Book Title: Vyakhyapragnaptisutram Part 02
Author(s): Divyakirtivijay
Publisher: Shripalnagar Jain Shwetambar Murtipujak Derasar Trust

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Page 17
________________ श्रीभगवत्यङ्ग श्रीअभय वृत्तियुतम् भाग-२ // 8 // श्रीभगवत्यङ्गसूत्रस्य विषयानुक्रमः क्रमः विषयः सूत्रम् पृष्ठः क्रम: विषयः सूत्रम् शिष्यदान-लोचदीक्षादि / 385 श्वासोच्छासेनग्रहणत्यागः जमालेबहिर्विहर्तुपुनः 2 पृच्छा, तेषाञ्चक्रियाऽऽदिप्रश्नाः।। भगवतोमौनम्, विहारः, व्याधिः, वायुकायिकस्य वृक्षमूलादिकंपने संस्तारकसंस्तरणाऽऽज्ञा, चलमानश्चलित क्रियाप्रश्नः। 393 इत्याद्यश्रद्धानिह्नवतादि। 386 810 [10] दशमं शतकम्। 394-408 जमालेः प्रभुसमीपमागमनम्, 10.1] 10 शतके उद्देशकः 1 कवल्यभिमानम्, गौतमप्रश्ननिरुत्तरता, दिगधिकारः। ___ 394-395 मिथ्याऽभिनिवेशाप्रतिक्रान्तः, पूर्वादिदिग्रूपप्रकारनामादिप्रश्नः। 394 लान्तके किल्बिषिके उत्पादादि। 387 812 2 शरीरस्यौदारिकादिभेदप्रभेदप्रश्नाः। 395 श्री गौतमस्य जमालीकुशिष्य [10.2] 10 शतके उद्देशक: 2 सम्बन्धीप्रश्नः। 388 817 संवृत्तानगाराधिकारः। 396-400 किल्बिषिकदेवस्थितिनिवासकर्मादान वीतिमतः संवृत्तानगारस्यतदुत्पादसिद्धिगमनादिप्रश्नाः। 389-390 817-819 क्रियाप्रश्नाः। [9.34] 9 शतके उद्देशक: 34 / / योनिवेदनयोप्रकारप्रश्नाः। 397-398 पुरुषः पुरुषघ्नन्त्यधिकारः। 391-393819-823 3 / भिक्षप्रतिमाऽकृत्यस्थानप्रतिपुरुषादिवधे कस्य वधः कस्यवैर सेविनश्वाऽऽराधकत्वादिप्रश्नाः। 399-400 स्पर्शनाआदिप्रश्नाः। ___391 820 [10.3] 10 शतके उद्देशकः 3 पृथ्वीकायिकादि अप्कायादीन् आत्मोल्लंघनाधिकारः। 401-403 829-834 1 834-838

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