Book Title: Yogabindu ke Pariprekshya me Yog Sadhna ka Samikshatmak Adhyayana
Author(s): Suvratmuni Shastri
Publisher: Aatm Gyanpith

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Page 339
________________ 282 योगबिन्दु के परिप्रेक्ष्य में जैन योग साधना का समीक्षात्मक अध्ययन ७६. पागशर स्मृति, सम्पा० रामशर्मा, संस्कृति संस्थान, बरेली, ८०. पाइसद्दमहण्ण्वो, सम्पा० पं० हरगोविन्द दास, डा० वासुदेवशरण अग्रवाल और पं० दलसुख भाई मालवणिया, प्राकृत ग्रंथ परिषद्, काशो पुरुषार्थसिद्धयुपाय, अमृतचन्द्र, प्रभावकमण्डल बम्बई, वी० नि० सं० २४३१ ८२. प्रभावकचरित्र, चन्द्रप्रभसूरि, सम्मा० जिनविजयसिंधी, जैन ग्रंथमाला, अहमदाबाद, १९५७ प्रशमरति भाग-२ उमास्वाति, विवेचक भद्रगुप्त विजय, मेहसाना (गुजरात), वि० सं० २०४२ ८४. प्रवचनसार, कुन्दकुन्दाचार्य, परमश्रुतप्रभावक मण्डल, बम्बई, ८३. १६३५ ८५. प्रवचनसारोद्धार, नेमिचन्द्र सूरि, सम्पा० पदमसेन मुनिचन्द्र विजय, पिंडवाडा, (राज.), १९७६ ८६. प्रमेयरममाला अनु० जयचन्द्र, अनन्त कीर्ति ग्रंथ माला, समिति, बम्बई ८७. प्रज्ञापनासूत्र, सम्पा• ज्ञानमुनि, व्यावर प्रकाशन १९८६ ८८. प्रज्ञापारमिता, हरिभद्र सम्पा० बो० भट्टाचार्य ओरिएन्टल इन्स्टिटयूट, कलकत्ता, १६३२ ८६. पाहडदोहा, रामसिंह मुनि, सम्पा० हीरालाल जैन कारंजा जैन पब्लिकेशन सोसाइटो, वि० सं० १९६० १०. वाल्मीकि रामायण, गीता प्रैस, गौरखपुर प्रकाशन बुद्धवरित, सम्पा० महन्त रामचन्द्र दास शास्त्री, वाराणसी, १६६३ ६२. बोधिचर्यावतार, सम्पा० पी० एल० वैद्य, दरभंगा, १९६० ६३. बोधिसत्वभूमि, सम्पा० नलिनाक्षदत्त, पटना, वि० सं० २०२२ ६४. बृहद्रव्यसंग्रह नेमिचन्द्र सिद्धान्त चक्रवर्ती, भावनगर, (गुजरात), वि० सं० २०३३ ब्रह्मबिन्दूपनिषद्, पाण्डुरंग जावजी, बम्बई १९३२ ६६. ब्रह्मसूत्र (मूल) वाराणसी, वि० सं० २०२२ । ६७. भक्ति आन्दोलन का अध्ययन, डा. रतिभानुसिंह, इलाहाबाद ६८. भक्ति का विकास, डा० मुशीराम, वाराणसी, १९५८ ६१. 8 Jain Education International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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