Book Title: Vaiayakaran Bhushansara
Author(s): Harivallabh
Publisher: Chaukhambha Sanskrit Pustakalay

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Page 10
________________ कारिकायचरणचिका प्रयोगोपाधिमाश्रित्य फणिभाषितभाष्याब्धेः फलव्यापारयोरेक फलाव्यापारयोर्धातु फलव्यापारयोस्तत्र · बहूनां वृत्तिधर्माणाम् भाट्टास्ते पीत्थमेवाहुः भेदः संसर्ग उभयम्. भेद्यभेदकसम्बन्धो भौतपूर्व्यात्सोऽपि रेखा यदि पक्षेऽपि वत्यर्थः दाभ्यां वाक्यभेदेन लक्षणादधुना चेत्तत् लक्ष्यानुरोधात्संख्यायाः वर्तमाने परोक्षे श्वो वाक्यात्पदानामत्यन्तम् arteफोटोsतिनिष्कर्षे विधेये भेदकं तन्त्रम् व्यवस्थितेर्व्यवहृतेः व्यापारो भावना सैव आद्यचरणः शब्दोऽपि यदि भेदेन शरैस्त्रैरिवोदीच्यान् २. ... ... : ... :: ... ::: :: भ 4 A फ ल व श ... :: : ⠀⠀⠀⠀ : :: ... ... ... :: : ... : : : : : : ... 0.0 : :. :: ... ... 0.0 .... ३७८ १% २६८ ४३४ २६३ .१२३ २६० ११७ ५१ ४२७ ३९८ on or m १ १३ ર ६८ ३१ २१ ३० १७ ४०२ ५९. ६७ ५७ २२ १३१ ४३६ ६९ ४१५ ६१ ४०१ ५८ ४१८ દૂર ५७ पृ० ५ का० २४९ २६ ३५८ ४५

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