Book Title: Vasnunandi Shravakachar
Author(s): Sunilsagar, Bhagchandra Jain
Publisher: Parshwanath Vidyapith

View full book text
Previous | Next

Page 458
________________ सन्दर्भ ग्रन्थ-सूची क्र० सांकेतिक नाम रचनाकार प्रकाशक पूर्ण नाम | षड्-खण्डागम (वसुनन्दि-श्रावकाचार १. षट्-खण्डा० आ० पुष्पदंत/भूतवलि | ति०प० तिलोय-पण्णत्ति आ० यतिवृषभ जैन संस्कृति संरक्षक संघ, सोलापुर, १९७३ जीवराज ग्रन्थमाला, शोलापुर, वि०सं० १९९९ सम्पा०- हीराचन्द नेमिचन्द, बम्बई, १९५२ अनन्तकीर्ति ग्रन्थमाला, वि०सं० १९७६ का०रूप० कातंत्र-रूपमाला आ० शर्ववर्म आ० वट्टकेर मूला० श्रा०प्र० स०सा० मूलाचार श्रावक प्रतिक्रमण (३४२) समयसार प्र०सा० प्रवचनसार नि०सा० नियमसार पंचास्तिकाय आ० कुन्दकुन्द आ० कुन्दकुन्द आo कुन्दकुन्द .. | आ० कुन्दकुन्द अहिंसा मन्दिर प्रकाशन, देहली, १९५८ | परमश्रुत प्रभावक मण्डल, बम्बई, १९३५ श्री परमश्रुत प्रभावक मण्डल, अगास श्रीपरमश्रुत प्रभावक मण्डल, श्रीमद् राजचन्द्र आश्रम, अगास, १९६९ . पं०का० आचार्य वसुनन्दि

Loading...

Page Navigation
1 ... 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466