Book Title: Uttaradhyayan Sutra
Author(s): Bhavvijay Gani
Publisher: Divya Darshan Trust

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Page 415
________________ 410 उत्तराध्ययन जइत्सा विउले जणे .... ९-३८ जह कडुअतुम्बगरसो .. ३४-१० छच्चेव य मासाऊ .... ३६-१५१ जइ सि स्वेण वेसमणो .... २२-४१ जह करगयस्स फासो .... ३४-१८ छज्जीवकाए असमारभंता १२-४१ जक्खो तहिं तिंदुअरु..... १२- ८ जह गोमडस्स गंधो .... ३४-१६ छबीस सागराई ....२६-२३५ जगनिरिसरहिं भूएहि .... ८-१० जह तरुणअंबगरसो .... ३४-१२ छिण्णाले छिण्णई सल्लिं .... २७-७ जणेण सचिं होक्खामि .... ५- ७ जह तिकडुअस्म य रसो.... ३४-११ छिण्णावाएसुपंथेसु .... २५ जदि मज्झ कारणा एए .... २२-१९ जह परिणयंबगरसो .... ३४-१३ छिदित जालं अवलं .... १४-३५ जम्मं दुक्खं जरा दुक्खं .... १९-१५ जह बूरस्स व फासो .... ३४-१९ छिन्नं सरं भोममंत .... १५-७ जया मिअस्स आयको .... १९-७८ |जह सुरहिकुसुमगंधो .... ३४-१७ छहा तण्हा य सीउह... १९-३१ जया य से सुही होइ .... १९-८. जहा अग्गिसिहा दित्ता .... १९-३९ छदणा दबजाएणं .... २६-६ जया सर्व परिच्चज .... १८-१२ जहाइण्णसमारूढे .... ११-१७ इंदं निरोहण .... ४- ८ जरामरणकंतारे ..... १९-४६ जहा इहं अगणी उण्हो .... १९-४७ जरामरणवेगेणं ..... २३-६८ जहा इहं इमं सीअं .... १९-४८ बात काहिसि भावं .... २२-४४ जलधन्ननिस्सिया पाणा .... ३५-११ जहा उ पावगं कम्मं ... १०-१ जइ त सि भोगे चाइड .... १३-३२ जस्सस्थि मजुणा सक्खं .... १४-२७ जहा एसं समुदिस्स .... ७-१. बहा करेणुपरिकिण्णे .... ११-१८ जहा य अग्गी अरणी असंतो १४-४८ जहा खलु मे उरम्भे ..... -४ जहा कागणिए हे .... ७-११ जहा य अंडप्पभवा .... ३२-६ जहा से चाउरते .... ११-२२ जहा किंपागफलाण .... १९-१७ जहा य किंपागफला. .... १२-२० जहा से तिक्खदाडे ....११-२० जहा कुसग्गे उदगं .... ७-२३ जहा य तिणि वण्णिा -१४ जहा से तिक्खसिंगे .... ११-१९ जहा गेहे पलित्तम्मि .... १९-२२ जहा य भोइ तणुअंभुगमो १४-३४ जहा से तिमिरविद्धंसे .... १५-२४ जहा चंदं गहाईआ .. २५-१७ जहा लाहो तहा लोहो .... ८-१७ जहा से नगाण पवरे ... ११-२९ जहा तुलाए तोलेड .... १९-४१ जहा वयं धम्ममयाणमाणा १४-२० जहा से वासुदेवे ... ११-२१ जहा दवग्गी परिंधणे वणे ३२-११ जहा संखंमि पयं निहित् ११-१५ जहा से सयंभूरमणे ... ११-३० जहा दुक्खं भरे जे .... १९-४० जहा सागडिओ जाणं .... ५-१४ जहा से सहस्सक्खे .... ११-२३ जहा पउमं जले जाय .... २५-२६ जहा सा दुमाण पवरा .... ११--२७ जहा से सामाइआणं .... ११-२१ जहा बिरालावसहस्समूले ३२-१३ जहा सा नईण पवरा .... ११-३८ जहित्ता पुषसंजोगं .... २५-३८ जहा भुआहि तरि .... १९-४२ जहा सुणी पूइकण्णी .... १-४ जहित्तु संगं च महा० .... २१-११ जहा महातलागस्स .... ३०-५ जहा से उडुवई चंदे .... ११-२५ जहेह सीहो व मिश्र गहाय १३-२२ जहा मिए एगअणेगचारी १९-८३ जहा से कंत्रोआणं .... ११-१६ जाई सरित्त भयवं .... ९-२ जाईजराम भयाभिभूआ १४-४ जायरूवं जहामिहूँ .... २५-२१ जीवि चेव रूवं च .... १८-१३ जाईपराजिओ खलु .... १३-१ जारिसा मम सीसा उ .... २७-१६ जीहाए रसं गहणं वयंति ३२-६१ जाईमयपडित्थद्धा ... १२-५ जारिसा माणुसे लोए .... १९-७३ जे अ मग्गेण गच्छति .... २३-६१ जाईसरणे समुप्पण्णे ... १९-८ जावजीवमविस्सामो .... १९-३५ जे अवेअविऊ विप्पा .... २५-७ जा उ अस्साविणी नावा .... २३-७१ जाव न एइ आएसे .... -३ जे आययसंठाणे .... ३६-४६ जा किण्हाइ ठिई खलु .... ३४-४९ जावंतविज्जा पुरिसा .... ६-१ जे इंदियाणं विसया .... ३२-२१ जा चेव उ आउठिई .... ३६-१६७ जा सा अणसणा मरणे .... ३०-१२ जे केइ उ पवईए .... १७-१ जा चेव य आउठिई ... ३६-२४३ जिणवयणे अणुरत्सा .... ३६-२५८ जे केइ पत्थिवा तुन्भं .... ९-३२ जा जा वच्चइ रयणी .... १४-२४ जिणे पासे त्ति नामेणं .... २३-१ जे केइ पवइए ... १७-३ ... १४-२५ जीमूतनिद्धसंकासा .... ३४-४ जे केइ सरीरे सत्ता .... ६-१२ जाणासि संभूअ महाणुभार्ग १३-११ जीवा व अजीवा य .... ३६-२ जे गिद्धे कामभोएसु .... ५-५ जा तेऊए ठिई खलु .... ३४-५४ जीवाजीवविभत्ति .... ३६-१ जेठामूले आसाढ सावणे.... २६-१६ मा नीलाए ठिई खलु .... ३४-५० जीवाजीवा अ बन्धो अ.... २८-१४ जेण पुण जहाइ जीविअं .... १५-६ जा पम्हाइ ठिई खलु .... ३४-५५ जीवितं तु संपत्ते .... २२-१५ जे पावकम्मेहिं धणं मणूमा ४-२

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