Book Title: Acharanga ka Nitishastriya Adhyayana
Author(s): Priyadarshanshreeji
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

View full book text
Previous | Next

Page 313
________________ ३०० : आचाराङ्ग का नीतिशास्त्रीय अध्ययन सूक्ति त्रिवेणी : सम्पादक-उपा० अमर मुनिजी, प्रकाशक-सन्मति ज्ञानपीठ, लोहामण्डी, आगरा-२, प्रकाशन प्रथम, सन् १९६८ । शतपथब्राह्मण, विभाग १-२ : सम्पादक-श्री वंशीधर शास्त्री प्रका शक-अच्युत ग्रन्थमाला कार्यालय, काशी प्रथम आवृत्ति, सं० १९९७ । शुक्रनीति ( विद्योतिनी हिन्दी व्याख्योपयेता) : महर्षि शुक्राचार्य, व्या ख्या०-ब्रह्म शंकर मिश्र, प्रकाशक-चौखम्बा संस्कृत सीरीज, वाराणसी-१ विद्या-विलास प्रेस, प्रथम संस्करण, १९६८ । श्वेताश्वतरोपनिषद् (अष्टादश उपनिषद् ) : प्रकाशक-वैदिक संशोधन मण्डल-पूना। प्रथम संस्करण, शक सं०, १८८० । श्रीमद्भगवद्गीतारहस्य : लोकमान्य बालगंगाधर तिलक, प्रकाशक जयन्त श्रीधर तिलक, ५६८ नारायण पेठ पूना-२ ग्यारहवाँ संस्करण, सन् १९५९ । हितोपदेश : संग्राहक-श्री नारायण पण्डित, प्रकाशक-जय कृष्णदास हरिदास गुप्त चौखम्बा संस्कृत सीरीज, बनारस, सन् १९९२ । ऋग्वेद : प्रकाशक-वसन्त श्रीपाद सातवलेकर, स्वाध्याय मण्डल भारत मुद्रणालय, औन्धनगर, द्वितीय आवृत्ति , सन् १९४० । ज्ञानसाराष्टक : उपाध्याय यशोविजयी, प्रकाशक-श्री केशरबाई ज्ञान भण्डार, संस्थापक संघवी-नगीनदास करमचन्द्र, प्रथम आवृत्ति, वि० सं० १९९४ । ज्ञानार्णव : आचार्यशुभचन्द्र, प्रकाशक-जैन संस्कृति संरक्षक संघ सोला पुर प्रथमावृत्ति, सन् १९७७ ।। ज्ञाताधर्मकथा : सम्पादक-पं० शोभाचन्द्र भारिल्ल, प्रकाशक-श्री त्रिलोकरत्न स्थानकवासी जैन धार्मिक परीक्षा बोर्ड पाथर्डी, ( अहमदनगर ) प्रथमावृत्ति, सन् १९६४ । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 311 312 313 314