Book Title: Yashstilak ka Sanskrutik Adhyayana
Author(s): Gokulchandra Jain
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 400
________________ यशस्तिलक का सांस्कृतिक अध्ययन २५४ कन्वय ७० कल्पनी २०४ कर्दम १३० कल्पवृक्ष २६७ कर्नाटक २८, १४२ कल्पसूत्र १६२, २०७, २१०, २२६ कपट १२१ कल्याण २७३ कर्पूर १३, १०१, १०२, १५८, २४४, कवि १५, १६१, १६५, १६८ कविकल्पद्रुम १६२ कर्म ८२ कश्मीर २७०, २७२ कर्मग्रंथ ७ कषाय ७२, ९०, १०९ कर्मद ७५, ७६ कसरे शीरी २५७ कर्मदी ८, ७५, ७६ कसैला १०१ कर्मभूमि ६९ कस्तूरी १३०, २५४, २९२ कर्म १९६ कस्तूरीमृग २९४ कलम ९, ९२ कस्बा २७८ कलमशालि ९३ कहानी ६ कहापण १९६ कलश १९, १८५ कलहंस ९, १०४ कांकरौली २२६ कला २, १३, २८, २९, ६२, १३५, कांखुर १२९ कांच १३ १४४, १५०, १६७, १८९, २०९, २४१, २४५ कांचन १८४ कांचिका १४९ कलाई १३, १४७ काँची १३, २१. १४०, १४८, २३७, कलाप १५३ २३८, २७१, २७६ कलापित् १५४ कांचीवरम् २७१, २७६ कलाबत्त १२७ कांजी ९९, १०३, १११, ११६ कलाविनोद २९ कांड २०३ कलि ९, १०, ९६, ११९ कांसा १५१ कलिंग २१, ४५, ६३, ९७, १९४, काकणी १९६ २७० काकंदो २१, २८४ कलियुग ६९ काकमाची ९,९८, १११ कल्चुरी २७९, २८९ काठियावाड़ २८७ कल्चुरीविज्जल २७९ कातन्त्र १६२, १६३ कल्पना १८० कात्यायन १३०, १९६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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