Book Title: Yashovijayji Swahast Likhit Kruti Sangraha
Author(s): Yashovijay
Publisher: Yashobharti Jain Prakashan Samiti
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आर्यभीय चरित्र महाकाव्य पध. महोपाध्याय श्रीयशोविजयविरचित्त स्वरस्ताहार (?) [आदिपृष्ठ] १२
अ
ऐनमः श्रीअिभायमा अतस्वितेयाकामलालयोयना पोषविश्वेषनासनोचिताम: प्रमाप्तीअरुषोन्नमवचिदिश्वर माउसमातिनंदनः || सएवदेवः किलतिन्त्रनामसर्दि विच्यलोकस्समपाश्यतेऽरिवः मकरधक्तस्पफलाप्पाणवतःसहायतामचतिवासना जटाशा तदागमासपजीवाड़ीवन परेपिगतिघनाघनाश्वतदीयदृष्टशपियूमिमेदा तवचित्रास्पादयसंपदीदाता|अगत्यो घस्तउपसमझाता निरामीवधा
वनीतानमावरचात विनावावेदान्यम्प्रदामहोदयाचा मत्य योजना कत्यघोपिसामाधनोविधिताय रिश्दनाघनायो पिजलाइयो किन नचिंत नीयचरितमहात्मनामधासुधाऊंगणमुरापगायछमन्वतिचलियबुधा। विनलावादितमपादोया सलमत्यनुतमतिनातितवान्जाबकोचाकति स्व वीशरासनेनैवविारात्यधीयास्त्राक्सिमोधीसत्तोसाधन: तापवायततातदिग या देवतास्वानिवका निपदा। सदाशयोजिम तोकिः प्रदेशाध कतारसयदा बनवलमान्सरतेसादिमः सदासुपरति सिताघनाझरी विलाप्रपूलनिमरावतामिवनवाताहतस्ताकया।राविनाता

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