Book Title: Yogshastra
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek

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Page 11
________________ अनुक्रमणिका. विषय. प्रकाश ( ६ ) १५८ परपुर प्रवेशनुं परमार्थपएं. १५ ध्यान सिद्धि माटे प्राणायामनो प्रदेप, सातम प्रकाश. ( 9 ) १६० ध्यान धरनारनुं स्वरूप. १६१ ध्येयनुं स्वरूप. १६२ श्राग्नेयी धारणानुं स्वरूप. १६३ वायवी धारणानुं स्वरूप. १६४ वारुणी धारणानुं स्वरूप. १६५ तत्रभूधारणानुं स्वरूप. १६६ पिंडस्थध्येयनुं माहात्म्य. आठमो प्रकाश. ( ८ ) १६७ पदस्थध्येयनुं लक्षण. १६० पदस्यध्ययेनुं फल. १६ पदमयी देवतानुं स्वरूप, १७० मंत्रराजनुं फल. १७१ पदमयी देवतानुं प्रकारांतरथी स्वरूप. १७२ व्युष्टिसहित मंत्राक्षर. rant प्रकाश. (ए) १७३ रुपस्यध्येयनुं स्वरूप. दशमो प्रकाश. ( १० ) रेनुं स्वरूप. १७७ श्रात्मसंवेद्य सुखनुं स्वरूप. starरम प्रकाश. ( 33 ) १७० शुक्लध्याननां अधिकारीनुं स्वरूप. ए पृष्ठ. १७४ रुपातीत ध्येयनुं स्वरूप. १७५ श्राज्ञाध्यान तथा अपायध्याननुं स्वरूप. १७६ विपाकध्यान, संस्थानध्यान, लोकध्यान तथा धर्मध्यान विगे ४२ ४३० ४३१ ४३‍ ४३ ४३३ ४३३ ४३४ ४३६ ४३७ ४३७ ४४१ ४५० ૫૩ ४५२ ४५३ ४५४

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