Book Title: Uttaradhyayan Sutra
Author(s): Bhavvijay Gani
Publisher: Divya Darshan Trust

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Page 420
________________ 415 उत्तराध्ययन भावेस जो गिद्धिमुवेइ तिर्ष ३२-८९ मखुणब्भाहओ लोओ .... १४-२३ मरिहिसि राय जया तया वा १४-४० भिक्खालसिए एगे .... २७-१० मच्छा य कच्छभा य ... ३६-१७२ महत्थरूवा वयणप्पभूआ १३-१२ भिक्खिअब न केयचं .... ३५-१५ मज्झिमामज्झिमा चेव .... ३६-२१२ महाउदगवेगेण ... २३-६५ भीआय सा तहिं दई .... २२-३५ मणगुत्तो वयगुत्तो .... १२-३ महाजतेसु उच्छू वा .... १९-५३ भुओरपरिसप्पा उ ... ३६-१८० .... २२-४७ महाजसो एस महाणुभागो १२-२३ भंज माणस्सए भोगे .... १९-४३ मणपरिणामो अकओ .... २२-२१ महादवम्गिसंकासे .... १९-५० भुत्ता रसा भोइ जहाइ णे १४-३२ मणपल्हायजणणी .... १६-२ महापभावस्स महाजसस्स १९-९७ भूअत्थेणाहिगया .... २८-१७ मणस्स भावं गहणं वयंति ३२-८७ महामेहप्पसूआओ ... २३-५१ भोगामिसदोसविसन्ने .... ८-५ मणिरयणकुट्टिमतले .... १९-४ महासुक्का सहस्सारा .... ३६-२०९ भोगे भुच्चा वमित्ता य .... १४-४४ मणुभा दुविह भेआ उ .... ३६-१९३ माई मुद्धेण पडइ .... २७-६ भोच्चा माणुस्सए भोए .... ३-१९ मणोगयं वक्तगयं .... १-४३ मा गलियस्सु ष कसं .... १-१२ मणोहरं चित्तघरं .... ३५-४ माणुसत्ते असारम्मि .... १९-१४ मएसुभगुत्तीसु .... ११-१. मतं च गंधहत्थिं २२-१० माणुसत्तं भवे मूल मग्गे अ इति के वुते .... २३-६२ 'मरणं पि सपुण्णाणं .... ५-१८ 'माणुसत्तंमि आयाओ .... ३-११ माणुस्सं विग्गह लटुं .... ३-८ .... २७-१७ मोक्खमग्गगई तचं .... २८-१ मा य चंडालियं कासी .... १-१० मिहिलाए चेइए वच्छे ९-९ मोक्खाभिकखिस्स .... ३२-१७ माया पिआ ण्हुसा भाया ६-३ मिहिलं सपुरजणवयं मोणं चरिस्सामि समेच्च धम्म १५-१ मायावुइअमेअंतु .... १८-२६ मुग्गरेहिं मुसंढीहिं .... १९-११ मोसस्स पच्छा य पुरत्थओ १२-३१ मायावि मे महाराय .... २०-२५ मुसं परिहरे भिक्खू .... १-२४ .... ३२-४४ मासे मासे उ जो बालो .... ९-४४ मुहपोत्ति पडिलेहित्ता .... २६-२३ माहणकुलसंभूओ .... २५-१ मुहुत्तद्धं तु जहन्ना .... ३४-३४ .... ३२-५७ मा हु तुम सोअरिआण .... १४-३३ मुहुत्तद्धं तु जहन्ना ..... ३४-३५ ३२-७० मिअचारिअं चरिस्सामि.... १९-८५ मुहुत्तजंतु जहन्ना .... ३४-३६ मिएछुभित्ता हयगओ .... १८-३ मुडुत्तद्धं तु जहन्ना .... ३४-३७ ३२-९६ मिगचारिअं चरित्सामि .... १९-८४ मुहुत्तद्धं तु जहन्ना ... ३४-३८ मोहणिजंपि दुविहं .... १३-८ मिच्छादसणरत्ता ....३६-२५५] " .... ३४-३९ मंता जोगं कार्ड .... ३६-२६२ .... ३६-२५७ मुहुत्त तु जहन्ना .... ३४-४६ मंतं मूलं विविहं .... १५-८ मित्तवं नाइवं होइ .... ३-१८ मुहं मुहुँ मोहगुणे जयंत ... ४-११ मंदा य कासा ... ४-१२ रसापगामं न निसेविअवा ३२-१. राया य सह देवीए .... १४-५३ रणोतहिं कोसलिअस्स .... १२-२० रसे अतित्ते अपरिग्गहे अ ३२-६८ रुवस्स चक्टुं गहणं वयंति ३२-२३ रत्तिं पि च उरो भाए .... २६-१७ रसे विरत्तोमणुओ विसोगो ३२-७३ रूवाणुगासाणुगए अ जीवे ३२--२७ रमए पंडिए सासं ... १-३७ रसेसु जो गिद्धिमुवेइ तिबं ३२-६३ रूवाणुरत्तस्स नरस्स एवं ३२-३२ रसओ अम्बिले जे उ .... ३६-३२ रसंतो कंदुकुम्भीसु .... १९-५१ रुवाणुवाए ण परिग्गहेण ३२-२८ इसओ कडुए जे उ .... ३६-३० रहनेमी अहं भहे. .... २२-३७ रूविणो चेवरूवी अ .... ३६-४ रसओ कसाए जे उ .... ३६-३१ राइअंच अईयारं .... २६-४८ रूवे अतित्ते अपरिग्गहे अ ३२-२९ रसओ तित्तए जेउ .... ३६-२९ राईमई विचिंतेइ .... २२-२९ रूवे विरत्तो मणुओ विसोगो ३२-३४ रसओ परिणया जे उ .... ३६-१८ राओवरयं चरिज लाढे.... १५-२ रूवेसु जो गिद्धिमुवेइ तिवं ३२-२४ रसओ महुरे जे उ .... ३६-३३ रागहोसे अ दो पावे .... ३१-३ रसरस जिम्भ गहण वयंति ३२-६२ रागदोसादओ तिवा .... २३-४३ लद्धण वि आरिअत्तणं .... १०-१७ रसाणुगासाणुगए अ जीवे ३२-६६ रागो दोसो मोहो .... २८-२० लद्धण वि उत्तम सुई .... १०-१९ रसाणुरत्तस्स नरस्स एवं.... ३२-७१ रागोय दोसोविय कम्मबीर्य ३२-७ लद्धृण वि माणुसत्तणं .... १०-१६ रसाणुवाए ण परिग्गहेण ३२-६७ रागं च दोसं च तहेव मोहं ३२-९ लया य इति का वुत्ता .... २३-४७

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