Book Title: Vichar ko Badalna Sikhe
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Adarsh Sahitya Sangh

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Page 171
________________ और उनको पाने का अभ्यास किया जाए तो व्यक्ति को पारिवारिक जीवन की अशान्ति से मुक्ति मिल सकती है। केवल इन सूत्रों के उच्चारण से शान्त सहवास कभी संभव नहीं बन सकता। एक आदमी ने अपने मित्र से पूछा- 'मुझे अमेरिका जाना है, वहां जाने में खर्च कितना लगेगा ? उसने कहा- 'एक पैसा भी नहीं लगेगा।' उसने कहा- 'मुफ्त में ऐसे कौन ले जाएगा ? पैसा तो लगेगा ही। वह बोला- 'मैं जानता हूं, तुम केवल विचार करते हो, मनसूबे बनाते हो, आना-जाना कहीं है नहीं, फिर पैसे कैसे लगेंगे ? कोरा विचार किया जाए, आचरण न किया जाए तो शान्तिपूर्ण सहवास संभव नहीं हो सकता। सामंजस्य, समझौता, व्यवस्था, सहिष्णुता, विनय और वात्सल्य-इन पांच बातों पर मनन करें तो हम अपने लक्ष्य तक पहुंच पाएंगे, पारिवारिक शान्ति की बात सधेगी। पारिवारिक जीवन और शान्त सहवास / १५७ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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