Book Title: Virchand Raghavji Gandhi Ka Jivan Charitra
Author(s): Shyamlal Vaishya Murar
Publisher: Jainilal Press

View full book text
Previous | Next

Page 30
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org ( २६ ) भारतीय इतिहास, नीति और धर्म के प्रति जो जो भूलें घर कर रही थीं उन्हें दूर करने में आपने बड़ी सफलता माप्तकी और उन्हें उनके विषय में सत्य बातें बतलाकर उनका भ्रम दूर किया। यहां अने पर आपने अमेरिका के उपयोगी रीति रिवाज और विद्या प्रचार के बहु मूल्य संदेश हमें सुनाये | धर्म की ओर रुचि उत्पन्न करनेका आपका यह बड़ा प्रयत्न भी सफल हुवा और हेमचन्द्राचार्य अभ्यास वर्ग की स्थापना हुई . Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir आपकी दूसरी मुसाफिरी के समय हम खुशी मना रहे हैं पर साथही याप जैसे ज्ञानवान, शक्तिवान, और नम्र गृहस्थ के वियोग का हमें बड़ा दुख है । पर आप के वियोग से हमारी जो भारी हानि होगी उसके बदले हमारे अमेरिकन भाई और बहनों को अमूल्य लाभ होगा यही विचार कर हमें खुशी होती है। मिसिसिप नदी की दूसरी ओर बसने वाले अमेरिकन भाइयों ने आपके व्याख्यानों से लाभ प्राप्त कर नहीं पाया था इसलिये अब वह अपनी इच्छा को पूर्ण करसकेंगे । तत्व ज्ञान के जिज्ञासु विद्वानों के लिये भी जिन्होंने आपके गुणों और ज्ञान पर मुग्ध होकर आपके नाम से तत्व शोधक मंडल स्थापित किया है आपकी यह यात्रा बड़ े हर्ष और आशीर्वाद का कारण होगी। हमें यह जानकर और भी हर्ष हुवा कि इस यात्रा में आप के साथ आपकी सह धर्मिणी भी रहेगी, जिनसे आपको पूरी सहायता और आराम मिलेगा; साथही वे अमेरिकन बहिनों को आर्य महिलाओं के कर्तव्य, गुण और स्वभाव का ज्ञान करावेंगी । अन्त में हम अन्तःकरण से इच्छा करते हैं कि भाप की For Private and Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42