Book Title: Vasnunandi Shravakachar
Author(s): Sunilsagar, Bhagchandra Jain
Publisher: Parshwanath Vidyapith

View full book text
Previous | Next

Page 461
________________ रचनाकार प्रकाशक क्र० | सांकेतिक नाम ३१. | गो० कर्म० ३२. क्ष०सा० ३३. | त्रि०सा० पूर्ण नाम गोमटसार कर्मकाण्ड क्षपणसार त्रिलोकसार (वसुनन्दि-श्रावकाचार ३४. | द्र०सं० ३५. | पु०सि० द्रव्यसंग्रह पुरुषार्थ सिद्धयुपाय आ० नेमिचन्द्र सिद्धान्त चक्रवर्ती | जैन सिद्धान्त प्रकाशिनी संस्था, कलकत्ता आ० नेमिचन्द्र सिद्धान्त चक्रवर्ती | परमश्रुत प्रभावक मण्डल, अगास आ० नेमिचन्द्र सिद्धान्त चंक्रवर्ती | मानिकचन्द दिगम्बर जैन ग्रन्थमाला, शोलापुर, १९६३ आ० नेमिचन्द्र सिद्धान्तिकदेव | देहली, १९५६ आ० अमृतचन्द्र सूरि | सेन्ट्रल जैन पब्लिक हाउस, लखनऊ, १९३३ भारतीय ज्ञानपीठ, काशी, १९७१ आ० माणिक्यनन्दी स्याद्वाद महाविद्यालय, काशी आ० शुभचन्द्र राजचन्द्र ग्रन्थमाला, अगास, १९६० आ० शुभचन्द्र राजचन्द्र ग्रन्थमाला, अगास, १९६० आ० जयसेन परमश्रुत प्रभावक मण्डल, बम्बई, वि०सं० १९७२ (MR) ३६. न०च० नयचक्र | प०म० परीक्षामुख ज्ञानार्णव ३७. | ३८. ज्ञानार्णव ३९. | कार्तिकेन्टीका ४०. | पं०का०टी० कार्तिकेयानुप्रेक्षा टीका पंचास्तिकायटीका आचार्य वसुनन्दि ४१. | स०तं०टी० समाधितंत्र-टीका आ० प्रभाचन्द्र

Loading...

Page Navigation
1 ... 459 460 461 462 463 464 465 466