Book Title: Aagam 05 Bhagavati Daanshekhariyaa Vrutti Ang Sutra 5 Part 01 Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar Publisher: Deepratnasagar View full book textPage 1
________________ [०५] श्री भगवती [अङ्ग]सूत्रम्-1 नमो नमो निम्मलदंसणस्स पूज्य श्रीआनंद-क्षमा-ललित-सुशील-सुधर्मसागर गुरुभ्यो नमः “भगवती" मूलं एवं वृत्तिः (अपरनाम- "व्याख्याप्रज्ञप्ति") [मूलं एवं दानशेखरसूरि रचिता वृत्तिः ] [आद्य संपादक: - पूज्य आगमोद्धारक आचार्यदेव श्री आनंदसागर सूरीश्वरजी म. सा. ] (किञ्चित् वैशिष्ठ्यं समर्पितेन सह ) पुनः संकलनकर्ता मुनि दीपरत्नसागर (M.Com., M.Ed., Ph.D.) → 28/07/2017, शुक्रवार, २०७३ श्रावण शुक्ल ५ jain_e_library's Net Publications मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित आगमसूत्र [०५], अंग सूत्र -[०५] "भगवती" मूलं एवं दानशेखरसूरि-रचिता वृत्तिः ~1~Page Navigation
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