Book Title: Aagam 40 Aavashyak Malaygiri Vrutti Mool Sootra 1 Part 04
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 1
________________ [४०/४] श्री आवश्यक [मूल] सूत्रम् नमो नमो निम्मलदंसणस्स पूज्य श्रीआनंद-क्षमा-ललित - सुशील-सुधर्मसागर गुरुभ्यो नमः “आवश्यक” निर्युक्तिः एवं वृत्तिः निर्युक्ति: ८३० से १९०० ( अंत पर्यन्ताः ) [भद्रबाहुसूरि सूत्रिता निर्युक्तिः एवं मलयगिरिसूरि रचिता वृत्तिः] [आद्य संपादक: - पूज्य आगमोद्धारक आचार्यदेव श्री आनंदसागर सूरीश्वरजी म. सा. ] (किञ्चित् वैशिष्ठ्यं समर्पितेन सह ) पुनः संकलनकर्ता मुनि दीपरत्नसागर (M.Com., M.Ed., Ph.D., श्रुतमहर्षि) -> 28/07/2017, शुक्रवार, २०७३ श्रावण शुक्ल ५ jain_e_library's Net Publications मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित.. आगमसूत्र [४०], मूलसूत्र-[१] "आवश्यक" निर्युक्ति एवं मलयगिरिसूरि-रचिता वृत्तिः

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