Book Title: Aagam 44 NANDISOOTRA Moolam evam Vrutti
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar
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आगम
(४४)
“नन्दी”- चूलिकासूत्र-१ (मूलं+वृत्ति:)
................ मूलं [-] ............. मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित......आगमसूत्र-[४४], चूलिका सूत्र-[१] "नन्दीसूत्र” मूलं एवं मलयगिरिसूरि-रचिता वृत्ति:
प्रत
GORNARIAANAANAANAANARNARIAANAANAANARNAANAANAANAANAS
श्रीमन्मलयगिर्याचार्यप्रणीतवृत्तियुतं श्रीमदार्यमहागिर्यावलिकागतश्रीमद्देष्यगणिशिष्याचार्यनर्यश्रीमदेववाचकक्षमाश्रमणनिर्मित
॥ श्रीमन्नन्दीसूत्रम् ॥
सुत्राक
दीप
DANARTARNATARNMARWARIAN
प्रकाशकः-शाह वेणीचंद सुरचंद, कार्यवाहकः श्रीमती आगमोदयसमिति
NAANNARWARINANTARWAD
अनुक्रम
इदं पुस्तकं मुम्बय्यां शाह० वेणीचंद सुरचंद इत्यनेन, निर्णयसागरमुद्रणालये कोलभाटवीभ्यां २३ तमे गृहे
रामचंद्र येसु शेडगेद्वारा मुद्रथित्वा प्रकाशितम् । प्रति ७५.] वीरसंवत् २४५०, विक्रमसंवत् १९८०, सन १९२४.
[पण्यं ०२-४-० DUNYAVUNMAVUMNMNMNMNMNMNMNMNMN
नन्दी-सूत्रस्य मूल “टाइटल पेज"
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