Book Title: Aagam 35 BRUHAT KALP Moolam ev
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 2
________________ आगम (३५) “बृहत्कल्प” - छेदसूत्र-२ (मूलं) ---------- उद्देश: ------ ---------- मूलं [-]-.--.------ मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित.........आगमसूत्र - [३५], छेदसूत्र - [२] "बृहत्कल्प" मूलं NAAVAAVANANVANI पूज्य आगमोद्धारक आचार्य श्री आनंदसागर सूरीश्वरजी संशोधित: संपादितश्च बृहत्कल्प सूत्र मुद्रित पृष्ठरुपं - शत्रुजयतीर्थे शीलोत्कीर्ण: -सुरतनगरे तामपत्रोत्कीर्ण “आगममंजुषा"या: उद्धृत-छेदसूत्रम् वीर संवत २४६८ विक्रम संवत १९९८ सन् १९४२ बृहत्कल्प -छेदसूत्रस्य "टाइटल पेज"

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