Book Title: Varang Chariu
Author(s): Sumat Kumar Jain
Publisher: Kundkund Kahan Parmarthik Trust

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Page 240
________________ वरंगचरिउ (ख) नामानुक्रमणिका (i) वरंगचरिउ में प्राप्त आभूषणों के नाम सफरी (शफरी/ मछली) 4/1 हयव (घोड़ा) 3/1 आहूसण (आभूषण) 4/22 कंचन 3/7 4/1 कर - कंगण 3/6 कुंडल 4 / 1, 3/19 गजमोती 3/11 णेउर-नूपुर 4/1 तिलय - बिन्दी 4/1 दाम / माला 4 / 1, 3/6 मणिमउड-मणिमुकुट 3/19 मुत्ताहलहार 4/1 वत्थाहरणहि 4/1 (ii) जानवरों के नाम अलि (भौंरा) 4/1 कर (हाथी) 3/1 केसरि (सिंह) 1/20 कोल-वराह (जंगली सुअर) 1/20 तुरंग (घोड़ा) 4/9 दव्वीयर (सर्प) 2/8 गल (हाथी) 1/20 रोज्झ (नीलगाय ) 1/20 वरहिण (वर्हिन / मोर) 1/20 वाणु (हाथी) 3/10 (iii) शरीर अंगों के नाम उर (हृदय) 3/3 अहर (अधर / ओंठ ) 2/2 यण (नेत्र) 2 / 2 पयोधर (स्तन) 2/2 सिर (मस्तक) 3/3 (iv) फलों के नाम एल (इलायची) 1/4 खजूर (खजूर) 1/4 रियल (नारियल) 1/4 दाडिम (अनार) 1/4 फोफल (नींबू) 1/4 माहु-लिंग (सुपारी) 1/4 लवंग (लोंग) 1/4 तंबोल (ताम्बूल) 3/2 (v) वाद्य यंत्र झुण (ध्वनि) 1/8 डिंडिमु (डोढ़ / वाद्य विशेष ) 3 / 13 दुंदुहि (दुंदुभि) 1/4 तूर 1/19 संवर (सांभर/ एक राजस्थान का जंगली पशु) मायंग (मृदंग ) 4/9 3/10 (vi) उपकरण विशेष सारंग (हिरण) 1/20 चमरवाउ (चमरवायु) 3/5 229

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