Book Title: Vrundavanvilas
Author(s): Nathuram Premi
Publisher: Jain Hiteshi Karyalaya

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Page 1
________________ श्रीवीतरागाय नमः जैनहितैषीके चौथे वर्षका उपहार । काशीवासी कविवर बाब वृंदावनजी रचित वृन्दावनविलास। जिसे देवरी (सागर) निवासी श्रीनाथूराम प्रेमीने सम्पादन किया और बम्बईस्थ-श्रीजैनहितैषीकार्यालयनेनिर्णयसागरप्रेसमें मुद्रितकराके प्रकाशित किया। TRENabalatarrathikavahitvoiantvashatolatestosonlosarokarane.g श्रीवीरनिर्वाण सवत् २४३४। - नं.१. | इस ग्रंथकी रजिष्टरी हो गई है हमारी आज्ञाके विना इसे अथवा इसमेंसे किसी स्तोत्र वगैरहको भी न छपावें।

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