Book Title: Vyakhyapragnaptisutram Part 02
Author(s): Divyakirtivijay
Publisher: Shripalnagar Jain Shwetambar Murtipujak Derasar Trust

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Page 20
________________ विषयः सूत्रम् पृष्ठः श्रीभगवत्यङ्ग सूत्रस्य श्रीभगवत्यङ्ग श्रीअभय वृत्तियुतम् भाग-२ // 11 // विषयानुक्रमः 430 तस्यपूर्वभवकथा। बलराज-प्रभावतीसिंहस्वप्नदर्शन: स्वप्नपाठक-गर्भरक्षण पुत्रजन्मवर्धापनादि। 428 महाबलपुत्र-जन्मोत्सव-नामस्थापनपालनाध्ययन-प्रासादकरणादि। 429 महाबलपाणिग्रहणविस्तृतप्रीतिदानादि। श्रीविमलजिनप्रशिष्य धर्मघोषानगारस्यागमनं महाबलवंदनं प्रतिबोधोदीक्षा ब्रह्मलोकोत्पात: च्युत्वासुदर्शनः। 431 श्रीसुदर्शनस्यपूर्वभवकथनात्तस्यजातिस्मृति प्रव्रज्या चतुर्दशपूर्वाध्ययनमोक्षादि। 432 [11.12]11 शतके उद्देशकः 12 आलभिकाधिकारः। 433-436 आलभिकानगरी, ऋषिभद्रादि। श्रमणोपासकानां वार्तालापः। देवानां ज००स्थिति। 433 प्रभोरुपासना ऋषिभद्रकथनसत्यता पृष्ठः / क्रमः विषयः सूत्रम् क्षमापनादि। 434 ऋषिभद्रस्यानगारसामर्थ्य गतिसिद्धि आदि श्रीगौतमस्यपश्नाः। 435 पुद्गलपरिव्राजकस्य विभङ्गज्ञानः / 908 उ० दशसाग० देवस्थितिकथनादिप्रश्नाः। सौधर्मे वर्णसहितद्रव्यादिप्रश्नः। 912 पुद्गलपरि० बोध:सिद्धिप्राप्त्यादि। 436 [12] द्वादशं शतकम्। 437-469 [12.1] 12 शतके उद्देशकः 1 शङ्काधिकारः। 437-440 श्रावस्तीनगरी शङ्कश्रमणोपासक उत्पलास्त्री प्रभोरुपासना प्रश्नादि। 437 शङ्कपुष्कल्यादि श्रमणोपासकानामा९१८-९२२ हारेणसहपौषध संबंधी वार्तालाप: प्रभुपृच्छा शङ्ककथनसत्यतादि। 438 जागरिकायाः बुद्धाबुद्धसुदर्शनभेद 918 तद्धेतुप्रश्नाः। 439 क्रोधमानपीडितजीवः किं बनातीति // 11

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