Book Title: Varang Chariu
Author(s): Sumat Kumar Jain
Publisher: Kundkund Kahan Parmarthik Trust
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की पुत्री) 1/6
230
वरंगचरिउ छत्त (छत्र) 4/9
कुलाहिउ, वकुलाधिपति (कुमार वरांग का शत्रु जपाण (पालकी/हाथी) 3/10
राजा) 4/3 धय (ध्वजा) 4/18
कुसुंभराउ (कुसुंभराजा/भिल्लराज) 2/6 दीप (दीपक) 4/17
गुणदेवि (गुणदेवी-कुमार वरांग की माँ) 3/5
चित्तसेणु (चित्रसेन (मंत्री)) 1/6 (vii) अस्त्रों के नाम
जसोमइ (जसोमति-सिंहपुर के राजा द्विषन्तप असिवर (तलवार) 3/19 आउहं (आयुध) 1/10
णंदावत्तउ (एक देवविमान) 2/8 कुंत (भाला) 3/9
दत्तराउ (दत्तराज) 1/6 चक्क (चक्र) 3/19
देवसेन (मंत्री) 3/9 चाउ (चाप) 3/17
देवसेन (राजा) (ललितपुर नगरी का राजा और तिसूलइ (त्रिशूल) 3/19
वरांग का मामा) 1/6 मुग्गर (गदा) 3/19
धम्मसेण (धर्मसेन-कुमार वरांग के पिता) 3/1 वाण (तीर) 3/18
धियसेण (धृतिसेन-कुमार वरांग के श्वसुर) 1/5 सव्वल (दे) शर्बल वरछी 3/19
पंडुपुत्तु (पाण्डवपुत्र) 3/4 हलायुध 3/19
पियदत्ता (प्रियदत्ता-दत्तराज की पुत्री और कुमार (viii) जाति विशेष
वरांग की पत्नी 1/6 किराय (किरात) 2/6
भोजरायकुल (भोजराज कुल) 3/2 सकूर 2/7
मणोरम (मनोरमा देवसेन की द्वितीय पुत्री) 4/1 सवर (भील) 2/4
मयरकेउ (मकरकेतु-मलयदेश के अधिपति)
1/6 (ix) पात्रों के नाम एवं अन्य नाम
मयसेणा (मृगसेना-वरांग की सौतेली माँ एवं अंगवइ (अंगवती) राजा महेन्द्र दत्त की पुत्री
सुषेण की माँ) 1/5 और कुमार वरांग की पत्नी 1/6
महेंददत्त (महेन्द्रदत्त-विंध्यपुर के राजा) 1/6 अप्पडिमल्लु (अप्रतिमल्ल/हाथी नाम) 3/16
वज्जायहु (वजायुध-गिरिव्रज नगर का राजा इंदसेण (इन्द्रसेन) 3/9
और सुकेशी के पिता) 1/6 उवेंदुसेणु (उपेन्द्रसेन) 3/9
वणपालु (उद्यानपाल) 119 कप्परूक्खु (कल्पवृक्ष) 1/4
वरदत्त मुणिंद (मुनिराज वरदत्त) 4/4 कामधेणु (कामधेनु) 3/8

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