Book Title: Aagam 44 NANDISOOTRA Moolam evam Vrutti
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 514
________________ नमो नमो निम्मलदसणस्स पूज्य आनंद-क्षमा-ललित-सुशील-सुधर्मसागर गुरूभ्यो नमः 44 पूज्य आगमोध्धारक आचार्य श्री सागरानंदसूरीश्वरेण संशोधित: संपादितश्च / ' “नन्दी (चूलिका)सूत्र” [मूलं + मलयगिरिसूरि-रचिता वृत्तिः] | (किंचित वैशिष्ठ्यं समर्पितेन सह) मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: "नन्दीसूत्र” मूलं एवं वृत्ति: नामेण परिसमाप्तं Remember it's a Net Publications of 'jain_e_library's' ~513~

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