Book Title: Aagam 35 BRUHAT KALP Moolam ev Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar Publisher: Deepratnasagar View full book textPage 7
________________ आगम (३५) “बृहत्कल्प” - छेदसूत्र-२ (मूलं) ---------- उद्देश: [१] --------- मूलं [१०] ---------- मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित...........आगमसूत्र - [३५], छेदसूत्र - [२] "बृहत्कल्प" मूलं प्रत सुत्राक [५०] दीप अनुक्रम [५०] कुणालाविसथानी एलए, एपाण्याच कामा एपायाच मारिए खेले, नो से कपा एतो बाहि. तेष पर जय नागरसरिता उसापतितिमि १२९११५पासो -N सो १॥ उपस्सयस मन्तो पगढाए सालीणि पाबीहीणि वा सुग्गाणि या मासानिया विलाणि या कुलाचाणि या गोषमाणि या जपाणि का जवजवाणि पाओकिन्चामिया वि. क्सिणानिया विकिन्माणि या विष्णम्माणिवानो का निगन्याममा निम्गान्धील या महामन्दमवि वाथए '२०१। अह पुण एवं जामेजा-मो ओकिम्माणि नो विक्सिमा नो विविज्यामि नो विवाहमा रासिकहानिया मिसिकहामि वा पुनकहानिया कुलियकनामिना सक्छियाणिवा मुदियामि या पिहियाभिवाकया निमाल्याण वा निगान्धीम चाहेमन्नागिम्हासु बत्पए '१.३॥शबह पुष एवं जानेजा-नो रासिकहाई नो पुजकबाई नो मितिकबाई नो कुलियकडाई कोडाउत्सानि वा पसाउत्सानिमा मनाउत्सानिया माताउत्साणिवा ओलिसाणि वा विलिचाणि पा लभियाणि वा मुरियाणि वा पिडियाणि वा कणा निग्गन्धाण वा निग्गन्धीण वा वातावास पत्याए '१८६।३। उपस्सयस यो बाबाए सुराविचकुम्मे का सोचीरयषियहम्मे चा उपनिक्सित्ते सिया वो कप्पा निम्गन्याय वा निग्गन्धीच वा महामन्चमावि वत्थर, पुरत्या प उपसर्थ पडिलमा मो उमेगा एवं से कमा एगराय मा दुराय वा पत्थर, मो से कप्पा एगरायाचो वा दुराबाओ वा पर पत्याए, जे तत्व एमाबाओबाबुराचाओमा पर बोजा से सन्तरा ए मा परिवार बा IVIN उवस्मयस्स जन्तो वगढाए सीओदगवियाजकुम्मेवा उसिणोदगपियाकुम्भे या उपनिक्सिसे सिया नोकप्पा निम्मान्याण वा निग्गन्थीण वा बहासनमवि वत्याए,हरत्या व उपस्सर्य पडिलेहमागे नो लभेजा एवं से कप्पा एगरायं वा दुरार्य वा वत्पए, मो से कप्पाइ एगरायाओ का दुरायाओषा पर कत्पए, जे तस्थ एगरावासोचा दुरायाओ वा पर बसेना से सन्तरा सेए चा परिहार या '२२१।५। उसस्सयस अन्तो वहाए साराबए जोई सिचाएना नो कप्पा निमान्याम वा निगान्धीय वा अहासन्यमविपत्पए, इरत्या व उपाय पहिले हमागे नी समेजा एवं से कपा एगराय वा दुरार्य चा वत्पए, नो से कपा एगराबाओ वा दुरायानो वा पर वायर, जे तत्व एमसयाओ बाबुरायाओ या परं क्सेमा से सम्ताए । का परिहारेषा '२५०।६। उसस्सयस अंतो वढाए साराइए पर्व दिशेजा नो कप्पा निग्मन्याग वा निमान्धीण वा महासन्दमवि पत्थर, इत्या य उपस्सय पहिवमाने नोट सभेजा एवं कप्पन एमराय वा रायंचा पत्थए,मोसेकपा एगरायागोवा रायाजीबा पर पत्थए, जे तत्व एमरायाजोगा रायाजोगा पर बसेजा से सन्दरा एका परिवार वा '२६३।७। उपस्सयस अंतो काढाए पिपाए वा लोपए वासीर या बहिया सणि वा नवमीए बा लेले वा काणिय वा पूर्व का सक्कली वा सिहिरिनी या मोकिमाणि पा वि. किष्णाभिमा विनिम्माणि वा विप्पाण्णागि पानी कप्पा निम्मन्याण या निम्मरचीण वा अदालन्दमवि पत्याए '२६९'दाद पुष एवं जाणेजा नोजोकिस्माई रासिकतामिल पा पुजकहाणि चा मित्तिकमाणिमा कुलियकहाणि बालभिव्यापि वा मुश्यिामि वा पिहियामिवावाकपा निमान्याग मा निमान्धीमा हेमंतगिनास पत्याए '२७२।९। । पुण एवं जागेगा-नो रासिगाई जाप नो मिसिकदाई कोहाउत्साणि का महाउत्साणि वा मनाउत्ताणि या मालावत्नाणि या कुम्भिउत्तापि वा कामिउत्ताणि या ओलितामिया वि. वित्ताणिवा पिडियाणिवा सन्द्रियाणिवा महिपाणिवा कप्पा निमन्माणमा निमान्नीगापासाचा पत्पए '२७४।१०ानो कप्त निम्मन्बीबई आगमनगिड़सिवा आविषडमिमि या सीमूलक्षि वा समूलसिया अभावमाशियसि वा पत्याए ३०० कण्व निमन्या अहे आगमणमिसिया विचडमिहषिमा सीमूलशिमा ससमूहति चा अभाचगासियसि वा पत्याए '३०८।१२। एमे सागारिए पारिहारिए दो तिणि पत्तारि पासागारिया पारिहारिया ए सस्थ कप्पार्ग उवाताजपलेसे निविसेजा '३७५' ।१३ानो कप्या निग्गन्धाण वा निम्नांचीप वा सामारियपिण्डे बहिया अनीह असंखद समाई वा पहिगाहेत्तए १८६।१४-१५/नो कप्पा निम्मन्धाण वा निग्गन्धीच पा सामारियपिट पहिया नीव असंसाई पहिग्गादत्तए।१६। कम्पा निगन्याण वा निमांगीण वा सागारियपि पहिया नीहा संसह पटिग्गाईलए । १७।नो कप्पा निमायाण या IST निग्गंचीण या सामारिवपि बहिया नीहडं जसंसह संबई करेगए, जो खलु निमान्यो वा निम्नांची वा सागारिथपिण्ड बहिया मीहरं असंसई संसह करेह करेन्त पा साहना से हजो बीइकममाणे आवमा चाउम्मासियं परिहारहाणं अणुग्याइयं '४-१९८ासागारिवस्स आइडिया सामारिएणं पहिम्माहिता सम्हा दाबए नो से कप्त पडिम्मादेचए।१९॥ सागारियरस आइडिया सागारिए अपरिगहिता तन्हा दावए एक से कप्पद पडिग्गाहेलए ४२०१।२०। सामारियस नीहडिया परेण अपरिहिता तम्मा बाषए नो से कपा पडिग्गाहेतए ।२१। सागारिया मीडिया परेण पहिम्माहिता तम्हा वापए एवं सेकयह पडियाहेत्तर '४२८।२२। सामारियस्त अंसियानो अविमत्तामओ जयोपियामी बी महाओ अनिन्दाजी तमा एकए मो से कष्णा पडिग्गाहेत्तए।२३। सामारिपस्मा अंसियाओ विभत्ताओ चोष्ठिमाओ योगदाओ निमूदाओ नन्दा गए एक से कमा परिन्गाहे. गनिदीवरजसागर अत्र उद्देशक: २ आरब्ध: ~6~Page Navigation
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