र०), प्रथम आवृत्ति, सन् १९६३ । कर्मग्रन्थ-प्रथम भाग-( हिन्दी अनुवाद सहित ):-श्रीमद् देवेन्द्र सूरि, अनुवादक-पं० सुखलालजी संघवी, प्रकाशक-जवाहरलाल नाहटा, श्री आत्मानन्द जैन पुस्तक प्रचारक मण्डल, आगरा, द्वितीय आवृत्ति, सन् १९३९ । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 302 303 304 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314