Book Title: Agam 04 Ang 04 Samvayang Sutra Mool Sthanakvasi
Author(s): Sudharmaswami, Devardhigani Kshamashaman
Publisher: Global Jain Agam Mission
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Page #1 -------------------------------------------------------------------------- ________________ II SHREE VITRAAGAAYA NAMAH II UPPANEINA VIGAMEÏNA DHUVEÏNA समवायांग सुत्त SAMVĀYĀNGA SŪTRA Page #2 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पंचम गणधर सिरि सुहम्मसामी विरइयं समवाओ समवायांग सुत्तं SAMAVAYANGA SŪTRA मूल पाठ Ardhamāgadhi Aphorisms अंग आगम - ४ 4TH ANGA AGAMA Bhagwan Mahāvīra's Precepts Sūtra First Composed By Fifth Ganadhara ŚRĪ SUDHARMĀ SWĀMĪ Vallabhi Council (Synod) Chair DEVARDDHIGANI KȘAMAŚRAMANA Published By GLOBAL JAIN AAGAM MISSION Page #3 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवाओ समवायांग सुत्तं SAMAVAYANGA SŪTRA First eBook Edition (PDF) - 2012 Source of Ardhamāgadhi Aphorisms: GURUPRAN AAGAM BATRISI (Aagam Series) (Gujarati 2nd Edition, 2009) Published on the Occasion of 100th Birth Anniversary of SAURASHTRA KESHARI GURUDEV PUJYA SHREE PRANLALJI M. S. Text in “Mangal (Unicode)" Font Published By: GLOBAL JAIN AAGAM MISSION Clo. Pawandham, Mahavir Nagar, Kandivali (w), Mumbai - 400 067 Tel.: +91 92233 14335, e-mail : info@jainaagam.org www.jainaagam.org / www.parasdham.org Computer Source files can be made available for appropriate scholarly use, Please contact in writing at the email/phone contacts listed above. Page #4 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Rashtra Sant Yug Diwakar Pujya Gurudev NamraMuni M.S. Inspired GLOBAL JAIN AAGAM MISSION Promoting Compassionate and Nonviolent Living MISSION: Global Jain Aagam Mission promotes the eternal truths of Jain Agama (precepts of Lord Mahāvīra) to build a compassionate and nonviolent lifestyle in the world. GOALS AND OBJECTIVES: • Translate all Jain Agamas (scriptures) into English and other world languages • Make Agamas available in all electronic forms • Promote awareness of Āgama throughout the world • Educate and uphold Jain way of life using expertise of social media • Promote a compassionate and nonviolent lifestyle throughout the world • Encourage and promote research on Agamas to develop approaches to the world challenges (ecology & environment, global warming, world peace, psychology, health, scientific principles, etc.) • Hold periodic conventions to promote exchanges among world's scholars • Interface with interreligious organizations and other guiding institutions • Be a resource for information and referral • Work co-operatively with local, regional, national, and global organizations TRANSLATION OF JAIN AAGAMAS INTO ENGLISH: The Global Jain Aagam Mission has embarked on a project to translate and publish all Jain Agamas into English. The English translation of the Agama will help youth of today in India and abroad to learn and understand Lord Mahāvīra's preachings. The goal is to reach every household and every person in the world to impart the wisdom of the Agamas. In a non-sectarian way, this Mission will endeavor to deliver the Lord Mahāvīra's message to hearts of the people. The translated Agamas will be distributed to various libraries, universities and Jain institutions within our country and abroad. In addition, it will be made available on the Internet and in electronic forms of eBooks, etc. Many learned intellectuals from different countries and cultures have supported this project of translating the Agama's into English. The work is being performed in cities of Mumbai, Ahmedabad, Bangalore, Shravanbelgola, Delhi, Jaipur, Chennai, Kolkata, Banaras, Ladnu, Dubaii, and USA. In addition, this mission is receiving guidance and blessings from spiritual leaders of various religious traditions. INVITATION TO PARTICIPATE: We invite scholars, spiritual aspirants and shrāvaks to join us in making this mission a success. Your contribution of knowledge, time, and money will be appreciated. Please contact by email at info@jainaagam.org or by phone to: Girish Shah at Tel. +91-92233-14335 or Gunvant Barvalia at Tel. +91-98202-15542 Page #5 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विषय सूची - Table of Content. समवायांग सूत्र.. पढमो समवाओ.. बीओ समवाओ .......... तइओ समवाओ. चउत्थो समवाओ. पंचमो समवाओ. छट्टो समवाओ सत्तमो समवाओ अट्ठमो समवाओ.. नवमो समवाओ. दसमो समवाओ. एगारसमो समवाओ. बारसमो समवाओ.. तेरसमो समवाओ. चउद्दसमो समवाओ. पण्णरसो समवाओ सोलसमो समवाओ. सत्तरमो समवाओ.......... अढारसमो समवाओ. गूणवीसमो समवाओ. वीसइमो समवाओ. एक्कवीसइमो समवाओ बावीसइमो समवाओ. तेवीसइमो समवाओ. चउव्वीसइमो समवाओ. पणवीसइमो समवाओ. छव्वीसइमो समवाओ. सत्तावीसइमो समवाओ. अट्ठावीसइमो समवाओ.... गणतीसइमो समवाओ.. .................................... तीसइमो समवाओ. एक्कतीसइमो समवाओ. बत्तीइमो समवाओ........... तेतीसइमो समवाओ... चोत्तीसइमो समवाओ........ पणतीसइमो समवाओ. छत्तीसइमो समवाओ.. सत्ततीसइमो समवाओ.. अट्ठतीसइमो समवाओ. एगुणवत्तालीसइमो समवाओ.. चत्तालीसइमो समवाओ.. एगचत्तालीसइमो समवाओ बायालीसइमो समवाओ... तेयालीसइमो समवाओ........ चोयालीसइमो समवाओ. पणयालीसइमो समवाओ.. छायालीसइमो समवाओ. सत्तचालीसइमो समवाओ अडयालीसइमो समवाओ.. एगूणपण्णासइमो समवाओ... समवायांग सूत्र विषय सूची Table of Content 1 1 1 .2 3 .3 .5 .6 .7 .8 .9 .11 .11 .13 .14 .15 .16 .17 .19 .20 .21 .21 .23 .24 25 .25 .27 ..27 .28 .30 .30 .34 .34 .35 .37 .38 .39 39 39 .40 .40 .40 .40 .41 .41 ..42 .42 .42 .42 .43 Page #6 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पण्णासइमो समवाओ.. एगपण्णासइमो समवाओ. बावण्णइमो समवाओ. तेवण्णइमो समवाओ.. चउपण्णइमो समवाओ... पण्णपणइमो समवाओ.. छप्पण्णइमो समवाओ....... सत्तावण्णइमो समवाओ.. अट्ठावण्णइमो समवाओ... एगुणसद्विमो समयाओ. सट्ठिमो समवाओ.. एगसद्विमो समवाओ.. बावट्ठिमो समवाओ........... तेवट्ठिमो समवाओ... चउसट्टिमो समवाओ.. पणसट्ठिमो समवाओ छावट्ठिमो समवाओ.. सत्तसद्विमो समवाओ.. अट्ठसट्ठिमो समवाओ. एनसत्तरिमो समयाओ सत्तरिमो समवाओ.... एक्कसत्तरिमो समवाओ.. बावत्तरिमो समवाओ तेवत्तरिमो समवाओ.. चोवत्तरिमो समवाओ.. पण्णत्तरिमो समवाओ.. छावत्तरिमो समवाओ.. सत्ततरिमो समवाओ..... असत्तरिमो समवाओ. एगूणासीइमो समवाओ........... असीइइमो समवाओ.... एक्कासीइइमो समवाओ. बासीइइमो समवाओ. तेयासीइइमो समवाओ. चउरासीइइमो समवाओ.. पंचासीइइमो समवाओ. छलसीइइमो समवाओ. सत्तासीइइमो समवाओ. अट्ठासीइइमो समवाओ.... गण इमो समवाओ.. उइइमो समवाओ. एक्काणउइमो समवाओ. बाणउइइमो समवाओ.......... तेणउइइमो समवाओ. चउणउइइमो समवाओ......... पंचणउइइमो समवाओ.. छण्णउइइमो समवाओ.. सत्ताणइइमो समवाओ.. अट्ठाणउइइमो समवाओ.. णवण इइमो समवाओ. सततमो समवाओ.... पइण्णग समवाओ.. दुसंग गणप पइण्णग समवाओ....... अतीत- अनागतकालिक महापुरुषो .. ॥ श्री समवायं सूत्तं संमत्तं ॥ समवायांग सूत्र 39 .43 .43 43 .44 .44 .44 .45 .45 .45 .46 .46 .46 .46 .47 .47 .47 .47 .48 48 ..48 .48 .49 .49 ..50 ..50 ..50 ..50 .51 .51 .51 .51 .52 .52 .52 .52 .53 .54 .54 .54 .55 .55 .55 .55 .56 .56 .56 .56 .56 .57 .57 57 ..58 .62 .73 .79 .88 Page #7 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवायांग सूत्र समवायांग सूत्र Lan इह खलु समणेणं भगवया महावीरेणं जाव सिद्धिगइणामधेयं ठाणं संपत्तेणं इमे दुवालसंगे गणिपिडगे पण्णत्ते तं जहाआयारे सूयगडे ठाणे समवाए विवाहपण्णत्ती णायाधम्मकहाओ उवासगदसाओ अंतगडदसाओ अणुत्तरोववाइदसाओ पण्हावागरणं विवागस्यं दिद्विवाए । तत्थ णं जे चउत्थे समवाए त्ति आहिए तस्स णं अयमढे पण्णत्ते । तं जहा पढमो समवाओ एगे आया, एगे अणाया | एगे दंडे, एगे अदंडे | एगा किरिया, एगा अकिरिया | एगे लोए, एगे अलोए | एगे धम्मे, एगे अधम्मे | एगे पुण्णे, एगे पावे | एगे बंधे, एगे मोक्खे | एगे आसवे, एगे संवरे । एगा वेयणा, एगा णिज्जरा । जंबुदवीवेण दीवे एग जोयसहस्सं आयामविक्खंभेणं पण्णत्ते । पालए जाणविमाणे एग जोयणसयसहस्सं आयाम विक्खंभेणं पण्णत्ते | सव्वट्ठसिद्धे महाविमाणे एग जोयणसयसहस्सं आयामविक्खंभेणं पण्णत्ते । अद्दा णक्खत्ते एगतारे पण्णत्ते | चित्ता णक्खत्ते एगतारे पण्णत्ते | साई णक्खत्तेएगतारे पण्णत्ते । इमीसे णं रयणप्पभाए पढवीए अत्थेगइयाणं एगं पलिओवमं ठिई पण्णत्ता। इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए णेरइयाणं उक्कोसेणं एगं सागरोवमं ठिई पण्णत्ता। दोच्चाए पुढवीए णेरइयाणं जहण्णेणं एगं सागरोवमं ठिई पण्णत्ता। असुरकुमाराणं देवाणं अत्थेगइयाणं एगं पलिओवमं ठिई पण्णत्ता। असुरकुमाराणं देवाणं उक्कोसेणं एगं साहियं सागरोवमं ठिई पण्णत्ता। असुरकुमारिंदवज्जियाणं भोमिज्जाणं देवाणं आत्थेगइयाणं एगं पलिओवमं ठिई पण्णत्ता । असंखिज्जवासाउय सण्णिपंचिंदिय तिरिक्ख जोणियाणं अत्थेगइयाणं एग पलिओवमं ठिई पण्णत्ता । असंखिज्जवासाउय गब्भवक्कंतिय मणुयाणं अत्थेगइयाणं एगं पलिओवमं ठिई पण्णत्ता । | वाणमंतराण देवाणं उक्कोसेणं एग पलिओवमं ठिई पण्णत्ता | जइसियाणं देवाणं उक्कोसेणं एग पलिओवमं वाससयसहस्समब्भहियं ठिई पण्णत्ता | सोहम्मे कप्पे देवाणं जहण्णेणं एगं पलिओवमं ठिई पण्णत्ता | सोहम्मे कप्पे देवाणं अत्थेगइयाणं एग सागरोवमं ठिई पण्णत्ता | Page #8 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवायांग सूत्र ईसाणे कप्पे देवाणं जहण्णेणं साइरेगं एग पलिओवमं ठिई पण्णत्ता | ईसाणे कप्पे देवाणं अत्थेगइयाणं एगं सागरोवमं ठिई पण्णत्ता । जे देव सागरं सुसागरं सागरकंतं भवं मणुं माणुसोत्तरं लोगहियं विमाणं देवत्ताए उववण्णा, तेसिं णं देवाणं उक्कोसेणं एग सागरोवमं ठिई पण्णत्ता | ते णं देवा एकस्स अद्धमासस्स आणमंति वा पाणमंति वा उस्ससंति वा णीससंति वा । तेसिं णं देवाणं एगस्स वाससहस्सस्स आहारट्ठे समुप्पज्जइ । संतेगइया भवसिद्धिया जीवा जे एगेणं भवग्गहणेणं सिज्झिस्संति बुज्झिस्संति मुच्चिस्संति परिणिव्वाइस्संति सव्वदुक्खाणमंतं करिस्संति । बीओ समवाओ दो दंडा पण्णत्ता, तं जहा- अट्ठादंडे चेव, अणद्वादंड चेव | दवे रासी पण्णत्ता, तं जहा - जीवरासी चेव, अजीवरासी चेव। दुविहे बंधणे पण्णत्ता, तं जहा- रागबंधणे चेव, दोसबंधणे चेव। पुव्वाफग्गुणी णक्खत्ते दुतारे पण्णत्ते । उत्तराफग्गुणी णक्खत्ते दुतारे पण्णत्ते । पुव्वाभद्दवया णक्खत्ते दुतारे पण्णत्ते । उत्तराभद्दवया णक्खत्ते दुतारे पण्णत्ते । इमीसे णं रयणप्पहाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं दो पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता । दुच्चाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं दो पिाओवमाई ठिई पण्णत्ता । असुरकुमाराणं देवाणं अत्थेगइयाणं दो पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता । असुरकुमारिंद वज्जियाणं भोमिज्जाणं देवाणं उक्कोसेणं देसूणाई दो पलिओवमाई ठिई पण्णत्ता | असंक्खिज्ज वासाउय असण्णि पंचिंदिय तिरिक्खजोणियाणं अत्थेगइयाणं दो पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता | असंखिज्ज वासाउय सण्णि पंचिदियतिरिक्ख जोणियाणं अत्थेगइयाणं दो पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता । असंखिज्जवासाउय गब्भवक्कंतिय मणस्साणं अत्थेगइयाणं दो पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता । सोहम्मे कप्पे अत्थेगइयाणं देवाणं दो पलिओवमाई ठिई पण्णत्ता। ईसाणे कप्पे अत्थेगइयाणं देवाणं दो पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता। सोहम्मे कप्पे देवाणं उक्कोसेणं दो सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता । ईसाणे कप्पे देवाणं उक्कोसेणं साहियाई दो सागरोवमाई ठिई पण्णत्ता | सणंकुमारे कप्पे देवाणं जहण्णेणं जहण्णेणं दो सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता | माहिंदे कप्पे देवाणं जहण्णेणं साहियाइं दो सागरोवमाई ठिई पण्णत्ता । जे देवा सुभं सुभकंत सुभवण्णं सुभगंधं सुभलेस्सं सुभफासं सोहम्मवडिंसगं विमाणं देवत्ताए उवण्णा, तेसिं णं देवाणं उक्कोसेणं दो सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता । ते णं देवा दोण्हं अद्धमासाणं आणमंति वा पाणमंति वा, ऊससंति वा, णीससंति वा । तेसिं णं देवाणं दोहिं वाससहस्सेहिं आहारट्टे समुप्पज्जइ । Page #9 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ७ समवायांग सूत्र अत्थेगइया भवसिद्धिया जीवा जे दोहिं भवग्गहणेहिं सिज्झिस्संति बुज्झिस्संति मुच्चिस्संति परिणिव्वाइस्संति सव्वदुक्खाणमंतं करिस्संति । तइओ समवाओ तओ दंडा पण्णत्ता, तं जहा - मणदंडे वयदंडे कायदंडे | तओ गुत्तीओ पण्णत्ताओ, तं जहा - मणगुत्ती, वयगुत्ती, कायगुत्ती । तओ सल्ला पण्णत्ता, तं जहा - मायासल्ले णं णियाणसाले णं मिच्छादसणसल्ले णं । तओ गारवा पण्णत्ता, तं जहा - इड्ढीगारवेणं रसगारवेणं सायागारवे णं। तओ विराहणा चण्णत्ता, तंजहा-णाणविराहणा दंसणविराहणा चरित्तविराहणा। मिगसिर णक्खत्ते तितारे पण्णत्ते । पुस्स णक्खत्ते तितारे पण्णत्ते | जेट्ठा णक्खत्ते तितारे पण्णत्ते । अभीइ णक्खत्ते तितारे पण्णत्ते । सवण णक्खत्ते तितारे पण्णत्ते। अस्सिणी णक्खत्ते तितारे पण्णत्ते। भरणी णक्खत्ते तितारे पण्णत्ते । इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं तिण्णि पलिओवमाई ठिई पण्णत्ता । दोच्चाए णं पुढवीए णेरइयाणं उक्कोसेणं तिण्णि सागरोवमाई ठिई पण्णत्ता । तच्चाए णं पुढवीए णेरइयाणं जहण्णेणं तिण्णि सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता | असुरकुमाराणं देवाणं अत्थेगइयाणं तिण्णि पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता। असंखिज्जवासाउय सण्णिपंचिंदिय तिरिक्खजोणियाणं उक्कोसेणं तिणि पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता। असंखिज्जवासाउय सण्णिपंचिंदिय गब्भवक्कंतिय मणुस्साणं उक्कोसेणं तिण्णि पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता । सणंकुमार - माहिंदेसु कप्पेसु अत्थेगइयाणं देवाणं तिणि सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता | जे देवा आभंकरं पभंकरं आभंकरंपभंकरं चंदं चंदावत्तं चंदप्पभं चंदकंतं चंदवण्णं चंदलेसं चंदज्झयं चंदसिंग चंदसिटुं च तरवडिंसगं विमाणं देवत्ताए उववण्णा, तेसिं णं देवाणं उक्कोसेणं तिण्णि सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता, ते णं देवा तिण्हं अद्धमासाणं आणमंति वा पाणमंति वा, उस्ससंति वा, णीससंति वा, तेसिं णं देवाणं तिहिं वाससहस्सेहिं आहारट्टे समुप्पज्जइ । संतेगइया भवसिद्धिया जीव जे तिहिं भवग्गहणेहिं सिज्झिस्संति, बुज्झिस्संति मुच्चिस्संति परिणिव्वाइस्संति सव्वदुक्खाणमंतं करिस्संति। To चउत्थो समवाओ चत्तारि कसाया पण्णत्ता, तं जहा-कोहकसाए माणकसाए मायाकसाए लोभकसाए | चतारि झाणा पण्णत्ता, तं जहा- अट्टज्झाणे रूद्दज्झाणे धम्मज्झाणे सुक्कज्झाणे । चतारि विकहाओ पण्णत्ताओ, तं जहा- इत्थिकहा भत्तकहा रायकहा देसकहा । चतारि सण्णा पण्णत्ता, तं जहा Page #10 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवायांग सूत्र आहारसण्णा भयसण्णा मेहुणसण्णा परिग्गहसण्णा | चउव्विहे बंधे पण्णत्ते, तं जहा- पगइबंधे ठिइबंधे अणुभावबंधे पएसबंधे | चउगाउए जोयणे पण्णत्ते । अणुराहा णक्खत्ते चउ तारे पण्णत्ते, पुव्वासाढा णक्खत्ते चउतारे पण्णत्ते । उत्तरासाढा णक्खत्ते चउतारे पण्णत्ते । | ४ इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरड्याणं चत्तारि पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता । तच्चाए णं पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरड्याणं चत्तारि पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता । असुरकुमाराणं देवाणं अत्थेगइयाणं चत्तारि सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता । सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु अत्थेगइयाणं देवाणं चत्तारि पलिओवमाई ठिई पण्णत्ता । सणंकुमार-माहिदेसु कप्पे सु अत्थेगइयाणं देवाणं चत्तारि सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता । जे देवा किटिं सकिहिँ किट्ठियावत्तं किट्ठिप्पभं किट्ठिजुत्तं किट्ठिवण्णं किहिलेसं किट्ठिज्झयं किट्ठिसिंगं किट्ठिसिट्ठे किटिकूडं किहत्तरवडिंसगं विमाणं देवत्ताए उववण्णा तेसिं णं देवाणं उक्कोसेणं चत्तारि सागरोवमाई ठिई पण्णत्ता | ते णं देवा चउण्हं अद्धमासाणं आणमंति वा पाणमंति वा, ऊससंति वा णीससंति वा । तेसिं देवाणं चउहिं वाससहस्सेहिं आहारट्टे समुप्पज्जइ । अत्थेगइया भवसिद्धिया जीवा जे चउहिं भवग्गहणेहिं सिन्झिस्संति मुच्चिस्संति बुज्झिस्संति परिणिव्वाइस्संति सव्वदुक्खाणमंतं करिस्संति । पंचमो समवाओ पंच किरिया पण्णत्ता, तं जहा- काइया अहिगरणिया पाउसिया पारितावणिया पाणाइवायकिरिया। पंच महव्वया पण्णत्ता, तं जहा- सव्वाओ पाणाइवायाओ वेरमणं, सव्वाओ मसावायाओ वेरमणं, सव्वाओ अदिण्णादाणाओ वेरमणं, सव्वाओ मेहणाओ वेरमणं, सव्वाओ परिग्गहाओ वेरमणं । पंच कामगुणा पण्णत्ता, तं जहा- सद्दा रूवा गंधा रसा फासा | पंच आसवदारा पण्णत्ता, तं जहा- मिच्छत्तं अविरई पमाया कसाया जोगा | पंच संवरदारा पण्णत्ता, तं जहा- सम्मत्तं विरई अप्पमत्तया अकसाया । अजोगया। पंच णिज्जरवाणा पण्णत्ता, तं जहा- पाणाइवायाओ वेरमणं, मसावायाओ वेरमणं, अदिण्णादाणाओ वेरमणं, मेहणाओ वेरमणं, परिग्गहाओ वेरमणं । पंच समिईओ पण्णत्ताओ, तं जहा- ईरियासमिई भासासमिई एसणासमिई आयाणभंडमत्त -णिक्खेवणासमिई, उच्चारपासवण खेल सिंघाण जल्लपारिट्ठावणिया समिई । पंच अत्थिकाया पण्णत्ता, तं जहा- धम्मत्थिकाए अधम्मत्थिकाए आगासत्थिकाए जीवत्थिकाए पोग्गलत्थिकाए | Page #11 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवायांग सूत्र रोहिणीणक्खत्ते पंचतारे पण्णत्ते । पुणव्वसुणक्खत्ते पंचतारे पण्णत्ते। हत्थणक्खत्ते पंचतारे पण्णत्ते, विसाहाणक्खत्ते पंचतारे पण्णत्ते, धणिहाणक्खत्ते पंचतारे पण्णत्ते । इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं पंच पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता । तच्चाए णं पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं पंच सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता | असुरकुमाराणं देवाणं अत्थेगइयाणं पंच पलिओवमाई ठिई पण्णत्ता | सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु अत्थेगइयाणं देवाणं पंच पलिओवमाई ठिई पण्णत्त । सणंकुमार-माहिदेसु कप्पेसु अत्थेगइयाणं देवाणं पंच सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता । जे देवा वायं सुवायं वायावत्तं वायप्पभं वायकंतं वायवण्णं वायलेसं वायज्झयं वायसिंगं वायसिटुं वायकूडं वाउत्तरवडिसगं सूरं सुसूरं सूरावत्तं सूरप्पभं सूरकंतं सूरवण्णं सूरलेसं सूरज्झयं सूरसिंगं सूरसिद्धं सूरकूडं सूरूत्तरवडिंसगं विमाणं देवत्ताए उव्वण्णा, तेसिं णं देवाणं उक्कोसेणं पंच सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता | ते णं देवाणं पंचण्हं अद्धमासाणं आणमंति वा पाणमंति वा, उससंति वा णीससंति वा, तेसिं णं देवा पंचहिं वाससहस्सेहिं आहारटे समुप्पज्जइ । संतेगइया भवसिद्धिया जीवा जे पंचहि भवग्गहणेहिं सिज्झिस्संति बुज्झिस्संति मुच्चिस्संति परिणिव्वाइस्संति सव्वदुक्खाणमंतं करिस्संति । छट्टो समवाओ १ छ लेसाओ पण्णत्ताओ, तं जहा- कण्हलेसा णीललेसा काउलेसा तेउलेसा पम्हलेसा सुक्कलेसा | छ जीवणिकाया पण्णत्ता, तं जहा-पुढवीकाए आउकाए तेउकाए वाउकाए वणस्सइकाए तसकाए | छविहे बाहिरे तवोकम्मे पण्णत्ते, तं जहा- अणसणे ऊणोयरिया वित्तीसंखेवो रसपरिच्चाओ कायकिलेसो संलीणया | छविहे अभिंतरे तवोकम्मे पण्णते, तं जहा- पायच्छित्तं विणओ वेयावच्वं सज्झाओ झाणं उस्सग्गो । छ छाउमत्थिया समुग्घाया पण्णत्ता, तं जहा- वेयणासमुग्घाए कसायसमुग्घाए मारणंतियसमुग्घाए वेठव्वियसमुग्घाए तेयसमुग्घाए आहारसमुग्घाए | छव्विहे अत्युग्गहे पण्णत्ते, तं जहा- सोइंदियअत्थुग्गहे चक्खुइंदियअत्थुग्गहे घाणिदियअत्थुग्गहे जिब्भिंदियअत्थुग्गहे फासिंदियअत्थुग्गहे णोइंदियअत्थुग्गहे। कत्तिया णक्खत्ते छतारे पण्णत्ते । असिलेसाणक्खत्ते छतारे पण्णत्ते । इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं छ पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता । तच्चाए णं पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं छ सागरोवमाई ठिई पण्णत्ता । असुरकुमाराणं देवाणं Page #12 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १ ર ४ ५ ६ समवायांग सूत्र अत्थेगइयाणं छ पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता । सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु अत्थेगइयाणं देवाणं छ पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता । सणंकुमार-माहिंदेसु कप्पेसु अत्थेगइयाणं देवाणं छ सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता। जे देवा सयंभुं सयंभुरमणं घोसं सुघोसं महाघोसं किट्ठिघोसं वीरं सुवीरं वीरगतं वीरसेणियं वीरावत्तं वीरप्पभं वीरकंतं वीरवण्णं वीरलेसं वीरज्झयं वीरसिंगं वीरसिहं वीरकूडं वीरुत्तरवडिंसगं विमाणं देवता उववण्णा तेसिं णं देवाणं उक्कोसेणं छ सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता | णं देवा छहं अद्धमासाणं आणमंति वा पाणमंति वा, ऊससंति वा णीससंति वा, तेसिं णं देवाणं छहिं वाससहस्सेहिं आहारट्ठे समुप्पज्जइ । संतेगइया भवसिद्धिया जीवा जे छहिं भवग्गहणेहिं सिज्झिस्संति बुज्झिस्संति मुच्चिस्संति परिणिव्वाइस्संति सव्वदुक्खाणमंतं करिस्संति । सत्तमो समवाओ सत्त भयट्ठाणा पण्णत्ता, तं जहा - इहलोगभए परलोगभए आदाणभए अकम्हाभए आजीवभए मरणभए असिलोगभए । सत्त समुग्धाया पण्णत्ता, तं जहा- वेयणासमुग्धाए कसायसमुग्धाए मारणंतियसमुग्घाए वेउव्वियसमुग्धाए तेयसमुग्धाए आहारसमुग्धाए केवलिसमुग्धाए । समणे भगवं महावीरे सत्त रयणीओ उड्ढं उच्चत्तेणं होत्था । इहेव जंबुद्दीवे दीवे सत्त वासहरपव्वया पण्णत्ता, तं जहा- चुल्लहिमवंते, महाहिमवंते, णिसढे, णीलवंते, रुप्पी, सिहरी, मंदरे । इहेव जंबुद्दीवे दीवे सत्त वासा पण्णत्ता, तं जहा- भरहे, हेमवए, हरिवासे, महाविदेहे, रम्मए, एरण्णवए, एरवए । खीणमोहेणं भगवया मोहणिज्जवज्जाओ सत्त कम्मपगडीओ वेइ । महाणक्खत्ते सत्ततारे पण्णत्ते । अभिईआइआ सत्तणक्खत्ता पुव्वदारिआ पण्णत्ता | अस्सिणी आइया सत्त णक्खत्ता दाहिणदारिआ पण्णत्ता । पुस्साइया सत्त णक्खत्ता उत्तरदारिया पण्णत्ता । साइआइया सत्त णक्खत्ता उत्तरदारिया पण्णत्ता । इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरड्याणं सत्त पलिओवमाई ठिई पण्णत्ता । तच्चाए णं पुढवीए णेरइयाणं उक्कोसेणं सत्त सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता । चउत्थीए णं पुढवी णेरइयाणं जहण्णेणं सत्त सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता । असुरकुमाराणं देवाणं अत्थेगइयाणं सत्त पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता । सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु अत्थेगइयाणं देवाणं सत्त पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता । सणंकुमारे कप्पे देवाणं उक्कोसेणं सत्त सागरोवमाई ठिई पण्णत्ता । माहिंदे कप्पे देवाणं उक्कोसेणं साइरेगाइं सत्त सागरोवमाई ठिई पण्णत्ता । 6 Page #13 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८ १ २ ४ ५ समवायांग सूत्र बंभलोए कप्पे देवाणं जहण्णेणं (साहिया) सत्त सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता । जे देवा समं समप्पभं महापभं पभासं भासुरं विमलं कंचणकूडं सणकुमारवडिंसगं विमाणं देवत्ताए उववण्णा, तेसिं णं देवाणं उक्कोसेणं सत्त सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता । ते णं देवा सत्तण्हं अद्धमासाणं आणमंति वा, पाणमंति वा, ऊससंति वा, णीससंति वा, तेसिं णं देवाणं सत्तहिं वाससहस्से हिं आहारट्ठे समुप्पज्जइ । |६ संतेगइया भवसिद्धिया जीवा जे णं सत्तहिं भवग्गहणेहिं सिज्झिस्संति बुज्झिस्संति मुच्चिस्संति परिणिव्वाइस्संति सव्वदुक्खाणमंतं करिस्संति । अमो समवाओ 3 अट्ठसमइ केवलिसमुग्धाए पण्णत्ते, तं जहा- पढमे समए दंड करेइ, बीए समए कवाडं करेड़, तइय समए मंथं करेइ, चउत्थे समए मंथंतराई पूरेइ, पंचमे समए मंथंतराइं पडिसाहरइ, छट्ठे समए मंथ पडिसाहरइ । सत्तमे समए कवाडं पडिसाहरइ, अट्ठमे समए दंडं पडिसाहरइ । ततो पच्छा सरीरत्थे भवइ । अट्ठ मयट्ठाणा पण्णत्ता तं जहा- जाइमए कुलमए बलमए रुवमए तवमए सुयमए लाभम इस्सरियमए । अट्ठ पवयणमायाओ पण्णत्ताओ, तं जहा- ईरियासमिई भासासमिई सणासम आयाणभंडमत्तणिक्खेवणासमिई उच्चार- पासवण - खेल - जल्ल-सिंघाण पारिट्ठावणियासमिई मणगुत्ती वयगुत्ती कायगुत्ती । वाणमंतराणं देवाणं चेइयरुक्खा अट्ठ जोयणाई उड्ढं उच्चत्तेणं पण्णत्ता । जंबू णं सुदंसणा अट्ठ जोयणाइं उड्ढं उच्चत्तेणं पण्णत्ता । कूडसामली णं गरुलावासे अट्ठ जोयणाइं उड्ढं उच्चत्तेणं पण्णत्ते । जंबुद्दीवस्स णं जगई अट्ठ जोयणाई उड्ढं उच्चत्तेणं पण्णत्ता । पासस्स णं अरहओ पुरिसादाणियस्स अट्ठ गणा अट्ठ गणहरा होत्था, तं जहा सुभे य सुभघोसे य वसिट्ठे बंभयारी य । सोमे सिरिधरे चेव वीरभद्दे जसे इ य ॥१॥ अट्ठ णक्खत्ता चंदेणं सद्धिं पमद्द जोगं जोएंति, तं जहा- कत्तिया, रोहणी, पुणव्वसू, महा, चित्ता, विसाहा, अणुराहा, जेट्ठा । इमीसे णं रयणप्पभीए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं अट्ठ पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता । चउत्थीए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं अट्ठ सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता । असुरकुमाराणं देवाणं अत्थेगइयाणं अट्ठ पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता । सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु अत्थेगइयाणं देवानं अट्ठ पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता । 7 Page #14 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८ संतेगइया भवसिद्धिया जीवा जे अट्ठहिं भवग्गहणेहिं सिज्झिस्संति बुज्झिस्संति मुच्चिस्संति परिणिव्वाइस्संति सव्वदुक्खाणमंतं करिस्संति । नवम समवाओ 1 १ णव बंभचेरगुत्तीओ पण्णत्ताओ तं जहा- णो इत्थि पसु - पंडगसंसत्ताणि सिज्जासणाणि सेवित्ता भवइ, णो इत्थीणं कहं कहित्ता भवइ, णो इत्थीणं ठाणाइं सेवित्ता भवइ, णो इत्थीणं इंदियाणि मणोहराइं मणोरमाइं आलोइत्ता णिज्झाइत्ता भवइ, णो पणीयरसभोई भवइ, णो पाणभोयणस्स अइमायाए आहारइत्ता भवइ, णो इत्थीणं पुव्वरयाइं पुव्वकीलियाई समरइत्ता भवइ, णो सद्दाणुवाई, णो रूवाणुवाई, णो गंधाणुवाई, णो रसाणुवाई, णो फासाणुवाई, णो सिलोगाणुवाई भवइ, णो सायासोक्खपडिबद्धे यावि भवइ । R 13 ४ 19 समवायांग सूत्र बंभलोए कप्पे अत्थेगइयाणं देवाणं अट्ठ सागरोवमाई ठिई पण्णत्ता । जे देवा अच्चिं, अच्चिमालि, वइरोयणं, पभंकरं, चंदाभं, सूराभं, सुपइट्ठाभं, अग्गिच्चाभं, रिट्ठाभं, अरुणाभं, अरुणुत्तरवडिंसगं विमाणं देवत्ताए उववण्णा तेसिं णं देवाणं उक्कोसेणं अट्ठ सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता । तेणं देवा अट्ठण्हं अद्धमासाणं आणमंति वा पाणमंति वा, ऊससंति वा णीससंति वा । तेसिं णं देवाणं अट्ठहिं वाससहस्सेहिं आहारट्ठे समुप्पज्जइ । ६ ७ णव बंभचेर अगुत्तीओ पण्णत्ताओ तं जहा- इत्थी - पसु -पंडगसंसत्ताणं सिज्जासणाणं सेवित्ता भवइ, इत्थीणं कहं कहित्ता भवइ, इत्थीणं ठाणाई सेवित्ता भवइ, इत्थीणं इंदियाणि मणोहराई मणोरमाइं आलोइत्ता णिज्झाइत्ता भवइ, पणीयरसभोई भवति, पाण-भोयणस्स अइमायाए आहारइत्ता भवइ, इत्थीणं पुव्वरयाइं पुव्वकीलियाई समरइत्ता भवइ, सद्दाणुवाई रूवाणुवाई गंधाणुवाई रसाणुवाई फासाणुवाई सिलोगाणुवाई भवइ, सायासुक्खपडिबद्धे यावि भवइ । णव बंभरा पण्णत्ता तं जहा सत्थपरिण्णा लोगविजयो, सीओसणिज्जं सम्मत्तं । आवंति धुत विमोहा, उवहाणसुयं महापरिण्णा॥१॥ पासे णं अरहा पुरिसादाणीए णव रयणीओ उड्ढं उच्चत्तेणं होत्था । अभीइणक्खत्ते साइरेगे णव मुहुत्ते चंदेण सद्धिं जोगं जोएड् । अभीजियाइया णव णक्खत्ता चंदस्स उत्तरेणं जोगं जोएंति, तं जहा- अभीइ सवणो जाव भरणी । इमीसे णं रयणप्पभाए बहुसमरमणिज्जाओ भूमिभागाओ णव जोयणसए उड्ढं अबाहाए उवरिल्ले तारारुवे चारं चरइ । जंबुद्दीवे णं दीवे णवजोयणिया मच्छा पविसिंसु वा पविसंति वा पविसिस्संति वा । विजयस्स णं दारस्स एगमेगाए बाहाए णव णव भोमा पण्णत्ता । वाणमंतराणं देवाणं सभाओ सुहम्माओ णव जोयणाई उड्ढं उच्चत्तेणं पण्णत्ताओ । 8 Page #15 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवायांग सूत्र दसणावरणिज्जस्स णं कम्मस्स णव उत्तरपगडीओ पण्णत्ताओ, तं जहा- णिद्दा, पयला, णिद्दाणिद्दा, पयलापयला, थीणद्धी, चक्खुदंसणावरणे, अचक्खु दंसणावरणे, ओहिदंसणावरणे, केवलदंसणावरणे । इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरड्याणं णव पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता । चउत्थीए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं णव सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता । असुरकुमाराणं देवाणं अत्थेगइयाणं णव पलिओवमाई ठिई पण्णत्ता । सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु अत्थेगइयाणं देवाणं णव पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता । बंभलोए कप्पे अत्थेगइयाणं देवाणं णव सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता | जे देवा पम्हं सुपम्हं पम्हावत्तं पम्हप्पभं पम्हकंतं पम्हवण्णं पम्हलेसं पम्हज्झयं पम्हसिंगं पम्हसिटुं पम्हकूडं पम्हुत्तरवडिंसगं; सुज्जं सुसुज्जं सुज्जावत्तं सुज्जपभं सुज्जकंत्तं सुज्जवण्णं सुज्जलेसं सज्जज्झयं सज्झसिंग सज्जसिटुं सज्जकडं सज्जत्तरवळिसगं; रुइल्लं रुइल्लावत्तं रुइल्लप्पभ रुइल्लकंतं रुइल्लवण्णं रुइल्ललेसं रुइल्लज्झयं रुइल्लसिंग रुइल्लसिटुं रुइल्लकूडं रुइल्लुत्तरवडिंसगं विमाणं देवत्ताए उव्वण्णा, तेसिं णं देवाणं णव सागरोवमाई ठिई पण्णत्ता | ते णं देवा णवण्हं अद्धमासाणं आणमंति वा पाणमंति वा, ऊससंति वा, णीससंति वा । तेसिं णं देवाणं णवहिं वाससहस्सेहिं आहारट्टे समुप्पज्जइ । अत्थेगइया भवसिद्धिया जीवा जे णवहिं भवग्गहणेहिं सिज्झिस्संति बुज्झिस्संति मुच्चिस्संति परिणिव्वाइस्संति सव्वदुक्खाणमंतं करिस्संति । ११/ दसमो समवाओ दसविहे समणधम्मे पण्णत्ते, तं जहा- खंती, मुत्ती, अज्जवे, मद्दवे, लाघवे, सच्चे, संजमे, तवे, चियाए, बंभचेरवासे । दस चित्तसमाहिट्ठाणा पण्णत्ता, तं जहा- १.धम्मचिंता वा से असमुप्पण्णपुव्वा समुप्पज्जिज्जा, सव्वं धम्मं जाणित्तए, २. सुमिणदंसणे वा से असमुप्पण्णपुव्वे समुप्पज्जिज्जा, अहातच्चं सुमिणं पासित्तए, ३. सण्णिणाणे वा से असमुप्पण्णपुव्वे समुप्पज्जिज्जा, पुव्वभवे सुमरित्तए, ४. देवदंसणे वा से असमुप्पण्णपुव्वे समुप्पज्जिज्जा, दिव्वं देविढिं दिव्वं देवजुइं दिव्वं देवाणुभावं पासित्तए, ५. ओहिणाणे वा से असमुप्पण्णपुव्वे समुप्पज्जिज्जा, ओहिणा लोगं जाणित्तए, ६. ओहिदंसणे वा से असमुप्पण्णपुव्वे समुप्पज्जिज्जा, ओहिणा लोगं पासित्तए, ७. मणपज्जवणाणे वा से असमुप्पण्णपुव्वे समुप्पज्जिज्जा, जाव अद्धतईयदीवसमुद्देसु सण्णीणं पंचिंदियाणं पज्जत्तगाणं मणोगए भावे जाणित्तए, ८. केवलणाणे वा से असमुप्पण्णपुव्वे समुप्पज्जिज्जा, केवलं लोयं जाणित्तए, ९. केवलदंसणे वा से असमुप्पण्णपुव्वे समुप्पज्जिज्जा, केवलं लोयं पासित्तए, १०. केवलिमरणं वा मरिज्जा सव्वदुक्खप्पहीणाए । Page #16 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवायांग सूत्र मंदरे णं पव्वए मूले दस जोयणसहस्साइं विक्खभेणं पण्णत्ते । __ अरिहा णं अरिद्वणेमी दस धणूई उड्ढं उच्चत्तेणं होत्था । कण्हे णं वासुदेवे दस धणूइं उड्ढं उच्चत्तेणं होत्था | रामे णं बलदेवे दस धणूई उड्ढं उच्चत्तेणं होत्था । दस णक्खत्ता णाणवुढिकरा पण्णत्ता, तं जहामिगसिर अद्दा पुस्सो, तिण्णि य पुव्वा य मूलमस्सेसा | हत्थो चित्तो य तहा, दस वुढिकराई णाणस्स || अकम्मभूमियाणं मणुआणं दसविहा रुक्खा उवभोगत्ताए उवत्थिया पण्णत्ता, तं जहामत्तंगया य भिंगा, तुडिअंगा दीव जोइ चित्तंगा । चित्तरसा मणिअंगा, गेहागारा अणिगिणा य ॥१॥ चउत्थीए पुढवीए दस णिरयावाससयसहस्साइं पण्णत्ताइं । इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए णेरइयाणं जहण्णेणं दस वाससहस्साइं ठिई पण्णत्ता | इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं दस पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता | चउत्थीए पुढवीए णेरइयाणं उक्कोसेणं दस सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता | पंचमीए पुढवीए णेरइयाणं जहण्णेणं दस सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता । असुरकुमाराणं देवाणं जहण्णेणं दस वाससहस्साइं ठिई पण्णत्ता । असुरिंदवज्जियाणं भोमिज्जाणं देवाणं जहण्णेणं दस वाससहस्साइं ठिई पण्णत्ता। असुरकुमाराणं देवाणं अत्थेगइयाणं दस पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता। बायरवणस्सइकाइयाणं उक्कोसेणं दस वाससहस्साई ठिई पण्णत्ता | वाणमंतराणं देवाणं जहण्णेणं दस वाससहस्साई ठिई पण्णत्ता । सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु अत्थेगइयाणं देवाणं दस पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता। बंभलोए कप्पे देवाणं उक्कोसेणं दस सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता । लंतए कप्पे देवाणं जहण्णेणं दस सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता । जे देवा घोसं सुघोसं महाघोसं णंदिघोसं सुसरं मणोरमं रम्मं रम्मगं रमणिज्जं मंगलावत्तं बंभलोगवडिंसगं विमाणं देवत्ताए उववण्णा तेसिं णं देवाणं उक्कोसेणं दस सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता | ते णं देवा दसण्हं अद्धमासाणं आणमंति वा, पाणमंति वा, ऊससंति वा, णीससंति वा, तेसिं णं देवाणं दसहिं वाससहस्सेहिं आहारट्टे समुप्पज्जइ । संतेगइया भवसिद्धिया जीवा जे दसहिं भवग्गहणेहिं सिज्झिसंति बुज्झिस्संति मुच्चिस्संति परिणिव्वाइस्संति सव्वदुक्खाणमंतं करिस्संति । 10 Page #17 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवायांग सूत्र एगारसमो समवाओ एक्कारस उवासगपडिमाओ पण्णत्ताओ, तं जहा- दंसणपडिमा, वयपडिमा, सामाइयपडिमा, पोसहपडिमा, काउसग्गपडिमा, बंभचेरपडिमा, सचित्तपरिण्णायपडिमा, आरंभपरिण्णायपडिमा, पेसपरिण्णायपडिमा, उद्दिट्ठभत्तपरिणायपडिमा, समणभूयपडिमा | लोगंताओ इक्कारस एक्कारे जोयणसए अबाहाए जोइसते पण्णत्ते । जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स एक्कारस एक्कवीसे जोयणसए अबाहाए जोइसे चारं चरइ । समणस्स णं भगवओ महावीरस्स एक्कारस गणहरा होत्था । तं जहा- इंदभूइ, अग्गिभूई, वायुभूई, विअत्ते, सुहम्मे, मंडिए, मोरियपुत्ते, अकंपिए, अयलभाए, मेअज्जे, पभासे । मूले णक्खत्ते एक्कारस तारे पण्णत्ते । हेट्ठिमगेविज्जयाणं देवाणं एक्कारसुत्तरं गेविज्जविमाणसयं भवइ त्ति मक्खायं । मंदरे णं पव्वए धरणितलाओ सिहरतले एक्कारस भागपरिहीणे उच्चत्तेणं पण्णत्ते ।। इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं एक्कारस पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता । पंचमीए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं एक्कारस सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता । असुरकुमाराणं देवाणं अत्थेगइयाणं एक्कारस पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता । सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु अत्थेगइयाणं देवाणं एक्कारस पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता । | लंतए कप्पे अत्थेगइयाणं देवाणं एक्कारस सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता । जे देवा बंभं सुबंभं बंभावत्तं बंभप्पभं बंभकंतं बंभवण्णं बंभलेसं बंभज्झयं बंभसिंग बंभसिटुं बंभकूडं बंभुत्तरवडिंसगं विमाणं देवताए उववण्णा तेसिं णं देवाणं एक्कारस सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता | ते णं देवा एक्कारसण्हं अद्धमासाणं आणमंति वा पाणमंत्ति वा, ऊससंति वा णीससंति वा । तेसिं णं देवाणं एक्कारसण्हं वाससहस्साणं आहारट्ठे समुपज्जइ । संतेगइया भवसिद्धिया जीवा जे एक्कारसहिं भवग्गहणेहिं सिज्झिस्संति बुज्झिस्संति मुच्चिस्संति परिणिव्वाइस्संति सव्वदुक्खाणमंतं करिस्संति । बारसमो समवाओ १ बारस भिक्खुपडिमाओ पण्णत्ताओ, तं जहा-मासिआ भिक्खुपडिमा, दो मासिआ भिक्खुपडिमा, तिमासिआ भिक्खुपडिमा, चउमासिआ भिक्खुपडिमा, पंचमासिआ भिक्खुपडिमा, छमासिआ भिक्खुपडिमा, सत्तमासिआ भिक्खुपडिमा, पढमा सत्तराइंदिया भिक्खुपडिमा, दोच्चा सत्तराइंदिया भिक्खुपडिमा, तच्चा सत्तराइंदिया भिक्खुपडिमा, अहोराइया भिक्खुपडिमा, एगराइया भिक्खुपडिमा । 11 Page #18 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 3 ४ 14 ६ فال ८ समवायांग सूत्र दुवालसविहे सम्भोगे पण्णत्ते, तं जहाउवही सुय भत्त पाणे, अंजली पग्गहे त्ति य । दायणे य णिकाए य, अब्भुट्ठाणे ति आवरे ॥१॥ किम्मस्स य करणे, वेयावच्चकरणे इ य । समोसरणं सण्णिसिज्जा य, कहाए य पबंधणे ॥२॥ दुवालसावत्ते किइकम्मे पण्णत्ते, तं जहादुहओणयं जहाजायं, किइकम्मं बारसावयं । चउसिरं तिगुत्तं च, दुपवेसं एगणिक्खमणं ॥१॥ विजया णं रायहाणी दुवालस जोयणसयसहस्साइं आयामविक्खंभेणं पण्णत्ता । रामे णं बलदेवे दुवालस वाससयाइं सव्वाउयं पालित्ता देवत्तं गए । मंदरस्स णं पव्वयस चूलिया मूले दुवाल जोयणाइं विक्खंभेणं पण्णत्ता । जंबुद्दीवस्स णं दीवस्स जगइ ( वेइया) मूले दुवालस जोयणाई विक्खंभेणं पण्णत्ता । सव्व जहण्णिया राई दुवालस मुहुत्तिआ पण्णत्ता एवं दिवसोवि णायव्वो । सव्वट्ठसिद्धस्स णं महाविमाणस्स उवरिल्लाओ थुभिअग्गाओ दुवालस जोयणाई उड्ढं उप्पइया ईसिपब्भार णामं पुढवी पण्णत्ता । ईसिपब्भाराए णं पुढवीए दुवालस णामधेज्जा पण्णत्ता । तं जहा- ईसि त्ति वा, ईसिपब्भारा ति वा, तणु इ वा, तणुयतरि त्ति वा, सिद्धि त्ति वा, सिद्धालए त्ति वा, मुत्ती त्ति वा, मुत्तालए त्ति वा, बंभे त्ति वा, बंभवडिंसए त्ति वा, लोगपडिपूरणे ति वा लोगग्गचूलिआई वा । इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं बारस पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता । पंचमीए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं बारस सागरोवमाई ठिई पण्णत्ता । असुरकुमाराणं देवाणं अत्थेगइयाणं बारस पनिओवमाई ठिई पण्णत्ता । सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु अत्थेगइयाणं देवाणं बारस पलिओ माई ठिई पण्णत्ता । लंतए कप्पे अत्थेगइयाणं देवाणं बारस सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता । जे देवा महिंद महिंदज्झयं कंबुं कंबुग्गीयं पुखं सुपुंखं महापुखं पुंडं सुपुंडं महापुडं णरिंदं णरिंदकतं णरिंदुत्तरवडिंसगं विमाणं देवताए उववण्णा, तेसिं णं देवाणं उक्कोसेणं बारस सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता । ते णं देवा बारसहं अद्धमासाणं आणमंति वा पाणमंति वा, उस्ससंति वा णीससंति वा । तेसिं णं देवाणं बारसहिं वाससहस्सेहिं आहारट्ठे समुप्पज्जइ । संतेगइया भवसिद्धिया जीवा जे बारसहिं भवग्गहणेहिं सिज्झिस्संति बुज्झिस्संति मुच्चिस्संति परिणिव्वाइस्संति सव्वदुक्खाणमंतं करिस्संति । 12 Page #19 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवायांग सूत्र तेरसमो समवाओ तेरस किरियाठाणा पण्णत्ता, तं जहा- अट्ठादंडे अणहादंडे हिंसादण्डे अकम्हादंडे दिद्विविपरियासियादंडे मसावायवत्तिए अदिण्णादाणवत्तिए अज्झत्थिए माणवत्तिए मित्तदोसवत्तिए मायावत्तिए लोभवत्तिए इरियावहिए णामं तेरसमे । सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु तेरस विमाणपत्थडा पण्णत्ता । सोहम्मवडिंसगे णं विमाणे अद्धतेरसजोयणसयसहस्साइं आयामविक्खभेणं पण्णत्ते । एवं ईसाण वडिंसगे वि | जलयर पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं अद्धतेरस जाइकुलकोडीजोणीपमुह सय सहस्साइं पण्णत्ता | पाणाउस्स णं पुव्वस्स तेरस वत्थू पण्णत्ता | गब्भवक्कंतिय पंचिदियतिरिक्खजोणियाणं तेरसविहे पओगे पण्णत्ते, तं जहा- सच्चमणपओगे मोसमणपओगे सच्चामोसमणपओगे असच्चामोसमणपओगे सच्चवइपओगे मोसवइपओगे सच्चामोसवइपओगे असच्चामोसवइपओगे;स्पेश ओरालियसरीरकायपओगे ओरालियमीससरीरकायपओगे वेउव्विय सरीरकायपओगे वेउव्वियमीसरीरकायपओगे कम्मासरीरकायपओगे | सुरमंडलं जोयणेणं तेरसेहिं एगसट्ठिभागेहिं जोयणस्स ऊणं पण्णत्ते । इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं तेरसपलिओवमाई ठिई पण्णत्ता | पंचमीए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं तेरस सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता । सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु अत्थेगइयाणं देवाणं तेरस पलिओवमाई ठिई पण्णत्ता । लंतए कप्पे अत्थेगइयाणं देवाणं तेरस सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता । जे देवा वज्जं सुवज्जं वज्जावत्तं वज्जप्पभं वज्जकंतं वज्जवण्णं वज्जलेसं वज्जरूवं वज्जसिंगं वज्जसिटुं वज्जकडं वज्जुत्तरवडिंसगं वरं वइरावत्तं वइरप्पभं वइरकंतं वइरवण्णं वइरलेसं वइवं वइरसिंगं वइरसिटुं वइरकूडं वइरुत्तरवडिंसगं लोगं लोगावत्तं लोगप्पभं लोगकंतं लोगवण्णं लोगलेसं लोगरूवं लोगसिंगं लोगसिटुं लोगकूडं लोगत्तरवडिंसगं विमाणं देवत्ताए उववण्णा । तेसिं णं देवाणं उक्कोसेणं तेरस सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता | ते णं देवा तेरसहिं अद्धमासेहिं आणमंति वा पाणमंति वा, उस्ससंति वा, णीससंति वा । तेसिं णं देवाणं तेरसहिं वाससहस्सेहिं आहारट्ठे समुप्पज्जइ। संतेगइया भवसिद्धिआ जीवा जे तेरसहिं भवग्गहणेहिं सिज्झिस्संति बुज्झिस्संति मुच्चिस्संति परिणिव्वाइस्संति सव्वदुक्खाएमंतं करिस्संति । Page #20 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवायांग सूत्र चउद्दसमो समवाओ चउद्दस भूयग्गामा पण्णत्ता, तं जहा- सुहुमा अपज्जत्तया, सुहुमा पज्जत्तया, बादरा अपज्जत्तया, बादरा पज्जत्तया, बेइंदिया अपज्जत्तया, बेइंदिया पज्जत्तया, तेइंदिया अपज्जत्तया, तेइंदिया पज्जत्तया, चउरिंदिया अपज्जत्तया, चउरिंदिया पज्जत्तया, पंचिंदिया असण्णि अपज्जत्तया, पचिंदिया असण्णिपज्जत्तया, पंचिंदिया सण्णिअपज्जत्तया, पंचिंदिया सण्णिपज्जत्तया। चउद्दस पुव्वा पण्णत्ता, तं जहाउप्पायपव्वमग्गेणियं च, तइयं च वीरियं पव्वं । अत्थीणत्थिपवायं, तत्तो णाणप्पवायं च ॥१॥ सच्चपवायं पुव्वं, तत्तो आयप्पवायपुव्वं च । कम्मप्पवायपुव्वं, पच्चक्खाणं भवे णवमं ॥२॥ विज्जाअणुप्पवायं, अबंझपाणाउ बारसं पव्वं । तत्तो किरियविसालं, पुव्वं तह बिंदुसारं च ॥३॥ अग्गेणिअस्स णं पुव्वस्स चउद्दस वत्थू पण्णत्ता | समणस्स णं भगवओ महावीरस्स चउद्दस समणसाहस्सीओ उक्कोसिया समणसंपया होत्था । कम्मविसोहिमग्गणं पडुच्च चउद्दस जीवट्ठाणा पण्णत्ता, तं जहा- मिच्छादिट्ठी, सासायण सम्मदिट्ठी, सम्मामिच्छदिट्ठी, अविरय सम्मदिट्ठी, विरयाविरए, पमत्तसंजए अप्पमत्तसंजए, णिअट्टिबायरे, अणिअट्टिबायरे, सुहुमसंपराए-उवसामए वा खवए वा, उवसंतमोहे, खीणमोहे, सजोगी केवली, अयोगी केवली । भरहेरवयाओ णं जीवाओ चउद्दस चउद्दस जोयणसहस्साइं चत्तारि य एगुत्तरे जोयणसए छच्च एगणवीसे भागे जोयणस्स आयामेणं पण्णत्ताओ । एग्गमेस्स णं रणो चाउरंतचक्कवट्टिस्स चउद्दस रयणा पण्णत्ता, तं जहा- इत्थीरयणे, सेणावइरयणे, गाहावइरयणे, पुरोहियरयणे, वड्ढइरयणे, आसरयणे, हत्थिरयणे, असिरयणे, दण्डरयणे, चक्करयणे, छत्तरयणे, चम्मरयणे, मणिरयणे, कागिणिरयणे । | जंबुद्दीवे णं दीवे चउद्दस महाणईओ पुव्वावरेण लवणसमुई समति, तं जहा- गंगा, सिंधू, रोहिआ, रोहिअंसा, हरी, हरिकंता, सीआ, सीओदा, णरकंता, णारीकंता, सुवण्णकूला, रुप्पकूला, रत्ता, रत्तवई । Page #21 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवायांग सूत्र इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं चउद्दस पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता | पंचमीए णं पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं चउद्दस सागरोवमाई ठिई पण्णत्ता । असुरकुमाराणं देवाणं अत्थेगइयाणं चउद्दस पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता । सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु अत्थेगइयाणं देवाणं चउद्दस पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता | लंतए कप्पे देवाणं उक्कोसेणं चउद्दस सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता । महासुक्के कप्पे देवाणं जहण्णेण चउद्दस सागरोवमाई ठिई पण्णत्ता। जे देवा सिरिकंतं सिरिमहिअं सिरिसोमणसं लंतयं काविढं महिंदं महिंदकंतं महिंदुत्तरवडिंसगं विमाणं देवत्ताए उववण्णा तेसिं णं देवाणं उक्कोसेणं चउद्दस सागरोवमाई ठिई पण्णत्ता | ते णं देवा चउद्दसहिं अद्धमासेहिं आणमंति वा, पाणमंति वा, उस्ससंति वा, णीससंति वा, तेसिं णं देवाणं चउद्दहिं वाससहस्सेहिं आहारट्टे समुप्पज्जइ। संतेगइया भवसिद्धया जीवा जे चउद्दसहिं भवग्गहणेहिं सिज्झिस्संति बुज्झिस्संति मुच्चिस्संति परिणिव्वाइस्संति सव्वदुक्खाणमंतं करिस्संति । पण्णरसो समवाओ पण्णरस परमाहम्मिआ पण्णत्ता, तं जहाअंबे अंबरिसी चेव, सामे सबलेत्ति यावरे । रुद्दो वरुद्द काले य, महाकालेत्ति यावरे || १ || असिपत्ते धणु कुम्भे, वालुए वेयरणी ति य । खरस्सरे महाघोसे, एते पण्णरसाहिआ || २ || णमी णं अरहा पण्णरस धणूइं उड्ढं उच्चत्तेणं होत्था । धुवराहू णं बहुलपक्खस्स पडिवए पण्णरसभागं पण्णरस भागेणं चंदस्सलेसं आवरेत्ताण चिट्ठइ । तं जहा- पढमाए पढमं भागं, बीआए भागं, तइआए तिभागं, चउत्थीए चउभाग, पंचमीए पंचभागं, छट्ठीए छभागं, सत्तमीए सत्तभागं, अट्ठमीए अट्ठभागं, णवमीए णवभागं, दसमीए दसभागं, एक्कारसीए एक्कारसभागं, बारसीए बारसभागं, तेरसीए तेरसभागं, चउद्दसीए चउद्दसभागं, पण्णरसेस पणरसभागं । तं चेव सुक्कपक्खस्स य उवदंसेमाणे उवदंसेमाणे चिट्ठइ। तं जहा- पढमाए पढमभागं जाव पण्णरसेसु पण्णरसभागं उवदंसेमाणे उवदंसेमाणे चिट्ठइ । छ णक्खत्ता पण्णरसमुहत्तसंजुत्ता, तं जहासतभिसय भरणि अद्दा, असलेसा साई तहा जेट्ठा । एते छण्णक्खत्ता पण्णरसमुहुत्तसंजुत्ता || १ || ४ Page #22 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवायांग सूत्र चेत्तासोएसु णं मासेसु पणणरसमुहुत्तो दिवसो भवति । एवं चेत्तासोयमासेसु पण्णरसमुहुत्ता राई भवति । विज्जाअणुप्पवायस्स णं पुव्वस्स पण्णरस वत्थू पप्णत्ता । मणसाणं पण्णरसविहे पओगे पण्णत्ते, तं जहा-सच्चमणपओगे, मोसमणपओगे, सच्चमोसमणपओगे, असच्चामोसमणपओगे, सच्चवइपओगे, मोसवइपओगे, सच्चमोसवइपओगे, असच्चामोसवइपओगे, ओरालिय सरीरकायपओगे, ओरालियमीस-सरीरकायपओगे, वेउव्विय सरीरकायपओगे, वेउव्विय मीससरीकाय पओगे, आहारय सरीरकायपओगे, आहारयमीस सरीरकायप्पओग, कम्मय सरीरकायप्पओगे | इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए अत्थेगइआणं णेरइयाणं पण्णरस पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता । पंचमाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं पण्णरस सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता | असुरकुमाराणं देवाणं अत्थेगइआणं पण्णरस पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता। सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु अत्थेगइआणं देवाणं पण्णरस पलिओवमाई ठिई पण्णत्ता । महासुक्के कप्पे अत्थेगइआणं देवाणं पण्णरस सागरोवमाई ठिई पण्णत्ता। जे देवा गंदं सुणंदं णंदावत्तं गंदप्पभं णंदकंतं गंदवण्णं णंदलेसं गंदज्झयं णंदसिंगं गंदसिटुं गंदकूडं णंदुत्तरवडिंसगं विमाणं देवत्ताए उववण्णा, तेसि णं देवाणं उक्कोसेणं पण्णरस सागरोवमाई ठिई पण्णत्ता | ते णं देवा पण्णरसण्हं अद्धमासाणं आणमंति वा, पाणमंति वा, उस्ससंति वा, णीससंति वा । तेसि णं देवाणं पण्णरसहिं वाससहस्सेहिं आहारट्ठे समुप्पज्जइ । संतेगइआ भवसिद्धिया जीवा जे पण्णरसहिं भवग्गहणेहि सिज्झिस्संति बुज्झिस्संति मुच्चिस्संति परिणिव्वाइस्संति सव्वदुक्खाणमंतं करिस्संति । सोलसमो समवाओ । सोलस य गाहा-सोलसगा पण्णत्ता । तं जहा- समए वेयालिए उवसग्गपरिण्णा इत्थीपरिण्णा णिरयविभत्ती महावीरथुई कुसीलपरिभासिए वीरिए धम्मे समाही मग्गे समोसरणे आहातहिए गंथे जमईए गाहा । सोलस कसाया पण्णत्ता । तं जहा- अणंताणुबंधी कोहे, अणंताणुबंधी माणे, अणंताणुबंधी माया, अणंताणबंधी लोभे; अपच्चक्खाणकसाए कोहे, अपच्चक्खाणकसाए माणे, अपच्चक्खाणकसाए माया, अपच्चक्खाणकसाए लोभे, पच्चक्खाणावरणे कोहे, पच्चक्खाणावरणे माणे, पच्चक्खाणावरणा माया, पच्चक्खाणावरणे लोभे; संजलणे कोहे, संजलणे माणे, संजलणा माया, संजलणे लोभे । मंदरस्स णं पव्वयस्स सोलस णामधेया पण्णत्ता, तं जहा 16 Page #23 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४ समवायांग सूत्र मंदर मेरु मणोरम, सुदंसण सयंपर्भ य गिरिराया । रयणुच्चय पियदंसण, मज्झे लोगस्स णाभी य ॥१॥ अत्थे य सूरिआवत्ते, सूरिआवरणे त्ति य । उत्तरे य दिसाई य, वडिंसे इय सोलसे ॥२॥ पासस्स णं अरहओ पुरिसादाणीयस्स सोलस समणसाहस्सीओ उक्कोसिआ समणसंपदा होत्था । आयप्पवायस्स णं पुव्वस्स सोलस वत्थू पण्णत्ता । चमरबलीणं ओवारियालेणे सोलस जोयणसहस्साइं आयामविक्खंमेणं पण्णत्ते । लवणे णं समुद्दे सोलस जोयणसहस्साइं उस्सेहपरिवुड्ढीए पण्णत्ते । इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं सोलस पलिओवमाई ठिई पण्णत्ता । पंचमाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं सोलस सागरोवमाई ठिई पण्णत्ता । असुरकुमाराणं देवाणं अत्थेगइयाणं सोलस पलिओवमाई ठिई पण्णत्ता । सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु अत्थेगइयाणं देवाणं सोलस पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता । महासुक्के कप्पे देवाणं अत्थेगइयाणं सोलस सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता । जे देवा आवत्तं विआवत्तं नंदिआवत्तं महाणंदिआवत्तं अंकुसं अंकुसपलंबं भद्दं सुभद्दं महाभद्दं सव्वओभद्दं भद्दुत्तरवडिंसगं विमाणं देवत्ताए उववण्णा तेसि णं देवाणं उक्कोसेणं सोलस सागरोवमाई ठिई पण्णत्ता । ते णं देवा सोलसण्हं अद्धमासाणं आणमंति वा पाणमंति वा, उस्ससंति वा, णीससंति वा । तेसि णं देवाणं सोलसवाससहस्सेहिं आहारट्ठे समुप्पज्जइ । संतेगइआ भवसिद्धिआ जीवा जे सोलसहिं भवग्गहणेहिं सिज्झिस्संति बुज्झिस्संति मुच्चिस्संति परिणिव्वाइस्संति सव्वदुक्खाणमंतं करिस्संति । सत्तरमो समवाओ सत्तरसविहे असंजमे पण्णत्ते, तं जहा- पुढविकाय असंजमे, आउकाय असंजमे, तेउकाय असंजमे, वाउकाय असंजमे, वणस्सइकाय असंजमे, बेइंदिय असंजमे, तेइंदिय असंजमे, चउरिंदिय असंजमे, पंचिंदिय असंजमे, अजीवकाय असंजमे, पेहा असंजमे, उवेहा असंजमे, अवहट्टु असंजमे, अप्पमज्जणा असंजमे, मण असंजमे, वइ असंजमे, काय असंजमे । सत्तरसविहे संजमे पण्णत्ते, तं जहा- पुढविकायसंजमे, आउकायसंजमे, तेउकायसंजमे, वाउकायसंजमे, वणस्सइकायसंजमे, बेइंदियसंजमे, तेइंदियसंजमे, चउरिंदियसंजमे, पंचिंदियसंजमे, अजीवकायसंजमे, पेहासंजमे, उवेहासंजमे, अवहट्टुसंजमे, पमज्जणासंजमे, मणसंजमे, वइसंजमे, काय जमे । 17 Page #24 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवायांग सूत्र माणसत्तरे णं पव्वए सत्तरस एक्कवीसे जोयणसए उड्ढं उच्चत्तेणं पण्णत्ते। सव्वेसि पि णं वेलंधर-अणुवेलंधर णागराईणं आवासपव्वया सत्तरस एक्कवीसाइं जोयणसयाई उड्ढं उच्चत्तेणं पण्णत्ता । लवणे णं समुद्दे सत्तरस जोयणसहस्साइं सव्वग्गेणं पण्णत्ते । इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए बहुसमरमणिज्जाओ भूमिभागाओ साइरेगाइं सत्तरस जोयणसहस्साइं उड्ढं उप्पइत्ता तओ पच्छा चारणाणं तिरिआ गई पवत्तइ । चमरस्स णं असुरिंदस्स असुररण्णो तिगिछिकूडे उप्पायपव्वए सत्तरस एक्कवीसाइं जोयणसयाई उड्ढं उच्चत्तेणं पण्णत्ते । बलिस्स णं अरिंदस्स रुअगिंदे उप्पायपव्वए सत्तरस एक्कवीसाइं जोयणसयाई उड्ढं उच्चत्तेणं पण्णत्ते। सत्तरसविहे मरणे पण्णत्ते, तं जहा- आवीईमरणे ओहिमरणे आयंतियमरणे वलयमरणे वसट्टमरणे अंतोसल्लमरणे तब्भवमरणे बालमरणे पंडितमरणे बालपंडितमरणे छउमत्थमरणे केवलिमरणे वेहाणसमरणे गिद्धपिट्ठमरणे भत्तपच्चक्खाणमरणे इंगिणिमरणे पाओवगमण मरणे | सुहमसंपराए णं भगवं सुहमसंपरायभावे वट्टमाणे सत्तरस कम्मपगडीओ णिबंधति । तं जहा आभिणिबोहियणाणावरणे सुयणाणावरणे ओहिणाणावरणे मणपज्जवणाणावरणे केवलणाणावरणे चक्खुदंसणावरणे अचक्खुदंसणावरणे ओहिदंसणावरणे केवलदंसणावरणे सायावेयणिज्जं जसोकित्तिणामं उच्चागोयं दाणंतरायं लाभंतरायं भोगंतरायं उवभोगंतरायं वीरिअंतरायं । इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं सत्तरस पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता | पंचमीए पुढवीए णेरइयाणं उक्कोसेणं सत्तरस सागरोवमाई ठिई पण्णत्ता । छट्ठीए पुढवीए णेरइयाणं जहण्णेणं सत्तरस सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता । असुरकुमाराणं देवाणं अत्थेगइयाणं सत्तरस पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता | सोहम्मीसाणेस् कप्पेस् अत्थेगइयाणं देवाणं सत्तरस पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता । महासुक्के कप्पे देवाणं उक्कोसेणं सत्तरस सागरोवमाई ठिई पण्णत्ता | सहस्सारे कप्पे देवाणं जहण्णेणं सत्तरस सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता । जे देवा सामाणं सुसामाणं महासामाणं परमं महापउमं कुमुदं महाकुमुदं णलिणं महाणलिणं पोंडरीअं महापोंडरीअं सुक्कं महासक्कं सीहं सीहकंतं सीहबीअं भाविअं विमाणं देवत्ताए उववण्णा, तेसि णं देवाणं उक्कोसेणं सत्तरस सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता । ते णं देवा सत्तरसहिं अद्धमासेहिं आणमंति वा पाणमंति वा, उस्ससंति वा णीससंति वा । तेसि णं देवाणं सत्तरसहिं वाससहस्सेहिं आहारट्ठे पज्जइ । संतेगइया भवसिद्धिया जीवा जे सत्तरसहिं भवग्गहणेहिं सिज्झिस्संति बुज्झिस्संति मुच्चिस्संति परिणिव्वाइस्संति सव्वदुक्खाणमंतं करिस्संति । P 18 Page #25 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवायांग सूत्र अढारसमो समवाओ अट्ठारसविहे बंभे पण्णत्ते, तं जहा- ओरालिए कामभोगे णेव सयं मणेणं सेवइ, णो वि अण्णं मणेणं सेवावेइ, मणेणं सेवंतंपि अण्णं ण समणजाणाइ, ओरालिए कामभोगे णेव सयं वायाए सेवइ, णो वि अण्णं वायाए सेवावेइ, वायाए सेवंतंपि अण्णं ण समणुजाणाइ, ओरालिए कामभोगे णेव सयं काएणं सेवइ, णो वि अण्णं कारणं सेवावेइ, कारणं सेवंतंपि अण्णं ण समाजाणाइ, दिव्वे कामभोगे णेव सयं मणेणं सेवइ, णो वि अण्णं मणेणं सेवावेइ, मणेणं सेवंतंपि अण्णं ण समणजाणाइ, दिव्वे कामभोगे णेव सयं वायाए सेवइ, णो वि अण्णं वायाए सेवावेइ, वायाए सेवंतंपि अण्णं ण समणुजाणाइ, दिव्वे कामभोगे णेव सयं काएणं सेवइ, णो वि अण्णं काएणं सेवावेइ, कारणं सेवंतंपि अण्णं ण समणुजाणाइ । अरहओ णं अरिट्ठणेमिस्स अट्ठारस समणसाहस्सीओ उक्कोसिया समणसंपया होत्था | समणेणं भगवया महावीरेणं समणाणं णिग्गंथाणं यविअत्ताणं अट्ठारस ठाणा पण्णत्ता । तं जहावयछक्कं कायछक्कं, अकप्पो गिहिभायणं । पलियंक निसिज्जा य, सिणाणं सोहवज्जणं || आयारस्स णं भगवतो सचूलियागस्स अट्ठारस पयसहस्साई पयग्गेणं पण्णत्ता। बंभीए णं लिवीए अट्ठारसविहे लेखविहाणे पण्णत्ते । तं जहा- बंभी, जवणालिया, दोसऊरिया, खरोट्ठिया, खरसाविआ, पहाराइया, उच्चत्तरिआ, अक्खरपुढ़िया, भोगवइया, वेणइया, णिण्हइया, अंकलिवी, गणियलिवी, गंधव्वलिवी, आयंसलिवी, माहेसरीलिवी, दामिली, पोलिंदी। अत्थिणत्थिप्पवायस्स णं पुव्वस्स अट्ठारस वत्थू पण्णत्ता । धूमप्पभा णं पुढवी अट्ठारसुत्तरं जोयणसयसहस्सं बाहल्लेणं पण्णत्ता। पोसासाढेसु णं मासेस् सइ उक्कोसेणं अट्ठारसमुहत्ते दिवसे भवइ, सइ उक्कोसेणं अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ । इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं अट्ठारस पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता । छवीए पढवीए अत्थेगइयाणं णेरड़याणं अद्वारस सागरोवमाई ठिई पण्णत्ता । असरकमाराणं देवाणं अत्थेगइयाणं अट्ठारस पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता। सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु अत्थेगइयाणं देवाणं अट्ठारस पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता | सहस्सारे कप्पे देवाणं उक्कोसेणं अट्ठारस सागरोवमाई ठिई पण्णत्ता। اکیب | आणए कप्पे देवाणं जहण्णेणं अट्ठारस सागरोवमाई ठिई पण्णत्ता । जे देवा कालं सुकालं महाकालं अंजणं रिटं सालं समाणं दुमं महादुमं विसालं सुसालं पउमं पउमगुम्मं कुमुदं कुमुदगुम्म णलिणं णलिणगुम्म पुंडरीअं पुंडरीयगुम्म सहस्सारवडिंसगं विमाणं देवत्ताए उववण्णा तेसि णं देवाणं उक्कोसेणं अट्ठारस सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता । ते णं देवाणं अट्ठारसहिं अद्धमासेहिं 19 Page #26 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवायांग सूत्र आणमंति वा, पाणमंति वा, ऊससंति वा, णीससंति वा । तेसि णं देवाणं अट्ठारस वाससहस्सेहिं आहारट्टे समुप्पज्जइ । ८ संतेगइआ भवसिद्धिया जीवा जे अट्ठारसहिं भवग्गहणेहिं सिज्झिस्संति बुज्झिस्संति मुच्चिस्संति परिणिव्वाइस्संति सव्वदुक्खाणमंतं करिस्संति । एगूणवीसमो समवाओ एगूणवीसं णायज्झयणा पण्णत्ता, तं जहाउक्खित्तणाए संघाडे, अंडे कुम्मे ए सेलए | तुंबे य रोहिणी मल्ली, मागंदी चंदिमाइ य ॥१॥ दावद्दवे उदगणाए, मंडुक्के तेतली इ य । णंदिफले अवरकंका, आइण्णे सुसमा इ य ॥२॥ अवरे य पोण्डरीए, णाए एगूणवीसइमे । जंबूदीवे णं दीवे सूरिआ उक्कोसेणं एगूणवीसं जोयणसयाई उड्ढमहो तवयंति। सुक्के णं महग्गहे अवरेणं उदिए समाणे एगूणवीसं णक्खत्ताइं समं चारं चरित्ता अवरेणं अत्थमणं उवागच्छन् । जंबुद्दीवस्स णं दीवस्स कलाओ एगूणवीसं छेअणाओ पण्णत्ताओ । एगूणवीसं तित्थयरा अगारवासमज्झे वसित्ता मुंडे भवित्ता णं अगाराओ अणगारियं पव्वइआ । इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए अत्थेगइआणं णेरइयाण एगूणवीसपलिओवमाई ठिई पण्णत्ता | छट्ठीए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरयाणं एगूणवीस सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता | असुरकुमाराणं देवाणं अत्थेगइयाणं एगूणवीसपलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता। सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु अत्थेगइयाणं देवाणं एगूणवीसपलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता। आणयकप्पे देवाणं उक्कोसेणं एगूणवीससागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता | पाणए कप्पे देवाणं जहण्णेणं एगूणवीससागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता। जे देवा आणतं पाणतं णतं विणतं घणं सुसिरं इंदं इंदोकंतं इंदुत्तरवडिंसगं विमाणं देवत्ताए उववण्णा तेसि णं देवाणं उक्कोसेणं एगूएवीससागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता। ते णं देवा एगूणवीसाए अद्धमासाणं आणमंति वा, पाणमंति वा, उस्ससंति वा णीससंति वा, तेसि णं देवाणं एगूणवीसाए वाससहस्सेहिं आहारहे सम्प्पज्जइ । संतेगइआ भवसिद्धिया जीवा जे एगूणवीसाए भवगहणेहिं सिज्झिस्संति बुज्झिस्संति मुच्चिस्संति परिणिव्वाइस्संति सव्वदुक्खाणमंतं करिस्संति । ८ 20 Page #27 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [ 3 ४ १ समवायांग सूत्र वीसइमो समवाओ वीसं असमाहिठाणा पण्णत्ता, तं जहा - १. दवदवचारि यावि भवइ, २. अपमज्जियचारि यावि भवइ, ३. दुप्पमज्जियचारि यावि भवइ, ४. अतिरित्तसेज्जासणिए, ५. राइणियपरिभासी, ६. थेरोवघाइए, ७. भूओवघाइए, ८. संजलणे, ९. कोहणे, १० पिट्ठिमंसिए, ११. अभिक्खणं अभिक्खणं ओहारइत्ता भवइ, १२. णवाणं अधिकरणाणं अणुप्पण्णाणं उप्पापत्ता भवइ, १३. पोराणाणं अधिकरणाणं खामिअ विउसविआणं पुणोदीरेत्ता भवइ, १४. ससरक्खपाणिपाए, १५. अकालसज्झायकारए यावि भवइ, १६. कलहकरे, १७. सद्दकरे, १८. झंझकरे, १९. सूरप्पमाणभोई, २०. एसणा असमिए यावि भवइ । मुणिसुव्व णं अरहा वीसं धणूइं उड्ढं उच्चत्तेणं होत्था । सव्वेवि य घणोदही वीसं जोयणसहस्साइं बाहल्लेणं पण्णत्ता । पाणयस्स णं देविंदस्स देवरण्णो वीसं सामाणियसाहस्सीओ पण्णत्ताओ । णपुंसयवेयणिज्जस्स णं कम्मस्स वीसं सागरोवमकोडाकोडीओ बंधओ बंधठिई पण्णत्ता । पच्चक्खाणस्स णं पुव्वस्स वीसं वत्थू पण्णत्ता । उस्सप्पिणिओसप्पिणिमंडले वीसं सागरोवम कोडाकोडीओ कालो पण्णत्तो । इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं वीसं पलिओवमाई ठिई पण्णत्ता । छट्टीए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं वीसं सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता । असुरकुमाराणं देवाणं अत्थेगइयाणं वीसं पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता | सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु अत्थेगइयाणं देवाणं वीसं पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता । पाणए कप्पे देवाणं उक्कोसेणं वीसं सागरोवमाई ठिई पण्णत्ता । आरणे कप्पे देवाणं जहण्णेणं वीसं सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता । जे देवा सायं विसायं सुविसायं सिद्धत्थं उप्पलं भित्तिलं, तिगिच्छं दिसासोवत्थियं पलंबं रुइलं पुप्फं सुपुप्फं पुप्फावत्तं पुप्फपभं पुप्फकंतं पुप्फवण्णं पुप्फलेसं पुप्फज्झयं पुप्फसिंगं पुप्फसिहं पुप्फकूडं पुप्फुत्तरवडिंसगं विमाणं देवत्ताए उववण्णा तेसि णं देवाणं उक्कोसेणं वीसं सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता । ते णं देवा वीसा अद्धमासाणं आणमंति वा, पाणमंति वा, उस्ससंति वा, णीससंति वा, तेसिं णं देवाणं वीसाए वाससहस्सेहिं आहारट्ठे समुप्पज्जइ । संतेगइआ भवसिद्धिआ जीवा जे वीसाए भवग्गहणेहिं सिज्झिस्संति बुज्झिस्संति मुच्चिस्संति परिणिव्वाइस्संति सव्वदुक्खाणमंतं करिस्सति । एक्कवीसइमो समवाओ एक्कवीसं सबला पण्णत्ता, तं जहा- १. हत्थकम्मं करेमाणे सबले २. मेहुणं पडिसेवमाणे सबले ३. राइभोयणं भुंजमाणे सबले ४. आहाकम्मं भुंजमाणे सबले ५. सागारियंपिंड भुंजमाणे सबले ६. उद्देसियं कीयं अभिहडं आहट्टु दिज्जमाणं भुंजमाणे सबले ७. अभिक्खणं पडियाइक्खेत्ताणं 21 Page #28 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवायांग सूत्र भंजमाणे सबले ८. अंतो छण्हं मासाणं गणाओ गणं संकममाणे सबले ९. अंतो मासस्स तओ दगलेवे करेमाणे सबले १०. अंतो मासस्स तओ माईठाणे सेवमाणे सबले ११. रायपिंडं भुंजमाणे सबले १२. आउट्टियाए पाणाइवायं करेमाणे सबले १३. आउट्टिआए मुसावायं वयमाणे सबले १४. आउट्टियाए अदिण्णादाणं गिण्हमाणे सबले १५. आउट्टियाए अणंतरहिआए पुढवीए ठाणं वा सिज्ज णिसीहियं वा चेएमाणे सबले १६. आउट्टियाए ससिणिद्धाए पुढवीए ससरक्खाए पुढवीए ठाणं वा सिज्जं वा निसीहियं वा चेएमाणे सबले १७. आउट्टियाए चित्तमंताए पुढवीए, चित्तमंताए सिलाए, चित्तमंताए लेलुए कोलावासंसि वा दारुए जीवपइट्ठिए, सअंडे सपाणे सबीए सहरिए सउत्तिंगे पणग-दग-मट्टी-मक्कडासंताणए ठाणं वा सिज्जं वा निसीहियं वा चेएमाणे सबले १८. आउट्टिआए मूलभोयणं वा कंदभोयणं वा खंदभोयणं वा तयाभोयणं वा, पवालभोयणं वा पत्तभोयणं वा पुप्फभोयणं वा फलभोयणं वा बीयभोयणं वा हरियभोयणं वा भुंजमाणे सबले १९. अंतो संवच्छरस्स दस दगलेवे करेमाणे सबले २०. अंतो संवच्छरस्स दस माइठाणाई सेवमाणे सबले २१. अभिक्खणं अभिक्खणं सीओदय वियडवग्घारियपाणिणा असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइम वा पडिगाहित्ता भंजमाणे सबले । णिअट्टिबादरस्स णं खवियसत्तयस्स मोहणिज्जस्स कम्मस्स एक्कवीसं कम्मंसा संतकम्मा पण्णत्ता, तं जहा- अपच्चक्खाणकसाए कोहे, अपच्चक्खाणकसाए माणे, अपच्चक्खाणकसाए माया, अपच्चक्खाणकसाए लोभे, पच्चक्खाणावरणकसाए कोहे, पच्चक्खाणावरणकसाएमाणे, पच्चक्खाणावरणकसाए माया, पच्चक्खाणा- वरणकसाए लोहे, संजलणकसाए कोहे, संजलणकसाए माणे, संजलणकसाए माया, संजलणकसाए लोहे, इत्थिवेदे पुंवेदे णपुंसगवेदे हासे अरति-रति-भयसोग-ढुंगुछा। एक्कमेक्काए णं ओसप्पिणीए पंचम-छट्ठाओ समाओ एक्कवीसं एक्कवीसं वाससहस्साइं कालेणं पण्णत्ताओ, तं जहा-दूसमा, दूसमसमा। एगमेगाए णं उस्सप्पिणीए पढम-बितिआओ समाओ एक्कवीसं एक्कवीसं वाससहस्साई कालेणं पण्णत्ताओ, तं जहा- दूसमसमाए, दूसमाए य | ४ इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं एक्कवीसं पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता | छट्ठीए पुढवीए अत्थेगइयाणं नेरइयाणं एक्कवीसं सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता | असुरकुमाराणं देवाणं अत्थेगइयाणं एगवीसं पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता | सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु अत्थेगइयाणं देवाणं एक्कवीसं पलिओवमाई ठिई पण्णत्ता | आरणे कप्पे देवाणं उक्कोसेणं एक्कवीसं सागरोवमाई ठिई पण्णत्ता । |y अच्चुते कप्पे देवाणं जहण्णेणं एक्कवीसं सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता। जे देवा सिरिवच्छं सिरिदामकंडं मल्लं किट्ठे चावोण्णतं अरण्णवडिंसगं विमाणं देवत्ताए उववण्णा, तेसि णं देवाणं एक्कवीसं सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता | ते णं देवा एक्कवीसाए अद्धमासाणं आणमंति वा, 22 Page #29 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवायांग सूत्र पाणमंति वा, ऊससंति वा, णीससंति वा । तेसिं णं देवाणं एक्कवीसाए वाससहस्सेहिं आहारट्टे समुप्पज्जइ । संतेगइया भवसिद्धिया जीवा जे एक्कवीसाए भवग्गहणेहिं सिज्झिस्संति बुज्झिस्संति मुच्चिस्संति परिणिव्वाइस्संति सव्वदुक्खाणमंतं करिस्संति । बावीसइमो समवाओ | om बावीस परीसहा पण्णत्ता, तं जहा- १. दिगिंछापरीसहे २. पिवासापरीसहे ३. सीयपरीसहे ४. उसिणपरीसहे ५. दंसमसगपरीसहे ६. अचेलपरीसहे ७. अरइपरीसहे ८. इत्थीपरीसहे ९. चरियापरीसहे १०. णिसीहियापरीसहे ११. सिज्जापरीसहे १२. अक्कोसपरीसहे १३. वहपरीसहे १४. जायणापरीसहे १५. अलाभपरीसहे १६. रोगपरीसहे १७. तणफासपरीसहे १८. जल्लपरीसहे १९.सक्कारपुरक्कारपरीसहे २०. पण्णापरीसहे २१. अण्णाणपरीसहे २२. दंसणपरीसहे । दिद्विवायस्स णं बावीसं सत्ताई छिण्णछेय णइयाई ससमय सुत्तपरिवाडीए, बावीसं सुत्ताई अच्छिण्ण- छेय-णइयाइं आजीवियसुत्तपरिवाडीए, बावीसं सुत्ताइं तिकणइयाई तेरासियसुत्तपरिवाडीए, बावीसं सुत्ताई, चउक्कणइयाइं ससमय सुत्तपरिवाडीए | बावीसविहे पोग्गलपरिणामे पण्णत्ते, तं जहा- कालवण्णपरिणामे, णीलवण्णपरिणामे, लोहियवण्णपरिणामे, हलिद्दवण्णपरिणामे, सुक्किल्लवण्णपरिणामे, सुब्भिगंधपरिणामे, दुब्भिगंधपरिणामे तित्तरसपरिणामे, कडुयरसपरिणामे, कसायरसपरिणामे, अंबिलरसपरिणामे, महररसपरिणामे, कक्खडफासपरिणामे, मउयफासपरिणामे, गुरुफासपरिणामे, लहफासपरिणामे, सीतफासपरिणामे, उसिणफासपरिणामे णिद्धफासपरिणामे लुक्खफासपरिणामे, अगुरुलहुफासपरिणामे, गुरुलहुफासपरिणामे । इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरड्याणं बावीसं पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता । छट्ठीए पुढवीए उक्कोसेणं बावीसं सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता । अहेसत्तमाए पुढवीए णेरइयाणं जहण्णेणं बावीसं सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता । असुरकुमाराणं देवाणं अत्थेगइयाणं बावीसं पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता | सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु अत्थेगइयाणं देवाणं बावीसं पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता । ३ अच्चुए कप्पे देवाणं उक्कोसेणं बावीसं सागरोवमाई ठिई पण्णत्ता | हेहिम- हेहिम- गेवेज्जगाणं देवाणं जहण्णेणं बावीसं सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता। जे देवा महियं विसूहियं विमलं पभासं वणमालं अच्चुयवडिंसगं विमाणं देवत्ताए उववण्णा, तेसिं णं देवाणं उक्कोसेणं बावीसं सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता । ते णं देवा बावीसं अद्धमासाणं आणमंति वा पाणमंति वा, उस्ससंति वा णीससंति वा। तेसिं णं देवाणं बावीसवाससहस्सेहिं आहारट्ठे समुप्पज्जइ । Page #30 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५ ४ 14 समवायांग सूत्र संतेगइया भविसिद्धिया जीवा जे बावीसं भवग्गहणेहिं सिज्झिस्संति बुज्झिस्संति मुच्चिस्संति परिणिव्वाइस्संति सव्वदुक्खाणमंतं करिस्संति । तेवीसइमो समवाओ तेवीसं सूयगडज्झयणा पण्णत्ता, तं जहा- १. समए २. वेतालिए ३. उवसग्गपरिण्णा ४. थीपरिण्णा ५. णरयविभत्ती ६. महावीरथुई ७. कुसीलपरिभासिए ८. वीरिए ९. धम्मे १०. समाही ११. मग्गे १२. समोसरणे १३. आहत्तहिए १४. गंथे १५. जमईए १६. गाथा १७. पुंडरीए १८. किरियाठाणा १९. आहारपरिण्णा २०. अपच्चक्खाणकिरिया २१. अणगारसुयं २२. अद्दइज्जं २३, णालंदइज्जं । जंबुद्दीवे णं दीवे भारहे वासे इमीसे णं ओसप्पिणीए तेवीसाए जिणाणं सूरुग्गमण-मुहुत्तंसि केवलवरनाण-दंसणे समुप्पणे । जंबुद्दीवे णं दीवे इमीसे णं ओसप्पिणीए तेवीसं तित्थयरा पुव्वभवे एक्कारसंगिणो होत्था । तं जहा- अजित- संभव-अभिणंदण - सुमई जाव पासो वद्धमाणो य। उसभेणं अरहा कोसलिए चोद्दसपुव्वी होत्था । जंबुद्दीवे णं दीवे इमीसे ओसप्पिणीए तेवीसं तित्थंकरा पुव्वभवे मंडलियरायाणो होत्था । तं जहाअजित-संभव-अभिणंदण जाव पासो वद्धमाणो य । उसभे णं अरहा कोसलिए पुव्वभवे चक्कवट्टी होत्था। इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं तेवीसं पलिओवमाई ठिई पण्णत्ता । अहे सत्तमाए णं पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं तेवीसं सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता। असुरकुमाराणं देवाणं अत्थेगइयाणं तेवीसं पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता | सोहम्मीसाणाणं देवाणं अत्थेगइयाणं तेवीसं पलिओवमाइ ठिई पण्णत्ता । हेट्ठिममज्झिमगेविज्जाणं देवाणं जहण्णेणं तेवीसं सागरोवमाई ठिई पण्णत्ता । जे देवा हेट्ठिम हेट्ठिमगेवेज्जयविमाणेसु देवत्ताए उववण्णा तेसि णं देवाणं उक्कोसेणं तेवीसं सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता । ते णं देवा तेवीसाए अद्धमासाणं आणमंति वा, पाणमंति वा, ऊससंति वा णीससंति वा । तेसि णं देवाणं तेवीसाए वाससहस्सेहिं आहारट्ठे समुप्पज्जइ । संतेगइआ भवसिद्धिया जीवा जे तेवीसाए भवग्गहणेहिं सिज्झिस्संति बुज्झिस्संति मुच्चिस्संति परिणिव्वाइस्संति सव्वदुक्खाणमंतं करिस्संति । 24 Page #31 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवायांग सूत्र चउव्वीसइमो समवाओ क चउव्वीसं देवाहिदेवा पण्णत्ता । तं जहा - उसभ, अजित, संभव, अभिणंदण, सुमई, पउमप्पह, सुपास, चंदप्पह, सुविधि, सीअल, सिज्जंस, वासुपुज्ज, विमल, अणंत, धम्म, संति, कुंथ, अर, मल्ली, मुणिसुव्वय, णमि, णेमी, पास, वद्धमाणा। चुल्लहिमवंत-सिहरीणं वासहर पव्वयाणं जीवाओ चउव्वीसं चउव्वीसं जोयणसहस्साई णव-बत्तीसे जोयणसए एगं अद्वतीसइ भागं जोयणस्स किंचि विसेसाहियाओ आयामेणं पण्णत्ता। चउवीसं देवट्ठाणा संइदया पण्णत्ता, सेसा अहमिंदा अणिंदा अपुरोहिआ। उत्तरायणगए णं सूरिए चळवीसंगुलिए पोरिसिछायं णिव्वत्तइत्ता णं णिअट्टइ | गंगासिंधूओ णं महाणईओ पवहे सातिरेगेणं चउवीसं कोसे वित्थारेणं पण्णत्ते । रत्ता-रत्तवईओ णं महाणईओ पवाहे सातिरेगे चउवीसं कोसे वित्थारेणं पण्णत्ते । इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं चउवीसं पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता | अहेसत्तमाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं चउवीसं सागरोवमाई ठिई पण्णत्ता । असुरकुमाराणं देवाणं अत्थेगइयाणं चउवीसं पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता | सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु अत्थेगइयाणं देवाणं चउवीसं पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता । हेट्ठिम-उवरिमगेवेज्जाणं देवाणं जहण्णेणं चउवीसं सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता । जे देवा हेट्ठिममज्झिमगेवेज्जविमाणेस् देवत्ताए उववण्णा, तेसि णं देवाणं उक्कोसेणं चउवीसं सागरोवमाई ठिई पण्णत्ता | ते णं देवा चउवीसाए अद्धमासाणं आणमंति वा, पाणमंति वा, ऊससंति वा णीससंति वा । तेसि णं देवाणं चउवीसाए वाससहस्सेहिं आहारट्ठे समप्पज्जइ । ७ संतेगइया भवसिद्धिया जीवा जे चउवीसाए भवग्गहणेहिं सिज्झिस्संति बुज्झिस्संति मुच्चिस्संति परिणिव्वाइस्संति सव्वदुक्खाणमंतं करिस्संति । पणवीसइमो समवाओ पुरिम-पच्छिमगाणं तित्थगराणं पंचजामस्स पणवीसं भावणाओ पण्णत्ताओ, तं जहा- ईरिआसमिई मणगुत्ती वयगुत्ती आलोयपाणभोयणं (आलोयभायणभोयणं) आदाण-भंड-मत्त- णिक्खेवणासमिई ५, अणुवीइभासणया कोहविवेगे लोभविवेगे भयविवेगे हासविवेगे ५, उग्गहअणुण्णवणया, उग्गहसीमजाणणया, सयमेव उग्गहं अणुगिण्हणया, साहम्मिय उग्गहं अणुण्णविय परिभुंजणया, साहारणभत्तपाणं अणुण्णविय पडिभुंजणया ५, इत्थी-पसु-पंडगसंसत्तगसयणासणवज्जणया, इत्थीकहविवज्जणया, इत्थीणं इंदियाणमालोयणवज्जणया, पुव्वरय-पुव्व- कीलिआणं Page #32 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवायांग सूत्र अणणुसरणया, पणीताहारविवज्जणया ५, सोइंदियरागोवरई चक्खिंदियरागोवरई घाणिदियरागोवरई जिब्भिंदियरागोवरई फासिंदियरागोवरई ५।। मल्ली णं अरहा पणवीसं धणइं उड्ढं उच्चत्तेणं होत्था | सव्वे वि दीहवेयड्ढपव्वया पणवीसं जोयणाणि उड्ढं उच्चत्तेणं पण्णत्ता, पणवीसं गाउयाणि उव्विद्धणं पण्णत्ता । दोच्चाए णं पुढवीए पणवीसं णिरयावास सयसहस्सा पण्णत्ता। आयारस्स णं भगवओ सचूलिआयस्स पणवीसं अज्झयणा पण्णत्ता, तं जहासत्थपरिण्णा लोगविजओ, सीओसणीअ सम्मत्तं । आवंति धुय विमोह, उवहाणसुयं महपरिण्णा ॥१॥ पिंडेसण सिज्जिरिआ भासज्झयणा य वत्थ पाएसा । उग्गहपडिमा सत्तिक्कगा भावणा य विमुत्ती य ॥२॥ णिसीहज्झयणं पणवीसइमं । मिच्छादिहिविगलिदिए णं अपज्जत्तए संकिलिट्ठपरिणामे णामस्स कम्मस्स पणवीस उत्तरपयडीओ णिबंधइ, तं जहा- तिरियगतिणामं विगलिंदिय- जातिणामं ओरालियसरीरणामं तेअगसरीरणाम कम्मणसरीरणाम, हुंडसंठाणणामं, ओरालिअसरीरंगोवंगणामं छेवट्ठसंघयणणाम, वण्णणामं, गंधणाम, रसणामं, फासणामं, तिरियाणुपुव्विणामं, अगुरुलहणाम, उवघायणाम, तसणामं, बादरणामं, अपज्जत्तयणाम, पत्तेयसरीरणामं, अथिरणामं, असुभणाम, दुभगणाम, अणादेज्जणामं, अजसोकित्तिणामं , णिम्माणणामं । गंगा-सिंधूओ णं महाणईओ पणवीसं गाउयाणि पुहुत्तेणं दुहओ घडमुहपवित्तिएणं मुत्तावलिहारसंठिएणं पवातेण पडंति । रत्ता-रत्तावईओ णं महाणईओ पणवीसं गाउयाणि पुहुत्तेणं मकरमुहपवित्तिएणं मुत्तावलिहारसंठिएणं पवातेण पडंति । लोगबिंदुसारस्स णं पुव्वस पणवीसं वत्थू पण्णत्ता । इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं पणवीसं पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता अहेसत्तमाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं पणवीसं सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता । असुरकुमाराणं देवाणं अत्थेगइयाणं पणवीसं पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता । सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु देवाणं अत्थेगइयाणं पणवीसं पलिओवमाई ठिई पण्णत्ता | मज्झिमहेट्ठिमगेवेज्जाणं देवाणं जहण्णेणं पणवीसं सागरोवमाई ठिई पण्णत्ता । जे देवा हेट्ठिमउवरिमगेवेज्जगविमाणेस् देवत्ताए उववण्णा, तेसि णं देवाणं उक्कोसेणं पणवीसं सागरोवमाई ठिई पण्णत्ता | ते णं देवा पणवीसाए अद्धमासेहिं आणमंति वा, पाणमंति वा, उस्ससंति वा, णिस्ससंति वा । तेसि णं देवाणं पणवीसं वाससहस्सेहिं आहारट्ठे समप्पज्जइ । 26 Page #33 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ९ 3 ४ १ समवायांग सूत्र संतेगइया भवसिद्धिया जीवा जे पणवीसाए भवग्गहणेहिं सिज्झिस्संति बुज्झिस्संति मुच्चिस्संति परिणिव्वाइस्संति सव्वदुक्खाणमंतं करिस्संति । छव्वीसइमो समवाओ छव्वीसं दसकप्पववहाराणं उद्देसणकाला पण्णत्ता, तं जहा- दस दसाणं, छ कप्पस्स, दस ववहारस्स । अभवसिद्धियाणं जीवाणं मोहणिज्जस्स कम्मस्स छव्वीसं कम्मंसा संतकम्मा पण्णत्ता, तं जहामिच्छत्तमोहणिज्जं, सोलस कसाया, इत्थीवेए पुरिसवेए णपुंसकवेए, हासं, अरति, रति, भयं, सोगं, दुगुंछा । इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं छव्वीसं पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता । अहेसत्तमाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं छव्वीसं सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता । असुरकुमाराणं देवाणं अत्थेगइयाणं छव्वीसं पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता । सोहम्मीसाणेसु णं कप्पेसु अत्थेगइयाणं देवाणं छव्वीसं पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता । मज्झिम मज्झिम गेवेज्जयाणं देवाणं जहण्णेणं छव्वीसं सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता । जे देवा मज्झिम हेट्ठिम गेवेज्जय विमाणेसु देवत्ताए उववण्णा तेसि णं देवाणं उक्कोसेणं छव्वीसं सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता । ते णं देवा छव्वीसाए अद्धमासेहिं आणमंति वा, पाणमंति वा, ऊससंति वा, णीससंति वा । तेसि णं देवाणं छव्वीसं वाससहस्सेहिं आहारट्ठे समुप्पज्जइ । संतेगइया भवसिद्धिया जीवा जे छव्वीसेहिं भवग्गहणेहिं सिज्झिस्संति बुज्झिसंति मुच्चिस्संति परिणिव्वाइस्संति सव्वदुक्खाणमंतं करिस्संति । सत्तावीसइमो समवाओ सत्तावीसं अणगारगुणा पण्णत्ता, तं जहा- १. पाणाइवायाओ वेरमणं २. मुसावायाओ वेरमणं ३. अदिण्णादाणाओ वेरमणं ४. मेहुणाओ वेरमणं ५. परिग्गहाओ वेरमणं ६. सोइंदियणिग्गहे ७. चक्खिंदियणिग्गहे ८. घाणिदियणिग्गहे ९. जिब्भिंदियणिग्गहे १०. फासिंदियणिग्गहे ११. कोहविवेगे १२. माणविवेगे १३. मायाविवेगे १४. लोभविवेगे १५. भावसच्चे १६. करणसच्चे १७. जोगसच्चे १८. खमा १९. विरागया २०. मणसमाहारणया २१. वयसमाहारणया २२. कायसमाहारणया २३. णाणसंपण्णया २४. दंसणसंपण्णया २५. चरित्तसंपण्णया २६. वेयणा अहियासणया २७. मारणंतिय अहियासणया । 27 Page #34 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 3 वेगसम्मत्त बंधोवरयस्स णं मोहणिज्जस्स कम्मस्स सत्तावीसं उत्तरपगडीओ संतकम्मंसा पण्णत्ता। सावणसुद्ध सत्तमीसु णं सूरिए सत्तावीसंगुलियं पोरिसिच्छायं णिव्वत्तइत्ता णं दिवसखेत्तं णिवट्टेमाणे रयणिखेत्तं अभिणिवड्ढेमाणे चारं चरइ । 4 ५ ६ समवायांग सूत्र जंबुद्दीवे दीवे अभिइवज्जेहिं सत्तावीसाए णक्खत्तेहिं संववहारे वट्टति। एगंमेगे णं णक्खत्तमासे सत्तावीसाहिं राइंदियाहिं राइंदियग्गेणं पण्णत्ते। सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु विमाण पुढवी सत्तावीसं जोयणसयाइं बाहल्लेणं पण्णत्ता । 3 इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं सत्तावीसं पलिओवमाई ठिई पण्णत्ता । अहेसत्तमाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं सत्तावीसं सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता I असुरकुमाराणं देवाणं अत्थेगइयाणं सत्तावीसं पलिओवमाई ठिई पण्णत्ता | सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु अत्थेगइयाणं देवाणं सत्तावीसं पलिओवमाई ठिई पण्णत्ता | मज्झिम-उवरिमगेवेज्जयाणं देवाणं जहण्णेणं सत्तावीसं सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता । जे देवा मज्झिमज्झिम वेज्जयविमाणेसु देवत्ताए उववण्णा, तेसि णं देवाणं उक्कोसेणं सत्तावीसं सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता । ते णं देवा सत्तावीसाए अद्धमासेहिं आणमंति वा, पाणमंति वा, उस्ससंति वा, णीससंति वा । तेसि णं देवाणं सत्तावीसं वाससहस्सेहिं आहारट्ठे समुप्पज्जइ । संतेगइया भवसिद्धिया जीवा जे सत्तावीसाए भवग्गहणेहिं सिज्झिस्संति बुज्झिस्संति मुच्चिस्संति परिणिव्वाइस्संति सव्वदुक्खाणमंतं करिस्संति । अट्ठावीसइमो समवाओ अट्ठावीसविहे आयारपकप्पे पण्णत्ते, तं जहा- १. पंचराई आरोवणा २. दसराई आरोवणा ३. पण्णरस राई आरोवणा ४. वीसइ राई आरोवण्णा ५. पणवीसइ राई आरोवणा ६. मासिआ आरोवणा ७. सपंचराई मासिआ आरोवणा ८. सदसराई मासिया आरोवणा ९. सपण्णरसराई मासिआ आरोवणा १०. सवीसइ राई मासिआ आरोवणा ११. सपणवीसइराई मासिआ आरोवणा १२. दो मासिआ आरोवणा १३. सपंचराई दो मासिआ आरोवणा एवं जाव १९-२४. चउमासिआ आरोवणा २५. उग्घाइया आरोवणा २६. अणुग्घाइया आरोवणा २७. कसिणा आरोवणा २८. अकसिणा आरोवणा । एतावताव आयरपकप्पे एतावताव आयरियव्वे | भवसिद्धियाणं जीवाणं अत्थेगइयाणं मोहणिज्जस्स कम्मस्स अट्ठावीसं कम्मंसा संतकम्मा पण्णत्ता। तं जहा- सम्मत्तवेयणिज्जं मिच्छत्तवेयणिज्जं सम्मामिच्छत्तवेयणिज्जं, सोलस कसाया, णव णोकसाया । आभिणिबोहियणाणे अट्ठावीसविहे पण्णत्ते । तं जहा- सोइंदिय अत्थावग्गहे १, चक्खिंदिय अत्थावग्गहे २, घाणिदिय अत्थावग्गहे ३, जिब्भिंदिय अत्थावग्गहे ४, फासिंदिय अत्थावग्गहे ५, 28 Page #35 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवायांग सूत्र णोइंदिय अत्थावग्गहे ६, सोइंदिय वंजणोग्गहे ७, घाणिदिय वंजणोग्गहे ८, जिभिदिय वंजणोवग्गहे ९, फासिदिय वंजणोग्गहे १०, सोइंदियईहा ११, चक्खिंदियईहा १२, घाणिंदियईहा १३, जिभिदियईहा १४, फासिंदियइहा १५, णोइंदियईहा १६, सोइंदियावाए १७, चक्खिंदियावाए १८, घाणिदियावाए १९, जिभिदियावाए २०, फासिंदियावाए २१, णोइंदियावाए २२, सोइंदिय धारणा २३, चक्खिंदिय धारणा २४, घाणिदिय धारणा २५, जिभिदिय धारणा २६, फासिंदिय धारणा २७, णोइंदिय धारणा २८ । ईसाणे णं कप्पे अट्ठावीसं विमाणावास सयसहस्सा पण्णत्ता | जीवे णं देवगइम्मि बंधमाणे णामस्स कमस्स अट्ठावीसं उत्तरपगडीओ णिबंधइ | तं जहादेवगइणामं, पंचिंदियजाइणामं, वेउव्वियसरीरणामं, तेयगसरीरणाम, कम्मणसरीरणामं, समचउरंससंठाणणामं, वेउव्विय सरीरंगोवंगणामं, वण्णणामं, गंधणामं, रसणामं, फासणाम, देवाणपव्विणामं, अगरुलहणाम, उवघायणाम, पराघायणाम, उस्सासणाम, पसत्थविहायोगइ तसणामं, बायरणाम, पज्जत्तणामं, पत्तेयसरीरणाम, थिराथिराणं, सुभासुभाणं, आएज्जाणाएज्जाणं, दोण्हं अण्णयरं एगं णामं णिबंधइ, सुभगणाम, सुस्सरणामं, जसोकित्तिणाम, णिम्माणणामं । एवं चेव णेरड्या वि, णाणत्तं-अप्पसत्थविहायोगइणामं हंडगसंठाणणामं अथिरणामं दुब्भगणामं असुभणामं दुस्सरणामं अणादिज्जणामं अजसोकित्तिणामं णिम्माणणामं | इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं अट्ठावीसं पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता | अहे सत्तमाए पुढवीए अत्थेगइयाणं गैरइयाणं अट्ठावीसं सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता । असुरकुमाराणं देवाणं अत्थेगइयाणं अट्ठावीसं पलिओवमाई ठिई पण्णत्ता। सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु देवाणं अत्थेगइयाणं अट्ठावीसं पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता | उवरिमहेट्ठिमगेवेज्जयाणं देवाणं जहण्णेणं अट्ठावीसं सागरोवमाई ठिई पण्णत्ता । जे देवा मज्झिमउवरिमगेवेज्जएसु विमाणेसु देवत्ताए उववण्णा, तेसि णं देवाणं उक्कोसेणं अट्ठावीसं सागरोवमाई ठिई पण्णत्ता । ते णं देवा अट्ठावीसाए अद्धमासेहिं आणमंति वा, पाणमंति वा, ऊससंति वा, णीससंति वा । तेसि णं देवाणं अट्ठावीसाए वाससहस्सेहिं आहारढे समुप्पज्जइ । ९। संतेगइया भवसिद्धिया जीवा जे अट्ठावीसाए भवग्गहणेहिं सिज्झिस्संति, बुज्झिस्संति मुच्चिस्संति परिणिव्वाइस्संति सव्वदुक्खाणमंतं करिस्संति । Page #36 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १ २ 3 ४ 19 १ समवायांग सूत्र गणतीसइमो समवाओ एगुणतीसइविहे पावसुयपसंगे पण्णत्ते । तं जहा - भोमे उप्पाए सुमिणे अंतलिक्खे अंगे सरे वंजणे लक्खणे । भोमे तिविहे पण्णत्ते । तं जहा- सुत्ते वित्ती वत्तिए । एवं एक्केक्कं तिविहं । विकहाणुजोगे विज्जाणुजोगे मंताणुजोगे जोगाणुजोगे अण्णतित्थियपवत्ताणुजोगे । आसाढे णं मासे एगूणतीसराइंदिआई राइंदियग्गेणं पण्णत्ता । एवं चेव भद्दवए णं मासे, कत्तिए णं मासे, पोसे णं मासे, फग्गुणे णं मासे, वइसाहे णं मासे । चंददिणे णं एगूणतीसं मुहुत्ते सातिरेगे मुहुत्तग्गेणं पण्णत्ते । जीवे णं पसत्थज्झवसाणजुत्ते भविए समदिट्ठी तित्थरणामसहियाओ णामस्स कम्मस्स णियमा एगूणतीसं उत्तरपगडीओ णिबंधित्ता वेमाणिएसु देवेसु देवत्ताए उववज्जइ । इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं एगूणतीसं पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता । अहे सत्तमाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं एगूणतीसं सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता । असुरकुमाराणं देवाणं अत्थेगइयाणं एगूणतीसं पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता । सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु देवाणं अत्थेगइयाणं एगूणतीसं पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता । उवरिममज्झिमगेवेज्जयाणं देवाणं जहण्णेणं एगूणतीसं सागरोवमाई ठिई पण्णत्ता । जे देवा उवरिमहेट्ठिमगेवेज्जयविमाणेसु देवत्ताए उववण्णा तेसि णं देवाणं उक्कोसेणं एगूणतीसं सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता । ते णं देवा एगूणतीसाए अद्धमासेहिं आणमंति वा, पाणमंति वा, ऊससंति वा, णीससंति वा । तेसि णं देवाणं एगूणतीसं वाससहस्सेहिं आहारट्ठे समुप्पज्जइ । संतेगइया भवसिद्धिया जीवा जे एगूणतीसभवग्गहणेहिं सिज्झिस्संति बुज्झिस्संति मुच्चिस्संति परिणिव्वाइस्संति सव्वदुक्खाणमंतं करिस्संति । तीसइमो समवाओ तीसं मोहणीयठाणा पण्णत्ता, तं जहा जे यावि तसे पाणे, वारिमज्झे विगाहिआ । उदएण क्कम्म मारेइ, महामोहं पकुव्वइ ॥१॥ सीसावेढेण जे केई, आवेढेइ अभिक्खणं । तिव्वासुभसमायारे, महामोहं पकुव्वइ ॥२॥ पाणिणा संपिहित्ताणं, सोयमावरिय पाणिणं । अंतोणदंतं मारेइ, महामोहं पकुव्वइ ॥३॥ 30 Page #37 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवायांग सूत्र जायतेयं समारब्भ, बहूं आरंभिया जणं । अंतोधूमेण मारेइ, महामोहं पकुव्वइ ॥४॥ सीसम्मि जे पहणइ, उत्तमंगम्मि चेयसा । विभज्ज मत्थयं फाले, महामोहं पकुव्वइ ॥५॥ पुणो पुणो पणिहिए, हणित्ता उवहसे जणं । फलेणं अदुवा दंडेणं, महामोहं पकुव्वइ ॥६॥ गूढायारी णिगूहिज्जा, मायं मायाए छायए | असच्चवाई णिण्हाई, महामोहं पकुव्वइ ॥७॥ धंसेइ जो अभूएणं, अकम्मं अत्तकम्मणा । अदुवा तुमऽकासि त्ति, महामोहं पकुव्वइ ॥८॥ जाणमाणो परिसओ, सच्चामोसाणि भासइ । अक्खीणझंझे पुरिसे, महामोहं पकुव्वइ ॥९॥ अणागयस्स णयवं, दारे तस्सेव धंसिया । विउलं विक्खोभइत्ताणं, किच्चा णं पडिबाहिरं ॥१०॥ उवगसंतं पि झंपित्ता, पडिलोमाहिं वग्गुहिं । भोगभोगे वियारेइ, महामोहं पकुव्वइ ॥११॥ अकुमारभूए जे केई, कुमारभूए त्ति हं वए | इत्थीहिं गिद्धे वसए, महामोहं पकुव्वइ ॥१२॥ अबंभयारी जे केई, बंभयारि त्ति हं वए । गद्दहे व्व गवां मज्झे विस्सरं णयइ णदं ॥१३॥ अप्पणो अहिए बाले, मायामोसं बहुं भसे । इत्थीविसयगेहीए, महामोहं पकुव्वइ ॥१४॥ जं णिस्सए उव्वहइ, जससाहिगमेण वा । तस्स लुब्भइ वित्तम्मि, महामोहं पकुव्वइ ॥१५॥ ईसरेण अदुवा गामेणं, अणिसरे ईसरीकए । तस्ससंपय हीणस्स, सिरी अतुलमागया ॥१६॥ ईसादोसेण आविटे, कलसाविलचेयसे । जे अंतरायं चेएइ, महामोहं पकव्वइ ॥१७॥ Page #38 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवायांग सूत्र सप्पी जहा अंडउडं, भत्तारं जो विहंसइ । सेणावइं पसत्थारं, महामोहं पकुव्वइ ॥१८॥ जे णायगं च रट्ठस्स, णेयारं णिगमस्स वा । बहुजणस्स णेयारं, दीवं ताणं च पाणिणं । एयारिसं णरं हंता, महामोहं पकुव्वइ ॥२०॥ उवट्ठियं पडिविरयं, संजयं सुतवस्सियं । वुक्कम्म धम्माओ भंसेइ, महामोहं पकुव्वइ ॥२१॥ तवाणतणाणीणं, जिणाणं वरदंसिणं । तेसिं अवण्णवं बाले, महामोहं पकुव्वइ ॥२२॥ णेयाउयस्स मग्गस्स, दुट्ठे अवयरइ बहुं । तं तिप्पयंतो भावेइ, महामोहं पकुव्व ॥ २३ ॥ आयरिय-उवज्झाएहिं, सुयं विणयं च गाहिए । ते चेव खिंसइ बाले, महामोहं पकुव्वइ ॥२४॥ आयरिय-उवज्झायाणं, सम्मं णो पडितप्पड़ । अप्पडिपूयए थद्धे, महामोहं पकुव्वइ ॥२५॥ अबहुस्सुए य जे केई, सुएणं पविकत्थइ । सज्झायवायं वयइ, महामोहं पकुव्वइ ||२६|| अतवस्सीए य जे केई, तवेणं पविकत्थइ | सव्वलोयपरे तेणे, महामोहं पकुव्व ॥२७॥ साहारणट्ठा जे केई, गिलाणम्मि उवट्ठिए । पभू ण कुणइ किच्चं, मज्झं पिसे ण कुव्वइ ॥२८॥ सढे णियडीपण्णाणे, कलुसाउलचेयसे । अप्पणो य अबोही य, महामोहं पकुव्व ॥२९॥ जे काहिगरणाई, संपउंजे पुणो पुणो । सव्वतित्थाण भेयाणं, महामोहं पकुव्वइ ॥३०॥ जे य आहम्मिए जोए, संपउंजे पुणो पुणो । सहाहेउं सहीहेउं, महामोहं पकुव्वइ ॥३१॥ 32 Page #39 -------------------------------------------------------------------------- ________________ w~ ४ 19 ८ समवायांग सूत्र 3 एगमेगे णं अहोरत्ते तीसमुहुत्ते मुहुत्तग्गेणं पण्णत्ते । एएसिं णं तीसाए महुत्ताणं तीसं णामधेज्जा पण्णत्ता, तं जहा- रोद्दे सत्ते मित्ते वाऊ सुपीए अभिचंदे माहिंदे पलंबे बंभे सच्चे आणंदे विजए विस्ससेणे पायावच्चे उवसमे १५, ईसाणे तट्ठे भाविअप्पा वेसमणे वरुणे सतरिसभे गंधव्वे अग्गिवेसायणे आतवे आवत्ते २५, तट्ठवे भूमहे रिसभे सव्वट्ठसिद्धे रक्खसे । अरे णं अहा ती धणूई उड्ढं उच्चत्तेणं होत्था । सहस्सारस्स णं देविंदस्स देवरण्णो तीसं सामाणिय साहस्सीओ पण्णत्ताओ। पासे णं अरहा तीसं वासाइं अगारवासमज्झे वसित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइए । समणे णं भगवं महावीरे तीसं वासाई अगारवासमज्झे वसित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइए । १० जे माणुस भए, अदुवा पारलोइए । तेऽतिप्पयंतो आसयइ, महामोहं पकुव्वइ ॥३२॥ इड्ढी जुई जसो वण्णो, देवाणं बल-वीरियं । तेसिं अवण्णवं बाले, महामोहं पकुव्वइ ॥३३॥ अपस्समाणो पस्सामि, देवे जक्खे य गुज्झगे । अण्णाणी जिणपूयट्ठी, महामोहं पकुव्व ॥ ३४॥ थेरे णं मंडियपुत्ते तीसं वासाइं सामण्णपरियायं पाउणित्ता सिद्धे बुद्धे जाव सव्वदुक्खप्पहीणे । रयणप्पभाए णं पुढवीए तीसं णिरयावासयसहस्सा पण्णत्ता । इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं तीसं पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता । अहेसत्तमाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं तीसं सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता । असुरकुमाराणं देवाणं अत्थेगइयाणं तीसं पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता । उवरिमउवरिम गेवेज्जयाणं देवाणं जहण्णेणं तीसं सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता । जे देवा उवरिममज्झिम गेवेज्जएसु विमाणेसु देवत्ताए उवण्णा तेसि णं देवाणं उक्कोसेणं तीसं सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता । ते णं देवा तीसाए अद्धमासेहिं आणमंति वा, पाणमंति वा, उस्ससंति वा, णिस्ससंति वा । तेसिं णं देवाणं तीसाए वाससहस्सेहिं आहारट्ठे समुप्पज्जइ । संतेगइया भवसिद्धिया जीवा जे तीसाए भवग्गहणेहिं सिज्झिस्संति बुज्झिस्संति मुच्चिस्संति परिणिव्वाइस्संति सव्वदुक्खाणमंतं करिस्संति । 33 Page #40 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवायांग सूत्र एक्कतीसइमो समवाओ एक्कतीसं सिद्धाइगुणा पण्णत्ता, तं जहा- १. खीणे आभिणिबोहिय णाणावरणे २. खीणे स्यणाणावरणे ३. खीणेओहिणाणावरणे ४.खीणे मणपज्जवणाणावरणे ५. खीणे केवलणाणावरणे ६. खीणे चक्खुदंसणावरणे ७. खीणे अचक्खुदंसणावरणे ८. खीणे ओहिदंसणावरणे ९. खीणे केवलदसणावरणे १०. खीणे णिद्दा ११. खीणे णिद्दाणिद्दा १२. खीणे पयला १३. खीणे पयलापयला १४. खीणे थीणखी १५. खीणे सायावेयणिज्जे १६. खीणे असायावेयणिज्जे १७. खीणे दंसणमोहणिज्जे १८. खीणे चरित्तमोहणिज्जे १९. खीणे णेरड्याउए २०. खीणे तिरियाउए २१. खीणे मणुस्साउए २२. खीणे देवाउए २३. खीणे उच्चगोए २४. खीणे णीयागोए २५. खीणे सुभणामे २६. खीणे असभणामे २७.खीणे दाणंतराए २८. खीणे लाभंतराए २९. खीणे भोगंतराए ३०. खीणे उवभोगंतराए ३१. खीणे वीरियंतराए। मंदरे णं पव्वए धरणितले एक्कतीसं जोयणसहस्साई छच्चेव तेवीसे जोयणसए किंचि देसूणे परिक्खेवेणं पण्णत्ते । जया णं सूरिए सव्वबाहिरियं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, तया णं इहगयस्स मणुस्सस्स एक्कतीसाए जोयणसहस्सेहिं अट्ठहि य एक्कतीसेहिं जोयणसएहिं तीसाए सद्विभागे जोयणस्स सुरिए चक्खुप्फासं हव्वमागच्छइ । अभिवड़ढिए णं मासे एक्कतीसं सातिरेगाइं राइंदियाइं राइंदियग्गेण पण्णत्ते । आइच्चे णं मासे एक्कतीसं राइंदियाइं किंचि विसेसूणाई राइंदियग्गेणं पण्णत्ते । इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए अत्थेगइयाणं रइयाणं एक्कतीसं पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता | अहे सत्तमाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं एक्कतीसं सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता । असुरकुमाराणं देवाणं अत्थेगइयाणं एक्कतीसं पलिओवमाई ठिई पण्णत्ता । सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु अत्थेगइयाणं देवाणं एक्कतीसं पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता | विजय-वेजयंत-जयंत-अपराजिआणं देवाणं जहण्णेणं एक्कतीसं सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता | जे देवा उवरिम-उवरिम गेवेज्जयविमाणेसु देवत्ताए उववण्णा, तेसि णं देवाणं उक्कोसेणं एक्कतीसं सागरोवमाई ठिई पण्णत्ता | ते णं देवा एक्कतीसाए अद्धमासेहिं आणमंति वा, पाणमंति वा, उस्ससंति वा, णिस्ससंति वा । तेसि णं देवाणं एक्कतीसं वाससहस्सेहिं आहारट्टे समुप्पज्जइ। संतेगइया भवसिद्धया जीवा जे एक्कतीसेहिं भवग्गहणेहिं सिज्झिस्संति बुज्झिस्संति मुच्चिस्संति परिणिव्वाइस्संति सव्वदक्खाणमंतं करिस्संति। बत्तीइमो समवाओ बत्तीसं जोगसंगहा पण्णत्ता, तं जहा आलोयण णिरवलावे, आवईस् दढधम्मया । 34 Page #41 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवायांग सूत्र अणिस्सिओवहाणे य, सिक्खा णिप्पडिकम्मया ॥१॥ अण्णायया अलोभे य, तितिक्खा अज्जवे सुई । सम्मदिट्ठी समाही य, आयारे विणओवए |॥२॥ धिइमई य संवेगे, पणिहि सुविहि संवरे । अत्तदोसोवसंहारे, सव्वकामविरत्तया ॥३॥ पच्चक्खाणे विउस्सगे, अप्पमादे लवाववे | झाणसंवरजोगे य, उदए मारणंतिए ॥४॥ संगाणं च परिणाया, पायच्छित्त करणे वि य । आराहणा य मरणंते, बत्तीसं जोगसंगहा ॥५॥ बत्तीसं देविंदा पण्णत्ता, तं जहा-चमरे बली धरणे भूयाणंदे जाव घोसे महाघोसे, चंदे सूरे सक्के ईसाणे सणंकुमारे जाव पाणए अच्चुए | ३ कुंथुस्स णं अरहाओ बत्तीसहिआ बत्तीसं जिणसया होत्था | सोहम्मे कप्पे बत्तीसं विमाणावास सयसहस्सा पण्णत्ता | रेवइक्खत्ते बत्तीस इतारे पण्णत्ते । बत्तीसइविहे णट्टे पण्णत्ते। ५ इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं बत्तीसं पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता । अहे सत्तमाए पढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं बत्तीसं सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता | असुरकुमाराणं देवाणं अत्थेगइयाणं बत्तीसं पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता । सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु देवाणं अत्थेगइयाणं बत्तीसं पलिओवमाई ठिई पण्णत्ता | जे देवा विजय-वेजयंत-जयंत-अपराजियविमाणेस देवत्ताए उवण्णा तेसि णं देवाणं अत्थेगइयाणं बत्तीसं सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता । ते णं देवा बत्तीसाए अद्धमासेहिं आणमंति वा, पाणमंति वा, उस्ससंति वा, णिस्ससंति वा । तेसि णं देवाणं बत्तीस वाससहस्सेहिं आहारढे समुपज्जइ । | संतेगइया भवसिद्धिया जीवा जे बत्तीसाए भवग्गहणेहिं सिज्झिस्संति बुज्झिस्संति मुच्चिस्संति परिणिव्वाइस्संति सव्वदुक्खाणमंतं करिस्संति । तेतीसइमो समवाओ तेत्तीसं आसायणाओ पण्णत्ताओ, तं जहा १. सेहे राइणियस्स आसण्णं गंता भवइ, आसायणा सेहस्स | २. सेहे राइणियस्स पुरओ गंता भवइ, आसायणा सेहस्स | ३. सेहे राइणियस्स सपक्खं गंता भवइ, आसायणा सेहस्स | ४. सेहे 35 Page #42 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवायांग सूत्र राइणियस्स आसण्णं ठिच्चा भवइ, आसायणा सेहस्स । ५. सेहे रायणियस्स पुरओ ठिच्चा भवइ, आसायणा सेहस्स । ६. सेहे रायणियस्स सपक्खं ठिच्चा भवइ, आसायणा सेहस्स । ७. सेरे रायणियस्स आसण्णं णिसीईत्ता भवइ, आसायणा सेहस्स। ८. सेहे रायणियस्स पुरओ णिसीइत्ता भवइ, आसायणा सेहस्स | ९. सेहे रायणियस्स सपक्खं णिसीइत्ता भवइ, आसायणा सेहस्स । १०. सेहे रायणियस्स सद्धिं बहिया वियारभूमि णिक्खंते समाणे पुव्वामेव सेहतराए आगच्छड़ पच्छा रायणिए, आसायणा सेहस्स | ११. सेहे रायणिए सद्धिं बहिया वियारभूमि वा विहारभूमि वा णिक्खंते समाणे तत्थ पुव्वामेव सेहतराए आलोएइ पच्छा रायणिए, आसायणा सेहस्स । १२. सेहे रायणियस्स राओ वा वियाले वा वाहरमाणस्स अज्जो ! के सुत्ते? के जागरे? तत्थ सेहे जागरमाणे रायणियस्स अपडिसुणेत्ता भवइ, आसायणा सेहस्स ।१३. केइ रायणियस्स पुव्वं संलवित्तए सिया, तं सेहे पुव्वतरागं आलवेइ पच्छा रायणिए, आसायणा सेहस्स | १४. सेहे असणं वा पाणं वा खाइम वा साइमं वा पडिगाहेत्ता तं पुव्वमेव सेहतरागस्स आलोएइ, पच्छा रायणियस्स, आसायणा सेहस्स | १५. सेहे असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा पडिगाहेत्ता तं पव्वमेव सेहतरागस्स उवदंसेति, पच्छा रायणियस्स, आसायणा सेहस्स। १६. सेहे असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा पडिगाहेत्ता तं पुव्वामेव सेहतरागं उवणिमंतेइ, पच्छा रायणियं, आसायणा सेहस्स | १७. सेहे रायणिएण सद्धिं असणं वा पाणं वा खाइमं साइमं वा पडिगाहेत्ता तं रायणियं अणापुच्छित्ता जस्स-जस्स इच्छइ तस्स-तस्स खद्धं-खद्धं दलयइ, आसायणा सेहस्स | १८. सेहे असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा पडिगाहेत्ता रायणिएण सद्धिं आहरेमाणे तत्थ सेहे खद्धं-खद्धं, डायं-डायं, ऊसढं-ऊसढं, रसियं-रसियं, मणुण्णं-मणुण्णं, मणाम-मणामं, णिद्धं-णिद्धं, लुक्खं-लुक्खं आहरेत्ता भवइ, आसायणा सेहस्स | १९. सेहे रायणियस्स वाहरमाणस्स अपडिसणेत्ता भवइ, आसायणा सेहस्स। २०. सेहे रायणियस्स खद्धं- खद्धं वत्ता भवइ, आसायणा सेहस्स। २१. सेहे रायणियस्स 'किं' ति वइत्ता भवइ, आसायणा सेहस्स | २२. सेहे रायणियं 'तुम' ति वत्ता भवइ, आसायणा सेहस्स | २३. सेहे रायणियं तज्जाएण-तज्जाएण पडिभणित्ता भवइ, आसायणा सेहस्स। २४. सेहे रायणियस्स कहं कहेमाणस्स 'इति एवं ति वत्ता ण भवइ, आसायणा सेहस्स। २५. सेहे रायणियस्स कहं कहेमाणस्स 'णो सुमरसी' ति वत्ता भवति, आसायणा सेहस्स | २६. सेहे रायणियस्स कहं कहेमाणस्स कहं अच्छिंदित्ता भवइ, असायणा सेहस्स। २७. सेहे रायणियस्स कहं कहेमाणस्स परिसं भेत्ता भवइ, आसायणा सेहस्स | २८. सेहे रायणियस्स कहं कहेमाणस्स तीसे परिसाए अणुट्टियाए अभिण्णाए अवुच्छिण्णाए अव्वोगडाए दोच्चं पि तमेव कहं कहित्ता भवइ, आसायणा सेहस्स | २९. सेहे रायणियस्स सेज्जा-संथारगं पाएणं संघट्टित्ता, हत्थेणं अणणुण्णवित्ता गच्छइ, आसायणा सेहस्स | ३०. सेहे रायणियस्स सेज्जा-संथारए चिट्ठित्ता वा णिसीइत्ता वा तुयट्टित्ता वा भवइ, आसायणा सेहस्स | 36 Page #43 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २ समवायांग सूत्र ३१. सेहे रायणियस्स उच्चासणे चिट्ठित्ता वा णिसीइत्ता वा तुयट्टित्ता वा भवइ, आसायणा सेहस्स । ३२. सेहे रायणियस्स समासणे चिद्वित्ता वा णिसीइत्ता वा तुयट्टित्ता वा भवइ, आसायणा सेहस्स | ३३. सेहे राइणियस्स आलवमाणस्स तत्थगए चेव पडिसुणित्ता भवइ, आसायणा सेहस्स | चमरस्स णं असुरिंदस्स णं असुरण्णो चमरचंचाए रायहाणीए एक्कमेक्क दुवाराए तेत्तीसं-तेत्तीसं भोमा पण्णत्ता | महाविदेहे णं वासे तेत्तीसं जोयणसहस्साइं साइगरेगाई विक्खंभेणं पण्णत्ते । जया णं सूरिए बाहिराणंतरं तच्चं मंडलं उवसंकमित्ता णं चारं चरइ तया णं इहगयस्स पुरिसस्स तेत्तीसाए जोयणसहस्सेहिं किंचि विसेसूणेहिं चक्खुप्फासं हव्वमागच्छइ । इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए अत्थेगइयाणं णेरइयाणं तेत्तीसं पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता । अहेसत्तमाए पुढवीए काल-महाकाल-रोरुय- महारोरुएसु णेरइयाणं उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता । अप्पइट्ठाणणरए णेरइयाणं अजहण्णमणुक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता । असुरकुमाराणं अत्थेगइयाणं देवाणं तेत्तीसं पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता । सोहम्मीसाणेसु अत्थेगइयाणं देवाणं तेत्तीसं पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता । विजय-वेजयंत-जयंत-अपराजिएस् विमाणेस् उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाई ठिई पण्णत्ता | जे देवा सव्वट्ठसिद्धे महाविमाणे देवत्ताए उववण्णा, तेसि णं देवाणं अजहण्णमणुक्कोसेणं तेत्तीसंसागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता | ते णं देवा तेत्तीसाए अद्धमासेहिं आणमंति वा, पाणमंति वा, __ उस्ससंति वा, णिस्ससंति वा । तेसि णं देवाणं तेत्तीसाए वाससहस्सेहिं आहारट्टे समुप्पज्जइ। संतेगइया भवसिद्धिया जीवा जे तेत्तीसं भवग्गहणेहि सिज्झिस्संति बुज्झिस्संति मुच्चिस्संति परिणिव्वाइस्संति सव्वदुक्खाणमंतं करिस्संति । ७ १ चोत्तीसइमो समवाओ चोत्तीसं बुद्धाइसेसा पण्णत्ता । तं जहा- १. अवट्ठिए केस-मंसु-रोम-णहे २. णिरामया णिरुवलेवा गायलट्ठी ३. गोक्खीरपंडुरे मंससोणिए ४. पउमुप्पलगंधिए उस्सासणिस्सासे ५. पच्छण्णे आहारणीहारे अदिस्से मंसचखणा | ६. आगासगयं चक्कं ७. आगासगयं छत्तं ८. आगासगयाओ सेयवरचामराओ ९. आगासफालिआमयं सपायपीढं सीहासणं १०. आगासगओ कुडभीसहस्सपरिमंडिआभिरामो इंदज्झओ पुरओ गच्छइ ११. जत्थ जत्थ वि य णं अरहंता भगवंतो चिट्ठति वा णिसीयंति वा तत्थ तत्थ वि य णं जक्खा देवा संछण्णपत्त-पुप्फ-पल्लवसमाउलो सच्छत्तो सज्झओ सघंटो सपडागो आसोगवरपायवो अभिसंजायइ १२. ईसिं पिट्ठओ मउडठाणंमि तेयमंडलं अभिसंजाइ, अंधकारे वि य णं दस दिसाओ पभासेइ Page #44 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवायांग सूत्र १३. बहसमरणिज्जे भूमिभागे १४. अहोसिरा कंटया भवंति १५. उउविवरीयासुहफासा भवंति । १६. सीयलेणं सुहफासेणं सुरभिणा मारुएणं जोयणपरिमंडलं सव्वओ समंतासंपमज्जिज्जइ १७. जुत्तफुसिएणं मेहेण य णिहय-रयरेणुयं किज्जइ १८. जल-थलयभासुरपभूतेणं विंटट्ठाइणा दसद्धवण्णेणं कुसुमेणं जाणुस्सेहप्पमाणमित्ते पुप्फोवयारे किज्जइ । १९. अमणुण्णाणं सद्द फरिस रस रुवगंधाणं अवकरिसो भवइ २०. मणुण्णाण सद्द फरिस रस गंधाणं पाउब्भावो भवइ २१. पच्चाहरओ वि य णं हिययगमणीओ जोयणणीहारी सरो २२. भगवं च णं अद्धमागहीए भासाए धम्ममाइक्खड़ २३. सा वि य णं अद्धमागही भासा भासिज्जमाणी तेसिं सव्वेसिं आरियमणारियाणं दुप्पय चउप्पअ मिय पसु पक्खि सरीसिवाणं अप्पणो हिय सिव सुहय भासत्ताए परिणमइ २४. पुव्वबद्धवेरा वि य णं देवासुर णाग सुवण्ण जक्ख रक्खस किण्णर किंपरिसगरुल गंधव्व महोरगा अरहओ पायमूले पसंतचित्तमासणा धम्म णिसामंति २५. अण्णउत्थियपावयणिया वि य णं आगया वंदंति। २६. आगया समाणा अरहओ पायमूले णिप्पलिवयणा हवंति २७. जओ जओ वि य णं अरहंतो भगवंतो विहरंति तओ तओ वि य णं जोयणपणवीसाएणं ईती ण भवइ २८. मारी ण भवइ २९. सचक्कं ण भवइ ३०. परचक्कं ण भवइ ३१. अइवुट्ठी ण भवइ ३२. अणावुट्ठी ण भवइ ३३. दुब्भिक्खं ण भवइ ३४. पव्वप्पण्णा वि य णं उप्पाइया, वाहीओ खिप्पामेव उवसमंति । जंबुद्दीवे णं दीवे चउत्तीसं चक्कवट्टिविजया पण्णत्ता । तं जहा- बत्तीसं महाविदेहे, दो भरहे एरवए | जंबुद्दीवे णं दीवे चोत्तीसं दीहवेयड्ढा पण्णत्ता | जंबुद्दीवे णं दीवे उक्कोसपए चोत्तीसं तित्थंकरा समुप्पज्जंति। चमरस्स णं असुरिंदस्स असुररण्णो चोत्तीसं भवणावास सयसहस्सा पण्णत्ता । पढम पंचम-छट्ठीसत्तमासु-चउसु पुढवीसु चोत्तीसं णिरयावास सय- सहस्सा पण्णत्ता । पणतीसइमो समवाओ पण्णतीसं सच्चवयणाइसेसा पण्णत्ता । कुंथू णं अरहा पणत्तीसं धणूई उड्ढं उच्चत्तेणं होत्था | दत्ते णं वासुदेवे पणतीसं धणूई उड्ढं उच्चत्तेणं होत्था । णंदणे णं बलदेवे पणत्तीसं धणइं उड़ढं उच्चत्तेणं होत्था । सोहम्मे कप्पे सुहम्माए सभाए माणवए चेइयक्खंभे हेढा उवरिं च अद्धतेरस जोयणाणि वज्जेत्ता मज्झे पणत्तीसं जोयणेसु वइरामएसु गोलवट्टसमुग्गएसु जिणसकहाओ पण्णत्ताओ | बितिय-चउत्थीसु दोसु पुढवीसु पणतीसं णिरयावाससयसहस्सा पण्णत्ता। 38 Page #45 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवायांग सूत्र छत्तीसइमो समवाओ छत्तीसं उत्तरज्झयणा पण्णत्ता, तं जहा-१.विणयसुयं २. परीसहो ३. चाउरंगिज्जं ४. असंखयं ५. अकाम मरणिज्जं ६. पुरिसविज्जा ७. उरब्भिज्जं ८. काविलियं ९. णमिपव्वज्जा १०. दुमपत्तयं ११. बहुसुयपूजा १२. हरिएसिज्जं १३. चित्तसंभूयं १४. उसुयारिज्जं १५. सभिक्खुगं १६.समाहिठाणाई १७. पावसमणिज्जं १८. संजइज्जं १९. मियचारिया २०. अणाहपव्वज्जा २१. समद्दपालिज्जं २२. रहणेमिज्जं २३. गोयम-केसिज्जं २४. समिईओ २५. जण्णइज्जं २६. र २७. खलुकिज्जं २८. मोक्खमग्गगई २९. अप्पमाओ ३०. तवोमग्गो ३१. चरणविही ३२. पमायठाणाई ३३. कम्मपयडी ३४. लेसज्झयणं ३५. अणगारमग्गे ३६. जीवाजीवविभत्ती य। चमरस्स णं असुरिंदस्स असुररण्णो सभा सुहम्मा छत्तीसं जोयणाणि उड्ढं उच्चत्तेणं होत्था । समणस्स णं भगवओ महावीरस्स छत्तीसं अज्जाणं साहस्सीओ होत्था । चेत्तासोएसु णं मासेसु सइ छत्तीसंगुलियं सूरिए पोरिसीछायं णिव्वत्तइ । सत्ततीसइमो समवाओ कुंथुस्स णं अरहओ सत्ततीसं गणा, सत्ततीसं गणहरा होत्था । हेमवय-हेरण्णवइयाओ णं जीवाओ सत्ततीसं जोयणसहस्साइं छच्च चोवत्तरे जोयणसए सोलस य एगूणवीसइभाए जोयणस्स किंचिविसेसूणाओ आयामेणं पण्णत्ताओ । सव्वासु णं विजय-वेजयंतजयंत-अपरजियासु रायहाणीसु पागारा सत्ततीसं सत्ततीसं जोयणाई उड्ढे उच्चत्तेणं पण्णत्ता । खुडियाए विमाणपविभत्तीए पढमे वग्गे सत्ततीसं उद्देसणकाला पण्णत्ता | कत्तियबहुलसत्तमीए णं सूरिए सत्ततीसंगुलियं पोरिसीछायं णिव्वत्तइत्ता णं चारं चरइ। ७ अद्वतीसइमो समवाओ पासस्स णं अरहओ पुरिसादाणीयस्स अट्ठत्तीसं अज्जियासाहस्सीओ उक्कोसिया अज्जियासंपया होत्था । हेमवय-एरण्णवइयाणं जीवाणं धणपिढे अट्ठत्तीसं जोयणसहस्साइं सत्त य चत्ताले जोयणसए दसएगूणवीसइभागे जोयणस्स किंचि विसेसूणे परिक्खेवेणं पण्णत्ते । अत्थस्स णं पव्वयरण्णो बिइए कंडे अद्वतीसं जोयणसहस्साइं उडढं उच्चत्तेणं होत्था । Page #46 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवायांग सूत्र खड़डियाए णं विमाण पविभत्तीए बिइए वग्गे अद्वत्तीसं उद्देसणकाला पण्णत्ता। एगूणचत्तालीसइमो समवाओ णमिस्स णं अरहओ एगूणचत्तालीसं आहोहियसया होत्था । समयखेत्ते एगूणचत्तालीसं कुलपव्वया पण्णत्ता । तं जहा- तीसं वासहरा, पंच मंदरा, चत्तारि उसुकारा । दोच्च-चउत्थ-पंचम-छट्ठ-सत्तमासु णं पंचसु पुढवीसु एगूणचत्तालीसं णिरयावाससयसहस्सा पण्णत्ता | णाणावरणिज्जस्स मोहणिज्जस्स गोत्तस्स आउयस्स एयासि णं चउण्हं कम्मपगडीणं एगणचत्तालीसं उत्तरपगडीओ पण्णत्ताओ। चत्तालीसइमो समवाओ अरहओ णं अरिडणेमिस्स चत्तालीसं अज्जिया साहस्सीओ होत्था । मंदरचूलिया णं चत्तालीसं जोयणाई उड्ढं उच्चत्तेणं पण्णत्ता। संती अरहा चत्तालीसं धणूइं उड्ढं उच्चत्तेणं होत्था । भूयाणंदस्स णं णागकुमारस्स णागरण्णो चत्तालीसं भवणावास सयसहस्सा पण्णत्ता | खुडियाए णं विमाणपविभत्तीए तइए वग्गे चत्तालीसं उद्देसणकाला पण्णत्ता | फग्गुणपुण्णिमासिणीए णं सूरिए चत्तालीसंगुलियं पोरिसीछायं णिव्वट्टइत्ता णं चार चरइ । एवं कत्तियाए वि पुण्णिमाए |महासुक्के कप्पे चत्तालीसं विमाणावास सहस्सा पण्णत्ता | एगचत्तालीसइमो समवाओ णमिस्स णं अरहओ एक्कचत्तालीसं अज्जिया साहस्सीओ होत्था । चउसु पुढवीसु एक्कचत्तालीसं णिरयावाससयसहस्सा पण्णत्ता, तं जहा- रयणप्पभाए, पंकप्पभाए, तमाए, तमतमाए। महालियाए णं विमाणपविभत्तीए पढमे वग्गे एक्कचत्तालीसं उद्देसणकाला पण्णत्ता । बायालीसइमो समवाओ समणे भगवं महावीरे बायालीसं वासाइं साहियाइं सामण्णपरियागं पाउणित्ता सिद्धे जाव सव्वक्खप्पहीणे । Page #47 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४ 19 ६ समवायांग सूत्र जंबुद्दीवस्स णं दीवस्स पुरच्छिमिल्लाओ चरिमंताओ गोथूभस्स णं आवासपव्वयस्स पच्चच्छिमिल्ले चरिमंते एस णं बायालीसं जोयणसहस्साइं अबाहाए अंतरं पण्णत्तं । एवं चउद्दिसिं पि दओभासे, संखे, दयसीमे य । कालोए णं समुद्दे बायालीसं चंदा उज्जोइंसु वा, उज्जोइंति वा, उज्जोइस्संति वा । बायालीसं सूरिया पभासिंसु वा, पभासंति वा, पभासिस्संति वा । समुच्छिम भुयपरिसप्पाणं उक्कोसेणं बायालीसं वाससहस्साइं ठिई पण्णत्ता । णामकम्मे बायालीसविहे पण्णत्ते, तं जहा- १. गइणामे २. जाइणामे ३. सरीरणामे ४. सरीरंगोवंगणामे ५. सरीरबंधणणामे ६. सरीरसंघायणणामे ७. संघयणणामे ८. संठाणणामे ९. वण्णणामे १०. गंधणामे ११. रसणामे १२. फासणामे १३. अगु. लहुयणामे १४. उवघायणामे १५. पराघायणामे १६. आणुपुव्वीणामे १७. उस्सासणामे १८. आयवणामे १९. उज्जोयणामे २०. विहगगइणामे २९. तसणामे २२. थावरणामे २३. सुहुमणामे २४. बायरणामे २५. पज्जत्तणामे २६. अपज्जत्तणामे २७. साहारणसरीरणामे २८. पत्तेयसरीरणामे २९. थिरणामे ३०. अथिरणामे ३१. सुभणामे ३२. असुभणामे ३३. सुभगणामे ३४. दुब्भगणामे ३५. सुस्सरणामे ३६. दुस्सरणामे ३७. आएज्जणामे ३८. अणाज्जणामे ३९. जसोकित्तिणामे ४० अजसोकित्तिणामे ४१. णिम्माणणामे ४२. तित्थयरणामे । लवणे णं समुद्दे बायालीसं नागसाहस्सीओ अब्भिंतरियं वेलं धारंति । हालिया णं विमाणपविभत्तीए बितिए वग्गे बायालीसं उद्देसणकाला पण्णत्ता । एगमेगाए ओसप्पिणीए पंचम छट्ठीओ समाओ बायालीसं वाससहस्साइं कालेणं पण्णत्ताओ । एगमेगाए उस्सप्पिणीए पढम बीयाओ समाओ बायालीसं वाससहस्साइं कालेणं पण्णत्ताओ । तेयालीसइमो समवाओ तेयालीसं कम्मविवागज्झयणा पण्णत्ता I पढम-चउत्थ-पंचमासु पुढवीसु तेयालीसं णिरयावाससयहस्सा पण्णत्ता । जंबुद्दीवस्स णं दीवस्स पुरच्छिमिल्लाओ चरमंताओ गोथूभस्स णं आवासपव्वयस्स पुरत्थिमिल्ले चरमंते एस णं तेयालीसं जोयणसहस्साइं अबाहाए अंतरे पण्णत्ते। एवं चउद्दिसिं पि दओभासे, संखे, दगसीमे । महालियाए णं विमाणपविभत्तीए तइए वग्गे तेयालीसं उद्देसणकाला पण्णत्ता । चोयालीसइमो समवाओ ७ चोयालीसं अज्झयणा इसिभासिया दियलोगचुया भासिया पण्णत्ता । विमलस्स णं अरहओ चोयालीसं पुरिसजुगाइं अणुपिट्ठि सिद्धाई जाव सव्वदुक्खप्पहीणाई । धरणस्स णं णागिंदस्स 41 Page #48 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवायांग सूत्र णागरण्णो चोयालीसं भवणावास सयसहस्सा पण्णत्ता | महालियाए णं विमाणपविभत्तीए चउत्थे वग्गे चोयालीसं उद्देसणकाला पण्णत्ता । पणयालीसइमो समवाओ समयखेत्ते णं पणयालीसं जोयणसयसहस्साइं आयामविक्खंभेणं पण्णत्ते सीमंतए णं णरए पणयालीसं जोयणसयसहस्साइं आयामविक्खंभेणं पण्णत्ते। एवं उडुविमाणे वि । ईसिपब्भारा णं पुढवीवि एवं चेव । धम्मे णं अरहा पणयालीसं धणूइं उड्ढं उच्चत्तेणं होत्था | मंदरस्स णं पव्वयस्स चउद्दिसि पि पणयालीसं पणयाली जोयणसहस्साइं अबाहाए अंतरे पण्णत्ते । सव्वे वि णं दिवड्ढखेत्तिया णक्खत्ता पणयालीसं मुहुत्ते चंदेण सद्धिं जोगं जोइंसु वा, जोइंति वा, जोइस्संति वा । तिण्णेव उत्तराई पुणव्वसू रोहिणी विसाहा य । एए छ णक्खत्ता पणयालमुहुत्तसंजोगा || महालियाए विमाणपविभत्तीए पंचमे वग्गे पणयालीसं उद्देसणकाला पण्णत्ता। छायालीसइमो समवाओ दिट्ठिवायस्स णं छायालीसं माउयापया पण्णत्ता | बंभीए णं लिवीए छायालीसं माउयक्खरा पण्णत्ता । पभंजणस्स णं दस्स छायालीसं भवणावास सयसहस्सा पण्णत्ता। सत्तचालीसइमो समवाओ जया णं सरिए सव्वब्भंतरमंडलं उवसंकमित्ता णं चारं चरइ तया णं इहगयस्स मणुस्सस्स सत्तचत्तालीसं जोयणसहस्सेहिं दोहि य तेवढेहिं जोयणसएहिं एक्कवीसाए य सट्ठिभागेहिं जोयणस्स सूरिए चक्खुफासं हव्वमागच्छड्। थेरे णं अग्गिभूई सत्तचत्तालीसं वासाइं अगारमज्झे वसित्ता मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइए । अडयालीसइमो समवाओ एगमेगस्स णं रण्णो चाउरंतचक्कवट्टिस्स अडयालीसं पट्टणसहस्सा पण्णत्ता | धम्मस्स णं अरहओ अडयालीसं गणा, अडयालीसं गणहरा होत्था | सूरमंडले णं अडयालीसं एकसट्ठिभागे जोयणस्स विक्खभेणं पण्णत्ते। 42 Page #49 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवायांग सूत्र एगूणपण्णासइमो समवाओ सत्त-सत्तमियाए णं भिक्खुपडिमाए एगूणपण्णाए राइंदिएहिं छण्णउइ भिक्खासएणं अहासुत्तं अहाकप्पं अहामग्गं अहातच्चं सम्मं काएण फासित्ता पालित्ता सोहित्ता तीरित्ता किट्टित्ता आणाए अणुपालित्ता आराहिया भवइ । देवकुरु-उत्तरकुरुसु णं मणुया एगूणपण्णास-राइंदिएहिं संपण्ण जोव्वणा भवंति | तेइंदियाणं उक्कोसेणं एगूणपण्णं राइंदिया ठिई । पण्णासइमो समवाओ १५ | मुणिसुव्वयस्स णं अरहओ पण्णासं अज्जियासाहस्सीओ होत्था । अणंते णं अरहा पण्णासं धणूई उड्ढं उच्चत्तेणं होत्था । पुरिसुत्तमे णं वासुदेवे पण्णासं धणूई उड्ढं उच्चत्तेणं होत्था । सव्वे वि णं दीहवेयड्ढा मूले पण्णासं पण्णासं जोयणाणि विक्खंभेणं पण्णत्ता। लंतए कप्पे पण्णासं विमाणावाससहस्सा पण्णत्ता । सव्वाओ णं तिमिस्सगुहाखंडगप्पवायगुहाओ पण्णासं पण्णासं जोयणाई आयामेणं पण्णत्ता । सव्वे वि णं कंचणगपव्वया सिहरतले पण्णासं पण्णासं जोयणाई विक्खंभेणं पण्णत्ता। एगपण्णासइमो समवाओ णवण्हं बंभचेराणं एकावण्णं उद्देसणकाला पण्णत्ता । चमरस्स णं असुरिंदस्स असुरण्णो सभा सुहम्मा एकावण्णखंभसयसण्णिविट्ठा पण्णत्ता । एवं चेव बलिस्स वि । सुप्पभे णं बलदेवे एकावण्णं वाससयसहस्साई परमाउं पालइत्ता सिद्धे जाव सव्वदुक्खप्पहीणे | दंसणावरण-णामाणं दोण्हं कम्माणं एकावण्णं उत्तरपगडीओ पण्णत्ताओ। बावण्णइमो समवाओ मोहणिज्जस्स णं कम्मस्स वावण्णं णामधेज्जा पण्णत्ता । तं जहा- कोहे कोवे रोसे दोसे अखमा संजलणे कलहे चंडिक्के भंडगे विवाए १०, माणे मदे दप्पे थंभे अत्तुक्कोसे गव्वे परपरिवाए अवक्कोसे [परिभवे] उण्णए, उण्णामे २१ माया उवही णियडी वलए गहणे णूमे कक्के कुरुए दंभे ३, कूडे जिम्हे किव्विसे अणायरणया गृहणया वंचणया पलिकंचणया सातिजोगे ३८ । Page #50 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवायांग सूत्र लोभे इच्छा, मुच्छा कंखा गेही तिण्हा भिज्जा अभिज्जा कामासा भोगासा जीवियासा मरणासा, णंदी रागे ५२ । गोथूभस्स णं आवासपव्वयस्स पुरच्छिमिल्लाओ चरमंताओ वलयामहस्स महापायालस्स पच्चच्छिल्ले चरमंते, एस णं बावण्णं जोयणसहस्साइं अबाहाए अंतरे पण्णत्ते । एवं दओभासस्स णं केउगस्स, संखस्स जूयगस्स, दगसीमस्स ईसरस्स । णाणावरणिज्जस्स णामस्स अंतरायस्स एतेसिं णं तिण्हं कम्मपगडीणं वावण्णं उत्तरपयडीओ पण्णत्ताओ । सोहम्म-स ण्णं विमाणावास सयसहस्सा पण्णत्ता | तेवण्णइमो समवाओ देवकुरु-उत्तरकुरुयाओ णं जीवाओ तेवण्णं जोयणसहस्साइं साइरेगाइं आयामेणं पण्णत्ताओ । महाहिमवंत-रुप्पीण वासहरपव्वयाणं जीवाओ तेवण्णं तेवण्णं जोयणसहस्साइं णव य एगत्तीसे जोयणसए छच्च एगूणवीसइभागे जोयणस्स आयामेणं पण्णत्ताओ | समणस्स णं भगवओ महावीरस्स तेवण्णं अणगारा संवच्छरपरियाया पंचसु अणुत्तरेसु महइमहालएसु महाविमाणेसु देवत्ताए उववण्णा | समुच्छिमउरपरिसप्पाणं उक्कोसेणं तेवण्णं वाससहस्साई ठिई पण्णत्ता। चउपण्णइमो समवाओ Lw भरहेरवएसु णं वासेसु एगमेगाए उस्सप्पिणीए ओसप्पिणीए चउपण्णं चउपण्णं उत्तमपुरिसा उप्पंजिसु वा, उप्पज्जंति वा, उप्पज्जिसंति वा । तं जहा-चउवीसं तित्थयरा, बारस चक्कवट्टी, णव बलदेवा, णव वासुदेवा । अरहा णं अरिडणेमी चउपण्णं राइंदियाई छउमत्थपरियायं पाउणित्ता जिणे जाए केवली सवण्ण सव्वभावदरिसी । समणे णं भगवं महावीरे एगदिवसेणं एगणिसिज्जाए चउप्पण्णाइं वागरणाइं वागरित्था । अणंतस्स णं अरहओ चउपण्णं गणा चउपण्णं गणहरा होत्था । पण्णपण्णइमो समवाओ मल्ली णं अरहा पणवण्णं वाससहस्साई परमाउं पालइत्ता सिद्धे जाव सव्वदुक्खपहीणे । 44 Page #51 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवायांग सूत्र मंदरस्स णं पव्वयस्स पच्चत्थिमिलाओ चरमंताओ विजयदारस्स पच्चत्थिमिल्ले चरमंते एस णं पणवण्णं जोयणसहस्साइं अबाहाए अंतरे पण्णत्ते। एवं चाउद्दिसि पि विजय वेजयंत जयंत अपराजियं ति । समणे णं भगवं महावीरे अंतिमराइयंसि पणवण्णं अज्झयणाई कल्लाणफलविवागाइं पणवण्णं अज्झयणाई पावफलविवागाइं वागरित्ता सिद्धे जाव सव्वदुक्खप्पहीणे | पढम-बिइयासु दोसु पुढवीसु पणवण्णं णिरयावास सयसहस्सा पण्णत्ता। दंसणावरणिज्ज-णामाउयाणं तिण्हं कम्मपगडीणं पणवण्णं उत्तरपगडीओ पण्णत्ताओ | छप्पण्णइमो समवाओ १२ जंबुद्दीवे णं दीवे छप्पण्णं णक्खत्ता चंदेण सद्धिं जोगं जोइंसु वा, जोइंति वा, जोइस्संति वा । विमलस्स णं अरहओ छपण्णं गणा छप्पण्णं गणहरा होत्था । सत्तावण्णइमो समवाओ तिण्हं गणिपिडगाणं आया पलियावज्जाणं सत्तावण्णं अज्झयणा पण्णत्ता । तं जहा- आयारे सूयगडे ठाणे । गोथूभस्स णं आवासपव्वयस्स पुरथिमिल्लाओ चरिमंताओ वलयामुहस्स महापायालस्स बहमज्झदेसभाए एस णं सत्तावण्णं जोयणसहस्साइं अबाहाए अंतरे पण्णत्ते । एवं दओभासस्स केउयस्स य, संखस्स जूयस्स य, दयसीमस्स ईसरस्स य । मल्लिस्स णं अरहओ सत्तावण्णं मणपज्जवणाणिसया होत्था । महाहिमवंत-रुप्पीणं वासहरपव्वयाणं जीवाणं धणुपिटुं सत्तावण्णं सत्तावण्णं जोयणसहस्साइं दोण्णि य तेणउए जोयणसए दस य एगणवीसइभाए जोयणस्स परिक्खेवेणं पण्णत्तं । अट्ठावण्णइमो समवाओ पढम-दोच्च-पंचमासु तिसु पुढवीसु अट्ठावण्णं णिरयावास सयसहस्सा पण्णत्ता | णाणावरणिज्जस्स वेयणिय-आउय-णाम-अंतराइयस्स एएसि णं पंचण्हं कम्मपगडीणं अट्ठावण्णं उत्तरपगडीओ पण्णत्ताओ । गोथूभस्स णं आवासपव्वयस्स पच्चत्थिमिल्लाओ चरमंताओ वलयामुहस्स महापायालस्स बहमज्झदेसभाए एस णं अट्ठावण्णं जोयणसहस्साइं अबाहाए अंतरे पण्णत्ते । एवं चउद्दिसं पि णेयव्वं। Page #52 -------------------------------------------------------------------------- ________________ | १७ |१८ १९ १ २ समवायांग सूत्र एगूणसट्ठिइमो समवाओ चंदस्स णं संवच्छरस्स एगमेगे उऊ एगूणसट्ठि राइंदियाइं राइंदियग्गेणं पण्णत्ते । संभवे णं अरहा एगूणसट्ठि पुव्वसयसहस्साइं अगारमज्झे वसित्ता मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइए । मल्लिस णं अरहओ एगूणसट्ठि ओहिणाणिसया होत्था । सद्विमो समवाओ एगमेगे णं मंडले सूरिए सट्ठिए सट्ठिए मुहुत्तेहिं संधाए । लवण्णस्स णं समुद्दस्स सट्ठि णागसाहस्सीओ अग्गोदयं धारंति । विमले णं अरहा सट्ठि धणूई उड्ढं उच्चत्तेणं होत्था । बलिस्स णं वइरोयणिंदस्स सट्ठि सामाणियसाहस्सीओ पण्णत्ताओ । बंभस्स णं देविंदस्स देवरण्णो सट्ठि सामाणियसाहस्सीओ पण्णत्ताओ । सोहम्मीसाणेसु दोसु कप्पेसु सट्ठि विमाणावास सयसहस्सा पण्णत्ता । एगसट्ठिमो समवाओ पंचसंवच्छरियस्स णं जुगस्स रिउमासेणं मिज्जमाणस्स इगसट्ठि उउमासा पण्णत्ता । मंदरस्स णं पव्वयस्स पढमे कंडे एगसट्ठिजोयणसहस्साई उड्ढं उच्चत्तेणं पण्णत्ते । चंदमंडले णं एगसट्ठि विभागविभाइए समंसे पण्णत्ते । एवं सूरस्स वि । बावट्ठमो समवाओ पंच संवच्छरिए णं जुगे बावट्ठि पुण्णिमाओ बावट्ठि अमावसाओ पण्णत्ताओ। वासुपुज्जस्स णं अरहओ बावट्ठि गणा, बावट्ठि गणहरा होत्था । सुक्कपक्खस्स णं चंदे बावट्ठि भागे दिवसे दिवसे परिवड्ढइ । ते चेव बहुलपक्खे दिवसे दिवसे परिहायइ । सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु पढमे पत्थडे पढमावलियाए एगामेगाए दिसाए बावट्ठि विमाणा पण्णत्ता। सव्वे वेमाणियाणं बावट्ठि विमाणपत्थडा पत्थडग्गेणं पण्णत्ता | 46 Page #53 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवायांग सूत्र तेवहिमो समवाओ उसभे णं अरहा कोसलिए तेसद्धिं पुव्वसयसहस्साइं महारायवासमझे वसित्ता मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइए | हरिवास-रम्मयवासेसु मणुस्सा तेवट्ठिए राइंदिएहिं संपत्तजोव्वणा भवंति। णिसढे णं पव्वए तेवढेि सूरोदया पण्णत्ता । एवं णीलवंते वि । चउसद्विमो समवाओ ४ अट्टट्ठमिया णं भिक्खुपडिमा चउसट्ठीए राइंदिएहिं दोहि य अट्ठासीएहि भिक्खासएहिं अहासुत्तं जाव आणाए अणुपालित्ता भवइ । चउसद्धिं असुरकुमारावास सयसहस्सा पण्णत्ता । चमरस्स णं रण्णो चउसद्धिं सामाणिय साहस्सीओ पण्णत्ताओ | सव्वे वि दधिमुहा पव्वया पल्लगसंठाणसंठिया सव्वत्थ समा विक्खंभ उस्सेहेणं चउसद्धिं जोयणसहस्साइं पण्णत्ता । सोहम्मीसाणेसु बंभलोए य तिसु कप्पेसु चउसद्धिं विमाणावास सयसहस्सा पण्णत्ता । सव्वस्स वि य णं रणो चाउरंतचक्कवट्टिस्स चउसद्विलट्ठीए महग्घे मत्तामणिमए हारे पण्णत्ते । पणसहिमो समवाओ ६ जंबुद्दीवे णं दीवे पणसहिं सूरमंडला पण्णत्ता । थेरे णं मोरियपुत्ते पणसट्ठिवासाइं अगारमझे वसित्ता मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइए। सोहम्मवडिंसयस्स णं विमाणस्स एगमगाए बाहाए पणसद्धिं पणसर्व्हि भोमा पण्णत्ता । छावहिमो समवाओ ७ दाहिणड्ढमाणुस्सखेत्ताणं छावहिं चंदा पभासिंसु वा, पभासंति वा, पभासिस्संति वा । छावहि सूरिया तविंसु वा, तवंति वा, तविस्संति वा । उत्तरड्ढमाणुस्सखेत्ताणं छावडिं चंदा पभासिंस वा, पभासंति वा, पभासिस्संति वा, छावहिँ सूरिया तविंसु वा, तवंति वा, तविस्संति वा । सेज्जंसस्स णं अरहओ छावढि गणा छावढि गणहरा होत्था । आभिणिबोहियणाणस्स णं उक्कोसेणं छावढि सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता। 47 Page #54 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवायांग सूत्र सत्तसहिमो समवाओ पंचसंवच्छरियस्स णं जुगस्स णक्खत्तमासेणं मिज्जमाणस्स सत्तसद्धिं णक्खत्तमासा पण्णत्ता । हेमवय-एरण्णवइयाओ णं बाहाओ सत्तसद्धिं जोयणसयाइं पणपण्णाइं तिण्णि य (एगूणवीसइ) भागा जोयणस्स आयामेणं पण्णत्ताओ । मंदरस्स णं पव्वयस्स पुरच्छिमिल्लाओ चरमंताओ गोयमदीवस्स पुरच्छिमिल्ले चरमंते एस णं सत्तसद्धिं जोयणसहस्साई अबाहाए अंतरे पण्णत्ते। सव्वेसि पिणं णक्खत्ताणं सीमाविक्खभेणं सत्तढि भागं भवइ समंसे पण्णत्ते । अट्ठसहिमो समवाओ धायइसंडे णं दीवे अडसद्धिं चक्कवट्टिविजया, अडसहि रायहाणीओ पण्णत्ताओ । उक्कोसपए अडसहिँ अरहंता समुप्पज्जिंसु वा, समुप्पज्जेंति वा, समुप्पज्जिस्संति वा । एवं चक्कवट्टी बलदेवा वासुदेवा । पुक्खरवरदीवड्ढे णं अडसहिँ विजया, अडसढि रायहाणीओ पण्णत्ताओ | उक्कोसपए अडसद्धिं अरहंता समुप्पज्जिंसु वा, समुप्पज्जेंति वा, समुप्पज्जिस्संति वा । एवं चक्कवट्टी बलदेवा वासुदेवा । विमलस्स णं अरहओ अडसद्धिं समणसाहस्सीओ उक्कोसिया समणयसंपया होत्था । एगूणसत्तरिमो समवाओ समयखेत्ते णं मंदरवज्जा एगूणसत्तरिं वासा वासधरपव्वया पण्णत्ता, तं जहा- पणत्तीसं वासा, तीसं वासहरा, चतारि उसुयारा | मंदरस्स पव्वयस्स पच्चत्थिमिल्लाओ चरमंताओ गोयमदीवस्स पच्चत्थिमिल्ले चरमंते एस णं एगूणसत्तरि जोयणसहस्साइं अबाहाए अंतरे पण्णत्ते । मोहणिज्जवज्जाणं सत्तण्हं कम्मपगडीणं एगूणसत्तरि उत्तरपगडीओ पण्णत्ताओ । सत्तरिमो समवाओ समणे भगवं महावीरे वासाणं सवीसइराए मासे वइक्कंते सत्तरिए राइंदिएहिं सेसेहिं वासावासं पज्जोसवेइ । पासे णं अरहा पुरिसादाणीए सत्तरिं वासाइं बहुपडिपुण्णाई सामण्ण परियागं पाउणित्ता सिद्धे जाव सव्वदुक्खप्पहीणे। 48 Page #55 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवायांग सूत्र वासुपुज्जे णं अरहा सत्तरिं धणूई उड्ढं उच्चत्तेणं होत्था । १४ | महणिज्जस्स णं कम्मस्स सत्तरिं सागरोवमकोडाकोडीओ अबाहूणिया कम्मट्टिई कम्मणिसेगे पण्णत्ते । माहिंदस्स णं देविंदस्स देवरण्णो सत्तरि सामाणियसाहस्सीओ पण्णत्ताओ। एक्कसत्तरिमो समवाओ चउत्थस्स णं चंदसंवच्छरस्स हेमंताणं एक्कसत्तरीए राइदिएहिं वीइक्कंतेहि सव्वबाहिराओ मंडलाओ सूरिए आउटिं करेइ । वीरियप्पवायस्स णं पुव्वस्स एक्कसत्तरिं पाहुडा पण्णत्ता । अजिते णं अरहा एक्कसत्तरिं पुव्वसयसहस्साई अगारमज्झे वसित्ता मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइए । सगरे णं राया चाउरंतचक्कवट्टी एक्कसत्तरिं पुव्व सयसहस्साई अगारमज्झे वसित्ता मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइए । बावत्तरिमो समवाओ बावत्तरिं सुवण्णकुमारावाससयसहस्सा पण्णत्ता | लवणस्स समुदस्स बावत्तरिं णागसाहस्सीओ बाहिरियं वेलं धारंति । समणे भगवं महावीरे बावत्तरि वासाइं सव्वाउयं पालइत्ता सिद्धे जाव सव्वदुक्खप्पहीणे । थेरे णं अयलभाया बावत्तरिं वासाउयं पालइत्ता सिद्धे जाव सव्वदुक्खप्पहीणे । अभिंत्तरपुक्खरद्धे णं बावत्तरिं चंदा पभासिंसु वा, पभासंति वा, पभासिस्संति वा । बावत्तरिं सूरिया तविंसु वा, तवंति वा, तविस्संति वा | एगमेगस्स णं रण्णो चाउरंतचक्कवट्टिस्स बावत्तरिपुरवरसाहस्सीओ पण्णत्ताओ। बावत्तरि कलाओ पण्णत्ताओ, तं जहा- १. लेहं २. गणियं ३. रूवं ४. णदृ ५. गीयं ६. वाइयं ७. सरगयं ८. पुक्खरगयं ९. समतालं १०. जूयं ११. जणवायं १२. पोरेकच्चं १३. अट्ठावयं १४. दगमट्टियं १५. अण्णविही १६. पाणविही १७. वत्थविही १८. सयणविही १९.अज्जं २०. पहेलीयं २१. मागहियं २२. गाहं २३. सिलोग २४. गंधजुत्तिं २५. मधुसित्थं २६. आभरणविही २७. तरुणीपडिकम्म २८. इत्थीलक्खणं २९. पुरिसलक्खणं ३०. हयलक्खणं ३१. गयलक्खणं ३२. गोणलक्खणं ३३. कुक्कुडलक्खणं ३४ मिंढलक्खणं ३५. चक्कलक्खणं ३६. छत्तलक्खणं ३७. दंडलक्खणं ३८. असिलक्खणं ३९. मणिलक्खणं ४०. कागणिलक्खणं ४१. चम्मलक्खणं ४२. चंदचरियं ४३. सूरचरियं ४४ राहचरियं ४५. गहचरियं ४६. सोभागकरं ४७. दोभागकरं ४८. विज्जागयं ४९. मंतगयं ५०. रहस्सगयं ५१. सभासं ५२. चारं ५३. पडिचारं ५४. बुहं ५५. पडिबूह ५६. खंधावारमाणं ५७. णगरमाणं ५८. वत्थुमाणं ५९. खंधावारणिवेसं ६०. वत्थुणिवेसं ६१. 49 Page #56 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४ ५ ६ ७ समवायांग सूत्र णगरणिवेसं ६२. ईसत्थं ६३. छ. प्पवायं ६४. आससिक्खं ६५. हत्थिसिक्खं ६६. धणुव्वेयं ६७. हिरण्णपागं सुवण्णपागं मणिपागं धाउपागं ६८. बाहुजुद्धं मुट्ठिजुद्धं अट्ठिजुद्धं जुद्धं द्धिं जुद्धाद्धं ६९. सुत्तखेडं णालियाखेडं वट्टखेडं धम्मखेडं चम्मखेडं ७० पत्तछेज्जं कडगच्छेज्जं ७१. सजीवं णिज्जीवं ७२. सउणिरुयं । संमुच्छिम-खहयरपंचिंदियतिरिक्ख-जोणियाणं उक्कोसेणं बावत्तरिं वाससहस्साइं ठिई पण्णत्ता । तेवत्तरिमो समवाओ हरिवास-रम्मयवासियाओ णं जीवाओ तेवत्तरिं तेवत्तरिं जोयणसहस्साइं णव य एगुत्तरे जोयणसए सत्तरस यएगूणवीस भागे जोयणस्स अद्धभागं च आयामेणं पण्णत्ताओ । विजए णं बलदेवे तेवत्तरिं वाससयसहस्साइं सव्वाउयं पालइत्ता सिद्धे जाव सव्वदुक्खप्पहीणे । चोवत्तरिमो समवाओ थेरे णं अग्गिभूई गणहरे चोवत्तरिं वासाइं सव्वाउयं पालइत्ता सिद्धे जाव सव्वदुक्खप्पहीणे । णिसहाओ णं वासहरपव्वयाओ तिगिच्छिदहाओ सीतोदा महाणई चोवत्तरिं जोयणसयाइं साहियाइं उत्तराहिमुही पवहित्ता वइरामयाए जिब्भियाए चउजोयणायामाए पण्णासजोयणविक्खंभाए वइरतले कुंडे महया घडमुहपवतिएणं मुत्तावलिहार संठाणसंठिएणं पवाहेणं महया सद्देणं पवडइ। एवं सीता वि दक्खिणाहिमुही भाणियव्वा । चउत्थवज्जासु छसु पुढवीस चोवत्तरिं णिरयावास सयसहस्सा पण्णत्ताउ पण्णत्तरिमो समवाओ सुविहिस्स णं पुप्फदंतस्स अरहओ पण्णत्तरिं जिणसया होत्था । सीतले णं अरहा पण्णत्तरिं पुव्वसहस्साइं अगारवासमज्झे वसित्ता मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइए । संती णं अरहा पण्णत्तरिं वास सहस्साइं अगारवासमज्झे वसित्ता मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइए । छावत्तरिमो समवाओ ८ छावत्तरिं विज्जुकुमारावास सयसहस्सा पण्णत्ता । एवं दीव-दिसा-उदहीणं विज्जुकुमारिंदथणियमग्गीणं, छण्हं पि जुगलयाणं छावत्तरिं सयसहस्साइं। 50 Page #57 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवायांग सूत्र सत्ततरिमो समवाओ भरहे राया चाउरंतचक्कवट्टी सत्तहत्तरिं पुव्वसयसहस्साइं कुमारावासमज्झे वसित्ता महारायाभिसेयं संपत्ते । अंगवंसाओ णं सत्तहत्तरिं रायाणो मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइया । गद्दतोय-तुसियाणं देवाणं सत्तहत्तरिं देवसहस्सपरिवारा पण्णत्ता । एगमेगे णं मुहूत्ते सत्तहत्तरिं लवे लवग्गेणं पण्णत्ते । अद्वसत्तरिमो समवाओ सक्कस्स णं देविंदस्स देवरण्णो वेसमणे महाराया अट्ठहत्तरीए सुवण्णकुमार- दीवकुमारावाससयसहस्साणं आहेवच्चं पोरेवच्चं सामित्तं भट्टितं महारायत्तं आणाईसर-सेणावच्चं कारेमाणे पालेमाणे विहरइ । थेरे णं अकंपिए अट्ठहत्तरिं वासाइं सव्वाउयं पालइत्ता सिद्धे जाव सव्वदुक्खप्पहीणे | उत्तरायणणियट्टे णं सूरिए पढमाओ मंडलाओ एगूणचत्तालीसइमे मंडले अट्ठहत्तरं एगसद्विभाए दिवसखेत्तस्स णिवुड्ढेत्ता रयणिखेत्तस्स अभिवुड्ढेत्ता णं चार चरइ । एवं दक्खिणायणणियट्टे वि । एगूणासीइमो समवाओ वलयामुहस्स णं पायालस्स हिडिल्लाओ चरमंताओ इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए हेट्ठिल्ले चरमंते एस णं एगूणासीइं जोयणसहस्साइं अबाहाए अंतरे पण्णत्ते । एवं केउस्स वि, जूयस्स वि, ईसरस्स वि । १२ पंचमीए (छट्ठीए) पुढवीए बहुमज्झदेसभायाओ पंचमस्स (छट्ठस्स) घणोदहिस्स हेडिल्ले चरमंते एस णं एगूणासीइं जोयणसहस्साइं अबाहाए अंतरे पण्णत्ते । जंबुद्दीवस्स णं दीवस्स दारस्स य दारस्स य एगूणासीइं जोयणसहस्साइं साइरेगाइं अबाहाए अंतरे पण्णत्ते । असीइइमो समवाओ सेज्जंसे णं अरहा असीइं धणूई उड्ढं उच्चत्तेणं होत्था । तिविढे णं वासुदेवे असीइं धणूई उड्ढं उच्चत्तेणं होत्था | अयले णं बलदेवे असीइंधणइं उड़ढं उच्चत्तेणं होत्था | तिविटे णं वासदेवे असीइं वाससयसहस्साई महाराया होत्था । 51 Page #58 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवायांग सूत्र आउबहुले णं कंडे असीइ जोयणसहस्साई बाहल्लेणं पण्णत्ते । ईसाणस्स देविंदस्स देवरण्णो असीइं सामाणिय साहस्सीओ पण्णत्ताओ। जंबुद्दीवे णं दीवे असीउत्तरं जोयणसयं ओगाहेत्ता सूरिए उत्तरकट्ठोवगए पढमं उदयं करेइ । एक्कासीइइमो समवाओ णवणवमिया भिक्खुपडिमा एक्कासीइ राइंदिएहिं चउहि य पंचुत्तरेहिं भिक्खासएहिं अहासुत्तं जाव आराहिया भवइ। कुंथुस्स णं अरहओ एक्कासीइं मणपज्जवणाणिसया होत्था । विवाहपण्णत्तीए एकासीइं महाजम्मसयया पण्णत्ता | बासीइइमो समवाओ जंबुद्दीवे णं दीवे बासीयं मंडलसयं जं सूरिए दुक्खुत्तो संकमित्ताणं चारं चरइ, तं जहाणिक्खममाणे य पविसमाणे य । समणे णं भगवं महावीरे बासीए राइंदिएहिं वीइक्कंतेहिं गब्भाओ गब्भं साहरिए । महाहिमवंतस्स णं वासहरपव्वयस्स उवरिल्लाओ चरिमंताओ सोगंधियस्स कंडस्स हेविल्ले चरिमंते एस णं बासीइं जोयणसयाई अबाहाए अंतरे पण्णत्ते । एवं रुप्पिस्स वि | तेयासीइइमो समवाओ समणे भगवं महावीरं बासीइ राइंदिएहिं वीइक्कंतेहिं तेयासीइमे राइंदिए वट्टमाणे गब्भाओ गब्भं साहरिए । सीयलस्स णं अरहओ तेसीइगणा तेसीइ गणहरा होत्था । थेरे णं मंडियपुत्ते तेसीइं वासाइं सव्वाउयं पालइत्ता सिद्धे जाव सव्वदुक्खप्पहीणे । उसभे णं अरहा कोसलिए तेसीइं पुव्वसयसहस्साई अगारमज्झे वसित्ता मुंडे भवित्ता णं अगाराओ अणगारियं पव्वइए। भरहे णं राया चाउरंतचक्कवट्टी तेसीई पव्वसयसहस्साई अगारमज्झे वसित्ता जिणे जाए केवली सव्वण्णू सव्वभावदरिसी । चउरासीइइमो समवाओ चउरासीइ णिरयावास सयसहस्सा पण्णत्ता । 52 Page #59 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवायांग सूत्र उसभे णं अरहा कोसलिए चउरासीइं पुव्वसयसहस्साइं सव्वाउयं पालइत्ता सिद्धे जाव सव्वदुक्खप्पहीणे । एवं भरहो बाहुबली बंभी सुंदरी । सिज्जंसे णं अरहा चउरासीइं वाससयसहस्साइं सव्वाउयं पालइत्ता सिद्धे जाव सव्वदुक्खप्पहीणे। तिविढे णं वासुदेवे चउरासीइं वाससयसहस्साइं सव्वाउयं पालइत्ता अप्पइट्ठाणे णरए णेरइयत्ताए उववण्णे | सक्कस्स णं देविंदस्स देवरण्णो चउरासीई सामाणियसाहस्सीओ पण्णत्ताओ। सव्वे वि णं बाहिरया मंदरा चउरासीइं चउरासीइं जोयणसहस्साई उड्ढं उच्चत्तेणं पण्णत्ता | सव्वे वि णं अंजणगपव्वया चउरासीइं चउरासीइं जोयणसहस्साइं उड़ढं उच्चत्तेणं पण्णत्ता । हरिवास-रम्मयवासियाणं जीवाणं धणुपिट्ठा चउरासीइं जोयणसहस्साइं सोलस जोयणाइं चत्तारि य भागा (एगूणवीसइभाए) जोयणस्स परिक्खेवेणं पण्णत्ता । पंकबहुलस्स णं कण्डस्स उवरिल्लाओ चरमंताओ हेट्ठिल्ले चरमंते एस णं चउरासीइं जोयणसयसहस्साई अबाहाए अंतरे पण्णत्ते । विवाहपण्णत्तीए णं भगवईए चउरासीइं पयसहस्सा पयग्गेणं पण्णत्ता। चोरासीइं णागकुमारावाससयसहस्सा पण्णत्ता | चोरासीइं पइण्णगसहस्साइं पण्णत्ता | चोरासीइं जोणिप्पमुहसयसहस्सा पण्णत्ता । पुव्वाइयाणं सीसपहेलियापज्जवसाणाणं सट्ठाण द्वाणंतराणं चोरासीए गुणकारे पण्णत्ते । उसभस्सणं अरहओ कोसलियस्स चउरासीइं गणा चउरासीइं गणहरा होत्था। उसभस्स णं अरहओ कोसलियस्स उसभसेणपामोक्खाओ चउरासीइं समणसाहस्सीओ होत्था । सव्वे वि य वेमाणियाणं चउरासीइं विमाणावाससयससहस्सा सत्ताणउइं सहस्सा तेवीसं च विमाणा भवंतीति मक्खायं | पंचासीइइमो समवाओ आयारस्स णं भगवओ सचूलियागस्स पंचासीइं उद्देसणकाला पण्णत्ता । धायइसंडस्स णं मंदरा पंचासीइं जोयणसहस्साई सव्वग्गेणं पण्णत्ता | रुयए णं मंडलियपव्वए पंचासीइं जोयणसहस्साई सव्वग्गेणं पण्णत्ते । णंदणवणस्स णं हेडिल्लाओ चरमंताओ सोगंधियस्स कंडस्स हेविल्ले चरमंते एस णं पंचासीइं जोयणसयाई अबाहाए अंतरे पण्णत्ते । Page #60 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवायांग सूत्र छलसीइइमो समवाओ १४ सुविहिस्स णं पुप्फदंतस्स अरहओ छलसीइ गणा छलसीइ गणहरा होत्था । सुपासस्स णं अरहओ छलसीइ वाइसया होत्था । दोच्चाए णं पुढवीए बहुमज्झदेसभागाओ दोच्चस्स घणोदहिस्स हेढिल्ले चरमंते एस णं छलसीइं जोयणसहस्साइं अबाहाए अंतरे पण्णत्ते । सत्तासीइइमो समवाओ मंदरस्स णं पव्वयस्स पुरथिमिल्लाओ चरमंताओ गोथूभस्स आवासपव्वयस्स पच्चत्थिमिल्ले चरमंते एस णं सत्तासीइं जोयणसहस्साइं अबाहाए अंतरे पण्णत्ते । मंदरस्स णं पव्वयस्स दक्खिणिल्लाओ चरमंताओ दओभासस्स आवासपव्वयस्स उत्तरिल्ले चरमंते एस णं सत्तासीई जोयणसहस्साइं अबाहाए अंतरे पण्णत्ते । मंदरस्स पच्चत्थिमिल्लाओ चरमंताओ संखस्सआवासपव्वयस्स पुरथिमिल्ले चरमंते एस णं सत्तासीइं जोयणसहस्साइं अबाहाए अंतरे पण्णत्ते । मंदरस्स उत्तरिल्लाओ चरमंताओ दगसीमस्स आवासपव्वयस्स दाहिणिल्ले चरमंते एस णं सत्तासीइं जोयणसहस्साइं अबाहाए अंतरे पण्णत्ते। छण्हं कम्मपगडीणं आइम-उवरिल्लवज्जाणं सत्तासीइं उत्तरपगडीओ पण्णत्ताओ । महाहिमवंत कूडस्स णं उवरिल्लाओ चरिमंताओ सोगंधियस्स कंडस्स हेट्ठिल्ले चरिमंते एस णं सत्तासीइं जोयणसयाइं अबाहाए अंतरे पण्णत्ते । एवं रुप्पिकडस्स वि | अट्ठासीइइमो समवाओ एगमेगस्स णं चंदिम-सूरियस्स अट्ठासीइं अट्ठासीइं महग्गहा परिवारो पण्णत्तो । दिट्ठिवायस्स णं अट्ठासीइं सुत्ताइं पण्णत्ताइं, तं जहा- उज्जुसुयं परिणयापरिणयं एवं जाव अट्ठासीइं सुत्ताणि भाणियव्वाणि जहा णंदीए । मंदरस्स णं पव्वयस्स पुरच्छिमिल्लाओ चरिमंताओ गोथूभस्स आवासपव्वयस्स पुरच्छिमिल्ले चरिमंते एस णं अट्ठासीइं जोयणसहस्साइं अबाहाए अंतरे पण्णत्ते। एवं चउसु वि दिसासु णेयव्वं। बाहिराओ णं उत्तराओ कट्ठाओ सूरिए पढमं छम्मासं अयमाणे चोयालीसइमे मंडलगए अट्ठासीइ इगसहिभागे मुहुत्तस्स दिवसखेत्तस्स णिवुड्ढेत्ता रयणिखेत्तस्स अभिणिवठूत्ता सूरिए चारं चरइ | दक्षिणकट्ठाओ णं सूरिए दोच्च छम्मासं अयमाणे चोयालीसइमे मंडलगए अट्ठासीइ इगसहिभागे मुहुत्तस्स रयणिखेत्तस्स णिवुड्ढेत्ता दिवसखेत्तस्स अभिणिवतॄत्ता णं सूरिए चारं चरइ । 54 Page #61 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवायांग सूत्र एगूणणउइइमो समवाओ उसभे णं अरहा कोसलिए इमीसे ओसप्पिणीए तइयाए सुसमसमाए समाएपच्छिमे भागे एगूणणउइए अद्धमासेहिं सेसेहिं कालगए जाव सव्वदुक्खप्पहीणे । समणे भगवं महावीरे इमीसे ओसप्पिणीए चउत्थाए दूसमसुसमाए समाए पच्छिमे भागे एगूणणउइए अद्धमासेहिं सेसेहिं कालगए जाव सव्वदक्खप्पहीणे । हरिसेणे णं राया चाउरंतचक्कवट्टी एगूणणउइं वाससयाइं महाराया होत्था | संतिस्स णं अरहओ एगूणणउई अज्जासाहस्सीओ उक्कोसिया अज्जियासंपया होत्था | णउइइमो समवाओ २० सीयले णं अरहा णउई धणूई उड्ढं उच्चत्तेणं होत्था | अजियस्स णं अरहओ णउइं गणा णउई गणहरा होत्था | एवं संतिस्स वि। सयंभुस्स णं वासुदेवस्स णउइवासाइं विजए होत्था | सव्वेसिं णं वट्टवेयड्ढ पव्वयाणं उवरिल्लाओ सिहरतलाओ सोगंधियकण्डस्स हेहिल्ले चरमंते एस णं णउइजोयणसयाइं अबाहाए अंतरे पण्णत्ते। एक्काणउइमो समवाओ एकाणउई परवेयावच्च कम्मपडिमाओ पण्णत्ताओ | कालोए णं समुद्दे एकाणउइं जोयणसयसहस्साइं साहियाइं परिक्खेवेणं पण्णत्ते। थस्स णं अरहओ एकाणउइं आहोहियसया होत्था | आउय- गोयवज्जाणं छण्हं कम्मपगडीणं एकाणउइं उत्तरपडीओ पण्णत्ताओ। बाणउइइमो समवाओ बाणउइं पडिमाओ पण्णत्ताओ । ॐ थेरे णं इंदभूई बाणउइं वासाइं सव्वाउयं पालइत्ता सिद्धे जाव सव्वदुक्खप्प हीणे । मंदरस्स णं पव्वयस्स बहुमज्झदेसभागाओ गोथूभस्स आवासपव्वयस्स पच्चत्थिमिल्ले चरमंते एस णं बाणउइं जोयणसहस्साइं अबाहाए अंतरे पण्णत्ते एवं चउण्हं पि आवासपव्वयाणं । Page #62 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवायांग सूत्र तेणउइइमो समवाओ चंदप्पहस्स णं अरहओ तेणउइं गणा तेणउइं गणहरा होत्था । संतिस्स णं अरहओ तेणउइं चउद्दस पव्विसया होत्था | तेणउइं मंडलगते णं सरिए अतिवट्टमाणे णिवट्टमाणे वा समं अहोरत्तं विसमं करेड़ । चउणउइइमो समवाओ णिसह-णीलवंतियाओ णं जीवाओ चउणउइं चउणउइं जोयणसहस्साई एक्कं छप्पण्णं जोयणसयं दोण्णि य एगूणवीसइभागे जोयणस्स आयामेणं पण्णत्ताओ | अजियस्स णं अरहओ चउणउइं ओहिणाणिसया होत्था । पंचणउइइमो समवाओ सुपासस्स णं अरहओ पंचाणउइं गणा पंचाणउइं गणहरा होत्था । जंबुद्दीवस्स णं दीवस्स चरिमंताओ चउद्दिसिं लवणसमुदं पंचाणउइं पंचाणउइं जोयणसहस्साइं ओगाहित्ता चत्तारि महापायालकलसा पण्णत्ता, तं जहा-वलयामुहे केऊए जूयए ईसरे । लवणसमुदस्स उभओ पासं वि पंचाणउइं पंचाणउइं पएसाओ उव्वेहुस्सेह परिहाणीए पण्णत्ता | कुंथू णं अरहा पंचाणउइं वाससहस्साइं परमाउयं पालइत्ता सिद्धे जाव सव्वदुक्खप्पहीणे । थेरे णं मोरियपुत्ते पंचाणउइवासाइं सव्वाउयं पालइत्ता सिद्धे जाव सव्वदुक्खप्पहीणे । ९ छण्णउइइमो समवाओ एगमेगस्स णं रण्णो चाउरंतचक्कवट्टिस्स छण्णउइं छण्णउइं गामकोडीओ होत्था | वायुकुमाराणं छण्णउइं भवणावाससयसहस्सा पण्णत्ता | ववहारिए णं दंडे छण्णउइं अंगुलाई अंगुलमाणेणं । एवं धणू णालिया जुगे अक्खे मुसले वि । अन्भिंतराओ आदिमुहुत्ते छण्णउइ अंगुलच्छाए पण्णत्ते । सत्ताणइइमो समवाओ मंदरस्स णं पव्वयस्स पच्चच्छिमिल्लाओ चरिमंताओ गोथूभस्स णं आवासपव्वयस्स पच्चच्छिमिल्ले चरिमंते एस णं सत्ताणउइ जोयणसहस्साई अबाहाए अंतरे पण्णत्ते । एवं चउदिसि पि | अट्ठण्हं कम्मपगडीणं सत्ताणउई उत्तरपगडीओ पण्णत्ताओ । हरिसेणे णं राया चाउरंतचक्कवट्टी देसूणाई सत्ताणउई वाससयाई अगारमज्झे वसित्ता मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइए । Page #63 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवायांग सूत्र अट्ठाणउइइमो समवाओ णंदणवणस्स णं उवरिल्लाओ चरिमंताओ, पंडयवणस्स हेढिल्ले चरिमंते एस णं अट्ठाणउइं जोयणसहस्साई अबाहाए अंतरे पण्णत्ते । मंदरस्स णं पव्वयस्स पच्चच्छिमिल्लाओ चरिमंताओ गोथूभस्स आवासपव्वयस्स पुरिच्छिमिल्ले चरिमंते एस णं अट्ठाणउइं जोयणसहस्साइं अबाहाए अंतरे पण्णत्ते । एवं चउदिसि पि | दाहिणड्ढभरहस्स णं धणुपिढे अट्ठाणउइं जोयणसयाई किंचूणाई आयामेणं पण्णत्ते । उत्तराओ कट्ठाओ सूरिए पढमं छम्मासं अयमाणे एगणपण्णासइमे मंडलगए अट्ठाणउई एकसहिभागे मुहत्तस्स दिवसखेत्तस्स णिवुड्ढेत्ता रयणिखेत्तस्स अभिणिवट्टित्ता णं सूरिए चारं चरइ। दक्खिणाओ णं कट्ठाओ सूरिए दोच्चं छम्मासं अयमाणे एगूणपण्णासइमे मंडलगते अट्ठाणउई एकसहिभाए मुहुत्तस्स रयणिखित्तस्स णिवुड्ढेत्ता दिवसखेत्तस्स अभिणिवतॄत्ता णं सूरिए चारं चरइ। रेवई-पढमजेद्वापज्जवसाणाणं एगणवीसाए णक्खत्ताणं अट्ठाणउइ ताराओ तारग्गे णं पण्णत्ताओ। णवणउइइमो समवाओ १६ | मंदरे णं पव्वए णवणउइं जोयणसस्साइं उड्ढे उच्चत्तेणं पण्णत्ते । णंदणवणस्स णं पुरच्छिमिल्लाओ चरिमंताओ पच्चच्छिमिल्ले चरिमंते एस णं णवणउइं जोयणसयाई अबाहाए अंतरे पण्णत्ते । एवं दाहिणिल्लाओ चरिमंताओ उत्तरिल्ले चरिमंते एस णं णवणउइं जोयणसयाई अबाहाए अंतरे पण्णत्ते । पढमे सूरियमंडले णवणउई जोयणसहस्साइं साइरेगाइं आयामविक्खंभेणं पण्णत्ते । दोच्चे सरियमंडले णवणउइं जोयणसहस्साइं साहियाइं आयामविक्खंभेणं पण्णत्ते । तइयसरियमंडले णवणउइं जोयणसहस्साइं साहियाइं आयामविक्खंभेणं पण्णत्ते । इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए अंजणस्स कंडस्स हेढिल्लाओ चरिमंताओ वाणमंतरभोमेज्जविहाराणं उवरिल्ले चरिमंते एस णं णवणउइं जोयणसयाई अबाहाए अंतरे पण्णत्ते । सततमो समवाओ १९ | दसदसमिया णं भिक्खुपडिमा एगेणं राइंदियसएणं अद्धछडेहिं भिक्खास- एहिं अहासुत्तं जाव आराहिया भवइ । Page #64 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवायांग सूत्र सयभिसयाणक्खत्ते एक्कसयतारे पण्णत्ते । सुविही पुप्फदंते णं अरहा एगं धणुसयं उड्ढं उच्चत्तेणं होत्था | पासे णं अरहा पुरिसादाणीए एक्कं वाससयं सव्वाउयं पालइत्ता सिद्धे जाव सव्वदुक्खप्पहीणे । एवं थेरे अज्जसुहम्मे वि । सव्वे वि णं दीहवेयड्ढपव्वया एगमेगं गाउयसयं उड़ढं उच्चत्तेणं पण्णत्ता | सव्वेवि णं चल्लहिमवंत-सिहरीवासहरपव्वया एगमेगं जोयणसयं उड्ढं उच्चत्तेणं पण्णत्ता, एगमेगं गाउयसयं उव्वेहेणं पण्णत्ता | सव्वे वि णं कंचणगपव्वया एग मेगं जोयणसयं उड़ढं उच्चत्तेणं पण्णत्ता, एगमेगं गाउयसयं उव्वेहेणं पण्णत्ता, एगमेगं जोयणसयं मले विक्खंभेणं पण्णत्ता । पइण्णग समवाओ चंदप्पभे णं अरहा दिवड्ढं धणुसयं उड्ढे उच्चत्तेणं होत्था । आरण कप्पे दिवड्ढं विमाणावाससयं पण्णत्तं । एवं अच्चुए वि ||१५०॥ सुपासे णं अरहा दो धणुसया उड्ढे उच्चत्तेणं होत्था । सव्वे वि णं महाहिमवंत-रुप्पी वासहरपव्वया दो दो जोयणसयाई उड्ढं उच्चत्तेणं पण्णत्ता। दो दो गाउयसयाई उव्वेहेणं पण्णत्ता । जंबुद्दीवे णं दीवे दो कंचणपव्वयसया पण्णत्ता ||२००॥ पउमप्पभे णं अरहा अड्ढाइज्जाइं धणुसयाई उड्ढं उच्चत्तेणं होत्था । असुरकुमाराणं देवाणं पासायवडिंसगा अढाइज्जाइं जोयणसयाइं उड़ढं उच्चत्तेणं पण्णत्ता ॥२५०॥ । सुमई णं अरहा तिण्णि धणुसयाई उड्ढं उच्चत्तेणं होत्था । अरिट्ठणेमी णं अरहा तिण्णि वाससयाई कमारवासमज्झे वसित्ता मंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइए | वेमाणियाणं देवाणं विमाणपागारा तिण्णि तिण्णि जोयणाई उड्ढं उच्चत्तेणं पण्णत्ता | समणस्स णं भगवओ महावीरस्स तिण्णि सयाणि चोद्दसपुव्वीणं होत्था। पंचधणुसइयस्स णं अंतिमसारीरियस्स सिद्धिगयस्स सातिरेगाणि तिण्णिधणुसयाणि जीवप्पदेसोगाहणा पण्णत्ता॥३००॥ पासस्स णं अरहओ पुरिसादाणीयस्स अद्भुट्ठसयाइं चोद्दसपुव्वीणं संपया होत्था । अभिणंदणे णं अरहा अटुट्ठाइं धणुसयाई उड्ढं उच्चत्तेणं होत्था ॥३५०॥ संभवे णं अरहा चत्तारि धणुसयाई उड्ढं उच्चत्तेणं होत्था । सव्वे वि णं णिसढणीलवंता वासहरपव्वया चत्तारि चत्तारि जोयणसयाइं उड़ढं उच्चत्तेणं पण्णत्ता । चत्तारि चत्तारि गाउयसयाई उव्वेहेणं पण्णत्ता | सव्वे वि णं वक्खारपव्वया णिसढणीलवंत वासहरपव्वयंतेणं चत्तारि चत्तारि जोयणसयाई उड्ढं उच्चत्तेणं चत्तारि चत्तारि गाउय सयाइं उव्वहेणं पण्णत्ता । आणय-पाणएसु दोसु कप्पेसु चत्तारि विमाणसया पण्णत्ता | Page #65 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवायांग सूत्र समणस्स णं भगवओ महावीरस्स चत्तारि सया वाईणं सदेवमणुया-सुरंमि लोगंमि वाए अपराजियाणं उक्कोसिया वाइसंपया होत्था ॥४००॥ अजिते णं अरहा अद्धपंचमाइं धणुसयाई उड्ढं उच्चत्तेणं होत्था । सगरे णं राया चाउरंतचक्कवट्टी अद्धपंचमाइं धणुसयाई उड्ढं उच्चत्तेणं होत्था ॥४५०॥ सव्वे वि णं वक्खारपव्वया सीआ-सीओआओ महाणईओ मंदर-पव्वयंते णं पंच पंच जोयणसयाई उड्ढं उच्चत्तेणं पंच पंच गाउयसयाइं उव्वहेणं पण्णत्ताओ। सव्वे वि णं वासहरकूडा पंच पंच जोयणसयाइं उड्ढं उच्चत्तेणं होत्था, मूले पंच पंच जोयणसयाई विक्खंभेणं पण्णत्ता । उसभे णं अरहा कोसलिए पंच धणुसयाई उड्ढं उच्चत्तेणं होत्था । भरहे णं राया चाउरंतचक्कवट्टी पंच धणुसयाई उड्ढं उच्चत्तेणं होत्था । सोमणस-गंधमादण-विज्जुप्पभ-मालवंताणं वक्खारपव्वयाणं मंदर-पव्वयंतेणं पंच पंच जोयणसयाई उड्ढं उच्चत्तेणं, पंच पंच गाउयसयाइं उव्वेहेणं पण्णत्ता | सव्वे वि णं वक्खारपव्वयकूडा हरिहरिस्सहकूडवज्जा पंच पंच जोयणसयाइं उड्ढे उच्चत्तेणं, मूले पंच पंच जोयणसयाई वक्खंभेणं पण्णत्ता | सव्वे वि णं णंदण कूडा बलकूडवज्जा पंच पंच जोयणसयाई उड्ढं उच्चत्तेणं, मूले पंच पंच जोयणसयाइं आयामविक्खंभेण पण्णत्ता । सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु विमाणा पंच पंच जोयणसयाई उड्ढं उच्चत्तेणं पण्णत्ता ||५००॥ सणंकुमार-माहिंदेसु कप्पेसु विमाणा छजोयणसयाई उड्ढं उच्चत्तेणं पण्णत्ता । चुल्लहिमवंतकूडस्स उवरिल्लाओ चरमंताओ चुल्लहिमवंतस्स वासहरपव्वयस्स समधरणितले एस णं छजोयणसयाइं अबाहाए अंतरे पण्णत्ते। एवं सिहरीकूडस्स वि | पासस्स णं अरहओ छ सया वाईणं सदेवमण्यासुरे लोए वाए अपराजिआणं उक्कोसिया वाइसंपया होत्था । अभिचंदे णं कुलगरे छ धणुसयाई उड्ढं उच्चत्तेणं होत्था | वासुपुज्जे णं अरहा छहिं पुरिससएहिं सद्धिं मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइए ॥६००॥ बंभ-लंतएसु दोसु कप्पेसु विमाणा सत्त सत्त जोयणसयाई उड्ढे उच्चत्तेणं पण्णत्ता | समणस्स णं भगवओ महावीरस्स सत्त वेउव्वियसया होत्था। अरिट्ठणेमी णं अरहा सत्त वाससयाई देसूणाई केवलपरियाग पाउणित्ता सिद्धे जाव सव्वदुक्खप्पहीणे । महाहिमवंतकूडस्स णं उवरिल्लाओ चरिमंताओ महाहिमवंतस्स वासहरपव्वयस्स समधरणितले एस णं सत्त जोयणसयाइं अबाहाए अंतरे पण्णत्ते । एवं रुप्पिकूडस्स वि ॥७००॥ महासुक्क-सहस्सारेसु रदोसु कप्पेसु विमाणा अद्वजोयणसयाइं उड्ढे उच्चतेणं पण्णत्ता । इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए पढमे कंडे अट्ठसु जोयणसएसु वाणमंतर भोमेज्जविहारा पण्णत्ता | समणस्स णं भगवओ महावीरस्स अट्ठसया अणुत्तरोववाइयाणं देवाणं गइकल्लाणाणं ठिइकल्लाणाणं आगमेसिभद्दाणं उक्कोसिआ अणुत्तरोववाइयसंपया होत्था । Page #66 -------------------------------------------------------------------------- ________________ |१२ १३ १४ १५ समवायांग सूत्र इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए बहुसमरमणिज्जाओ भूमिभागाओ अट्ठहिं जोयणसएहिं सूरिए चारं चरति । अरहओ णं अरिट्ठणेमिस्स अट्ठसयाइं वाईणं सदेवमणुयासुरंमि लोगंमि वाए अपराजिआणं उक्कोसिया वाईसंपया होत्था | ||८०० ॥ आणय-पाणय-आरण-अच्चुएस कप्पेसु विमाणा णव णव जोयणसयाई उड्ढं उच्चत्तेणं पण्णत्ता । णिसढकूडस्स णं उवरिल्लाओ सिहरतलाओ णिसदस्स वासहरपव्वयस्स समे धरणितले एस णं णव जोयणसयाइं अबाहाए अंतरे पण्णत्ते । एवं णीलवंतकूडस्स वि । विमलवाहणे णं कुलगरे णव धणुसयाई उड्ढं उच्चत्तेणं होत्था । इमीसे णं रयणप्पभाए बहुसमरमणिज्जाओ भूमिभागाओ णवहिं जोयणसएहिं सव्वुवरिमे तारारुवे चारं चरइ । णिसढस्स णं वासहरपव्वयस्स उवरिल्लाओ सिहरतलाओ इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए पढमस्स कंडस्स बहुमज्झदेसभाए एस णं णव जोयणसयाई अबाहाए अंतरे पण्णत्ते । एवं णीलवंतस्स वि ॥९००॥ सव्वे वि णं गेवेज्जविमाणे दस दस जोयणसयाई उड्ढं उच्चत्तेणं पण्णत्ते। सव्वे वि णं जमगपव्वया दस दस जोयणसयाई उड्ढं उच्चत्तेणं पण्णत्ता, दस दस गाउयसयाई उव्वेहेणं पण्णत्ता, मूले दस दस जोयणसयाई आयामविक्खंभेणं पण्णत्ता एवं चित्त-विचित्तका विभाणियव्वा । सव्वे वि णं वट्टवेयड्ढपव्वया दस दस जोयणसयाई उड्ढं उच्चतेणं पण्णत्ता, दस दस गाउयसयाइं उव्वेहेणं पण्णत्ता, मूले दस दस जोयणसयाई विक्खंभेणं पण्णत्ता, सव्वत्थ समा पल्लगसंठाणसंठिया पण्णत्ता । सव्वे वि णं हरि-हरिस्सहकूडा वक्खारकूडवज्जा दस दस जोयणसयाइं उड्ढं उच्चत्तेणं पण्णत्ता, मूले दस जोयणसयाइं विक्खंभेणं पण्णत्ता । एवं बलकूडा वि णंदणकूडवज्जा | अरहा णं अरिट्ठणेमी दस वाससयाइं सव्वाउयं पालइत्ता सिद्धे जाव सव्वदुक्खप्पहीणे । पासस्स णं अरहओ दस साइं जिणाणं होत्था । पासस्स णं अरहओ दस अंतेवासीसयाइं कालगयाई जाव सव्वदुक्खप्पहीणाई। पउमद्दह-पुंडरीयद्दहा य दस दस जोयणसयाई आयामेणं पण्णत्ता ॥ १०००॥ अणुत्तरोववाइयाणं देवाणं विमाणा एक्कारस जोयणसयाई उड्ढं उच्चत्तेणं पण्णत्ता । पासस्स णं अरहओ इक्कारस सयाइं वेउव्वियाणं होत्था ॥११००॥ महापउम-महापुंडरीयदहा य दो-दो जोयणसहस्साइं आयामेणं पण्णत्ता ॥२०००॥ 60 Page #67 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवायांग सूत्र इमीसे णं रयणप्पभाए पढवीए वइरकंडस्स उवरिल्लाओ चरिमंताओ लोहियक्खकंडस्स हेढिल्ले चरिमंते एस णं तिण्णि जोयणसहस्साइं अबाहाए अंतरे पण्णत्ते ॥३०००॥ तिगिच्छ-केसरिदहा य चत्तारि-चत्तारि जोयणसहस्साइं आयामेणं पण्णत्ता ॥४०००॥ १८ | धरणितले मंदरस्स णं पव्वयस्स बहुमज्झदेसभाए रुयगणाभीओ चउदिसिं पंच-पंच जोयणसहस्साई अबाहाए अंतरे मंदरपव्वए पण्णत्ते ॥५०००॥ सहस्सारे णं कप्पे छ विमाणावाससहस्सा पण्णत्ता | ||६०००॥ २० | इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए रयणस्स कंडस्स उवरिल्लाओ चरिमंताओ पुलगस्स कंडस्स हेट्ठिले चरिमंते एस णं सत्त जोयणसहस्साई अबाहाए अंतरे पण्णत्ते ॥७०००॥ हरिवास-रम्मया णं वासा अट्ठ अट्ठ जोयणसहस्साइं साइरेगाइं वित्थरेण पण्णत्ता ॥८०००|| दाहिणड्ढभरहस्स णं जीवा पाईण-पडीणायया दुहओ समुदं पुट्ठा णव जोयणसहस्साइं आयामेणं पण्णत्ता | अजियस्स णं अरहओ साइरेगाई णव ओहिणाणी सहस्साई होत्था ॥९०००॥ मंदरे णं पव्वए धरणितले दस जोयणसहस्साइं विक्खंभेणं पण्णत्ते ॥१००००॥ जम्बूदीवे णं दीवे एगं जोयणसयसहस्सं आयामविक्खंभेणं पण्णत्ते ॥१०००००॥ लवणे णं समुद्दे दो जोयणसयसहस्साइं चक्कवालविक्खंभेणं पण्णत्ते ॥२०००००॥ पासस्स णं अरहओ तिण्णि सयसाहस्सीओ सत्तावीसं च सहस्साइं उक्कोसिया सावियासंपया होत्था | ||३२७०००॥ धायइखंडे णं दीवे चत्तारि जोयणसयसहस्साई चक्कवालविक्खंभेणं पण्णत्ते । ॥४०००००॥ लवणस्स णं समुद्दस्स पुरच्छिमिल्लाओ चरिमंताओ पच्चच्छिमिल्ले चरिमंते एस णं पंच जोयणसयसहस्साइं अबाहाए अंतरे पण्णत्ते ॥५०००००॥ भरहे णं राया चाउरंतचक्कवट्टी छ पुव्वसयसहस्साइं रायमज्झे वसित्ता मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइए ॥६०००००|| जंबुद्दीवस्स णं दीवस्स पुरच्छिमिल्लाओ वेइयंताओ धायइखंड चक्कवालस्स पच्चच्छिमिल्ले चरिमंते सत्त जोयणसयसहस्साइं अबाहाए अंतरे पण्णत्ते ॥७०००००॥ माहिंदे णं कप्पे अट्ठ विमाणावास सयसहस्साइं पण्णत्ताइं । ॥८०००००॥ Page #68 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३२ 33 ३४ समवायांग सूत्र पुरिससीहे णं वासुदेवे दस वाससयसहस्साइं सव्वाउयं पालइत्ता पंचमाए पुढवीए णेरइएसु णेरइयत्ताए उववण्णे ||१००००००|| समणे भगवं महावीरे तित्थगरभवग्गहणाओ छट्ठे पोट्टिलभवग्गहणे एगं वासकोडिं सामण्णपरियागं पाउणित्ता सहस्सारे कप्पे सव्वट्ठविमाणे देवत्ताए उववण्णे ॥१००,००,०००॥ उसभसिरिस्स भगवओ चरिमस्स य महावीरवद्धमाणस्स एगा सागरोव - मकोडाकोडी अबाहाए अंतरे पण्णत्ते || १०००००००००००००० सा० ॥ दुवालसंग गणिपिडग दुवालसंगे गणिपिडगे पण्णत्ते, तं जहा- आयारे सूयगडे ठाणे समवाए विवाहपण्णत्ती णायाधम्मकहाओ उवासगदसाओ अंतगडदसाओ अणुत्तरोव- वाइयदसाओ पण्हावागरणाई विवागसुए दिट्ठिवाए । से किं तं आयारे ? आयारे णं समणाणं णिग्गंथाणं आयारगोयरविणय वेणइयट्ठाण गमण चंकमण पमाण जोगजुंजण भासा समिइ गुत्ती सेज्जोवहि भत्त पाण उग्गम उप्पायण एसणा विसोहि सुद्धासुद्धग्गहण वय णियम तवोवहाण सुप्पसत्थमाहिज्जइ । से समासओ पंचविहे पण्णत्ते, तं जहा - णाणायारे दंसणायारे चरित्तायारे तवायारे वीरियायारे । आयारस्स णं परित्ता वायणा, संखेज्जा अणुओगदारा, संखेज्जाओ पडिवत्तीओ, संखेज्जा वेढा, संखेज्जा सिलोगा, संखेज्जाओ णिज्जुत्तीओ संखेज्जाओ संगहणीओ । सेणं अंगट्ठयाए पढमे अंगे, दो सुयक्खंधा, पणवीसं अज्झयणा, पंचासीइं उद्देसणकाला, पंचासीइं समुद्देसणकाला, अट्ठारस पयसहस्साइं पयग्गेणं, संखेज्जा अक्खरा, अणंता गमा अणंता पज्जवा, परित्ता तसा, अणंता थावरा सासया कडा णिबद्धा णिकाइया जिणपण्णत्ता भावा आघविज्जंति पण्णविज्जंति परूविज्जंति दंसिज्जंति णिदंसिज्जंति उवदंसिज्जंति । से एवं आया, एवं णाया, एवं विण्णाया, एवं चरण-करणपरुवणया आघविज्जंति पण्णविज्जंति परूविज्जंति दंसिज्जंति णिदंसिज्जंति उवदंसिज्जंति से त्तं आयारे ॥१॥ से किं तं सूयगडे ? सूयगडे णं ससमया सूइज्जंति, परसमया सूइज्जंति, ससमयपरसमया सूइज्जंति, जीवा सूइज्जंति, अजीवा सूइज्जंति, जीवाजीवा सूइज्जंति, लोगे सूइज्जइ, अलोगे सूइज्जइ लोगालोगे सूइज्जइ । समा सूयगडे णं जीवाजीव पुण्ण पावासव संवर णिज्जरण बंध मोक्खावसाणा पयत्था सूइज्जति। अचिरकालपव्वइयाणं कुसमयमोह-मोहमइ-मोहियाणं संदेहजायसहजबुद्धि परिणामसंसइयाणं पावकर-मलिणमइ - गुणविसोहणत्थं असीअस्स किरियावाइयसयस्स, चउरासी अकिरियवाईणं, सत्तट्ठीए अण्णाणियवाईणं, बत्तीसाए वेणइयवाईणं तिन्हं तेवद्वीणं 62 Page #69 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवायांग सूत्र अण्णदिट्ठियसयाणं बूहं किच्चा ससमए ठाविज्जइ । णाणादिद्वंत वयण णिस्सारं सुट्ठ दरिसयंता विविहवित्थाराणुगमपरमसब्भावगुणविसिट्ठा मोहपहोयारगा उदारा अण्णाण तमंधकारदुग्गेसु दीवभूआ सोवाणा चेव सिद्धिसुगइगिहुत्तमस्स णिक्खोभ-णिप्पकंपा सुत्तत्था । सूयगडस्स णं परित्ता वायणा, संखेज्जा अणुओगदारा, संखेज्जाओ पडिवत्तीओ, संखेज्जा वेढा, संखेज्जा सिलोगा, संखेज्जाओ णिज्जत्तीओ संखेज्जाओ संगहणीओ | से णं अंगठ्ठयाए दोच्चे अंगे, दो सयक्खंधा, तेवीसं अज्झयणा, तेत्तीसं उद्देसणकाला, तेत्तीसं समुद्देसणकाला, छत्तीसं पदसहस्साई पयग्गेणं पण्णत्ताइं। संखेज्जा अक्खरा, अणंता गमा, अणंता पज्जवा, परित्ता तसा, अणंता थावरा, सासया कडा णिबद्धा णिकाइया जिणपण्णत्ता भावा आघविज्जति पण्णविज्जंति परूविज्जंति दंसिज्जति णिदंसिज्जति उवदंसिज्जंति । से एवं आया, एवं णाया, एवं विण्णाया एवं चरण-करण- परूवणया आघविज्जति पण्णविज्जंति परूविज्जति दंसिज्जंति णिदंसिज्जंति उवदंसिज्जंति । से तं सूयगडे ॥२॥ Lool से किं तं ठाणे ? ठाणेणं ससमया ठाविज्जंति, परसमया ठाविज्जंति, ससमय-परसमया ठाविज्जंति, जीवा ठाविज्जंति, अजीवा ठाविज्जंति, जीवाजीवा ठाविज्जंति, लोगे ठाविज्जड़, अलोगे ठाविज्जइ, लोगालोगे ठाविज्जइ। ठाणेणं दव्व-गुण-खेत्त-काल-पज्जव-पयत्थाणंसेला सलिला य समुद्दा, सूर-भवण-विमाण-आगर गईओ | णिहिओ पुरिसज्जाया सरा य गोत्ता य जोइसंचाला ॥१॥ -एक्कविहवत्तव्वयं वत्तव्वयं जाव दसविह वत्तव्वयं जीवाण पोग्गलाण य लोगट्ठाइणं च परूवणया आघविज्जति । ठाणस्स णं परित्ता वायणा, संखेज्जा अणुओगदारा, संखेज्जाओ पडिवत्तीओ, संखेज्जा वेढा, संखेज्जा सिलोगा, संखेज्जाओ णिज्जत्तीओ, संखेज्जाओ संगहणीओ | से णं अंगद्वयाए तइए अंगे, एगे सयक्खंधे, दस अज्झयणा, एक्कवीसं उद्देसणकाला, एक्कवीसं समुद्देसणकाला, वावत्तरिं पयसहस्साई पयग्गेणं पण्णत्ताई । संखेज्जा अक्खरा, अणंता गमा, अणंता पज्जवा, परित्ता तसा, अणंता थावरा सासया कडा णिबद्धा णिकाइया जिणपण्णत्ता भावा आघविज्जति पण्णविज्जंति, परूविज्जंति दंसिज्जति णिदंसिज्जति उवदंसिज्जंति | से एवं आया, एवं णाया, एवं विण्णाया, एवं चरण-करणपरूवणया आघविज्जति पण्णविज्जंति, परूविज्जंति दंसिज्जति णिदंसिज्जंति उवदंसिज्जंति । से त्तं ठाणे ॥३॥ से किं तं समवाए ? समवाए णं ससमया सूइज्जंति, परसमया सूइज्जंति, ससमयपरसमया सूइज्जति । जीवा सूइज्जति, अजीवा सूइज्जंति, जीवाजीवा सूइज्जंति, लोगे सूइज्जइ, अलोगे सुइज्जइ, लोगालोगे सूइज्जइ । Is Page #70 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवायांग सूत्र समवाएणं एकाइयाणं एगट्ठाणं एगुत्तरियपरिवुड्ढीए दुवालसंगस्स वि गणिपिडगस्स पल्लवग्गे समणुगाइज्जइ, ठाणगसयस्स बारसविहवित्थरस्स सुयणाणस्स जगजीवहियस्स भगवओ समासेणं समोयारे आहिज्जइ । तत्थ य णाणाविहप्पगारा जीवाजीवा य वणिया वित्थरेण, अवरे वि य बहुविहा विसेसा णरग-तिरिय-मणुअ-सुरगणाणं आहारुस्सास लेसा आवाससंख आययप्पमाण उववाय चवण ओगाहणोहि वेयणविहाण उवओग जोग इंदिय कसाया विविहा य जीवजोणी विक्खंभुस्सेहपरिरयप्पमाणं विहिविसेसा य मंदरादीणं महीधराणं कुलगर तित्थगर गणहराणं सम्मत्त भरहाहिवाण चक्कीणं चेव चक्कहर हलहराण य वासाण य णिगमा य समाए | एए अण्णे य एवमाइ एत्थ वित्थरेणं अत्था समाहिज्जति । समवायस्स णं परित्ता वायणा, संखेज्जा अणुओगदारा, संखेज्जाओ पडिवत्तीओ, संखेज्जा वेढा, संखेज्जा सिलोगा, संखेज्जाओ णिज्जुत्तीओ, संखेज्जाओ संगहणीओ | से णं अंगठ्ठयाए चउत्थे अंगे, एगे अज्झयणे, एगे सुयक्खंधे, एगे उद्देसणकाले, एगे समुद्देसणकाले। चउयाले पयसयसहस्से पयग्गेणं पण्णत्ते। संखेज्जा अक्खरा, अणंता गमा, अणंता पज्जवा, परित्ता तसा, अणंता थावरा सासया कडा णिबद्धा णिकाइया जिणपण्णत्ता भावा आघविज्जंति पण्णविज्जंति परूविज्जति दंसिज्जंति णिदंसिज्जति उवदंसिज्जति । से एवं आया, एवं णाया, एवं विण्णाया, एवं चरण-करण परूवणया आघविज्जति पण्णविज्जंति परूविज्जति दंसिज्जति णिदंसिज्जंति उवदंसिज्जंति । से त्तं समवाए ॥४॥ ६ से किं तं विवाहे ? विवाहेणं ससमया विआहिज्जंति, परसमया विआहिज्जंति, ससमयपरसमया विआहिज्जंति, जीवा विआहिज्जति, अजीवा विआहिज्जंति, जीवाजीवा विआहिज्जति, लोगे विआहिज्जइ, अलोए विआहिज्जइ, लोगालोगे विआहिज्जइ। विवाहे णं णाणाविहसुर णरिंद रायरिसि विविहसंसइअ पुच्छिआणं जिणेणं वित्थरेण भासियाणं दव्व गुण खेत्त काल पज्जव पदेस परिणाम जहत्थिभाव अणुगम णिक्खेव णयप्पमाण सुणिठणोवक्कम विविहप्पकार पगडपयासियाणं लोगालोग पयासियाणं संसारसमुद्द रुंद उत्तरण समत्थाणं सुरवइ संपूजियाणं भवियजण पय हिययाभिणंदियाणं तम रय विद्धंसणाणं सुदिहदीवभूय ईहामति बुद्धि वद्धणाणं छत्तीससहस्समणूणयाणं वागरणाणं दंसणाओ सुयत्थ बहुविहप्पगारा सीसहियत्था य गुणमहत्था । वियाहस्स णं परित्ता वायणा, संखेज्जा अणुओगदारा, संखेज्जाओ पडिवत्तीओ, संखेज्जा वेढा, संखेज्जा सिलोगा, संखेज्जाओ णिज्जुत्तीओ संखेज्जाओ संगहणीओ | से णं अंगठ्ठयाए पंचमे अंगे, एगे सुयक्खंधे, एगे साइरेगे अज्झय णसए, दस उद्देसगसहस्साइं, दस समद्देसगसहस्साई, छत्तीसं वागरणसहस्साई चउरासीइं पयसहस्साई पयग्गेणं पण्णत्ता । संखेज्जा अक्खरा, अणंता गमा, अणंता पज्जवा, परित्ता तसा, अणंता थावरा, सासया कडा णिबद्धा णिकाइया जिणपण्णत्ता भावा आघविज्जति पण्णविज्जंति, परूविज्जंति दंसिज्जंति 64 Page #71 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवायांग सूत्र णिदंसिज्जंति उवदं। सिज्जंति | से एवं आया, से एवं णाया, एवं विण्णाया, एवं चरणकरणपरूवणया आघविज्जति पण्णविज्जंति, परूविज्जंति दंसिज्जंति णिदंसिज्जंति उवदंसिज्जंति। से त्तं वियाहे ॥५॥ से किं तं णायाधम्मकहाओ ? णायाधम्मकहासु णं णायाणं णगराइं उज्जाणाई चेइआई वणखंडा रायाणो अम्मापियरो समोसरणाई धम्मायरिया धम्मकहाओ इहलोइय-परलोइय-इड्ढीविसेसा भोगपरिच्चाया पव्वज्जाओ सुयपरिग्गहा तवोवहाणाइं परियागा संलेहणाओ भत्तपच्चक्खाणाई पाओवगमणाई देवलोगगमणाई सुक्लपच्चायायाइं पुणब्बोहिलाभा अंतकिरियाओ य आघविज्जति पण्णविज्जंति परूविज्जति दंसिज्जंति णिदंसिज्जंति उवदंसिज्जंति । णायाधम्मकहासु णं पव्वइयाणं विणय करण जिणसामि सासणवरे संजम पइण्णपालण धिड़ मइ ववसायदुब्बलाणं, तवणियम तवोवहाण रणदुद्धरभरभग्गा णिस्सहा णिसिट्ठाणं, घोर परीसह पराजियाणं, असहपारद्ध रुद्धसिद्धालय महग्ग णिग्गयाण, विसयसुह तुच्छ आसावस दोसमुच्छियाणं, विराहिय चरित्त णाण दंसण अइगुण विविहप्पयार णिस्सारसुण्णयाणं, संसार अपार दुक्ख दुग्गइ भवविविह परंपरापवंचा, धीराण य जिय परीसह कसाय सेण्ण धिइ धणिय संजम उच्छाह णिच्छियाण, आराहियणाण दंसण चरित्तजोग णिस्सल्ल सुद्धसिद्धालय मग्गमभिमुहाणं सुरभवण विमाणसुक्खाइं अणोवमाइं भुत्तूण चिरं च भोगभोगाणि ताणि दिव्वाणि महरिहाणि, ततो य कालक्कमचुयाण जह य पुणो लद्धसिद्धिमग्गाणं अंतकिरिया, चलियाण य सदेव माणुस्सधीर करण कारणाणि बोधण अणुसासणाणि गुण दोस दरिसणाणि। दिढते पच्चये य सोऊण गो जह य ठियासासणम्मि जर मरण णासणकरे आराहियसंजमा य सरलोगपडिणियत्ता ओवेति जह सासयं सिवं सव्वदक्खमोक्खं, एए अण्णे य एवमाइयत्था वित्थरेण य । णायाधम्मकहासु णं परित्ता वायणा, संखेज्जा अणुओगदारा, संखेज्जाओ पडिवत्तीओ, संखेज्जा वेढा, संखेज्जा सिलोगा, संखेज्जाओ णिज्जुत्तीओ संखेज्जाओ संहणीओ | से णं अंगठ्ठयाए छठे अंगे, दो सुअक्खंधा, एगूणवीसं अज्झयणा । ते समासओ दुविहा पण्णत्ता, तं जहा-चरिता य कप्पिया य । दस धम्मकहाणं वग्गा | तत्थ णं एगमेगाए धम्मकहाए पंच पंच अक्खाइयासयाई, एगमेगाए अक्खाइयाए पंच पंच उवक्खाइयासयाई, एगमेगाए उवक्खाइयाए पंच पंच अक्खाइय-उवक्खाइयासयाई, एवमेव सप्पव्वावरेणं अट्ठाओ अक्खाइयाकोडीओ भवंतीति मक्खायाओ । Page #72 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवायांग सूत्र एगूणतीसं उद्देसणकाला, एगूणतीसं समुद्देसणकाला, संखेज्जाइं पयसहस्साइं पयग्गेणं पण्णत्ता | संखेज्जा अक्खरा, अणंता गमा, अणंता पज्जवा, परित्ता तसा, अणंता थावरा, सासया कडा णिबद्धा णिकाइया जिणपण्णत्ता भावा आघविज्जति पण्णविज्जंति परूविज्जंति दंसिज्जंति णिदंसिज्जति उवदंसिज्जंति । से एवं आया, से एवं णाया, एवं विण्णाया, एवं चरणकरणपरूवणया आघविज्जति पण्णविज्जंति, परूविज्जति दंसिज्जंति णिदंसिज्जति उवदंसिज्जंति। से त्तं णायाधम्मकहाओ ॥६॥ से किं तं उवासगदसाओ ? उवासगदसासु उवासयाणं णगराइं उज्जाणाई चेइआई वणखंडा रायाणो अम्मापियरो समोसरणाइं धम्मायरिया धम्मकहाओ इहलोइय-परलोइय-इइढिविसेसा, उवासयाणं सीलव्वय-वेरमण -गुण- पच्चक्खाण- पोसहोववासपडिवज्जणयाओ सुयपरिग्गहा तवोवहाणा पडिमाओ उवसग्गा संलेहणाओ भत्तपच्चक्खाणाइं पाओवगमणाई देवलोगगमणाई स्कुलपच्चायाई, पुणो बोहिलाभा अंतकिरियाओ आघविज्जंति पण्णविज्जंति परूविज्जंति दंसिज्जति णिदंसिज्जंति उवदंसिज्जंति । उवासगदसास् णं उवासयाणं रिद्धिविसेसा परिसा वित्थरधम्मसवणाणि बोहिलाभ अभिगम सम्मत्तविसुद्धया थिरत्तं मूलगुण उत्तरगुणाइयारा ठिईविसेसा पडिमाभिग्गहगहणपालणा उवसग्गाहियासणा णिरुवसग्गा य तवा य विचित्ता सीलव्वय गुण वेरमण पच्चक्खाणपोसहोववासा अपच्छिममारणंतियाऽऽय संलेहणा झोसणाहिं अप्पाणं जह य भावइत्ता बहूणि भत्ताणि अणसणाए य छेइत्ता उववण्णा कप्पवरविमाणुत्तमेसु जह अणुभवंति सुरवर विमाणवर पोंडरीएसु सोक्खाइं अणोवमाइं कमेण भुत्तूण उत्तमाइं, तओ आउक्खएणं चुया समाणा जह जिणमयम्मि बोहिं लभ्रूण य संजमुत्तमं तमरयोघविप्पमुक्का उति जह अक्खयं सव्वदुक्खमोक्खं । एते अण्णे य एवमाइअत्था वित्थरेण य । उवासगदसासु णं परित्ता वायणा, संखेज्जा अणुओगदारा, संखेज्जाओ पडिवत्तीओ, संखेज्जा वेढा, संखेज्जा सिलोगा, संखेज्जाओ णिज्जुत्तीओ, संखेज्जाओ संगहणीओ | से णं अंगट्ठयाए सत्तमे अंगे, एगे सुयक्खंधे, दस अज्झयणा, दस उद्देसणकाला, दस समुद्देसणकाला, संखेज्जाइं पयसयसहस्साई पयग्गेणं पण्णत्ताइं । संखेज्जा अक्खरा, अणंता गमा, अणंता पज्जवा, परित्ता तसा, अणंता थावरा, सासया कडा णिबद्धा णिकाइया जिणपण्णत्ता भावा आघविज्जति पण्णविज्जंति, परूविज्जंति दंसिज्जंति णिदंसिज्जंति उवदंसिज्जंति | से एवं आया, एवं णाया, एवं विण्णाया, एवं चरण-करण परूवणया आघविज्जंति पण्णविज्जंति परूविज्जति दंसिज्जंति णिदंसिज्जंति उवदंसिज्जंति | से त्तं उवासगदसाओ ॥७॥ से किं तं अंतगडदसाओ ? अंतगडदसासु णं अंतगडाणं णगराइं उज्जाणाइं चेइयाइं वणखंडा राया अम्मापियरो समोसरणा धम्मायरिया धम्मकहा इहलोइय-परलोइय-इइढिविसेसा भोगपरिच्चाया पव्वज्जाओ सुयपरिग्गहा तवोवहाणाई पडिमाओ बहुविहाओ खमा अज्जवं मद्दवं च सोअं च सच्चसहियं सत्तरसविहो य संजमो उत्तमं च बंभं आकिंचणया तवो चियाओ समिइगत्तीओ चेव। Page #73 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवायांग सूत्र तह अप्पमायजोगो सज्झायज्झाणाण य उत्तमाणं दोण्हं पि लक्खणाइं । पत्ताण य संजमुत्तमं जियपरीसहाणं चउव्विहकम्मक्खयम्मि जह केवलस्स लंभो परियाओ जत्तिओ य जह पालिओ मुणिहिं पायोवगयो य, जो जहिं जत्तियाणि भत्ताणि छेयइत्ता अंतगडो मुणिवरो तमरयोघ विप्पमुक्को मोक्खसुहमणुत्तरं पत्ता । एए अण्णे य एवमाइयत्था वित्थरेणं परवेइ । अंतगडदसासु णं परित्ता वायणा, संखेज्जा अणुओगदारा, संखेज्जाओ पडिवत्तीओ, संखेज्जा वेढा, संखेज्जा सिलोगा, संखेज्जाओ णिज्जुत्तीओ, संखेज्जाओ संगहणीओ। से णं अंगठ्ठयाए अट्ठमे अंगे, एगे सुयक्खंधे, दस अज्झयणा, सत्त वग्गा, दस उद्देसणकाला, दस समद्देसणकाला, संखेज्जाइं पयसहस्साइं पयग्गेणं पण्णत्ताइं । संखेज्जा अक्खरा, अणंता गमा, अणंता पज्जवा, परित्ता तसा, अणंता थावरा, सासया कडा णिबद्धा णिकाइया जिणपण्णत्ता भावा आघविज्जति, पण्णविज्जंति, परूविज्जति, दंसिज्जंति, णिदंसिज्जति उवदंसिज्जंति । से एवं आया, एवं णाया, एवं विण्णाया, एवं चरण- करणपरूवणया आघविज्जति पण्णविज्जति परूविज्जति दंसिज्जंति णिदंसिज्जति उवदंसिज्जंति । से तं अंतगडदसाओ ॥८॥ से किं तं अणुत्तरोववाइयदसाओ ? अणुत्तरोववाइयदसासु णं अणुत्तरोववाइयाणं णगराई उज्जाणाई चेइयाइं वणखंडा रायाणो अम्मापियरो समोसरणाइं धम्मायरिया धम्मकहाओ इहलोइयपरलोइय-इढिविसेसा भोगपरिच्चाया पव्वज्जाओ सुयपरिग्गहा तवोवहाणाइं परियागो पडिमाओ संलेहणाओ भत्तपाणपच्चक्खाणाइं पाओवगमणाइं अणुत्तरोववाओ सकलपच्चायाई, पुणो बोहिलाभो अंतकिरियाओ य आघविज्जंति पण्णविज्जंति परूविज्जंति दंसिज्जंति णिदंसिज्जंति उवदंसिज्जंति । अणुत्तरोववाइयदसासु णं तित्थकरसमोसरणाइं परममंगल जगहियाणि जिणातिसेसा य बहुविसेसा जिणसीसाणं चेव समणगण पवर गंधहत्थीणं थिरजसाणं परीसहसेण्ण रिउबल पमद्दणाणं, तव दित्त चरित्त णाण सम्मत्तसार विविह प्पगार वित्थर पसत्थगुणसंजुयाणं, अणगारमहरिसीणं अणगार-गुणाण वण्णओ, उत्तमवरतव विसिट्ठ णाणजोगजुत्ताणं, जह य जगहियं भगवओ जारिसा इढिविसेसा देवासुर माणसाणं परिसाणं पाउब्भावा य जिणसमीवं, जह य उवासंति जिणवरं, जह य परिकहंति धम्मं लोगगुरु अमर णर सुर गणाणं सोऊण य तस्स भासियं अवसेसकम्मविसयविरत्ता णरा जहा अब्भुटुंति धम्ममुरालं संजमं तवं चावि बहुविहप्पगारं जह बहूणि वासाणि अणुचरित्ता आराहिय णाण दंसण चरित्त जोगा जिणवयणमणुगयमहियं भासिया जिणवराण हिययेणमणुण्णेत्ता जे य जहिं जत्तियाणि भत्ताणि छेयइत्ता लभ्रूण य समाहिमुत्तमज्झाण जोगजुत्ता उववण्णा मुणिवरोत्तमा जह अणुत्तरेसु पावंति जह अणुत्तरं तत्थ विसयसोक्खं । तओ य चुआ कमेण काहिंति संजया जहा य अंतकिरियं, एए अण्णे य एवमाइयत्था वित्थरेण । अणुत्तरोववाइयदसासु णं परित्ता वायणा, संखेज्जा अणुओगदारा, संखेज्जाओ पडिवत्तीओ, संखेज्जा वेढा, संखेज्जा सिलोगा, संखेज्जाओ णिज्जुत्तीओ, संखेज्जाओ संगहणीओ। Page #74 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ११ १२ समवायांग सूत्र से णं अंगट्ठयाए णवमे अंगे, एगे सुयक्खंधे, दस अज्झयणा, तिण्णि वग्गा, दस उद्देसणकाला, दस समुद्देसणकाला, संखेज्जाई, पयसयसहस्साइं पयग्गेणं पण्णत्ताइं । संखेज्जा अक्खरा, अनंता गमा, अणंता पज्जवा, परित्ता तसा, अणंता थावरा, सासया कडा णिबद्धा णिकाइया जिणपण्णत्ता भावा आघविज्जंति पण्णविज्जंति परुविज्जंति दंसिज्जंति णिदंसिज्जंति उवदंसिज्जति । से एवं आया, एवं णाया एवं विण्णाया, एवं चरण- करणपरूवणया आघविज्जंति पण्णविज्जति परूविज्जंति दंसिज्जति णिदंसिज्जंति उवदंसिज्जति I से त्तं अणुत्तरोववाइयदसाओ ||९|| से किं तं पण्हावागरणाणि ? पण्हावागरणेसु अट्टुत्तरं पसिणसयं अट्टुत्तरं अपसिणसयं अट्टुत्तरं पसिणापसिणसयं विज्जाइसया णाग सुवण्णेहिं सद्धिं दिव्वा संवाया आघविज्जंति । पण्हावागरणदसासु णं ससमय परसमय पण्णवय पत्तेयबुद्ध विविहत्थ भासा भासियाणं अतिसयगुण उवसम णाणप्पगार आयरियभासियाणं वित्थरेणं वीरमहेसीहिं विविहवित्थरभासियाणं च जगहियाणं अद्दागंगुट्ठ बाहु असि मणि खोम आइच्चभासियाणं विविहमहापसिणविज्जा मणपसिण विज्जा देवयपयोग पहाण गुणप्पगासियाणं सब्भूयद्गुणप्पभाव पर गण मइ विम्हयकराणं अतिसयमईयकाल समए दम सम तित्थकरुत्तमस्स ठिइकरणकारणाणं दुरहिगम दुरवगाहस्स सव्वसव्वण्णुसम्मयस्स अबुह जण विबोहणकरस्स पच्चक्खय पच्चयकरणं पण्हाणं विविहगुणमहत्था जिणवरप्पणीया आघविज्जंति । पण्हावागरणेसु णं परित्ता वायणा, संखेज्जा अणुओगदारा, संखेज्जाओ पडिवत्तीओ, संखेज्ज वेढा, संखेज्जा सिलोगा, संखेज्जाओ णिज्जुत्तीओ, संखेज्जाओ संगहणीओ । से णं अंगट्ठयाए दसमे अंगे, एगे सुयक्खंधे, पणयालीसं उद्देसणकाला, पणयालीसं समुद्देसणकाला, संखेज्जाणि पयसयसहस्साणि पयग्गेणं पण्णत्ताइं । संखेज्जा अक्खरा, अणंता गमा, अनंता पज्जवा, परित्ता तसा, अणंता थावरा, सासया कडा णिबद्धा णिकाइया जिणपण्णत्ता भावा आघविज्जंति पण्णविज्जंति परुविज्जंति दंसिज्जंति णिदंसिज्जंति उवदंसिज्जंति । से एवं आया, एवं णाया, एवं विण्णाया, एवं चरण-करणपरूवणया आघविज्जंति पण्णविज्जंति परुविज्जंति दंसिज्जंति णिदंसिज्जंति उवदंसिज्जंति । से त्तं पण्हावागरणाई ॥१०॥ से किं तं विवागसुयं ? विवागसुए णं सुक्कड - दुक्कडाणं कम्माणं फलविवागे आघविज्जंति । से समासओ दुविहे पण्णत्ते, तं जहा- दुहविवागे चेव, सुहविवागे चेव । तत्थ णं दस दुहविवागाणि, दस सुहविवागाणि । 68 Page #75 -------------------------------------------------------------------------- ________________ | १३ |१४ १५ समवायांग सूत्र से किं तं दुहविवागाणि ? दुहविवागेसु णं दुहविवागाणं णगराई उज्जाणाइं चेइयाइं वणखंडा रायाणो अम्मापियरो समोसरणाइं धम्मायरिया धम्मकहाओ नगरगमणाई संसारपबंधे दुहपरंपराओ य आघविज्जंति । से त्तं दुहविवागाणि । से किं तं सुहविवागाणि ? सुहविवागेसु सुहविवागाणं णगराई उज्जाणारं चेइयाई वणखंडा रायाणो अम्मा-पियरो समोसरणाई धम्मायरिया धम्मा इहलोइय-परलोइय-इड्ढिविसेसा भोगपरिच्चाया पव्वज्जाओ सुयपरिग्गहा तवोवहाणाइं परियागा पडिमाओ संलेहणाओ भत्तपच्चक्खाणाइं पाओवगमणाइं देवलोगगमणाइं सुकुलपच्चायाई पुणब्बोहिलाहा अंतकिरियाओ य आघविज्जंति । दुहविवागेसु णं पाणाइवाय अलियवयण चोरिक्करण परदारमेहुण ससंगयाए महतिव्वकसाय इंदियप्पमाय पावप्पओय असुहज्झवसाण संचियाणं कम्माणं पावगाणं पावाणुभागफलविवागा णिरयगति तिरिक्खजोणि बहुविहवसणसय परंपरापबद्धाणं मणुयत्ते वि आगयाणं जहा पावकम्मसेसेण पावगा होंति फल विवागा । वह वसणविणास णासकण्णोद्वंगुट्ठ करचरण हच्छेयण जिब्भच्छेयण अंजणकडग्गिदाहण गयचलणमलणफालणउल्लंबण सूललयालउडलट्ठिभंजण तउसीसग तत्ततेल्ल कलकल अहिसिंचण कुंभिपागकंपण थिरबंधण वेह वज्झ कत्तण पतिभयकर करपलीवणादि दारुणाणि दुक्खाणि अणोवमाणि बहुविविह परंपराणुबद्धा ण मुच्चंति पावकम्मवल्लीए । अवेयइत्ता हु णत्थि मोक्खो, तवेण धिड्- धणियबद्धकच्छेण सोहणं तस्स वावि हुज्जा । एत्तो य सुहविवागेसु णं सील संजम णियम गुण तवोवहाणेसु साहुसु सुविहिएसु अणुकंपासयप्पओग तिकालमइविसुद्ध भत्त पाणाइं पययमणसा हिय सुह णीसेस तिव्वपरिणाम णिच्छियमई पयच्छिऊणं पओगसुद्धाइं जह य णिव्वत्तिंति उ बोहिलाभं जह य परित्तीकरेंति णरय तिरिय सुरगमण विउल परियट्ट अरइ भय विसायसोग मिच्छत्त सेलसंकडं, अण्णाण तमंधकार चिक्खिल्ल सुदुत्तारं, जरमरण जोणिसंखुभिय चक्कवालं सोलसकसाय सावय-पयंडचंड अणाइयं अणवदग्गं संसारसागरमिणं जह य णिबंधंति आउगं सुरगणेसु, जह य अणुभवं सुरगणविमाणसोक्खाणि अणोवमाणि । तओ य कालंतरे चुआणं इहेव णरलोगमागयाणं आठ वपु वण्ण रूव जाइ कुल जम्म आरोग्ग बुद्धि-मेहाविसेसा, मित्त जण सयण धण-धण्ण-विभव समिद्धिसार समुदयविसेसा बहुविह कामभोगुब्भवाण सोक्खाण सुहविवागोत्तमेसु अणुवरय परंपराणुबद्धा । असुभाणं सुभाणं चेव कम्माणं भासिआ बहुविहा विवागा विवागसुयम्मि भगवया जिणवरेण संवेगकारणत्था, अण्णेवि य एवमाइया बहुविहा वित्थरेणं अत्थपरूवणया आघविज्जंति । विवागसुयस्स णं परित्ता वायणा, संखेज्जा अणुओगदारा, संखेज्जाओ पडिवत्तीओ, संखेज्जा वेढा, संखेज्जा सिलोगा, संखेज्जाओ णिज्जुत्तीओ संखेज्जाओ संगहणीओ । 69 Page #76 -------------------------------------------------------------------------- ________________ |१६ | १७ |१८ १९ समवायांग सूत्र से णं अंगट्ठयाए एक्कारसमे अंगे, वीसं अज्झयणा, वीसं उद्देसणकाला, वीसं समुद्देसणकाला, संखेज्जाइं पयसयसहस्साइं पयग्गेणं पण्णत्ताइं । संखेज्जा, अक्खरा, अणंता गमा, अनंता पज्जवा, परित्ता तसा, अणंता थावरा, सासया कडा, णिबद्धा, णिकाइया, जिणपण्णत्ता भावा आघविज्जंति, पण्णविज्जंति परुविज्जंति दंसिज्जंति णिदंसिज्जंति उवदंसिज्जंति । से एवं आया, एवं णाया, एवं विण्णाया, एवं चरण-करणपरूवणया आघविज्जंति पण्णविज्जंति परुविज्जंति दंसिज्जंति णिदंसिज्जंति उवदंसिज्जंति । से त्तं विवायसुए ॥११॥ से किं तं दिट्ठिवाए ? दिट्ठिवाए णं सव्वभावपरूवणया आघविज्जंति । से समासओ पंचविहे पण्णत्ते, तं जहा-परिकम्मं सुत्ताइं पुव्वगयं अणुओगो चूलिया । से किं तं परिकम्मे ? परिकम्मे सत्तविहे पण्णत्ते, तं जहा- सिद्धसेणिया परिकम्मे मणुस्ससेणिया परिकम्मे पुट्ठसेणिया परिकम्मे ओगाहणसेणिया परिकम्मे उवसंपज्जसेणिया परिकम्मे विप्पजहसेणिया परिकम्मे चुआचुअसेणियापरिकम्मे । से किं तं सिद्धसेणिया परिकम्मे ? सिद्धसेणिआ परिकम्मे चोद्दसविहे पण्णत्ते, तं जहामाउयापयाणि एगट्ठियपयाणि अट्ठपयाणि पाढो आगासपयाणि केउभूयं रासिबद्धं एगगुणं दुगुणं तिगुणं केउभूयपडिग्गहो संसारपडिग्गहो णंदावत्तं सिद्धावत्तं । से त्तं सिद्धसेणियापरिकम्मे । से किं तं मणुस्स सेणिया परिकम्मे ? मणुस्ससेणिया परिकम्मे चोद्दसविहे पण्णत्ते, तं जहामाउयापयाणि जाव णंदावत्तं मणुस्सावत्तं । से त्तं मणुस्ससेणिया परकम् । अवसेसा परिकम्माइं पुट्ठाइयाई एक्कारसविहारं पण्णत्ताई । इच्चेयाइं सत्त परिकम्माई ससमइयाइं, सत्त आजीवियाई, छ चउक्कणइयाई, सत्त तेरासियाइं । एवामेव सपुव्वावरेणं सत्त परिकम्माइं तेसीति भवंतीतिमक्खायाइं । से त्तं परिकम्माई । से किं तं सुत्ताइं ? सुत्ताइं अट्ठासीति भवंतीति मक्खायाई, तं जहा- उजुगं परिणयापरिणयं बहुभंगियं विजयचरियं अनंतरं परंपरं समाणं संजूहं संभिण्णं आहच्चायं सोवत्थियं घंटं णंदावत्तं बहुलं पुट्ठापुढं वियावत्तं एवंभूयं दुआवत्तं वत्तमाणप्पयं समभिरूढं सव्वाओभद्दं पण्णासं दुपडिग्गहं। इच्चेयाइं बावीसं सुत्ताइं छिण्णछेय णइआई ससमय - सुत्तपरिवाडीए, इच्चेयाइं बावीसं सुत्ताइं अछिण्णछेय णइयाइं आजीविय सुत्तपरिवाडीए, इच्चेयाइं बावीसं सुत्ताइं तिकणइयाइं तेरासिय सुत्तपरिवाडीए, इच्चेयाइं बावीसं सुत्ताइं चउक्कणइयाइं ससमय सुत्त - परिवाडीए । एवामेव सुपव्वावरेण अट्ठासीति सुत्ताइं भवतीतिमक्खायाइं । से त्तं सुत्ताइं । से किं तं पुव्वगयं ? पुव्वगयं चउद्दसविहं पण्णत्तं, तं जहा- उप्पायपुव्वं अग्गेणीयं वीरियं अत्थिणत्थिप्पवायं णाणप्पवायं सच्चप्पवायं आयप्पवायं कम्मप्पवायं पच्चक्खाणप्पवायं विज्जाणुप्पवायं अवंझं पाणाउ किरियाविसालं लोगबिंदुसारं । 70 Page #77 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवायांग सूत्र उप्पायपुव्वस्स णं दस वत्थू पण्णत्ता । चत्तारि चूलियावत्यू पण्णत्ता । अग्गेणियस्स णं पुव्वस्स चोद्दस वत्थू , बारस चूलियावत्थू पण्णत्ता । वीरियप्पवायस्स णं पुव्वस्स अट्ठ वत्थू अट्ठ चुलियावत्थू पण्णत्ता । अत्थिणत्थिप्पवायस्स णं पुव्वस्स अट्ठारस वत्थू दस चूलियावत्थू पण्णत्ता। णाणप्पवायस्स णं पुव्वस्स बारस वत्थू पण्णत्ता । सच्चप्पवायस्स णं पुव्वस्स दो वत्थू पण्णत्ता | आयप्पवायस्स णं पुव्वस्स सोलस वत्थू पण्णत्ता | कम्मप्पवायस्स णं पुवस्स तीसं वत्थू पण्णत्ता । पच्चक्खाणस्स णं पुव्वस्स वीसं वत्थू पण्णत्ता । विज्जाणुप्पवायस्स णं पुव्वस्स पण्णरस वत्थू पण्णत्ता | अबंझस्स णं पुव्वस्स बारस वत्थू पण्णत्ता | पाणाउस्स णं पुव्वस्स तेरस वत्थू पण्णत्ता । किरियाविसालस्स णं पुव्वस्स तीसं वत्थू पण्णत्ता । लोगबिन्दुसारस्स णं पुव्वस्स पणवीसं वत्थू पण्णत्ता | दस चोद्दस अट्ठट्ठारसे व, बारस दुवे य वत्थूणि । सोलस तीसा वीसा, पण्णरस अणुप्पवायंमि ॥१॥ बारस एक्कारसमे, बारसमे तेरसेव वत्थूणि । तीसा पुण तेरसमे चउदसमे पण्णवीसाओ ॥२॥ चत्तारि दुवालस अट्ठ चेव, दस चेव चूलवत्थूणि । आइल्लाण चउण्हं, सेसाणं चूलिया णत्थि ॥३॥ से त्तं पुव्वगयं । से किं तं अणुओगे ? अणुओगे दुविहे पण्णत्ते, तं जहा- मूलपढमाणुओगे य गंडियाणुओगे य । से किं तं मूलपढमाणुओगे ? एत्थ णं अरहंताणं भगवंताणं पुव्वभवा देवलोग गमणाणि आउं चवणाणि जम्मणाणि य अभिसेया रायवरसिरीओ सीयाओ पव्वज्जावो तवा य भत्ता केवलणाणुप्पाया य तित्थपवत्तणाणि य संघयणं संठाणं उच्चत्तं आउं वण्णविभागो सीसा गणा गणहरा य अज्जा पवत्तणीओ संघस्स चउव्विहस्स जं वावि परिमाणं जिण-मणपज्जवओहिणाण-सम्मत्त सुयणाणिणो य, वाई, अणुत्तरगई य जत्तिया, जत्तिया सिद्धा, पाओवगआ य जे जहिं जत्तियाइं भत्ताइं छेयइत्ता अंतगडा मुणिवरुत्तमा तम- रओघविप्पमुक्का सिद्धिपहमणुत्तरं च पत्ता, एए अण्णे य एवमाइया भावा मूलपढमाणुओगे (कहिआ) आघविज्जंति पण्णविज्जंति परूविज्जंति दंसिज्जंति णिदंसिज्जंति उव दंसिज्जंति । से त्तं मूलपढमाणुओगे | से किं तं गंडियाणुओगे ? गंडियाणुओगे अणेगविहे पण्णत्ते । तं जहा- कुलगरगंडियाओ तित्थगरगंडियाओ गणहरगंडियाओ चक्कहरगंडियाओ दसारगंडियाओ बलदेवगंडियाओ वासुदेवगंडियाओ हरिवंसगंडियाओ भद्दबाहु गंडियाओ तवोकम्मगंडियाओ चित्तंतरगंडियाओ उस्सप्पिणीगंडियाओ ओसप्पिणी गंडियाओ अमर णर तिरिय णिरयगइगमण विविह परियट्टणाणुओगे, एवमाइयाओ गंडियाओ आघविज्जंति पण्णविज्जंति परूविज्जंति दंसिज्जंति णिदंसिज्जंति उवदंसिज्जंति । से त्तं गंडियाणुओगे। Page #78 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवायांग सूत्र से किं तं चूलियाओ ? जण्णं आइल्लाणं चउण्हं पुव्वाणं चूलियाओ, सेसाइं पुव्वाइं अचूलियाई। से त्तं चूलियाओ । दिट्ठिवायस्स णं परित्ता वायणा, संखेज्जा अणुओगदारा संखेज्जाओ पडिवत्तीओ, संखेज्जा वेढा, संखेज्जा सिलोगा, संखेज्जाओ णिज्जुत्तीओ, संखेज्जाओ संगहणीओ । से णं अंगठ्ठयाए बारसमे अंगे, एगे सुयक्खंधे, चउद्दस पुव्वाइं, संखेज्जा वत्थू, संखेज्जा चूलवत्यू, संखेज्जा पाहुडा, संखेज्जा पाहुड-पाहुडा, संखेज्जाओ पाहुडियाओ, संखेज्जाओ पाहुड-पाडियाओ, संखेज्जाणि पयसयसहस्साणि पयग्गेणं पण्णत्ताइ । संखेज्जा अक्खरा, अणंता गमा, अणंता पज्जवा, परित्ता तसा, अणंता थावरा, सासया कडा णिबद्धा णिकाइया जिणपण्णत्ता भावा आघविज्जति पण्णविज्जंति परूविज्जंति दंसिज्जंति णिदंसिज्जति उदवंसिज्जंति | से एवं आया एवं णाया एवं विण्णाया, एवं चरण-करणरुवणया आघविज्जति पण्णविज्जति परूविज्जति दंसिज्जंति णिदंसिज्जंति उवदंसिज्जंति । से त्तं दिद्विवाएं । इच्चेयं दुवालसंगं गणिपिडगं अईए काले अणंता जीवा आणाए विराहित्ता चाउरंतसंसारकंतारं अणुपरियटिंसु । इच्चेयं दुवालसंगं गणिपिडगं पड्प्पण्णे काले परित्ता जीवा आणाए विराहित्ता चाउरंतसंसारकंतारं अणुपरियद॒ति । इच्चेयं दुवालसंगं गणिपिडगं अणागए काले अणंता जीवा आणाए विराहित्ता चाउरंत- संसारकंतारं अणपरियट्टिस्संति । इच्चेइयं दुवालसंगं गणिपिडगं अतीतकाले अणंता जीवा आणाए आराहित्ता चाउरंतसंसारकंतारं वीईवइंसु । एवं पडुप्पण्णे वि परित्ता जीवा आणाए आराहित्ता चाउरंतसंसारकंतारं वीईवंति । एवं अणागए वि अणंता जीवा आणाए आराहित्ता चाउरंतसंसारकंतारं वीईवइस्संति । दुवालसंगे णं गणिपिडगे ण कयाइ णासी, ण कयावि णत्थि, ण कयाइ ण भविस्सइ । भुविं च, भवइ य, भविस्सइ य । धुवे णिइए सासए अक्खए अव्वए अवढिए णिच्चे । से जहा णामए पंच अत्थिकाया ण कयाइ ण आसि, ण कयाइ णत्थि, ण कयाइ ण भविस्संति । भुविं च, भवइ य, भविस्संति य, धुवा णितिया सासया अक्खया अव्वया अवट्ठिया णिच्चा । एवामेव दुवालसंगे गणिपिडगे ण कयाइ ण आसि, ण कयाइ णत्थि, ण कयाइ ण भविस्सइ | भुविं च, भवइ य, भविस्सइ य । धुवे जाव अवट्ठिए णिच्चे। एत्थ णं दुवालसंगे गणिपिडगे अणंता भावा, अणंता अभावा, अणंता हेऊ, अणंता अहेऊ, अणंता कारणा, अणंता अकारणा, अणंता जीवा, अणंता अजीवा, अणंता भवसिद्धिया, अणंता अभवसिद्धिया, अणंता सिद्धा, अणंता असिद्धा आघविज्जति पण्णविज्जंति परूविज्जंति दंसिज्जंति णिदंसिज्जति उवदंसिज्जंति। से त्तं दवालसंगे गणिपडिगे | Page #79 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवायांग सूत्र पइण्णग समवाओ दुवे रासी पण्णत्ता, तं जहा- जीवरासी अजीवरासी य । अजीवरासी दुविहा पण्णत्ता, तं जहारूवी अजीवरासी अरूवी अजीवरासी य । से किं तं अरूवी अजीवरासी ? अरूवी अजीवरासी दसविहा पण्णत्ता, तं जहा- धम्मथिकाए धम्मत्थिकायदेसा, धम्मत्थिकायपएसा, अधम्मत्थिकाए, अधम्मत्थिकायदेसा, अधम्मत्थिकायपएसा, आगासत्थिकाए, आगासत्थिकायदेसा, आगासत्थिकायपएसा अद्धासमए। से किं तं रूवी अजीवरासी ? रूवी अजीवरासी अणेगविहा पण्णत्ता। एवं जहा पण्णवणाए | से किं तं जीव रासी ? जीवरासी दुविहा पण्णत्ता, तं जहा- संसार समावण्णगा य असंसारसमावण्णगा य | तत्थ असंसारसमावण्णगा दुविहा पण्णत्ता । एवं जहा पण्णवणाए जाव गेवेज्जए । से किं तं अणुत्तरोववाइया ? अणुत्तरोववाइया पंचविहा पण्णत्ता, तं जहा- विजय-वेजयंतजयंत-अपराजित-सव्वट्ठसिद्धिया । से त्तं अणुत्तरोववाइया । से त्तं पंचिदियसंसारसमावण्णजीवरासी । विहा णेरड्या पण्णत्ता, तं जहा- पज्जत्ता य अपज्जत्ता य । एवं दंडओ भाणियव्वो जाव वेमाणिय त्ति । 07 इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए केवइयं खेत्तं ओगाहेत्ता केवइया णिरयावासा पण्णत्ता ? गोयमा! इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए असीउत्तर जोयणसयसहस्स-बाहल्लाए उवरिं एग जोयणसहस्सं ओगाहेत्ता हेट्ठा चेगं जोयणसहस्सं वज्जेत्ता मज्झे अट्ठसत्तरि जोयणसयसहस्से एत्थ णं रयणप्पभाए पढवीए णेरइयाणं तीसं णिरयावाससयसहस्सा भवंतीतिमक्खाया | ते णं णिरयावासा अंतो वट्टा, बाहिं चउरंसा जाव असुभा णिरया, असुभाओ णिरएसु वेयणाओ । एवं सत्त वि पुढवीओ भाणियव्वाओ जं जासु जुज्जइ । दोच्चाए णं पुढवीए, तच्चाए णं पुढवीए, चउत्थीए पुढवीए, पंचमीए पुढवीए छट्ठीए पुढवीए गाहाहिं भाणियव्वा | संगहणीगाहा असीयं बत्तीसं, अट्ठावीसं तहेव वीसं च । अट्ठारस सोलसगं, अद्दुत्तरमेव बाहल्लं ॥१॥ तीसा य पण्णवीसा, पण्णरस दसेव सयसहस्साई । तिण्णेगं पंचूणं, पंचेव अणुत्तरा णरगा ॥२॥ 73 Page #80 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवायांग सूत्र सत्तमाए पुढवीए पुच्छा | गोयमा ! सत्तमाए पुढवीए अद्दुत्तर- जोयणसयसहस्साइं बाहल्लाए उवरि अद्धतेवण्णं जोयणसहस्साइं ओगाहेत्ता हेढा वि अद्धतेवण्णं जोयणसहस्साइं वज्जित्ता मज्झे तिसु जोयणसहस्सेसु एत्थ णं सत्तमाए पुढवीए णेरइयाणं पंच अणुत्तरा महइमहालया महाणिरया पण्णत्ता, तं जहा- काले महाकाले रोरुए महारोरुए अपइट्ठाणे णामं पंचमे । ते णं णिरया वट्टे य तंसा य अहे खुरप्पसंठाणसंठिया जाव असुभा णरगा, असुभाओ णरएसु वेयणाओ | केवइया णं भंते ! असुरकुमारावासा पण्णत्ता ? गोयमा ! इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए असीउत्तर जोयणसहस्स-बाहल्लाए उवरिं एग जोयणसहस्सं ओगाहेत्ता हेट्ठा चेगं जोयणसहस्सं वज्जित्ता मज्झे अट्ठहत्तरि जोयणसहस्से एत्थ णं रयणप्पभाए पुढवीए चउसद्धिं असुरकुमारावास सयसहस्सा पण्णत्ता | ते णं भवणा बाहिं वट्टा, अंतो चउरंसा, अहे पोक्खरकण्णिआ संठाणसठिया उक्किण्णंतर विउल-गंभीर- खाय-फलिहा अट्टालय चरिय-दार गोउर-कवाड-तोरणपडिदुवार-देसभागा जंत-मुसल मुसंढि-सयग्घि परिवारिया अउज्झा अडयालकोढरइया अडयालकयवणमाला लाउल्लोइयमहिया गोसीस-सरस-रत्तचंदण दद्दर-दिण्णं पंचंगलितला कालागुरुप्पवरकुंदुरुक्क-तुरक्क उज्झत धूव मघत गंधुद्धयाभिरामा सुगंधिया गंधवट्टिभूया अच्छा सण्हा लण्हा घट्ठा मट्ठा णीरया णिम्मला वितिमिरा विसुद्धा सप्पभा समरीया सउज्जोया पासाईया दरिसणिज्जा अभिरूवा पडिरूवा । एवं जं जस्स कमती तं तस्स, जं जं गाहाहिं भणियं तह चेव वण्णओ । चउसट्ठी असुराणं, चउरासीइं च होइ णागाणं । वावत्तरि सुवण्णाणं, वाउकुमाराण छण्णउई ॥१॥ दीव-दिसा-उदहीणं, विज्जुकुमारिंद-थणियमग्गीणं । छण्हं पि जुयलयाणं, छावत्तरिमो य सयसहस्सा ॥२॥ केवइया णं भंते! पुढविकाइयावासा पण्णत्ता ? गोयमा ! असंखेज्जा पुढवि काइयावासा पण्णत्ता। एवं जाव मणुस्स त्ति । केवइया णं भंते वाणमंतरावासा पण्णत्ता ? गोयमा ! इमीसे णं रयणप्पभाए पढवीए रयणामयस्स कंडस्स-जोयणसहस्स-बालसहस्स उवरिं एग जोयणसयं ओगाहेत्ता हेहा चेगं जोयणसयं वज्जेत्ता मज्झे अट्ठसु जोयणसएसु एत्थ णं वाणमंतराणं देवाणं तिरियमसंखेज्जा भोमेज्जा णगरावास सयसहस्सा पण्णत्ता | ते णं भोमेज्जा णगरा बाहिं वडा अंतो चउरंसा । एवं जहा भवणवासीणं तहेव णेयव्वा । णवरं पडागमालाउला सुरम्मा पासाईया दरिसणिज्जा अभिरुवा पडिरूवा । केवइया णं भंते ! जोइसियाणं विमाणावासा णण्णत्ता ? गोयमा ! इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए बहसमरमणिज्जाओ भूमिभागाओ सत्तणउयाइं जोयणसयाइं उड्ढं उप्पइत्ता एत्थ णं दसुत्तरजोयणसयबाहल्ले तिरियं जोइसविसए जोइसियाणं देवाणं असंखेज्जा जोइसियविमाणावासा उड्ढे उष्पकत्ता एत्य 74 Page #81 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १२ |१३ १४ १५ समवायांग सूत्र पण्णत्ता । ते णं जोइसिय विमाणावासा अब्भुग्गयमूसियपहसिया विविहमणिरयणभत्तिचित्ता वाउद्धुय विजय-वेजयंती पडाग छत्ताइछत्तकलिया तुंगा गगणतलमणुलिहंतसिहरा जालंतररयणपंज रुम्मिलियव्व मणिकणगथभियागा वियसिय सयपत्त तिलय पुंडरीय रयणद्धचंदचिता अंतो वाहिं च सण्हा । तवणिज्ज - वालुआ पत्थडा सुहफासा सस्सिरीयरूवा पासाईया दरिसणिज्जा । - केवइया णं भंते ! वेमाणियावासा पण्णत्ता ? गोयमा ! इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए बहुसमरमणिज्जाओ भूमिभागाओ उड्ढं चंदिम- सूरिय- गहगण णक्खत्त तारारूवाणं वीइवइत्ता बहूणि जोयणाणि बहूणि जोयणसयाणि बहूणि जोयणसहस्साणि बहूणि जोयणसयसहस्साणि बहूओ जोयणकोडीओ बहूओ जोयणकोडाकोडीओ असंखेज्जाओ जोयण कोडाकोडीओ उड्ढं दूरं वीइवइत्ता एत्थ णं वेमाणियाणं देवाणं सोहम्मीसाण - सणकुमार- माहिंद-बंभ-लंतग सुक्क सहस्सारआणय-पाणय-आरण अच्चुएस गेवेज्जमणुत्तरेसु य चउरासीइं विमाणावास सयसहस्सा सत्ताणउइं च सहस्सा तेवीसं च विमाणा भवंतीमक्खाया । - ते णं विमाणा अच्चिमालिप्पभा भासरासिवण्णाभा अरया णिरया णिम्मला वितिमरा विसुद्धा सव्वरयणामया अच्छा सण्हा लण्हा घट्टा मट्ठा णिप्पंका णिक्कंकडच्छाया सप्पभा समरीया सउज्जोया पासाईया दरिसणिज्जा अभिरुवा पडिरूवा | पण्णा चत्तालीसा, छच्च सया सहस्सारे ॥१॥ आणय-पाणयकप्पे चत्तारि, सयाssरणच्चुए तिणि । सत्त विमाणसयाइं चउसु वि एएसु कप्पेसु ॥२॥ एक्कारसुत्तरं हेट्ठिमेसु सत्तुत्तरं च मज्झिमए । सयमेगं उवरिमए पंचेव अणुत्तर विमाणा ॥३॥ सोहम्मे णं भंते! कप्पे केवइया विमाणावासा पण्णत्ता ? गोयमा ! बत्तीसं विमाणावास सयसहस्सा पण्णत्ता । एवं ईसाणाइसु - अट्ठावीस बारस अट्ठ, चत्तारि एयाइं सयसहस्साइं पण्णासं चत्तालीसं, छ एयाइं सहस्साइं, आणए पाणए चत्तारि, आरणच्चुए तिण्णि, एयाणि सयाणि एवं गाहाहिं भाणियव्वं । बत्तीसट्ठावीसा बारस, अड चउरो य सयसहस्सा । 75 णेरइयाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहण्णेणं दसवास सहस्साइं, उक्कोसेणं तेत्तीस सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता । अपज्जत्तगाणं णेरइयाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं वि अंतोमुहुतं । पज्जत्तगाणं जहण्णेणं दसवास सहस्साइं अंतोमुहुत्तूणाइं उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाइं अंतोमुहुत्तूणाई । इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए एवं जाव विजय वेजयंत- जयंत अपराजियाणं देवाणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! Page #82 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवायांग सूत्र जहण्णेणं एगतीसं सागरोवमाई, उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाइं। सव्वढे अजहण्णमणुक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाई ठिई पण्णत्ता । कई णं भंते ! सरीरा पण्णत्ता ? गोयमा ! पंच सरीरा पण्णत्ता, तं जहा- ओरालिए वेउव्विए आहारए तेयए कम्मए। ओरालियसरीरे णं भंते ! कइविहे पण्णत्ते ? गोयमा ! पंचविहे पण्णत्ते, तं जहा- एगिंदिय ओरालियसरीरे जाव गब्भवक्कंतिय मणुस्स पंचिंदिय ओरालिय सरीरे य । ओरालियसरीरस्स णं भंते ! केमहालिया सरीरोगाहणा पण्णत्ता ? गोयमा ! जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेज्जइभाग, उक्कोसेणं साइरेगं जोयणसहस्सं एवं जहा ओगाहण-संठाणे ओरालियपमाणं तह णिरवसेसं भाणियव्वं । एवं जाव मणुस्से त्ति उक्कोसेणं तिण्णि गाउयाइं । कइविहे णं भंते ! वेउव्वियसरीरे पण्णत्ते ? गोयमा ! विहे पण्णत्ते, तं जहा- एगिंदिय वेउव्वियसरीरे य पंचिंदिय वेउव्व्यिसरीरे अ । एवं जाव सणंकुमारे आढत्तं जाव अणुत्तराणं भवधारणिज्जा जाव तेसिं रयणी रयणी परिहायइ । आहारयसरीरे णं भंते ! कइविहे पण्णत्ते ? गोयमा ! एगागारे पण्णत्ते । जइ एगागारे पण्णत्ते, किं मणुस्स-आहारयसरीरे, अमणुस्स आहारय- सरीरे ? गोयमा ! मणुस्स आहारगसरीरे, णो अमणुस्स आहारगसरीरे । जइ मणुस्स-आहारगसरीरे, किं गब्भवक्कंतिय मणुस्स आहारगसरीरे, समुच्छिम मणुस्स आहारगसरीरे ? गोयमा ! गब्भवक्कंतिय मणुस्स आहारयसरीरे णो समुच्छिम मणुस्स आहारगसरीरे, जइ गब्भवक्कंतिय मणुस्स आहारयसरीरे, किं कम्मभूमिग० अकम्मभूमिग० ? गोयमा ! कम्मभूमिग०, णो अकम्मभूमिग०। जइ कम्मभूमिग०, किं संखेज्जवासाउय० असंखेज्जवासाउय० ? गोयमा ! संखेज्जवासाउय०, णो असंखेज्जवासाउय०। जड़ संखेज्जवासाउय०, किं पज्जत्तय० अपज्जत्तय० ? गोयमा ! पज्जत्तय०, णो अपज्जत्तय०। जइ पज्जत्तय० किं सम्मदिट्ठी० मिच्छदिट्ठी० सम्मामिच्छदिट्ठी ? गोयमा ! सम्मदिट्ठी० । णो मिच्छदिट्ठी० णो सम्मामिच्छदिट्ठी । जड़ सम्मदिट्ठी० किं संजय० असंजय० संजयासंजय० ? गोयमा ! संजय०, णो असंजय० णो असंजयासंजय० । जड़ संजय० किं पमत्तसंजय०, अप्पमत्तसंजय०? 76 Page #83 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवायांग सूत्र गोयमा ! पमत्तसंजय०, णो अपमत्तसंजय० । जइ पमत्तसंजय०, किं इइढिपत्त० अणिइढिपत्त० ? गोयमा ! इइढिपत्त०, णो अणिड़ढिपत्त० । वयणा वि भाणियव्वा । आहारयसरीरे समचउरंससंठाणसंठिए । आहारयसरीरस्स केमहालिया सरीरोगाहणा पण्णत्ता ? गोयमा ! जहण्णेणं देसूणा रयणी, उक्कोसेणं पडिपुण्णा रयणी । तेआसरीरे णं भंते कतिविहे पण्णत्ते ? गोयमा ! पंचविहे पण्णत्ते, तं जहा- एगिंदिय तेयसरीरे, बि--ति--चउ- पंच०। एवं जाव अच्चुए कप्पे जहा पण्णवण्णाए । गेवेज्जस्स णं भंते ! देवस्स णं मारणंतियसमुग्घाएणं समोहयस्स समाणस्स केमहालिया सरीरोगाहणा पण्णत्ता ? गोयमा ! सरीरप्पमाणमेत्ता विक्खंभबाहल्लेणं, आयामेणं जहण्णेणं अहे जाव विज्जाहरसेढीओ | उक्कोसेणं जाव अहोलोइयग्गामाओ | उड्ढं जाव सयाई विमाणाई, तिरियं जाव मणुस्सखेत्तं । एवं जाव अणुत्तरोववाएया । एवं कम्मयसरीरं भाणियव्वं। कविहे णं भंते ! ओही पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता, तं जहा- भवपच्चइए य खओवसमिए य | एवं सव्वं ओहिपदं भाणियव्वं । २६ सीया य दव्व सारीर, साया तह वेयणा भवे दुक्खा । अब्भुवगमवक्कमिया, णीयाए चेव अणियाए ॥१॥ णेरइया णं भंते! किं सीयं वेयणं वेयंति, उसिणं वेयणं वेयंति, सीओसिणं वेयणं वेयंति? गोयमा! णेरइया० एवं चेव वेयणापदं भाणियव्वं । कई णं भंते ! लेसाओ पण्णत्ताओ ? गोयमा ! छ लेसाओ पण्णत्ताओ, तं जहा- किण्हा णीला काऊ तेऊ पम्हा सुक्का | लेसापयं भाणियव्वं । |२९| अणंतरा य आहारे आहाराभोगणा इ य । पोग्गला णेव जाणंति अज्झवसाणे य सम्मत्ते ॥१॥ णेरइया णं भंते ! अणंतराहारा तओ णिव्वत्तणया तओ परियाइयणया तओ परिणामणया तओ परियारणया तओ पच्छा विकुव्वणया ? हंता गोयमा! एवं आहारपदं भाणियव्वं । कइविहे णं भंते ! आउगबंधे पण्णत्ते ? Page #84 -------------------------------------------------------------------------- ________________ |३२ ३५ ३३ णिरयगई णं भंते ! केवइयं कालं विरहिया उववाएणं पण्णत्ता ? गोयमा ! जहण्णेणं एक्कं समयं, उक्कोसेणं बारस मुहुत्ते । एवं तिरियगई मणुस्साई देवगई । छम्मासे । एवं सिद्धिवज्जा उव्वट्टणा । ३७ ३८ ३९ समवायांग सूत्र गोयमा ! छव्विहे आउगबंधे पण्णत्ते, तं जहा- जाइणामणिहत्ताउए गतिणामणिहत्ताउ ठिइणामणिहत्ताउए पएसणामणिहत्ताउए अणुभागणामणिहत्ताउए ओगाहणाणामणिहत्ताउए । ४० णेरइयाणं भंते ! कइविहे आउगबंधे पण्णत्ते ? गोयमा ! छव्विहे पण्णत्ते, तं जहा - जातिणाम गइणाम० ठिइणाम० पएसणाम० अणुभागणाम० ओगाहणाणाम० । एवं जाव वेमाणियाणं । इमीसे णं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए णेरड्या केवइयं कालं विरहिया उववाएणं पण्णत्ता ? एवं उववायदंडओ भाणियव्वो उव्वट्टणादंडओ य । णेरड्या णं भंते ! जातिणामणिहत्ताउगं कति आगरिसेहिं पगरंति ? गोयमा ! सिय एक्केणं, सिय दोहिं, सिय तीहिं, सिय चउहिं, सिय पंचहिं, सिय छहिं, सिय सत्तहिं, सिय अट्ठहिं [आगरिहिं पगरंति] णो चेव णं णवहिं । एवं सेसाण वि आउगाणि जाव वेमाणियति । कवि णं भंते ! संघयणे पण्णत्ते ? गोयमा ! छव्विहे संघयणे पण्णत्ते, तं जहावइोसभणारायसंघयणे रिसभणारायसंघयण णारायसंघयणे अद्धणारायसंघयणे कीलियासंघ छेवट्टसंघयणे। रइया णं भंते! किं संघयणी पण्णत्ता ? गोयमा ! छहं संघयणाणं असंघयणी । णेव अट्ठी व सिरा णेव ण्हारु । जे पोग्गला अणिट्ठा अकंता अप्पिया अणाज्जा असुभा अमणुण्णा अमणामा अमणाभिरामा, ते तेसिं असंघयणत्ताए परिणमति । असुरकुमारा णं भंते! किं संघयणा पण्णत्ता ? गोयमा ! छण्हं संघयणाणं असंघयणी । णेवट्ठी णेव छिरा णेव ण्हारु। जे पोग्गला इट्ठा कंता पिया आएज्जा सुभा मणुण्णा मणामा मणाभिरामा, ते तेसिं असंघयणत्ताए परिणमति । एवं जाव थणियकुमाराणं । पुढवीकाइया णं भंते! किं संघयणी पण्णत्ता ? गोयमा ! छेवट्टसंघयणी पण्णत्ता । एवं जाव संमुच्छिम-पंचिंदियतिरिक्खजोणिय त्ति । गब्भवक्कंतिया छव्विहसंघयणी । संमुच्छिम मणुस्सा छेवट्टसंघयणी । गब्भवक्कंतिय मणुस्सा छव्विहसंघयणी । जहा असुरकुमारा तहा वाणमंतरजोइसिय-वेमाणिया य । 78 Page #85 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवायांग सूत्र कइविहे णं भंते ! संठाणे पण्णत्ते ? गोयमा ! छव्विहे संठाणे पण्णत्ते, तं जहा- समचउरंसे णिग्गोहपरिमंडले साइए वामणे णेरइया णं भंते ! किं संठाणी पण्णत्ता | गोयमा ! हंडसंठाणी पण्णत्ता। असुरकुमारा किं संठाणी पण्णत्ता ? गोयमा ! समचउरंससंठाणसंठिया पण्णत्ता । एवं जाव थणियकुमारा | पुढवी मसूरसंठाणा पण्णत्ता | आऊ थिबुयसंठाणा पण्णत्ता । तेऊ सूईकलाव संठाणा पण्णत्ता | वाऊ पडागासंठाणा पण्णत्ता | वणस्सई णाणासंठाण संठिया पण्णत्ता । बेइंदिय तेइंदिय चरिंदिय सम्मुच्छिम पंचेंदियतिरिक्खा हंडसंठाणा पण्णत्ता | गब्भवक्कंतिया छव्विहसंठाणा पण्णत्ता | संमुच्छिम मणुस्सा हंडसंठाण-संठिया पण्णत्ता | गब्भवक्कंतियाणं मणुस्साणं छव्विहा संठाणा पण्णत्ता। जहा असुरकुमारा तहा वाणमंतर-जोइसिय-वेमाणिया वि। कइविहे णं भंते ! वेए पण्णत्ते ? गोयमा ! तिविहे वेए पण्णत्ते । तं जहा- इत्थीवेए पुरिसवेए णपुंसगवेए | णेरइया णं भंते ! किं इत्थीवेया पुरिसवेया णपुंसगवेया पण्णत्ता ? गोयमा ! णो इत्थीवेया, णो पुंया, णपुंसगवेया पण्णत्ता | असुरकुमारा णं भंते ! किं इत्थीवेया पुरिसवेया णपुंसगवेया ? गोयमा ! इत्थीवेया, पुरिसवेया, णो णपुंसगवेया | जाव थणियकुमारा | पुढवी आऊ तेऊ वाऊ वणस्सई, बि ति चरिंदिय संमुच्छिम पंचिंदिय तिरिक्ख समुच्छिम मणुस्सा णपुंसगवेया। गब्भवक्कंतियमणुस्सा पंचिंदियतिरिया य तिवेया । जहा असुरकुमारा, तहा वाणमंतरा जोइसिय- वेमाणिया वि। अतीत-अनागतकालिक महापुरुषो तेणं कालेणं तेणं समएणं कप्पस्स समोसरणं णेयव्वं जाव गणहरा सावच्चा णिरवच्चा वोच्छिण्णा। जंबुद्दीवे णं दीवे भारहे वासे तीयाए उस्सप्पिणीए सत्त कुलगरा होत्था । तं जहामित्तदामे सुदामे य, सुपासे य सयंपभे । विमलघोसे सुघोसे य, महाघोसे य सत्तमे ॥१॥ जंबुद्दीवे णं दीवे भारहे वासे तीयाए ओसप्पिणीए दस कुलगरा होत्था । तं जहासयंजले सयाऊ य, अजियसेणे अणंतसेणे य । कज्जसेणे भीमसेणे, महाभीमसेणे य सत्तमे ॥२॥ दढरहे दसरहे सयरहे । 79 Page #86 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४ समवायांग सूत्र जंबुद्दीवे णं दीवे भारहे वासे इमीसे ओसप्पिणीए समाए सत्त कुलगरा होत्था । तं जहापढमेत्थ विमलवाहण, चक्खुम जसमं चउत्थमभिचंदे । तत्तो पसेणइए मरुदेवे, चेव णाभी य ॥३॥ एतेसिं णं सत्तण्हं कुलगराण सत्त भारिआ होत्था । तं जहाचंदजसा चंदकंता, सुरूव पडिरूव चक्खुकंता य । सिरिकंता मरुदेवी, कुलगरपत्तीण णामाइं ॥४॥ जंबुद्दीवे णं दीवे भारहे वासे इमीसे णं ओसप्पिणीए चउवीसं तित्थगराणं पियरो होत्था । तं जहाणाभी य जियसत्तू य, जियारी संवरे इय । मेहे धरे पइढे य, महसेणे य खत्तिए ॥५॥ सुग्गीवे दढरहे विण्हू , वसुपुज्जे य खत्तिए | कयवम्मा सीहसेणे, भाणू विस्ससेणे इय ॥६॥ सूरे सुदंसणे कुंभे, सुमित्तविजए समुद्दविजये य । राया य आससेणे य, सिद्धत्थे च्चिय खत्तिए ||७|| उदितोदिय कुलवंसा, विसुद्धवंसा गुणेहि उववेया। तित्थप्पवत्तयाणं, एए पियरो जिणवराणं ॥८॥ जंबुद्दीवे णं दीवे भारहे वासे इमीसे ओसप्पिणीए चउवीसं तित्थगराणं मायरो होत्था । तं जहामरुदेवी विजया सेणा, सिद्धत्था मंगला सुसीमा य । पुहवी लक्खणा रामा, णंदा विण्हू जया सामा ॥९॥ सुजसा सुव्वय अइरा, सिरिया देवी पभावई पउमा । वप्पा सिवा य वामा य, तिसलादेवी य जिणमाया ॥१०॥ जंबुद्दीवे णं दीवे भारहे वासे इमीसे ओसप्पिणीए चउवीसं तित्थगरा होत्था। तं जहा- उसभे अजिये संभवे अभिणंदणे सुमई पउमप्पहे सुपासे चंदप्पभे सुविहि-पुप्फदंते सीयले सिज्जंसे वासुपुज्जे विमले अणंते धम्मे संती कुंथू अरे मल्ली मुणिसुव्वए णमी णेमी पासे वड्ढमाणे य। एएसिं चउवीसाए तित्थगराणं चउव्वीसं पुव्वभवया णामधेया होत्था । तं जहापढमेत्थ वइरणाभे, विमले तह विमलवाहणे चेव । तत्तो य धम्मसीहे, सुमित्त तह धम्ममित्ते य ॥११॥ सुंदरबाह तह दीहबाहू, ज्गबाह लट्ठबाह य । दिण्णे य इंददत्ते, सुंदर माहिंदरे चेव ॥१२॥ सीहरहे मेहरहे रुप्पी य, सुंदसणे य बोद्धव्वे । तत्तो य णंदणे खल, सीहगिरी चेव वीसइमे ॥१३॥ 80 Page #87 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवायांग सूत्र अदीणसत्तु संखे सुदंसणे, णंदणे य बोद्धव्वे । इमीसे ओसप्पिणीए एए, तित्थकराणं तु पुव्वभवा ॥१४॥ एएसिं चउव्वीसाए तित्थकराणं चउव्वीसं सीयाओ होत्था । तं जहासीया सुदंसणा सुप्पभा य, सिद्धत्था सुप्पसिद्धा य । विजया य वेजयंती, जयंती अपराजिआ चेव॥१५॥ अरुणप्पभ चंदप्पभ, सरप्पह अग्गि सप्पभा चेव । विमला य पंचवण्णा, सागरदत्ता णागदत्ता य ॥१६॥ अभयकर णिव्वुइकरा, मणोरमा तह मणोहरा चेव । देवकुरु उत्तरकुरा, विसाल चंदप्पभा सीया ॥१७॥ एयाओ सीआओ, सव्वेसिं चेव जिणवरिंदाणं । सव्वजगवच्छलाणं, सव्वोउयसुभाए छायाए ॥१८॥ पुव्विं ओक्खित्ता माणुसेहिं, साहद्द () रोमकूवेहिं । पच्छा वहति सीयं, असुरिंद-सुरिंद-णागिंदा ॥१९॥ चल-चवल-कुंडलधरा, सच्छंद विउव्वियाभरणधारी । सुर-असुर-वंदिआणं, वहंति सीअं जिणिंदाणं ॥२०॥ पुरओ वहंति देवा, णागा पुण दाहिणम्मि पासम्मि । पच्चत्थिमेण असुरा, गरुला पुण उत्तरे पासे ॥२१॥ उसभो य विणीयाए, बारवईए अरिद्ववरणेमी । अवसेसा तित्थयरा, णिक्खंता जम्मभूमीसु ॥२२॥ सव्वे वि एगदूसेण, णिग्गया जिणवरा चउव्वीसं | ण य णाम अण्णलिंगे, ण य गिहिलिंगे कुलिंगे व ॥२३॥ एक्को भगवं वीरो, पासो मल्ली य तिहिं तिहिं सएहिं । भगवं पि वासुपुज्जो, छहिं पुरिससएहिं णिक्खंतो ॥२४॥ उग्गाणं भोगाणं, राइण्णाणं च खत्तियाणं च । चउहिं सहस्सेहिं उसभो, सेसा उ सहस्स-परिवारा ॥२५॥ १४ | सुमइत्थ णिच्चभत्तेण, णिग्गओ वासुपुज्ज चउत्थेणं । पासो मल्ली य अट्ठमेण, सेसा उ छटेणं ॥२६॥ एएसिं णं चउवीसाए तित्थगराण चउव्वीसं पढमभिक्खादायारो होत्था। तं जहासिज्जंसे बंभदत्ते, सुरिंददत्ते य इंददत्ते य । Page #88 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १६ १७ १८ १९ २० समवायांग सूत्र पउमेय सोमदेवे, माहिंदे तह सोमदत्ते य |२७| पुस्से पुणव्वसू पुण्णणंदे, सुणंदे जये य विजये य । तत्तो य धम्मसीहे, सुमित्ते तह धम्ममित्ते य ॥२८॥ अपराजिय विस्ससेणे, वीसइमे होइ उसभसेणे य । दिण्णे वरदत्ते धण्णे, बहुले य आणुपुव्वी ॥२९॥ एए विसुद्धलेसा, जिणवरभत्तीइ पंजलिउडा उ । तं कालं तं समयं पडिलाइ जिणवरिंदे ॥३०॥ संवच्छरेण भिक्खा, लद्धा उसभेण लोगणाहेण । सेसेहिं बीयदिवसे, लद्धाओ पढमभिक्खाओ ॥ ३१ ॥ उसभस्स पढमभिक्खा, खोयरसो आसि लोगणाहस्स । सेसाणं परमण्णं, अमियरस रसोवमं आसि ॥ ३२॥ सव्वेसि पि जिणाणं, जहियं लद्धाउ पढमभिक्खाउ । तहियं वसुधाराओ, सरीरमेत्तीओ वुट्ठाओ ॥३३॥ एसिं चउव्वीसाए तित्थगराणं चउवीसं चेइयरुक्खा होत्था । तं जहा णग्गोह सत्तिवण्णे, साले पियए पियंगु छत्ताहे । सिरिसे य णागरुक्खे, साली य पिलंखुरुक्खे य ॥३४॥ तिंदुग पाडल जंबू, आसत्थे खलु तहेव दहिवण्णे । दीक्खे तिलए, अंबयरुक्खे य असोगे य ॥ ३५ ॥ चंपय बउले य तहा, वेडसरुक्खे य धायईरुक्खे | साले य वड्ढमाणस्स, चेइयरुक्खा जिणवराणं ॥ ३६ ॥ बत्तीसं धणुयाई, चेइयरुक्खो य वद्धमाणस्स । णिच्चोउगो असोगे, ओच्छण्णो सालरुक्खेणं ॥३७॥ तिण्णेव गाउयाई, चेइयरुक्खो जिणस्स उसभस्स । सेसाणं पुण रुक्खा, सरीरओ बारसगुणा उ ॥३८॥ सच्छत्ता सपडागा, सवेड्या तोरणेहिं उववेया । सुर-असुर गरुल महिआ, चेइयरुक्खा जिणवराणं ॥ ३९ ॥ एएसिं चउव्वीसाए तित्थगराणं चउव्वीसं पढमसीसा होत्था, तं जहा पढमेत्थ उसभसेणे, बीइए पुण होइ सीहसेणे य । चारू य वज्जणाभे, चमरे तह सुव्वय विदब्भे ॥४०॥ 82 Page #89 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २१ २२ २३ २४ २५ समवायांग सूत्र दिण्णे य वराहे पुण, आणंदे गोथुभे सुहम्मे य । मंदर जसे अरिट्ठे, चक्काह सयंभु कुंभे य ॥४१॥ इंदे कुंभे य सुभे, वरदत्ते दिण्ण इंदभूई य । उदितोदित-कुलवंसा, विसुद्धवंसा गुणेहिं उववेया ॥ ४२ ॥ तित्थप्पवत्तयाणं, पढमा सिस्सा जिणवराणं । एएसिं णं चउवीसाए तित्थगराणं चउवीसं पढमसिस्सणी होत्था । तं जहाभी फग्गु, सामा अजिया कासवी रई सोमा । सुमा वारुणि सुलसा, धारणि धरणी य धरणिधरा ॥४३॥ पउमा सिवा सुई तह, अंजुया भावियप्पा य । रक्खी य बंधुवती पुप्फवती, अज्जा अमिला य अहिया ॥४४॥ जक्खिणी पुप्फचूला य, चंदणज्जा आहिया उ । उदितोदितकुलवंसा, विसुद्धवंसा गुणेहिं उववेया ॥४५॥ तित्थप्पवत्तयाणं पढमा, सिस्सी जिणवराणं । जंबुद्दीवे णं दीवे भारहे वासे इमीसे ओसप्पिणीए बारस चक्कवट्टिपियरो होत्था । तं जहाउसभे सुमित्त विजए, समुद्दविजए य आससेणे य । विस्ससेणे य सूरे, सुदंसणे कत्तवीरिए चेव ॥४६॥ पउमुत्तरे महाहरी, विजए राया तहेव य । बंभे बारस वुत्ते, पिउणामा चक्कवट्टीणं ॥४७॥ जंबुद्दीवे णं दीवे भारहे वासे इमीसे ओसप्पिणीए बारस चक्कट्टिमायरो होत्था, तं जहा- सुमंगला जसवती भद्दा सहदेवी अइरा सिरि देवी तारा जाला मेरा वप्पा चुल्लिणि अपच्छिमा । जंबुद्दीवे णं दीवे भारहे वासे इमीसे ओसप्पिणीए बारस चक्कवट्टी होत्था। तं जहाभरहो सगरो मघवं, सणकुमारो य रायसद्द्लो । संती कुंथू य अरो, हवइ सुभूमो य कोरव्वो ॥४८॥ णवमो य महापउमो, हरिसेणो चेव रायसद्दूलो । जयणामो य णरवई, बारसमो बंभदत्तो य ॥४९॥ एएसिं बारसहं चक्कवट्टीणं बारस इत्थिरयणा होत्था । तं जहापढमा होइ सुभद्दा भद्द, सुणंदा जया य विजया य । किण्हसिरी सूरसिरी पउमसिरी वसुंधरा देवी ॥५०॥ लच्छिमई कुरुमई, इत्थीरयणाण णामाइं । 83 Page #90 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवायांग सूत्र जंबुद्दीवे णं दीवे भारहे वासे इमीसे ओसप्पिणीए णवबलदेव णववासुदेव पितरो होत्था । तं जहापयावई य बंभो, सोमो रुद्दो सिवो महसिवो य । अग्गिसिहो य दसरहो, णवमो भणिओ य वसुदेवो ॥५१॥ जंबुद्दीवे णं दीवे भारहे वासे इमीसे ओसप्पिणीए णव वासुदेवमायरो होत्था । तं जहामियावई उमा चेव, पुहवी सीया य अम्मया । लच्छिमई सेसमई, केकई देवई तहा ॥५२॥ जनाले णं दीवे भारहे वासे इमीसे ओसप्पिणीए णव बलदेवमायरो होत्था । तं जहाभद्दा तह सुभद्दा य, सप्पभा य सुदंसणा । विजया वेजयंती य, जयंती अपराजिया ॥५३॥ णवमीया रोहिणी य, बलदेवाण मायरो | जंबुद्दीवे णं दीवे भारहे वासे इमीसे ओसप्पिणीए णव दसारमंडला होत्था । तं जहा-उत्तमपुरिसा मज्झिमपुरिसा पहाणपुरिसा ओयंसी तेयसी वच्चंसी जसंसी छायंसी कंता सोमा सुभगा पियदंसणा सुरूवा सुहसीला सुहाभिगमा सव्वजण णयणकंता ओहबला अतिबला महाबला अणिहया अपराइया सत्तुमद्दणा रिपुसहस्समाणमहणा साणुक्कोसा अमच्छरा अचवला अचंडा मियमंजुलपलावहसिया गंभीरमधुर पडिपुण्णसच्चवयणा अब्भुवगयवच्छला सरण्णा लक्खण वंजणगुणोववेआ माणुम्माणपमाणपडिपुण्ण सुजायसव्वंगसुंदरंगा ससिसोमागार कंत पियदंसणा अमरिसणा पयंडदंडप्पभारा गंभीरदरिसणिज्जा तालद्ध ओव्विद्ध-गरुलकेऊ, महाधणुविकड्ढया महासत्तसायरा दुद्धरा धणुद्धरा धीरपुरिसा जुद्धकित्तिपुरिसा विउलकुलसमुब्भवा महारयणविहाडगा अद्धभरहसामी सोमा रायकुलवंसतिलया अजिया अजियरहा हलमुसलकणकपाणी संखचक्कगयसत्ति णंदगधरा पवरूज्जल सुक्कंत विमल गोत्थुभ तिरीडधारी कुंडल उज्जोइयाणणा पुंडरीयणयणा एकावलि कण्ठलइयवच्छा सिरिवच्छ-सुलंछणा वरजसा सव्वोउयसुरभि कुसुम रचित पलंब सोभंत कंत विकसंत विचित्तवर मालरइयवच्छा अट्ठसय विभत्त लक्खण पसत्थ सुंदर विरइयंगमंगा मत्तगयवरिंद ललिय विक्कम विलसियगई सारय णवथणिय महर गंभीर कोंच णिग्घोस दुंदुभिसरा कडिसुत्तग णील पीय कोसेज्जवाससा पवरदित्ततेया णरसीहा णरवई णरिंदा णरवसहा मरुयवसभकप्पा अब्भहियरायतेय लच्छीए दिप्पमाणा णीलगपीयगवसणा दुवे दुवे राम केसवा भायरो होत्था । तं जहातिविटे य दुविढे य, सयंभू पुरिसुत्तमे पुरिससीहे | तह पुरिसपुंडरीए, दत्ते णारायणे कण्हे ॥१४॥ २९ 84 Page #91 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवायांग सूत्र अयले विजये भद्दे, सुप्पभे य सुदंसणे । आणंदे णंदणे पउमे, रामे यावि अपच्छिमे ॥५५॥ ३० ३१ एएसिं णं णवण्हं बलदेव-वासुदेवाणं पुव्वभविया णव णामधेज्जा होत्था । तं जहाविस्सभूई पव्वयए , धणदत्त समुद्ददत्त इसिवाले । पियमित्त ललियमित्ते, पुणव्वसू गंगदत्ते य ॥१६॥ एयाइं णामाई, पुव्वभवे आसि वासुदेवाणं । एत्तो बलदेवाणं, जहक्कम कित्तइस्सामि ॥५७॥ विसणंदी य सुबंधू, सागरदत्ते असोगललिए य । वाराह धम्मसेणे, अपराइय रायललिए य ॥१८॥ एएसिं णवण्हं बलदेव-वासुदेवाणं पुव्वभविया णव धम्मायरिया होत्था। तं जहासंभूय सुभद्द सुदंसणे य, सेयंस कण्ह गंगदत्ते य । सागर समुद्दणामे, दुमसेणे य णवमए ॥१९॥ एए धम्मायरिया, कित्तीपुरिसाण वासुदेवाणं । पुव्वभवे एयासिं, जत्थ णियाणाइं कासी य ॥६०॥ एएसिं णवण्हं वासुदेवाणं पुव्वभवे णव णियाणभूमीओ होत्था । तं जहामहरा य कणगवत्थू, सावत्थी पोयणं च रायगिहं । कायंदी य कोसम्बी, मिहिलपुरी हत्थिणाउरं च ॥६१ ॥ एतेसि णं णवण्हं वासुदेवाणं णव णियाणकारणा होत्था । तं जहागावि जुवे य संगामे, तह इत्थी पराइओ रंगे । भज्जाणुराग गोट्ठी, परइड्ढी माउआ इय ॥६२॥ एएसिं णवण्हं वासुदेवाणं णव पडिसत्तू होत्था । तं जहा - अस्सग्गीवे तारए, मेरए महकेढवे णिसुभे य । बलिपहराए तह रावणे, य णवमे जरासंधे ॥६३॥ एए खलु पडिसत्तू, कित्ती पुरिसाण वासुदेवाणं । सव्वे वि चक्कजोही, सव्वे वि हया सचक्केहिं ॥६४॥ एक्को य सत्तमीए, पंच य छट्ठीए पंचमी एक्को । एक्को य चउत्थीए, कण्हो पुण तच्च पुढवीए ॥६५॥ अणिदाणकडा रामा, सव्वे वि य केसवा णियाणकडा | उड्ढगामी रामा, केसव सव्वे अहोगामी ॥६६॥ 85 Page #92 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवायांग सूत्र अटुंतकडा रामा, एगो पुण बंभलोय कप्पंमि । एक्कस्स गब्भवसही, सिज्झिस्सइ आगमिस्सेणं ॥६७॥ जंबुद्दीवे णं दीवे एरवए वासे इमीसे ओसप्पिणीए चउव्वीसं तित्थयरा होत्था । तं जहाचंदाणणं सुचंदं, अग्गीसेणं च णंदिसेणं च । इसिदिण्णं वयहारिं, वंदिमो सोमचंदं च ॥६८॥ वंदामि जुत्तिसेणं, अजियसेणं तहेव सिवसेणं । बुद्धं च देवसम्म, सययं णिक्खित्तसत्थं च ॥६९॥ असंजलं जिणवसहं, वंदे य अणंतयं अमियणाणिं । उवसंतं च धुयरयं, वंदे खलु गुत्तिसेणं च ॥७०॥ अतिपासं च सुपासं, देवेसर वंदियं च मरुदेवं । णिव्वाणगयं च धरं, खीणदहं सामकोढुं च ॥१॥ जियरागमग्गिसेणं, वंदे खीणरयमग्गिउत्तं च । वोक्कसिय पिज्जदोसं, वारिसेणं गयं सिद्धिं ॥७२॥ जंबुद्दीवे णं दीवे आगमिस्साए उस्सप्पिणीए भारहे वासे सत्त कुलगरा भविस्संति । तं जहामियबाहणे सुभूमे य सुप्पभे य सयंपभे । दत्ते सुहुमे सुबंधू य आगमिस्साण होक्खति ॥७३॥ जंबुद्दीवे णं दीवे भारहे वासे आगमिस्साए उस्सप्पिणीए चउवीसं तित्थगरा भविस्संति । तं जहामहापउमे सूरदेवे, सुपासे य सयंपभे । सव्वाणुभूई अरहा, देवस्सुए य होक्खइ ॥४॥ उदए पेढालपत्ते य, पोट्टिले सत्तकित्ति य । मुणिसुव्वए अरहा, सव्वभावविऊ जिणे ॥७५॥ अममे णिक्कसाए य, णिप्पुलाए य णिम्ममे । चित्तउत्ते समाही य, आगमिस्सेण होक्खड़ ॥७६॥ संवरे अणियट्टी य, विजए विमले ति य । देवोववाए अरहा, अणंतविजए इय ॥७७॥ एए वृत्ता चउव्वीसं, भरहे वासम्मि केवली | आगमिस्सेण होक्खंति, धम्मतित्थस्स देसगा ||७८॥ एएसि णं चउव्वीसाए तित्थकराणं पुव्वभविया चउव्वीसं णामधेज्जा होत्था । सेणिय सुपास उदए, पोट्टिल्ल अणगार तह दढाऊ य । कत्तिय संखे य तहा, णंद सुणण्दे य सतए य ॥७९॥ 86 Page #93 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवायांग सूत्र बोधव्वा देवई य सच्चइ, तह वासुदेव बलदेवे | रोहिणि सुलसा चेव, तत्तो खलु रेवई चेव ॥८०॥ तत्तो हवइ सयाली, बोधव्वे खल तहा भयाली य । दीवायणे य कण्हे, तत्तो खलु णारए चेव ॥८१॥ अंबड दारुमडे य, साई बुद्धे य होइ बोद्धव्वे । भावी तित्थगराणं, णामाई पव्वभवियाई ॥८२॥ एएसि णं चउव्वीसाए तित्थगराणं चउव्वीसं पियरो भविस्संति, चउव्वीसं मायरो भविस्संति, चउव्वीसं पढमसीसा भविस्संति, चउव्वीसं पढमसिस्सणीओ भविस्संति, चउव्वीसं पढमभिक्खादायगा भविस्संति, चउव्वीसं चेइयरुक्खा भविस्संति । जंबद्दीवे णं दीवे भारहे वासे आगमिस्साए उस्सप्पिणीए बारस चक्कवट्टिणो भविस्संति । तं जहाभरहे य दीहदंते, गूढदंते य सुद्धदंते य । सिरिउत्ते सिरिभूई, सिरिसोमे य सत्तमे ||८३॥ पउमे य महापउमे, विमलवाहणे विपुलवाहणे चेव । रिटे बारसमे वुत्ते, आगमिस्सा भरहाहिवा ||८४॥ एएसि णं बारसण्हं चक्कवट्टीणं बारस पियरो बारस मायरो भविस्संति, बारस इत्थीरयणा भविस्संति। जंबुद्दीवे णं दीवे भारहे वासे आगमिस्साए उस्सप्पिणीए णव बलदेव- वासुदेव-पियरो भविस्संति, णव वासुदेवमायरो भविस्संति, णव बलदेवमायरो भविस्संति, णव दसारमंडला भविस्संति। तं जहा-उत्तमपुरिसा मज्झिमपुरिसा पहाणपुरिसा ओयंसी तेयंसी एवं सो चेव वण्णओ भाणियव्वो जाव णीलगपीतगवसणा दुवे दुवे राम-केसवा भायरो भविस्संति । तं जहाणंदे य णंदमित्ते, दीहबाहू तहा महाबाहू । अइबले महाबले, बलभद्दे य सत्तमे ॥८५॥ दुविठू य तिवद् य, आगमिस्साण वण्हिणो । जयंते विजए भद्दे , सुप्पभे य सुदंसणे ॥८६॥ आणंदे णंदणे पउमे, संकरिसणे य अपच्छिमे । 1% एएसि णं णवण्हं बलदेव-वासुदेवाणं पुव्वभविया णव णामधेज्जा भविस्संति, णव धम्मायरिया भविस्संति, णव णियाणभूमीओ भविस्संति, णव णियाणकारणा भविस्संति, णव पडिसत्तू भविस्संति। तं जहातिलए य लोहजंघे, वइरजंघे य केसरी पहराए । 87 Page #94 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवायांग सूत्र अपराइए य भीमे, महाभीमे य सुग्गीवे ॥८७॥ एए खलु पडिसत्तू, कित्तीपुरिसाण वासुदेवाणं । सव्वे वि चक्कजोही, हम्मिहिंति सचक्केहिं ॥८॥ ४३ जंबुद्दीवे णं दीवे एरवए वासे आगमिस्साए उस्सप्पिणीए चउवीसं तित्थकरा भविस्संति । तं जहासुमंगले य सिद्धत्थे, णिव्वाणे य महाजसे । धम्मज्झए य अरहा, आगमिस्साण होक्खड़ ॥८९॥ सिरिचंदे पुप्फकेऊ, महचंदे य केवली । सुयसागरे य अरहा, आगमिस्साण होक्खड़ ॥२०॥ सिद्धत्थे पुण्णघोसे य, महाघोसे य केवली । सच्चसेणे य अरहा, आगमिस्साण होक्खड़ ||९१॥ सूरसेणे य अरहा, महासेणे य केवली । सव्वाणंदे य अरहा, देवउत्ते य होक्खड़ ॥१२॥ सुपासे सुव्वए अरहा, अरहे य सुकोसले । अरहा अणंतविजए, आगमिस्साण होक्खड़ ॥१३॥ विमले उत्तरे अरहा, अरहा य महाबले । देवाणंदे य अरहा, आगमिस्साण होक्खड़ ॥९४॥ एए वुत्ता चउव्वीसं, एरवयम्मि केवली । आगमिस्साण होक्खंति, धम्मतित्थस्स देसगा ||९५॥ जंबुद्दीवे णं दीवे एरवए वासे आगमिस्साए उस्सप्पिणीए बारस चक्कवट्टिणो भविस्संति, बारस चक्कवट्टिपियरो भविस्संति, बारस मायरो भविस्संति, बारस इत्थीरयणा भविस्संति, णव बलदेववासुदेवपियरो भविस्संति, णव वासुदेवमायरो भविस्संति, णव बलदेवमायरो भविस्संति | णव दसारमंडला भविस्संति, उत्तमा पुरिसा मज्झिमपुरिसा पहाणपुरिसा जाव दुवे दुवे राम-केसवा भायरो, भविस्संति, णव पडिसत्तू भविस्संति, णव पुव्वभवणामधेज्जा, णव धम्मायरिया, णव णियाणभूमीओ, णव णियाणकारणा एयाए एरवए आगमिस्साए भाणियव्वा । एवं दोसु वि आगमिस्साए भाणियव्वा । इच्चेयं एवमाहिज्जति, तं जहा- कुलगरवंसेइ य, एवं तित्थगरवंसेइ य, चक्कवट्टिवंसेइ य दसारवंसेइ वा गणधरवंसेइ य, इसिवंसेइ य, जइवंसेइ य, मुणिवंसेइ य, सुएइ वा, सुअंगेइ वा सुयसमासेइ वा, सुयखंधेड़ वा समवाएड वा, संखेइ वा समत्तमंगमक्खायं अज्झयणं त्ति बेमि | ॥ श्री समवायं सूत्तं संमत्तं ॥ Page #95 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Published By: GLOBAL JAIN AAGAM 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